COVID-19 (कोरोना वायरस) के दौरान, आप अपने विद्यार्थियों के साथ किस प्रकार संपर्क में रहे?
आपने अपने शिक्षण में क्या मुख्य बदलाव किये? अपने अनुभव साझा करें.
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आप अपनी कक्षा/ स्कूल में खिलौना क्षेत्र कैसे सृजित करेंगे – इस बारे में सोचें। डी-आई-वाई खिलौनों का सृजन करने में बच्चों की सहायता के लिए ...
यह मॉडयुल राष्ट्रिय शिक्षा नीती उसकी रूपरेखा...........
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Deleteविद्यार्थियों से सम्पर्क करने के लिए उनके आवास गया,उनका व्हाट्सअप ग्रुप बनाया,उनको फोन पर सम्पर्क किया।डिजिटल कंटेंट स्वयं एवम digisaath कार्यक्रम अंतर्गत झारखंड के शिक्षा विभाग से प्राप्त लिंक के माध्यम से प्राप्त विषयवस्तु के माध्यम से पढ़ाई चालू रखी गई।
DeletePrabir Kumar Shaw, H S Karaikela
कोरोना काल (,COVID-19) में जब पूरी दुनिया की सारे गतिविधि थम गया है, ऐसे में देश के सभी शिक्षण संस्थान बंद है। हम शिक्षक और सरकार के सामने बच्चों की शिक्षा सीखने सीखाने को निरंतरता प्रदान करने के लिए Online (Digi SATH)कन्टेन्ट को माध्यम बनाया है। इसके लिए छात्रों के अभिभावक से मिलकर Whatsapp Group का विद्यालय स्तर पर बनाई गई है। इस ग्रूप में प्रतिदिन digi SATH कन्टेन्ट भेजा जाता है जिससे छात्रों को सीखने सीखाने में काफी मदद मिलता है।साप्ताहिक Quiz होता है। जिन छात्रों के पास Android phone नहीं है उन्हें हमारे द्वारा मदद किया जाता है। फोन से और घर जाकर छात्रों की शैक्षणिक समस्याओं का मेरे द्वारा समाधान किया जाता है। समय समय पर इसकी समीक्षा किया जाता है। इस कार्य में शिक्षा पदाधिकारियों से काफी मदद एवं मार्गदर्शन मिलता है।
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DeleteDue to covid -19 this year is very disturb for student. because very large holyday the class of students is not completed .solving this problem the goverment of JHARKHAND suggested digisaath program for student . in this program one teacher make a whatsapp group for student .if student have any problem the he contact with teacher from phone coll and the teacher solve there problem . the teacher make a weekly quiz link and send to student for checking his performs.
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Deleteकोविड 19 से पूरी दुनिया प्रभावित है।इसने सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चों की शिक्षा को किया है।इस दौरान मैने बच्चों के घर -घर जाकर उनका मोबाइल नं० प्राप्त किया।लगभग 1/3 अभिभावकों के पास ही whatsapp no. उपलब्ध है। Digisath कार्यक्रम के तहत भेजे जाने वाले e-content को विद्यालय स्तर पर समूह बनाकर उसमें भेजना प्रारंभ किया।अभिभावकों से संपर्क कर दिए गए विडियो को बच्चों को दिखाने के लिए प्रेरित किया।मोबाइल के द्वारा बच्चों से संपर्क कर डिजिटल सामग्री देखने को प्रोत्साहित किया।बच्चों को पाठ्यपुस्तक भी उपलब्ध करायी।इसका काफी सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है।बच्चे अपनी समस्याओं को फोन कर शिक्षक को बता रहे हैं।शिक्षक उनका निराकरण भी कर रहे हैं।
DeleteDelete
कोरोना काल में हम विद्यार्थियों का मोबाइल नम्बर लेकर उससे संपर्क करके बच्चो को पढ़ने के लिए प्रेरित किए एवं digisath के तहत ग्रुप बनाकर उसको जोड़कर पाठ्य सामग्री, पढाई से संबंधित वीडियो के माध्यम से पढ़ाया।
Deleteकोविड 19 के दौरान शिक्षण में बहुत बड़ा बदलाव आया।सबसे बड़ी चुनौती थी कोविड के बीच पढ़ने लिखने का माहौल तैयार करना।मैं इसके लिये अभिभावकों से सम्पर्क किया।अपने विद्यार्थियों से बात किया।तब शुरू हुई ऑनलाइन शिक्षण की शुरुवात।अपने छात्रों के लिये हम वीडियो निर्माण शुरू किया।एक यूट्यूब चैनल Hello Ganit की शुरूवात की। साथ ही व्हाट्सअप्प ग्रुप का निर्माण किया जिसमें digisath के वीडियो को शेयर करता।फिर भी बहुत से छात्र शिक्षण से वंचित थे।तब मोहल्ला कक्षा का आयोजन किया।जिसमें छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उसी मोहल्ला में बिठाते जंहा उनका घर था।हाथ का सेनेटाइज करवाते ।मास्क अनिवार्य रूप से छात्र पहनकर बैठते।उसने कक्षा डेढ़ घण्टे का लेते।फिर इसी तरह दूसरे कक्षा के लिये।यह प्रक्रिया अभी भी जारी है।साथ ही उन से मोबाइल पर बात करते हैं।उनकी समस्या का समाधान करते हैं।
Deleteराजीव लोचन सिंह
राजकीय मध्य विद्यालय
जामा ,दुमका
Due to coronavirus me and my students and their parents together we are learning and gaining knowledge through online class and digisath and sending various equipments and study materials in the whatsaap groups so that they are informed about studies and chapters.
Deleteलोकडॉन काल में व्हाट्सएप् ग्रुप तथा फ़ोन कॉल के द्वारा समय समय पर बच्चों से संपर्क कर पठन पाठन करता रहा तथा उसके पिता से भी बच्चों की पढ़ाई की जानकारी प्राप्त करते रहा।
Deleteकोविड-19 के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में काफी बदलाव आया।इस महामारी के दौरान सभी शिक्षण संस्थानो के बद हो जाने के कारण शिक्षण गतिविधियाँ रूक सी गए। प्ररन्तु digisath के तहत ग्रुप बनाकर तथा यू ट्यूब से पठन पाठन क्रिया को डिजिटल बना दिया गया है। रोचक क्रियाकलापो और साप्ताहिक टेस्ट के माध्यम से मानसिक विकास अच्छा हुआ है। परन्तु कितने बच्चों के परिवार में मोबाइल फोन की अनुपलब्धता के कारण उनकी पढ़ाई अभी भी अवरुद्ध है। जो कि चिंता के विषय है।
Deleteविद्यार्थियों से सम्पर्क करने के लिए उनके आवास गया,उनका व्हाट्सअप ग्रुप बनाया,उनको फोन पर सम्पर्क किया।डिजिटल कंटेंट स्वयं एवम digisaath कार्यक्रम अंतर्गत झारखंड के शिक्षा विभाग से प्राप्त लिंक के माध्यम से प्राप्त विषयवस्तु के माध्यम से पढ़ाई चालू रखी गई।
ReplyDeleteShankar Mistri,Simaria,Chatra, Jharkhand 825103
Deleteविद्यार्थियों का समूह बनाया। आनलाइन संदर्भ भेजा। मोबाईल से सम्पर्क किया । बीच-बीच में टोला में जाकर आवश्यक मदद किया।
Deleteविद्यार्थायो से सम्पर्क करने के लिए telephonic conversation, Whatsapp group, DigiSath कार्यक्रम, घर घर जाकर अभिभावक से एंव बच्चो से सम्पर्क एंव पोषणा क्षेत्र में लगातार भ्रमण से बच्चो की पढ़ाई पर निरंतरण ध्यान दिया गया।
ReplyDeleteपोषक क्षेत्र के बच्चो से संपर्क केलिए उनके घर गए, android phone कि उपलब्धता कि जानकारी ली, अन्य बच्चों को जिनके पास फोन नहीं थे उनसे जोड़ा, whatsapp group बनाया phone पर संपर्क किया, digital content स्वयं एवं digisaath program jharkhand के शिक्षा विभाग से प्राप्त link के माध्यम से प्राप्त विषय-वस्तू के माध्यम से शिक्षण जारी रखे साप्ताहिक quiz link के माध्यम से करने में मदद किया
Deleteमैं कोविड19 के दौरान सर्वप्रथम तो विद्यार्थियों से मानो कट सा गया .तत्पश्चात मेरे पास पूर्व से संचित कुछ अभिभावकों से संपर्क किया तथा उनके सहयोग से कुछ और लोगों से संपर्क किया .उनका नंबर प्राप्त किया .कुछ दिन दैनिक संपर्क करके बच्चों का रूटीन सुनिश्चित करवाया .फिर पढ़ने के समय 11बजे से 2बजे के बीच सभी सहयोगी शिक्षकों से रणनीति बनाकर संपर्क शुरू किया .इस बीच कोविड19 से बचाव के उपाय तथा कठिनाइयों का निदानात्मक सहयोग सुनिश्चित की .
ReplyDeleteप्रप्त अनुभवों व विभागीय निर्देशों का पालन कर वाट्सएप ग्रुप बनाकर डीजी साथ शिक्षण सामग्रियों का प्रयोग सुनिश्चित की .
फिर टोलावार छोट छोटा समूह बनाया जिससे गुगल मिट के सहारे आभासी संपर्क में रहा .
कोविड-19 के दौरान बच्चों एवं उनके अभिभावकों से संपर्क करने के लिए सर्वप्रथम उनके द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर से संपर्क किया गया जिससे जानकारी प्राप्त हुई कि लगभग एक तिहाई बच्चों के पास ही व्हाट्सएप नंबर है। जिसके पास व्हाट्सएप नंबर था विभाग द्वारा चलाए जा रहे digisath कार्यक्रम में बच्चों को जोड़ा गया । जिनके पास whatsapp नंबर नहीं था वैसे बच्चों को टेलीफोन के माध्यम से पूछकर नजदीक के बच्चों के साथ जोड़ने का प्रयास किया गया । कुछ बच्चों को उनके पड़ोसी के whatsapp नंबर के साथ जोड़ा गया तथा सप्ताह में 1 दिन बच्चों के घर जाकर उनसे पूछा गया जो शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है whatsapp पर उन्हें बच्चे देख रहे हैं या नहीं इसकी जानकारी ली गई। बच्चों की सुविधा हेतु कुछ वीडियो क्लिप स्वयं मैंने बनाए और व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर किए । यह मेरा प्रथम अनुभव था। covid महामारी ने हमें एक अवसर प्रदान किया डिजिटल बनने का और किस प्रकार से हम बच्चों के साथ डीजल रूप से जुड़े कैसे हम डिटेल कक्षाएं लें इन सब चीजों के बारे में जाना।भविष्य में इसे और भी बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा
ReplyDeleteमैं कोरोना संक्रमण में विद्यार्थियों से DIGISATH के माध्यम से संपर्क में थी टेलेफ़ोनिक पढ़ाई ,कभी कभी पोषक क्षेत्र भ्रमण,कोरोनावॉरीअर होने के बावजूद बच्चों से संपर्क में हूँ। बच्चोंबच्चों को vice message के द्वारा भी समझाती हूँ । जो बच्चे DIGI ग्रूप में नहीं हैं उनके क्षेत्र में भ्रमण कर बताया करती हूँ।
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ReplyDeleteमैं कोरोना संक्रमण में विद्यार्थियों से DIGISATH के माध्यम से संपर्क में थी टेलेफ़ोनिक पढ़ाई ,कभी कभी पोषक क्षेत्र भ्रमण,कोरोनावॉरीअर होने के बावजूद बच्चों से संपर्क में हूँ। बच्चोंबच्चों को vice message के द्वारा भी समझाती हूँ । जो बच्चे DIGI ग्रूप में नहीं हैं उनके क्षेत्र में भ्रमण कर बताया करती हूँ।
ReplyDeleteमैं कोरोना संक्रमण में विद्यार्थियों से DIGISATH के माध्यम से संपर्क में थी टेलेफ़ोनिक पढ़ाई ,कभी कभी पोषक क्षेत्र भ्रमण,कोरोनावॉरीअर होने के बावजूद बच्चों से संपर्क में हूँ। बच्चोंबच्चों को vice message के द्वारा भी समझाती हूँ । जो बच्चे DIGI ग्रूप में नहीं हैं उनके क्षेत्र में भ्रमण कर बताया करती हूँ। सीमा कुमारी (राजकीय मध्य विद्यालय डिमना,जमशेदपुर-१)
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ReplyDeleteकोविड 19के दौरान बच्चों को WhatsApp group से जोड़ा ।Digisath contents प्रतिदिन बच्चों को भेजकर telephonic मार्गदर्शन किया। जिनके पास mobile नहीं है उसे घर पर contactकर मार्गदर्शन किया। बच्चों को समझ मेंproblem होने पर मार्गदर्शन एवं समझाने का प्रयास किया।
ReplyDeleteCovid19 महामारी में स्कूलों को बंद किया गया.कक्षा कक्ष शिक्षण गतिविधिया स्थगित कर दी गईं एवं परीक्षाएँ /मूल्यांकन रद्द कर दिया गया.बच्चों को अगले दर्जे में उत्तीर्ण कर दिया गया.परन्तु बच्चों के बाल मन पर गहरा प्रभाव पड़ा.फिर भी उन्हें पढ़ाने का विकल्प ढूंढा.विद्यालय का माहौल देने के लिये निम्न कदम उठाये :
ReplyDelete* DIgiSATH के E-content को share किया.
* Activitysheet का निर्माण कर घर तक पहुँचाया.
* टोला कक्षा का प्रारम्भ किया.
* Whatsapp के जरिये होम वर्क की जाँच की गई.
* विद्यालय का आभास कराने के लिये टोला पत्रिका रीडिंग कार्यक्रम प्रारम्भ किया.
* अगला कार्ययक्रम की रणनीति तैयार की कि वर्कशीट बच्चों को घरों में चिपकाने का निर्णय लिया.
* मिस्ड काल किताब खोल कार्यक्रम चलाया.इसके अंतर्गत सभी माताओं को मिस्ड काल करने की पहल की ताकि बच्चे पढ़ाई से जुड़े रहे.
* Daily call system को तेज किया.ताकि बच्चों की प्यारी बातों को सुन सकूँ एवं उनकी समस्यायों का समाधान कर सकूँ.
- महेन्द्र कुमार , प्राथमिक विद्यालय मायापुर , कटकमसांडी , हजारीबाग.
कोविड-19 के दौरान सभी विद्यालय बंद कर दिए गए लेकिन यह हम सभी शिक्षकों के लिए एक बड़ा अवसर के रूप में आया मैंने इस दौरान ढेर सारी पुस्तकों का अध्ययन किया बहुत सारे आलेख लिखे उन्हें सोशल मीडिया पर साझा कियाl इन दिनों मैंने यूट्यूब पर दी गई ढेर सारी शिक्षकों के लिए लाभप्रद वीडियो को देखा एवं उनमें से उपयोगी वीडियोस को डाउनलोड भी किया साथ ही साथ उन सभी सहायक सामग्रियों को अपने विद्यालय के सभी बच्चों के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप में साझा भी किया बच्चे इन सभी सहायक सामग्रियों से लाभान्वित भी हुए एवं उस पर अपने अनुभव भी साझा कियाl यूं तो ढेर सारे लाभप्रद वीडियो साझा किए गए लेकिन उनमें से जनता के राष्ट्रपति के रूप में चर्चित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी से संबंधित जो गीतकार गुलजार के द्वारा कहीं गई वीडियो है जो यूट्यूब पर है उसे मैंने अपने बीआरसी ग्रुप में साझा किए जिसे देखकर लोग गदगद हो गए एवं यह वीडियो उन सभी लोगों के लिए ऊर्जा भर देने वाला रहा साथी मेरे द्वारा विभिन्न मुद्दों पर लेख लिखने का प्रतियोगिता आयोजित भी किया गया जिस पर मेरे छात्र ने भाग लिया यह प्रयास बड़ा ही सराहनीय रहाl कुल मिलाकर सोशल मीडिया के माध्यम से कोविड-19 के दौरान भी शैक्षणिक गतिविधियां चलती रही और हमारे बच्चे लाभान्वित भी हो रहे हैं
ReplyDeleteकोरोना काल के दौरान बच्चों को अगले कक्षा में प्रोन्नत तो कर दिया गया परंतु और दीक्षा के कंटेंट भी डाले गए।। परन्तु बच्चों में उत्साह की कमी थी और जिनके पास स्मार्टफोन नही है वे हीनभावना के भी शिकार हो रहे थे। ऐसी स्थिति में मैंने हर पोषक क्षेत्र में स्वयं जाकर बहुत छोटे छोटे समूह बना दिये और इस बात का ख्याल रखा कि उसमे कम से कम 2 बच्चों के पास स्मार्टफोन हो। सजे बाद डिजिटल कक्षा के दौरान आने वाली कमियों को दूर करने के लिए भृमण भी करता रहा।
ReplyDeleteविद्यार्थायो से सम्पर्क करने के लिए telephonic conversation, Whatsapp group, DigiSath कार्यक्रम, घर घर जाकर अभिभावक से एंव बच्चो से सम्पर्क एंव पोषणा क्षेत्र में लगातार भ्रमण से बच्चो की पढ़ाई पर निरंतरण ध्यान दिया गया।
ReplyDeleteDuring of covid-19 i take the decision that by the help of what's app Or call I can also support student and finally I got many student like this method and when he/she have any doubts then he/she asked me.
ReplyDeleteI made a whatsapp group named Digisath. I contact the students through mobile and ask them to see the contents sent to them. Many times I personally make videos as well as records to send the students through whatsapp.
ReplyDeleteविद्यार्थायो से सम्पर्क करने के लिए telephonic conversation, Whatsapp group, DigiSath कार्यक्रम, घर घर जाकर अभिभावक से एंव बच्चो से सम्पर्क एंव पोषक क्षेत्र में लगातार भ्रमण से बच्चो की पढ़ाई पर निरंतरण ध्यान दिया गया।
ReplyDeleteCovid-19 का जारी दौर किसी बुरे सपने सा है।
ReplyDeleteइस दौरान बहुतों का बहुत कुछ छीन गया।
शिक्षक होने के नाते इस दौरान मेरा प्रयास रहा कि बच्चों के सीखने की लय लगातार जारी रहे, विद्यालय प्रबंधन और सहकर्मियों की भागीदारी से बच्चों का मोबाइल नंबर प्राप्त कर कक्षावार व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर, उन तक डिजिटल शिक्षण समग्रियाँ पहुंचाया, एवंं इसकी मॉनिटरिंग भी शिक्षकों द्वारा किया जा रहा है।
जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं है,साप्ताह मे दो दिन उनके घरों मे जाकर पढाई मे आ रही दिक्कतों को हल किया जा रहा है।
लगातार अभिभावकों से संपर्क कर *बच्चों के सिखने की निरंतरता और सुरक्षा* के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
प्रयास जारी....
जीतू विजय सोरेन,( स. शि.)
रा. म. वि. नोनीहथवारी,
जामा, दुमका।
During the time of Covid 19 I made a whataapp group to connect with students of my school and gave them the contents uploaded in Digisath. I also called each and every student on a regular basis to know and solve their problems
ReplyDeleteउनका व्हाट्सअप ग्रुप बनाया,उनको फोन पर सम्पर्क किया।डिजिटल कंटेंट स्वयं एवम digisaath कार्यक्रम अंतर्गत झारखंड के शिक्षा विभाग से प्राप्त लिंक के माध्यम से प्राप्त विषयवस्तु के माध्यम से पढ़ाई चालू रखी गई।
ReplyDeleteव्हाट्सअप ग्रुप से बच्चों तक शिक्षण अधिगम साजा किया गया
ReplyDeleteDigi SATH कार्यक्रम के तहत विद्यालय स्तरीय WHATSAPP Group बच्चों एवं अभिभावकों के साथ बना कर e contents साझा किया। MOBILE PHONE के माध्यम से भी सम्पर्क कर उनकी शैक्षिक गतिविधियों को चालू रखा।
ReplyDeleteDigi sath programme k tahat school stariya whatsapp group student aur abhibhawkon k sath bana kar e content k dawara sampark kar unki siksha ko nirantar banaye rakha
ReplyDeleteMujhe corona ke Douran corona duty block me milne ke karan bachcho ko adhik sahyog nahi kar paya yah duty per day kaa chal raha hai feer v mobile ke link ko bhejkar kuchh chhatro se baatchit karke oonko sahyog kiya
ReplyDeleteकोविड 19के दौरान बच्चों को WhatsApp group से जोड़ा ।Digisath contents प्रतिदिन बच्चों को भेजकर telephonic मार्गदर्शन किया। जिनके पास mobile नहीं है उसे घर पर contactकर मार्गदर्शन किया। बच्चों को समझ मेंproblem होने पर मार्गदर्शन एवं समझाने का प्रयास किया।
ReplyDeleteकोविड 19के दौरान बच्चों को WhatsApp group से जोड़ा ।Digisath contents प्रतिदिन बच्चों को भेजकर telephonic मार्गदर्शन किया। जिनके पास mobile नहीं है उसे घर पर contactकर मार्गदर्शन किया। बच्चों को समझ मेंproblem होने पर मार्गदर्शन एवं समझाने का प्रयास किया।
ReplyDeleteCivid19 ke davran mai bachchon se whatsapp group se pratidin sampark kiya.Mai pratidin Digisath contents bachchon ke mobile me bheja,aur jin bachchon ke pas mobile nhi hai uske pas mai swaym ja kar use contants ki jankari di.
ReplyDeleteकोरोना काल में मैंने छात्रों के घर घर जाकर , सरकार के गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए संपर्क किया। छात्रों को मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी, नियमित अंतराल पर हाथ धुलाई, इत्यादि जानकारी छात्रों के बीच साझा करके जागरूक किया। डीजी साथ के कंटेंट और दूरदर्शन झारखंड चैनल पर प्रसारित शैक्षिक कार्यक्रम की जानकारी शेयर किया तथा अनुश्रवण भी किया। बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो, इस बात का ध्यान रखते हुए संपर्क डोर टू डोर जाकर उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयास किया। व्हाट्सएप पर बच्चों के मोबाईल नम्बर को जोड़कर digi sath कंटेंट को साझा किया। जिन बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं था , उन बच्चों का अपने मोबाईल पर कंटेंट साझा किया। छोटे छोटे उपसमूह बनाकर उन बच्चों को जिनके पास एंड्राइड फोन नहीं था,को उन बच्चों के साथ टैग किया, जिनके पास एंड्राइड मोबाइल था। लगातार बच्चों से और उनके अभिवावकों से अधिक से अधिक संपर्क करते रहे।
ReplyDeleteCovid19 की इस विषम परिस्थितियों में हम गाव जाकर बच्चे के अभिभावकों से संपर्क करके डिजिटल माध्यम से सिक्षा देने पर जोर दिया।अभिभावकों ओर बच्चों को विभिन्न चल रहे tv कार्यक्रम तथा डिजी साथ के तहत चल रहे सभी बिंदुओं पर चर्चा कर डिजिटल माध्यम से शिक्षा पर जोर दिया।
ReplyDeleteकोरोना काल में मैंने छात्रों के घर घर जाकर , सरकार के गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए संपर्क किया। छात्रों को मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी, नियमित अंतराल पर हाथ धुलाई, इत्यादि जानकारी छात्रों के बीच साझा करके जागरूक किया। डीजी साथ के कंटेंट और दूरदर्शन झारखंड चैनल पर प्रसारित शैक्षिक कार्यक्रम की जानकारी शेयर किया तथा अनुश्रवण भी किया। बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो, इस बात का ध्यान रखते हुए संपर्क डोर टू डोर जाकर उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयास किया। व्हाट्सएप पर बच्चों के मोबाईल नम्बर को जोड़कर digi sath कंटेंट को साझा किया। जिन बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं था , उन बच्चों का अपने मोबाईल पर कंटेंट साझा किया। छोटे छोटे उपसमूह बनाकर उन बच्चों को जिनके पास एंड्राइड फोन नहीं था,को उन बच्चों के साथ टैग किया, जिनके पास एंड्राइड मोबाइल था। लगातार बच्चों से और उनके अभिवावकों से अधिक से अधिक संपर्क करते रहे।
ReplyDeleteमैंने वॉट्सएप ग्रुप बनाया और कंटेंट शेयर किया।फीडबैक अभिभावक से लिए की कितने बच्चों ने मेरे द्वारा भेजा गया कंटेंट को देखा। इस महामारी काल में बच्चों को तथा उनके माता पिता को भी सामाजिक दूरी तथा सैनिटाइजर का प्रयोग करने का सलाह दिया।
ReplyDeleteStudent'sसे सम्पर्क करने के लिए Telephonic conversation,whatsapp group,DiGiSATH कार्यक्रम तथा Online classes के माध्यम से घर घर जाकर तथाsocail distancing का पालंन करते हुए बच्चों के साथ संपर्क बनाये रखा।
ReplyDeleteकोरोना काल में मैंने छात्रों के घर घर जाकर , सरकार के गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए संपर्क किया। छात्रों को मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी, नियमित अंतराल पर हाथ धुलाई, इत्यादि जानकारी छात्रों के बीच साझा करके जागरूक किया। डीजी साथ के कंटेंट और दूरदर्शन झारखंड चैनल पर प्रसारित शैक्षिक कार्यक्रम की जानकारी शेयर किया तथा अनुश्रवण भी किया। बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो, इस बात का ध्यान रखते हुए संपर्क डोर टू डोर जाकर उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयास किया। व्हाट्सएप पर बच्चों के मोबाईल नम्बर को जोड़कर digi sath कंटेंट को साझा किया। जिन बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं था , उन बच्चों का अपने मोबाईल पर कंटेंट साझा किया। छोटे छोटे उपसमूह बनाकर उन बच्चों को जिनके पास एंड्राइड फोन नहीं था,को उन बच्चों के साथ टैग किया, जिनके पास एंड्राइड मोबाइल था। लगातार बच्चों से और उनके अभिवावकों से अधिक से अधिक संपर्क करते रहे।o
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ReplyDeleteकोरोना काल में मैंने छात्रों के घर घर जाकर , सरकार के गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए संपर्क किया। छात्रों को मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी, नियमित अंतराल पर हाथ धुलाई, इत्यादि जानकारी छात्रों के बीच साझा करके जागरूक किया। डीजी साथ के कंटेंट और दूरदर्शन झारखंड चैनल पर प्रसारित शैक्षिक कार्यक्रम की जानकारी शेयर किया तथा अनुश्रवण भी किया। बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो, इस बात का ध्यान रखते हुए संपर्क डोर टू डोर जाकर उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयास किया। व्हाट्सएप पर बच्चों के मोबाईल नम्बर को जोड़कर digi sath कंटेंट को साझा किया। जिन बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं था , उन बच्चों का अपने मोबाईल पर कंटेंट साझा किया। छोटे छोटे उपसमूह बनाकर उन बच्चों को जिनके पास एंड्राइड फोन नहीं था,को उन बच्चों के साथ टैग किया, जिनके पास एंड्राइड मोबाइल था। लगातार बच्चों से और उनके अभिवावकों से अधिक से अधिक संपर्क करते रहे।
ReplyDeleteकोरोना काल में मैंने छात्रों के घर घर जाकर , सरकार के गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए संपर्क किया। छात्रों को मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी, नियमित अंतराल पर हाथ धुलाई, इत्यादि जानकारी छात्रों के बीच साझा करके जागरूक किया। डीजी साथ के कंटेंट और दूरदर्शन झारखंड चैनल पर प्रसारित शैक्षिक कार्यक्रम की जानकारी शेयर किया तथा अनुश्रवण भी किया। बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो, इस बात का ध्यान रखते हुए संपर्क डोर टू डोर जाकर उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयास किया। व्हाट्सएप पर बच्चों के मोबाईल नम्बर को जोड़कर digi sath कंटेंट को साझा किया। जिन बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं था , उन बच्चों का अपने मोबाईल पर कंटेंट साझा किया। छोटे छोटे उपसमूह बनाकर उन बच्चों को जिनके पास एंड्राइड फोन नहीं था,को उन बच्चों के साथ टैग किया, जिनके पास एंड्राइड मोबाइल था। लगातार बच्चों से और उनके अभिवावकों से अधिक से अधिक संपर्क करते रहे।
ReplyDeleteसभी गुरुजनों को सादर प्रणाम ।।
ReplyDeleteकोविड-19 वैश्विक महामारी हम सभी के जीवन को अस्त-व्यस्त कर रख दिया, विशेषकर विद्यालय में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती बनकर खड़ा है। वर्तमान समय में हमारे विद्यार्थियों को सुलभ शिक्षा प्रदान करने के लिए झारखंड सरकार के द्वारा प्रतिदिन DIGI-SATH कंटेंट के रूप में सभी संकुल को कंटेंट उपलब्ध कराया जा रहा है।।तब हम सभी शिक्षक का उपलब्ध कंटेंट को अपने अपने विद्यालय के डीजी साथ व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर कर रहे हैं,तदुपरांत विद्यालय के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े छात्र छात्राएं उक्त कंटेंट को अध्ययन करते हैं एवं अपने मानसिक शक्ति शक्ति को तरोताजा करते हैं।।इसमें हमारे अभिभावक गणों की भी भूमिका बड़ा ही सराहनीय रहता है जो अपने बच्चों को डीजी कंटेंट में उपलब्ध विषय वस्तु पर मंथन करने में सहायता प्रदान करते हैं।।आवश्यकतानुसार हम सभी शिक्षक गण व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े बच्चों को प्रतिदिन कॉल के माध्यम से फीडबैक भी ग्रहण करते हैं।।हमारे बच्चे इस में कितने सार्थक रूप से सीख पा रहे हैं उनका पूर्ण जानकारी हमें प्राप्त होते रहती है।।सप्ताह के प्रत्येक शनिवार को बच्चों को स्कूल से संबंधित कंटेंट सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है विद्यालय के सभी बच्चे बड़े उत्साह के साथ उसमें अपना सक्रिय भागीदारी निभाते हैं और उत्तर प्रतिपुष्टि करते हैं।।अच्छे उत्तर प्रतिपुष्टि पर बच्चों को सरकार द्वारा समय-समय पर पर प्रोत्साहित भी किया जा रहा है।।मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि यह वैश्विक महामारी थम जाए और हम विद्यालय के बच्चे एवं शिक्षक गण आपस में पुनः विद्यालय में रहकर विद्या अध्ययन कर सकें।।
सभी विद्यालय बच्चों को सप्रेम स्नेह
धन्यवाद ।
हृषिकेश भकत
राजकीयकृत मध्य विद्यालय पाथुरिया
अंचल-जरीडिह जिला-बोकारो
NISHTHA
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ReplyDeleteकोरोना काल में बच्चों को whatsApp पर group बनाया गया| Digisath के content को बच्चों को भेजा गया| जिन बच्चों के घर में smartphone नहीं है उन्हें tv पर दूरदर्शन झारखंड के शैक्षिक कार्यक्रमों की जानकारी दी गई|
ReplyDeleteसबसे पहले बच्चों से मोबाइल नंबर लेकर एक व्हाट्सएप ग्रुप तैयार किया।बच्चों की समझ को देखते हुए उनकी समझ के आधार पर पाठ्य पुस्तक का कांटेक्ट यूट्यूब चैनल पर तैयार किया।उन्हें समझने के लिए 2 दिन का समय दिया इस बीच अगर किसी बच्चे को कोई डाउट था तो उससे व्हाट्सएप द्वारा पर्सनली फोन करके तथा उनसे मिलकर उनकी समस्या का समाधान किया।जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं था उन्हें व्यक्तिगत रूप से तैयार किए गए नोटिस भी दिए।घर पर करने लायक छोटी-छोटी गतिविधियां भी करवाएं ताकि उनकी रुचि बनी रहे और उसे व्हाट्सएप पर एक दूसरे को शेयर किया इस प्रकार पूर्ण काल में उनकी पढ़ाई को निरंतर बनाए रखा और अभी भी प्रयास जारी है
ReplyDeleteदीक्षा द्वारा दिए गए नोट्स भी व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर किए
ReplyDeleteमैं विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं को डी०जी०साथ के जरिए जोड़ चुका हूं,जितने भी कंटेंट आता है उन्हें भेजता हूं फिर उनसे व्यक्तिगत रूप से अलग-अलग करके पुछताछ करता हूं,उनको पठन का समाधान करवाता हूं। ग्रामीण क्षेत्र में विद्यालय रहने के कारण नेट ठीक चलता नहीं है , मैं स्वयं उपस्थित रहकर उनका पाठ पूरा करवाता हूं, लेकिन सामाजिक दुरी बरकरार रखकर,मास्क पहनकर ये काम करता हूं। धन्यवाद।
ReplyDeleteकोरोना काल में बच्चो का एक whatsapp group बनाया। और digisath के content ko बच्चो को भेजा। बच्चो को फोन कर उनकी समस्या की भी जानकारी ली और पढ़ाई के प्रति उनकी रूचि भी बढ़ाई
ReplyDeleteमैं विद्यालय के सभी छात्र-छात्राओं को डी०जी०साथ के जरिए जोड़ चुका हूं,जितने भी कंटेंट आता है उन्हें भेजता हूं फिर उनसे व्यक्तिगत रूप से अलग-अलग करके पुछताछ करता हूं,उनको पठन का समाधान करवाता हूं। ग्रामीण क्षेत्र में विद्यालय रहने के कारण नेट ठीक चलता नहीं है , मैं स्वयं उपस्थित रहकर उनका पाठ पूरा करवाता हूं, लेकिन सामाजिक दुरी बरकरार रखकर,मास्क पहनकर ये काम करता हूं। धन्यवाद।
ReplyDeleteमैने विद्यार्थियों का व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया है।सी आर सी से डिजी साथ का लिंक्स आने पर उसे विद्यार्थियों के ग्रुप में भेजता हूँ।
ReplyDeleteमैं भी लिंक खोलकर देखता हूँ।फिर विद्यार्थियों से वव्हाट्सएप्प एवं काँल के माध्यम से सम्पर्क बनाता हूँ एवं उनकी समस्याओं का समाधान करता हूँ।
मैने विद्यार्थियों का व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया है।सी आर सी से डिजी साथ का लिंक्स आने पर उसे विद्यार्थियों के ग्रुप में भेजता हूँ।
ReplyDeleteमैं भी लिंक खोलकर देखता हूँ।फिर विद्यार्थियों से वव्हाट्सएप्प एवं काँल के माध्यम से सम्पर्क बनाता हूँ एवं उनकी समस्याओं का समाधान करता हूँ।
मैने विद्यार्थियों का व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया है।सी आर सी से डिजी साथ का लिंक्स आने पर उसे विद्यार्थियों के ग्रुप में भेजता हूँ।
ReplyDeleteमैं भी लिंक खोलकर देखता हूँ।फिर विद्यार्थियों से वव्हाट्सएप्प एवं काँल के माध्यम से सम्पर्क बनाता हूँ एवं उनकी समस्याओं का समाधान करता हूँ।
विद्यार्थायो से सम्पर्क करने के लिए telephonic conversation, Whatsapp group, DigiSath कार्यक्रम, घर घर जाकर अभिभावक से एंव बच्चो से सम्पर्क एंव पोषणा क्षेत्र में लगातार भ्रमण से बच्चो की पढ़ाई पर निरंतरण ध्यान दिया गया। साथ ही मोहल्ला क्लास द्वारा भी बच्चों को पढाया गया ।
ReplyDeleteमैं छात्रों के साथ डिजीसाथ एप्लिकेशन के माध्यम से संपर्क में हूं। इसके अलावा मैं कोरोनावायरस के समय में टेलीफोनिक शिक्षा के माध्यम से छात्रों के संपर्क में हूं | मैं अपने छात्रों को वॉयस मैसेज और ऑनलाइन वीडियो की मदद से समझाती हूं।
ReplyDeleteझारखंड सरकार के डिजिटल-साथ कार्यक्रम के शिक्षण सामाग्री,
ReplyDeleteविद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के साथ व्यक्तिगत एवं मोबाइल
से संपर्क स्थापित करते हुए उनके पठन-पाठन समस्याओं का समाधान,खुद से पाठ्यक्रम से संबंधित वीडियो बनाते हुए विद्यार्थियों को पठाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही कोरोना वायरस से बचाव की विधि भी बताई
कोरोना काल में बच्चो का एक whatsapp group बनाया। और DigiSath के कंटेंट को बच्चो को भेजा। बच्चो को फोन कर उनकी समस्या की भी जानकारी ली और पढ़ाई के प्रति उनकी रूचि भी बढ़ाई
ReplyDeletePremlata devi
ReplyDeleteG.M.S Pancha, Ormanjhi Ranchi
मै विद्यार्थियों से संपर्क करने के लिए उनके आवास गई। वाट्सअप ग्रुप बनाई और फोन नंबर भी ली। फोन नंबर के माध्यम से देनिक संपर्क बच्चों एवं अभिभावकों से करते रही। वाट्सअप ग्रुप, DIGISATH कार्य क्रम बच्चों एवं अभिभावकों को जानकारी दी।
लगातार बच्चों से संपर्क करके कभी उनलोगो का आवास जाकर पढ़ाई पर ध्यान देने की बात बताई साथ ही उन लोगों की कॉपी में home work भी देती रही। सभी बच्चों को स्वच्छता एवं
कॉरोना पर भी विशेष ध्यान देने की बात बताई तथा इसे कैसे बचाव हो ये भी बाते बताई। साथ ही हर शनिवार को Digisath Quize में अधिक से अधिक भाग ले और इसे मिले प्रश्नों का हल स्वयं करे।
विद्यार्थायो से सम्पर्क करने के लिए telephonic conversation, Whatsapp group, DigiSath कार्यक्रम, घर घर जाकर अभिभावक से एंव बच्चो से सम्पर्क एंव पोषणा क्षेत्र में लगातार भ्रमण से तथा मोहल्ला क्लास के द्वारा बच्चो की पढ़ाई पर निरंतरण ध्यान दिया गया।
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ReplyDeleteUnknown16 October 2020 at 06:09
ReplyDeleteझारखंड सरकार के डिजिटल-साथ कार्यक्रम के शिक्षण सामग्री,
विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के साथ व्यक्तिगत एवं मोबाइल
से संपर्क स्थापित करते हुए उनके पठन-पाठन समस्याओं का समाधान,खुद से पाठ्यक्रम से संबंधित वीडियो बनाते हुए विद्यार्थियों को पठाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही कोरोना वायरस से बचाव की विधि भी बताई गई है। हर शनिवार को राज्यस्तरीय क्विज (Quiz) प्रतियोगिता में विद्यालय के बच्चों की
भागीदारी सुनिश्चित की जाती है।
KAUSHAL KISHOR ROY, ASSISTANT TEACHER (CRGs) U.H.S. PUNASI,JASIDIH,DEOGHAR,JHARKHAND
धन्यवाद!
मै छत्रो के साथ डीजी साथ एप्लिकेशन के माध्यम से संपर्क मै हूं।
ReplyDeleteइसके अलावा मै कॉरोना वायरस के समय मै टेलीफोनिक शिक्षा के माध्यम से छात्रों के संपर्क मै हूं ।मै अपने छात्रों मेसेज और ऑनलाइन वीडियो के मदद से समझाती हूं।
कोरोना काल में बच्चो का एक whatsapp group बनाया। और DigiSath के कंटेंट को बच्चो को भेजा। बच्चो को फोन कर उनकी समस्या की भी जानकारी ली और पढ़ाई के प्रति उनकी रूचि भी बढ़ाई ,और बच्चो का समय समय पर feedback भी लेती रही इससे बच्चो में भी उत्साह बना रहा और online class के प्रति रुचि जागा
ReplyDeleteमैं छात्रों के साथ डिजीसाथ एप्लिकेशन के माध्यम से संपर्क में हूं। इसके अलावा मैं कोरोनावायरस के समय में टेलीफोनिक शिक्षा के माध्यम से छात्रों के संपर्क में हूं | मैं अपने छात्रों को वॉयस मैसेज और ऑनलाइन वीडियो की मदद से समझाती हूं।
ReplyDeleteव्हाट्सअप ग्रुप बनाया,उनको फोन पर सम्पर्क किया।डिजिटल कंटेंट स्वयं एवम digisaath कार्यक्रम अंतर्गत झारखंड के शिक्षा विभाग से प्राप्त लिंक के माध्यम से प्राप्त विषयवस्तु के माध्यम से पढ़ाई चालू रखी गई।
ReplyDeleteSmart phone dwara
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ReplyDeleteSchool ke poshak Kshetra mein bhraman kar chhatron ka ka WhatsApp number prapt Kiya tatha digi 7 karykram ke tahat ek group aap banaya jiske dwara online class ko badhava dene ke liye prerit Kiya sath hi phone kar bacche ke abhi vah waqt se a feedback prapt Kiya ki bacche content padh rahe hain ya nahin tatha Shaniwar ka kyon use karne ke liye prerit Kiya
ReplyDeletewe created whattsapp group of students.Digital contents sent to students. contact with guardians of students time to time. Querry of students frequently cleared when they needed.
ReplyDeleteI always help my Students with whatsapp.
ReplyDeleteMai students ka whatsapp group banaya hoon. Whatsapp group me digi sath ka content forward karta hoon. Content se related notes banakar forward karta hoon . Social distance ka palan karte hue tola class le raha hoon.
ReplyDeleteMai students ka whatsapp group banaya hoon. whatsapp group me digi sath ka content forward karta hoon. content se related notes banakar forward karta hoon. Social distance ka palan karte hue tola class leta hoon.
ReplyDeleteमैं कोविड-19 के दौरान विद्यालय के छात्रों का एक WhatsApp ग्रुप बनाकर उनसे जुड़ा हूँ। उन्हें digisaath content नियमित रूप से भेजता हूँ और call करके उनकी सहायता करता हूँ। कभी-कभी उनके घर जाकर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए उनकी सहायता करता हूँ।
ReplyDeleteUse ICT and show content videos to children.
ReplyDeleteCovid-19 ke pandemic main bachho avam unke guardian ke saath lagataar sampark stahapit kiya avam unko motivate karte raha aa raha hoon students ko digisaath ka content regular WhatsApp group main provide karaya ja raha hai students ko phone se sampark kar unke doubts ko clear karaya jaa raha hai
ReplyDeleteUsing ICT I CONTINUED TO SHOW CONTENT VIDEOS TO CHILDREN REGULARLY.
ReplyDeleteI made a what's app group.I contact the students through social media and ask them to see the contents sent to them.Many times I go to his house and solve their problems
ReplyDeleteCovid-19 ke dauran main Apne Vidyalay ke poshak Kshetra mein bhraman kar bacchon avam abhibhavako se WhatsAppnumber prapt kar digi 7 content hetu group banaya. vibhag dwara prapt content ko pratidin bacchon ke WhatsApp group mein mein bhejta Raha tatha bhejne ke pakshat bacchon avam abhibhavako se feedback prapt Kiya. yah karykram saptah bhar chalta Raha avam Shaniwar ko quiz pratiyogita mein bacchon ki bhagidari sunishchit kar kar apekshit Vikas ke liye priyatnasil Raha .
ReplyDeleteकोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान हम अपने विद्यालय के शिक्षण व्यवस्था में निम्नांकित बदलाव किए हैं-
ReplyDeleteDigi sath व्हाट्सएप ग्रुप सर्वप्रथम बनाए हैं
प्रत्येक दिन निर्धारित समय अनुकूल डिजीकंटेंट को विद्यालय के व्हाट्सएप ग्रुप में प्रेषित करते हैं।
उपरोक्त डीजे कंटेंट को बच्चे देख लेने के पश्चात उनसे हम शिक्षक गण संबंधित प्रश्न रखते हैं।
तत्पश्चात उनसे जुड़ी हुई समस्याओं का समाधान हेतु अगर प्रयास कर संपर्क करते हैं।।
प्रत्येक शनिवार को आयोजित होने वाली खून से संबंधित जानकारी बच्चों को बताते हैं।
मोबाइल डिवाइस की अनुपलब्धता रहने पर बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का मेन ट्रेनिंग करते हुए बच्चों को अपने डिवाइस से क्विज में भाग लेने हेतु प्रेरित करते हैं।।
हु इज में पूर्ण अंक हासिल करने वाले बच्चों को हम सभी शिक्षक गण प्रोत्साहित करते हैं।।
कोविड-19 वायरस एक महामारी बनकर लोगों के जीवन में प्रवेश किया।न जाने कितनों का जीवन छीन लिया तथा अभी भी कितने सारे लोग जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। जीवन का सारा व्यवस्था को ही अस्त व्यस्त कर दिया। इसमें शिक्षा भी अछूता नहीं रहा।
ReplyDeleteविद्यालय में पठन पाठन का कार्यक्रम पूर्ण रूप से स्थगित रहा।बच्चे मैन्युअल शिक्षा से वंचित हो गए। शिक्षा विभाग द्वारा संचालित आॅनलाइन पढ़ाई के द्वारा बच्चों को जोड़ने का सफल प्रयास किया गया। यथासंभव बच्चों को वाट्सअप से जोड़ा गया और शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराया गया।प्रश्नों का हल करते हुए समस्याओं का समाधान किया गया।
शिव कुमार ठाकुर (सहायक शिक्षक)
गवर्नमेंट यु एम एस मानिकपुर
गोड्डा झारखंड
During COVID 19 it was very tedious experience to come in contact with our students. Still according to guidelines provided I contacted all students and made their whatsapp group. The students having no android mobile were tagged with the students who had android mobile. The contents were send to them and contacted for any assistance on regular basis.
ReplyDeleteकोरोना काल में मैं बच्चों को मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन पढा रहा हूँ। बीच बीच में बच्चों के घर जाकर मिलता हूँ और उनके समस्याओं का समाधान करता हूँ।
ReplyDeleteमैं कोविड-19 के दौरान विद्यालय के छात्रों का एक WhatsApp ग्रुप बनाकर उनसे जुड़ा हूँ। उन्हें digisaath content नियमित रूप से भेजता हूँ और call करके उनकी सहायता करता हूँ। कभी-कभी उनके घर जाकर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए उनकी सहायता करता हूँ।उनकी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करता हूँ।हर शनिवार को Digisath Quiz में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ।
ReplyDeleteDuring COVID-19 it was very tedious experience to come in contact with our students.Still according to guidelines I contacted all students and made their whatsapp group. The students having no android phone were tagged with the students who had android mobile. The contents were sent to them and they were contacted for any assistance on regular basis.
ReplyDeleteCovid 19 के दौरान मैं बच्चों के साथ मोबाइल फोन के माध्यम से सम्पर्क में रहा और आवश्यकता पड़ने पर बच्चों के घर जाकर भी उनसे सम्पर्क किया। इस दरम्यान बच्चों का Watts app groupबनाकर उन्हें राज्य स्तर से भेजे गये digital content भेजकर पठन पाठन का कार्य किया ।
ReplyDeleteCovid 19 महामारी के इस दौर में छात्रों के बीच मैं digi sath के माध्यम से जुड़ा हुआ हूं। प्रत्येक दिन कंटेंट को भेजता हूं और बीच बीच में छात्रों के घर जाकर मिलता हूं। ताकि उनको किसी तरह की परेशानी हो तो में उनका समाधान कर सकू। साथ ही जिन छात्रों का मोबाईल नहीं है उनका मैं टोला (मुहॉल्ला क्लास) में जाकर पेड़ के नीचे या किसी घर के साइड में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए उन्हें digi sath कंटेंट के बारे में बताता हूं।
ReplyDeleteIt was a very new and interesting experience of teaching during the spread of Covid-19 virus.I contacted my students via whatsapp groups of different classes. I send Digisath content,teaching schedule of D.D.Jharkhand and my personal subject video based on the content of my subject in Digisath. I always give at least 10 questions related to the content shared by Digisath along with the video made by me and ask the students to write their answers and send them back in the WhatsApp group. I check the answers given by the students, edit it and send it back to the WhatsApp group.I also joined the students who did not possess a smart phone with help of their classmates living in their locality. I regularly contacted some of my students(10-15)for knowing their level of understanding the content shared via WhatsApp group. I also try to remove the grievances of the students by contacting them personally.
ReplyDeleteपोषक क्षेत्र के बच्चो से संपर्क केलिए उनके घर गए, android phone कि उपलब्धता कि जानकारी ली, अन्य बच्चों को जिनके पास फोन नहीं थे उनसे जोड़ा, whatsapp group बनाया phone पर संपर्क किया, digital content स्वयं एवं digisaath program jharkhand के शिक्षा विभाग से प्राप्त link के माध्यम से प्राप्त विषय-वस्तू के माध्यम से शिक्षण जारी रखे साप्ताहिक quiz link के माध्यम से करने में मदद किया
ReplyDeleteUnknown16 October 2020 at 08:59
ReplyDeleteपोषक क्षेत्र के बच्चो से संपर्क केलिए उनके घर गए, android phone कि उपलब्धता कि जानकारी ली, अन्य बच्चों को जिनके पास फोन नहीं थे उनसे जोड़ा, whatsapp group बनाया phone पर संपर्क किया, digital content स्वयं एवं digisaath program jharkhand के शिक्षा विभाग से प्राप्त link के माध्यम से प्राप्त विषय-वस्तू के माध्यम से शिक्षण जारी रखे साप्ताहिक quiz link के माध्यम से करने में मदद किया
पोषक क्षेत्र के बच्चो से संपर्क केलिए उनके घर गए, android phone कि उपलब्धता कि जानकारी ली, अन्य बच्चों को जिनके पास फोन नहीं थे उनसे जोड़ा, whatsapp group बनाया phone पर संपर्क किया, digital content स्वयं एवं digisaath program jharkhand के शिक्षा विभाग से प्राप्त link के माध्यम से प्राप्त विषय-वस्तू के माध्यम से शिक्षण जारी रखे साप्ताहिक quiz link के माध्यम से करने में मदद किया
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान मैं अपने विद्यार्थियों से विभिन्न ICT साधनों के मदद से संपर्क में रहा। मैंने अपने शिक्षण में यह बदलाव किया की उसमें ICT का उपयोग CK,PK,TK और TPAK के सम्मिलित रूप में करना प्रारंभ कर दिया।
ReplyDeleteCorona Kal me Mai bachho se WhatsApp or telephonic conversation se judi.kyi bar unse vedio call se v judi.iss Corona period Mera anubhaw ye rha hai ki iss period me padhai ka bahut nuksan hua.bahut sare bachho ne to padhai chhod k kheti Bari me apna man lga lia.lekin mobile or kavi kavi unke ghar jakar unhe samjha k punnah padhai se unhe jod dia.this is very good experience for me.
ReplyDeleteविद्यार्थियों से सम्पर्क करने के लिए उनके आवास गया,उनका व्हाट्सअप ग्रुप बनाया,उनको फोन पर सम्पर्क किया।डिजिटल कंटेंट स्वयं एवम digisaath कार्यक्रम अंतर्गत झारखंड के शिक्षा विभाग से प्राप्त लिंक के माध्यम से प्राप्त विषयवस्तु के माध्यम से पढ़ाई चालू रखी गई।
ReplyDeletePrabir Kumar Shaw, H S Karaikela
Premlata devi
ReplyDeleteG.M.S Pancha, Ormanjhi Ranchi
मै वाट्सअप ग्रुप में इस कविता के द्वारा कोरॉना पर बच्चो और अभिभावकों को संदेश दी।
कोरोना कविता
कोरोना महामारी छूत की बीमारी है,
ऎसे में घर से निकलना नादानी है।
सांस लेने में दिक्कत,सर्दी खांसी,बुखार यही kovid- 19 की निशानी है,
हमारी तुम्हारी नहीं जग की यही कहानी है।
कोरोंना से लड़ने की तकनीक नई पुरानी है,
मास्क पहनना,भीड़ से बचना,घर में रहना,साबुन से हाथ धोना,
जिम्मेदारी हमारी है।
कोविड-19 के दौरान मैं अपने विद्यालय के पोषक क्षेत्रों में गई एवम् छात्र-छात्राओं तथा उनके अभिभावकों से संपर्क किया ।स्मार्टफोन जिन बच्चों के अभिभावकों के पास था उनका वाट्सएप ग्रूप बनाया एवम् जिनके पास स्मार्टफोन नहीं था उनका साधारण फोन का नम्बर नोट किया ।वाट्सएप के माध्यम से बच्चों को काॅन्टेन्ट दिया एवम् उनकी सम्स्याओं का निराकरण किया ।ऑन लाईन बच्चों को पढ़ाया ।
ReplyDeleteपूर्णीमा तिवारी
During Covid 19 I gave teaching just received by digisath to children using ICT received by digisath content regularly.
ReplyDeleteवर्तमान कोविड-19 वैश्विक महामारी को देखते हुए हम अपने विद्यालय बच्चों से साक्षात विद्या अध्ययन कराने में असमर्थ है। जिस कारण है तो हम अपने विद्यालय से संबंधित सभी कार्य टेलिफोनिक एवं व्हाट्सएप ग्रुप का सृजन कर उनके साथ पाठ चर्चा का डिजिटली माध्यम से अध्ययन करा रहे हैं। साथ ही साथ बच्चों को आए दिन पाठ्यक्रम से या पाठ्य चर्चा से संबंधित प्रश्नों की जानकारी प्राप्त कर उनको उचित उत्तर व्यवस्थित करने में तत्पर हुए।।।
ReplyDeleteविद्यार्थायो से सम्पर्क करने के लिए telephonic conversation, Whatsapp group, DigiSath कार्यक्रम, घर घर जाकर अभिभावक से एंव बच्चो से सम्पर्क एंव पोषणा क्षेत्र में लगातार भ्रमण से बच्चो की पढ़ाई पर निरंतरण ध्यान दिया गया।
ReplyDeleteस्कूल रिकॉर्ड में दर्ज छात्र / छात्राओं के मोबाइल नंबर पर सम्पर्क कर बच्चों के व्हाट्सएप्प नंबर लिए गए। और ग्रुप के माध्यम से बच्चों को जोड़कर ऑनलाइन टीचिंग शुरू की। साथ ही क्विज व ऑनलाइन क्वेश्चन बैंक तैयार कर बच्चों की पढ़ाई को रोचक बनाया। जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं थे उनके रिश्तेदारों से संपर्क कर प्रतिदिन 2 घंटे मोबाइल बच्चों को देने हेतु आग्रह किया गया। परिणाम काफी सकारात्मक रहे।
ReplyDeleteCovid 19 ke daramyan whatsapp group banayi, video dali, iske babjud jin bachcho ke pas smart phone nahi hai, unka 5 5 ka group me parayi.
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान मैं मशक्कत कर सबसे पहले कुछ पूर्व प्राप्त मोबाइल फोन के सहारे अनेकों छात्र- छात्राओं का मोबाइल नंबर प्राप्त किया। कुछ नंबर मुझे विद्यालय के रिकॉर्ड से प्राप्त हुए।उन सभी नंबरो पर अभिभावको तथा छात्र- छात्राओं से बातचीत की। उन्हें Digi sath e पर आनेवाले contents की जानकारी दी। उन्हें विद्यालय स्तर पर बनने वाले ग्रुप की जानकारी दी। फिर ग्रुप में उन सभी विद्यार्थियों को जोड़ा। पुनः DIGI SATH से आने वाली contents तथा अपने स्तर से बनाये गये वीडियो को भेजना शुरू किया। प्रत्येक दिन अलग- अलग विद्यार्थियों से संपर्क कर पूछता कि आज उन लोगों ने दिए contents को पढ़ा देखा या नहीं? कहीं भी समस्या आने पर विद्यार्थियों को प्रशन पूछने की स्वतंत्रता रखीं। चाहे वे किसी भी तरह से पूछें।जिन विद्यार्थियों के पास फोन नहीं थे उनके आस पड़ोस के नंबर से जोड़कर प्रतिदिन कुछ देर के लिए उनके बच्चों के साथ पढ़ने हेतु अभिभावको से आग्रह किया। इस प्रकार काफी परेशानियों के साथ अपने शिक्षण में बदलाव किया। इसके सकारात्मक रूप भी सामने आये।
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान मैं अपने विधार्थियों से संपर्क करने के लिए बहुत ही व्याकुल और परेशान रहा लेकिन अंततः प्रयास करने के बाद विधालय से कुछ बच्चों का मोबाईल नंबर प्राप्त कर संपर्क करना शुरू किया और अपने साथी शिक्षकों,बच्चों एवं अभिभावकों से संपर्क कर ज्यादा से ज्यादा बच्चों का मोबाईल नंबर प्राप्त कर एक WhatsApp ग्रुप का निर्माण किया गया। WhatsApp Group में ही बच्चों को प्रतिदिन गृह कार्य, DigiSath Contents, QUIZ etc सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है। जिन बच्चों के पास मोबाइल फोन नहीं है उनके लिए हम सभी साथी शिक्षकों के द्वारा
ReplyDeleteअपने-अपने पोषक क्षेत्रों में जाकर बच्चों के साथ संपर्क कर उन्हें भी जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है। दूरदर्शन झारखंड पर बच्चों के लिए जो पढ़ाई चल रही है उसके बारे में भी बच्चों को जानकारी दी ज रही है।
मैंने अपने शिक्षण में Classroom or Blackboard को छोड़कर digitally mode में अपने आप को भी धीरे-धीरे लाने का प्रयास कर रहा हूँ और बच्चों को भी कुछ digitally google meet के द्वारा सिखाने का प्रयास कर रहा हूँ।......धन्यवाद P.S.DARDMARA DEOGHAR, JHARKHAND
विद्यार्थायो से सम्पर्क करने के लिए telephonic conversation, Whatsapp group, DigiSath बच्चो की पढ़ाई पर निरंतरण ध्यान दिया गया।
ReplyDeleteCovid 19 k douran maine whatsapp group kholne k liye students k parents k whatsapp no,phone no. Collet kiye uske bad group kholne k bad digi sath content monday se Saturday tak karte rahe.students se phone kar kiske ghar me tv hai pata kiye aur tv par saikshik karyakram dekhne k liye bole..Agar content samajhne me taklif hui to content samjhane ki prayas kiye.. Saturday quiz contest me sabhi bachhe bhag le pay is liye apne mobile se quiz baccho ko bharbaye..Is tarah bachhe tak siksha pohuchane ki kosis kiya..
ReplyDeleteCOVID-19 महामारी ने हमें विद्यार्थियों से हमारे संपर्क के तरीकों में परिवर्तन करने पर बाध्य किया। अतः विद्यार्थियों से संपर्क हेतु मैंने मुख्यतः टेलिफोनिक वार्तालाप एवं WhatsApp messages का उपयोग किया। छात्र-प्रोफाइल में उपलब्ध फोन न. के माध्यम से बच्चों को सर्वप्रथम मैंने विभाग के महत्वपूर्ण कार्यक्रम DIGISATH से जोड़ा। उन्हें प्रतिदिन आ रहे content को कैसे देखना है, यह बताया। नित्य संवाद के द्वारा उनकी शैक्षिक समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया। साप्ताहिक क्विज में भाग लेने के लिए उन्हें प्रेरित करते रहे। जिन बच्चों के पास smartphone/phone उपलब्ध नही है,उन्हें नजदीक में रहनेवाले smartphone धारक बच्चों से जोड़ने का प्रयास किया।
ReplyDeleteपहले से बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बच्चों को शैक्षिक सामग्री पोस्ट करता रहा
ReplyDeleteमोबाइल नंबर पर बच्चों से संपर्क करके संबंधित शिक्षण के संबंध में जानकारी लेता रहा और समस्याओं को समाधान करने की कोशिश की ।
digi SATH में आए शिक्षण सामग्रियों के संबंध में वॉइस रिकॉर्ड करके बच्चों तक पहुंचाने की कोशिश की
जिन बच्चों के पास स्मार्ट फोन की सुविधा नहीं थी उन्हें फोन पर समझा कर और टोलों में कक्षा लेकर उन्हें प्रिंटेड नोट्स उपलब्ध कराया ताकि नोटबुक में लिख सके।
जिन बच्चों के पास रिचार्ज की सुविधा नहीं थी विद्यालय के बड़े परिसर में 3 दिन फ्री वाई-फाई की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
बच्चों के मोहल्ले में जा कर उन्हे यह सिखलाया की फोन के माध्यम से या फोटो खींचकर या वॉइस को रिकॉर्ड करके अपने प्रश्नों को हम तक हुए कैसे पहुंचा सकते हैं।
अभिभावकों से संपर्क करके उन्हें यह समझाया कि बच्चों की शिक्षा अभी भी आवश्यक है। विद्यालय बंद होने की स्थिति में बच्चे की पढ़ाई आप की भी जवाबदेही है ।इसलिए बच्चे को निश्चित अवधि के लिए मोबाइल फोन देना आवश्यक है।
COVID-19 से कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया और सफल प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया गया। पुरस्कार के स्वरूप हैंड सेनीटाइजर, मास्क , हैंड वॉश यह सब दिया गया ताकि बच्चों में स्वस्थ रहने की प्रवृत्ति का विकास होता रहे। पुरस्कार को बच्चों तक पहुंचाया गया। और प्रतियोगिता की सारी प्रक्रिया व्हाट्सएप पर की गई
COVID19 महामारी के कारण छात्रों को स्मार्टफोन के माध्यम से विभाग द्वारा DIGISATH के साथ जोड़ा गया बहुत से छात्रों के पास स्मार्टफोन नहीं रहने के कारण दूसरे छात्रों के स्मार्टफोन के माध्यम से प्रतिदिन विभाग द्वारा भेजा गयाCòntent दिखाया गया और जिन छात्रों के पास स्मार्टफोन नहीं है उनके आवास पर समाजिक दूरी बनाते हुए छात्रों को अपने स्मार्टफोन से Content दिखाया और पढ़ाया।
ReplyDeleteकोविड-१९ के कारण सावधानीपूर्वक विधालय के पोशाक क्षेत्र का भ्रमण कर , छात्रों के अभिभावकों के मोबाइल संख्या प्राप्त करके वाट्सएप समूह तैयार किया गया। साथ ही जिन बच्चों के घर में आवश्यकतानुसार मोबाइल नहीं था, उन्हें उनके पड़ोसी (यथा काका,चाचा, बाबा)को समूह में जोड़कर सुविधा देने का प्रयास किया गया।तत्पश्चात डिजिसाथ कार्यक्रम के अंतर्गत झारखंड के शिक्षा विभाग से प्राप्त लिंक के माध्यम से पढ़ने-पढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की गई। और बच्चों के पढ़ाई (सीखने-सिखाने की प्रक्रिया) पर निरंतर ध्यान रखा गया।
ReplyDeleteकोविड 19 के कारण जब बच्चो का पठन पाठन बंद हो गया,ऐसे वक्त में हम शिक्षको का दायित्व और बढ़ गया ।lokdown में बच्चों को शिक्षण सामग्री मिलना और उसका पठन पाठन जारी रखना हम सब के लिये एक बड़ा प्रश्न था।और इस प्रश्न का सुंदर से जवाब बना DIGISATH ।DIGISATH के माध्य्म से बच्चों के माता पिता से संपर्क कर वाट्सअप ग्रुप बनाया और उनसे फोन से संपर्क कर बच्चो का पढ़ाई जारी रखने के लिए उनसे सहयोग की अपील की।हाँ ये सच है कि ग्राम छेत्र में android मोबाइल या netwok या दुरदर्शन आदि की उपलब्धता की कमी जरूर है इसके बाद भी इस प्रोग्राम से शिक्ष। का दीप जलाये रखने में बहुत मदद मिली,
ReplyDeleteकोविड 19 के कारण बच्चों के संपर्क में नहीं आ पाए । इस लाकडाउन के चलते । कुछ समय बाद हम बच्चों के माता-पिता के संपर्क में आने लगे। फिर हमने whatsapp group बनाया। जिससे हम आनलाइन कक्षाएं ले रहे हैं। जिससे हम छात्रों को पाठन की सामग्री हर दिन दे रहे हैं। और उनको गृहकार्य भी दिया जाता है।
ReplyDeleteहां ये सच है कि गांव के क्षेत्र में स्मार्ट फोन हर घर में उपलब्ध नहीं है। और वहां नेटवर्क की भी परेशानी हैं। इस प्रोग्राम के चलते शिक्षा में बहुत मदद मिली हैं।
किविड-19 के दौरान विद्यालय स्तर पर सभी बच्चों का whatsapp group उनके कक्षा अनुसार बनाकर हमने सभी विद्यार्थियो को Jharkhand DigiSath कार्यक्रम के साथ जोड़ा । इसके साथ हो प्रतीदिन मोबाइल कॉल से बच्चों को दिशा निर्देश दिया करता था । social Distancing का पालन करते हुए पुस्तक वितरण का कार्य भो किया। कोराना से बचाव के लिए उन्हें मास्क पहनना , हाथों को साफ रखना , भीड़ वाले जगहों पर न जाने की सलाह दी । जिन बच्चो के पास मोबाइल उपलब्ध नहीं हैं उन्हें दूरदर्शन के कार्यक्रम की जानकारी दी गई।
ReplyDeleteरामचन्द्र राणा
ReplyDeleteMS DAND ,KATKAMSANDI , HAZARIBAG,JH
Students se contact me rhne k liy wtsp group create kiy r hr din study content group m send krta hoon r doubts v clear krta hoon
ReplyDeleteमैंने प्रतिदिन 5 विद्यार्थियों के साथ social distancing का पालन करते हुए अध्यन अध्यापन कार्य को जारी रखा ।
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ReplyDeleteइस वैश्विक महामारी कोरोनाकाल में जहाँ एक और पूरी दुनिया थम सी गई थी, प्रारंभ में बच्चों से बिल्कुल कट सा गया था, बाद में यह समझ आया कि बच्चों से मैं हूँ और मुझसे बच्चे ! कुछ ही दिनों में सरकार का गाइडलाइन आया और उसी गाइडलाइन को फॉलो करते हुए डिजिटल तरीके से बच्चों के साथ जुड़ा !
ReplyDeleteइसके लिए सरकार के गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बच्चों से संपर्क किया। छात्रों को मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी, नियमित अंतराल पर हाथ धुलाई, इत्यादि जानकारी छात्रों के बीच साझा करके जागरूक किया। डीजी साथ के कंटेंट और दूरदर्शन झारखंड चैनल पर प्रसारित शैक्षिक कार्यक्रम की जानकारी शेयर किया तथा अनुश्रवण भी किया। बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो, इस बात का ध्यान रखते हुए कभी कभी संपर्क डोर टू डोर जाकर उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयास किया। व्हाट्सएप पर बच्चों के मोबाईल नम्बर को जोड़कर Digi sath कंटेंट को साझा किया। जिन बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं था,उन्हें उन बच्चों के साथ टैग किया, जिनके पास एंड्राइड मोबाइल था। लगातार बच्चों से और उनके अभिवावकों से अधिक से अधिक संपर्क करता रहा, प्रतिदिन 10 से 15 बच्चों से फीडबैक लेता रहा !
हर शनिवार को डीजी क्विज कॉन्टेस्ट में भाग लेने के लिए बच्चों को प्रेरित करता रहा, टेलिफोनिक टॉक के द्वारा उन से लगातार संपर्क में रहा, अधिक से अधिक बच्चे इस क्विज में भाग लें ,उसके लिए विद्यालय के सारे शिक्षक प्रयासरत रहे ! जिसका सुखद परिणाम भी मिला ! जिन बच्चों के पास नेटवर्क की सुविधा का प्रॉब्लम या फिर डाटा प्रॉब्लम आदि आदि था, उन्हें दूरदर्शन के कार्यक्रम को देखने के लिए प्रेरित किया ! कुछ बच्चों ने उसका अनुपालन भी किया , साथ ही मेरे शिक्षक भाई संजीत कुमार सिन्हा के द्वारा ,जो कि चतरा में पदस्थापित है ,उनके द्वारा बनाए गए कुछ शैक्षिक वीडियो को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बच्चों को भेजा ! कुछ अन्य पठन-पाठन योग्य पीडीएफ फाइल्स और वीडियोज को सेंड किया, उनसे फीडबैक भी लिया इस प्रकार इस कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो ,इस का हर संभव प्रयास किया ! धन्यवाद !
रंजीत कुमार सिन्हा,
सहायक शिक्षक ,
मध्य विद्यालय एम टी रामपुर,
कतरास, धनबाद (झारखंड)
मैं कोविड-19 के दौरान विद्यालय के छात्रों का एक WhatsApp ग्रुप बनाकर उनसे जुड़ा हूँ। उन्हें digisaath content नियमित रूप से भेजता हूँ और call करके उनकी सहायता करता हूँ। कभी-कभी उनके घर जाकर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए उनकी सहायता करता हूँ।उनकी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करता हूँ।हर शनिवार को Digisath Quiz में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ।
ReplyDeleteWe have made whatsapp group DigiSATH.We add the students to this group.We have been sharing content through this group and we contact them through Mobile Phone also.If any students have any difficulty we try to solve them.we have distributed books and school kit so that they can study properly at home.We tell them to use mask and sanitizer whenever they are out of their home.They are advised to maintain social distancing.They have quiz contest once on the Saturday.We go to door to door and try to help them.
ReplyDeleteJhuma Bhattacharjee.M.S.Pathuria.
Deleteमैंने प्रतिदिन व्हाट्सएप्प के माध्यम से बच्चों को डिजिटल सामग्री उपलब्ध कराया एवं उनके समस्या का समाधान उनसे फ़ोन के माध्यम से बात कर किया
ReplyDeleteWe have made whatsapp group DigiSATH.We add the students to this group.We have been sharing content through this group and we contact them through Mobile Phone also.If any students have any difficulty we try to solve them.we have distributed books and school kit so that they can study properly at home.We tell them to use mask and sanitizer whenever they are out of their home.They are advised to maintain social distancing.They have quiz contest once on the Saturday.We go to door to door and try to help them.
ReplyDeleteCOVID 19 के दौरान मैंने विद्यालय के छात्रों का एक WHATSAPP Group बनाया और Digisaath कार्यक्रम के साथ उनकी सहायता कर रहा हूँ। समय-समय पर उनसे call कर उनकी सहायता करता हूँ। समय-समय पर उनके घर जाकर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए उनकी सहायता करता हूँ।
ReplyDeleteCovid 19 ke darmiyaan schooli str PR wtsp GRUOP bnaya gya ar jin bachon ke pass smartphone tha onko is GRUOP se joda gya fir jinke pass smartphone nhi tha onko jinke pass smartphone tha know sath kuch bacchon ke sath attached kr Diya kuch bachon no jinke pass television tha onke sath GRUOP me bant Diya fir Digisath content ko GRUOP me bhejkar telephonic daura bachon ar grigion se sampark KR onki prgti me baare jankari liya time Time PR onke gaon tele Jamar v onka margdarsan kiya fir saftahik quize me busy lene hetu margdarsan v kiya koi problem hone PR onka sahyog v kiya
ReplyDeleteSir
ReplyDeleteCovid 19 के दौरान सबसे पहले मैंने एक whatsaap group बनाया और उन्हें इस महामारी का बिस्तार पुर्वक जानकारी दिया।साथ साथ इससे बजने का उपाय,सामाजिक दूरी,मास्क का प्रयोग आदि के बारे में बताया।साथ ही झारखंड सरकार द्वारा Digisaath कार्यक्रम के तहत आनेवाले contents को देख परख कर Group में भेजते रहे और जिनके पास smart phone नहीं है उन छात्र-छात्राओं को call के माध्यम से सम्पर्क कर अध्ययन अध्यापन का जानकारी दिया।साथ ही उनके द्वारा पुछे गये सवालों के उत्तर दिया एवं सारे संसय को दूर करने का प्रयास करता रहा।विद्यार्थियों को समय समय पर उत्साहित एवं प्रेरित करने का प्रयास किया।जरूरत पड़ने पर विद्यार्थियों के घर जाकर सामाजिक दूरी का पालन करते हूए उन्हें सहायता करता रहा।
ReplyDeleteCovid 19 ke dauran mai WhatsApp group ke jariye untak pahuch pa rha hu..Samay samay pr unke ghar jakr samagik doori ka palan krte hue unki sahayta karta hu..
ReplyDeleteMain mein vidyarthiyon ke a gai aur unka WhatsApp number lekar group banaye jismein unhen padhaai karne ki ki suvidha Mili
ReplyDeleteकोरोना के कुप्रभाव से शुरुआती दौर में लंबे समय तक शिक्षकों और छात्रों का अलगाव हो गया था। परंतु DIGISATH के प्लेटफॉर्म पर एक बार पुनः शिक्षकों व छात्रों का समागम संभव हो सका।इस अभूतपूर्व कदम के लिए मैं शिक्षा विभाग को नमन करती हूं।मेरे विचार से हर कार्यान्वयन के सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलुओं पर विचार करना चाहिए।ज्ञातव्य हो कि हमें उन बच्चों को पढ़ाने की चुनौती है जिनके पास जीवटता की तो कोई कमी नहीं है मगर संसाधनों व शैक्षिक वातावरण का घोर अभाव है।DIGISATH कंटेंट का लाभ कुछ ही बच्चों को हो पा रहा है जबकि अन्य बच्चों जिनके पास स्मार्ट फोन या डाटा उपलब्ध नहीं है उनकी स्थिति निराशाजनक ही है। शिक्षकों पर भी दबाव है कि से दौरा कर कर के बच्चों को कंटेंट मुहैया कराएं और पढ़ाएं।गौरतलब है कि यह तरकीब से भी कुछ बच्चों तक ही लाभ मिल सकता है। हम यथासंभव प्रयास कर रहे हैं। बच्चों से फोन काॅल द्वारा,वाट्स एप द्वारा तथा घर-घर जाकर संपर्क किए जा रहे हैं। अत्यधिक दबाव में कोई भी कार्य सुनियोजित तरीके से पूर्ण नहीं हो सकता है,इन बातों को भी ध्यान में रखा जाना उचित होगा।
ReplyDeleteमैने विधालय के बच्चों का समूह बनाकर डिजी साथ के कन्टेंट को भेजा। बच्चों से शैक्षिक संवाद करता हूँ एवं मोहल्ला क्लास आयोजित करता हूँ।
ReplyDeleteमैने विधालय के बच्चो का समूह बनाकर डिजी-साथ के कन्टेट को भेजा | और बच्चो से मिलता था, और संवाद करता था
ReplyDeleteसभी शिक्षक/शिक्षिकाओं को मेरा नमस्कार
ReplyDeleteकोविड़ 19 बेश्रिक महामारी के कारण लोकडाउन होने से मानो शिक्षक और छात्र से संपर्क ही टूट गया। जैसे ही विभाग से आदेश आया कि छात्र/ छात्राओं को वॉट्सएप और digisath के माध्यम से बच्चो को पढ़ाना है उससे पहले ही मुझे पंचायत कोवीड करोंट्याईन सेंटर और पीडीएस दुकान में प्रतिनियुक्त कर दिया गया था,जिस कारण हम बच्चो से digisath के कार्यक्रमो को बच्चे तक नहीं पहुंचा पा रहा थे लेकिन हमे जब भी मौका मिला बच्चो से टेलीफ़ोन करके बच्चो को digisath के शिक्षण सामग्री के बारे चर्चा किए। फिर कुछ दिनों के बाद मै बच्चो के डोर टू डोर जाकर बच्चो के वॉट्सएप नंबर को अपने स्कूल के वॉट्सएप ग्रुप में जोड़े और प्रतिदिन अभिभावकों से फीडबैक लेता रहा।
और बच्चो से ये भी कहा कि शिक्षण सामग्री से कोई भी समस्या हो तो हमे टेलीफ़ोन करके पूछ सकते है।
प्रत्येक शनिवार को डीजी क्विज कॉन्टेस्ट में भाग लेने के लिए बच्चों को प्रेरित करता रहा,साथ ही अधिक बच्चे इस क्विज में भाग लें इसके लिए विद्यालय के सभी शिक्षक बच्चो से टेलीफोनिक संपर्क करते रहे,और जिन बच्चों के पास एंड्रॉयड मोबाइल नहीं था उन बच्चो के घर जाकर बच्चो को क्विज में भाग लेने के प्रेरित किए।
राम नारायण प्रसाद
मध्य विद्यालय पाथुरीया
कोविड-19 के दरमियान मैंने विद्यालय स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और उनमें बच्चों को जोड़ा ।digisath कंटेंट को मैंने साझा किया । बच्चों से सरकार के गाइडलाइन के अनुसार सामाजिक दूरी का पालन करते हुए डोर टू डोर संपर्क किया। छोटे-छोटे उप समूह बनाकर बच्चों को घर में ही जाकर पढ़ाया और समझाया तथा उनकी समस्या का समाधान किया।
ReplyDeleteWhatsApp group create kiya sabhi students ko add it audio and video call k dwara unki study ko continue kiya
ReplyDeleteकोविड-19 के दरमियान मैंने विद्यालय स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और उसमें बच्चों को जोड़ा । डिजी साथ कंटेंट को मैंने साझा किया। बच्चों से सरकार के गाइडलाइन के अनुसार सामाजिक दूरी का पालन करते हुए ,डोर टू डोर संपर्क किया ।छोटे-छोटे उप समूह बनाकर बच्चों को घर में ही जाकर पढ़ाया । बच्चों को समझाया तथा उनकी समस्या का समाधान किया।
ReplyDeleteI send content daily in digisath group of school and also visit to contect them and show video's of content regularly.
ReplyDeleteI send content daily in digisath group of school and also visit to contect them and show video's of content.
ReplyDeleteमैंने यूट्यूब पर चैनल बनाकर गणित के मुख्य टॉपिक जैसे कि एलसीएम एचसीएफ पूर्ण संख्या प्राकृत संख्या आदि का एनिमेटेड वीडियो बनाकर अपलोड किया और बच्चों ने उन्हें देखकर काफी कुछ सीखा और साथ ही वॉट्सएप ग्रुप पर भी गणित के प्रश्न हल कर फोटो भेजा बच्चों ने भी प्रश्न हल कर भेजा और यह प्रयास काफी सफल भी रहा
ReplyDeleteI contact students and help them in favour of digisath contents regularly.
ReplyDeleteCovid 19 महामारी के इस दौर में छात्रों के बीच मैं digi sath के माध्यम से जुड़ी हुई हूं।मैने छात्रों को मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी, नियमित अंतराल पर हाथ धुलाई, इत्यादि जानकारी छात्रों के बीच साझा करके जागरूक किया। डीजी साथ के कंटेंट और दूरदर्शन झारखंड चैनल पर प्रसारित शैक्षिक कार्यक्रम की जानकारी शेयर किया तथा अनुश्रवण भी किया। बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो, इस बात का ध्यान रखते हुए कभी कभी संपर्क डोर टू डोर जाकर उनकी समस्या का समाधान करने का प्रयास किया। व्हाट्सएप पर बच्चों के मोबाईल नम्बर को जोड़कर Digi sath कंटेंट को साझा किया।लगातार बच्चों से और उनके अभिवावकों से अधिक से अधिक संपर्क करती रही।
ReplyDeleteहर शनिवार को डीजी क्विज कॉन्टेस्ट में भाग लेने के लिए बच्चों को प्रेरित करती रही।
I MAde my youtube channel and made animated video and asked children to see videos and also send solved question paper image of maths and also children send image of solved question by themselves
ReplyDeleteDigiSath group banaya gya usme students ko add kiya gya tatha daily content vejkar parhane ke liye protsahit kiya gaya tatha apne poshak chetra me ghumkar bachho me jo samasya hoti hai samadhan kiya gya .chetra bhraman se anuvaw hua ki grib bachhe thik se parh nhi pa rhe hai kyoki adhiktar guardian ke pass mobile nhi hai .jin chatro ke pas smart phone hai unhe daily sampark kar parhane ke liye prerit karte hai
ReplyDeleteमैं अपने विधालय के पोषक क्षेत्र के बच्चों से संपर्क स्थापित कर एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर औऱ सरकार द्वारा संचालित Digisath के E contant को उस ग्रुप में भेजा।समस्या आने पर फ़ोन द्वारा संपर्क स्थापित कर हाल किया गया।
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ReplyDeleteI Send content daily in digisath group of school and also visit to connect them and show video of content. I connect students and parents help them in favour of digisath content and quiz regularly.
ReplyDeleteमैंने रोज कंटेंट को आनलाइन भेजा । बच्चों और अभिभावकों का सहयोग सराहनीय रहा। बच्चे उत्सुकता से कंटेंट का इंतजार करते थे।
ReplyDeleteराम चन्द्र मिश्र
ReplyDeletePehle DigiSath WhatsApp group bnayagya jisme 1 se 8 tak ke students Ko add kiya gya aur fhir roj daily content bhejkar unhe padhne ke liye kaha gya. Aur vidhyalay ke posak chetra ghoom kar Moholla class liya gya jisme bacche apni samasya prkat krte h . Moholla class ke dauran bacche social distancing aur mask maintain krte hai Aur hm unki samasya ka samadhan krte h.
ReplyDeleteOm Prakash Mishra
UMS BHALSUMAR
Due to the Corona virus,classes were affected.So to minimize this effect on student's performance, we share regular link of study material and students are also taking part in quiz
ReplyDeleteकोरोना महामारी के समय में मैं छात्रों से संपर्क स्थापित कर उनसे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ी हुई हूं। उन्हीं को रोना से बचाव के उपाय बताती हूं । Digi Sath के कंटेंट और दूरदर्शन झारखंड चैनल पर प्रसारित शैक्षिक कार्यक्रम की जानकारी शेयर करती हूं । बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो इसका ध्यान रखते हुए उनकी समस्या का समाधान का प्रयास करती हूं । जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं हो उन्हें दूसरे बच्चों के साथ जुट कर कंटेंट देखने की सलाह देती हूं । मैं लगातार बच्चों से और उनके अभिभावकों से संपर्क में रहती हूं हर शनिवार को Digi Quiz Contest मैं भाग लेने के लिए बच्चों को प्रेरित करती हूं।
ReplyDeleteDue to the Corona virus,classes were affected.So to minimize this effect on student's performance, we share regular link of study material and students are also taking part in quiz
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ReplyDeleteI had made whatsapp group for students and I use to send content in group from digisath.Whenever students entangled in any topic,I make them understood through voice call
ReplyDeleteCovid 19 महावारी काल में बच्चों के साथ शुरु में सम्पर्क करना काफी मुश्किल हुआ लेकिन समय के अंतराल में मोबाइल के जरिये बात करके सबसे पहले dd national पर पाठ्यक्रम के बारे बताना, फिर whatsapp group कक्षावार बनाकर सभी बच्चों को कक्षा के ग्रुप में जोडना एवं digi sath कंटेंट उपलब्ध कराया जाने लगा। जिनके पास whatsapp no नहीं है उनसे बात कर दोस्त समूह से सम्पर्क करने को कहा गया एवं फोन से बात करके जानकारी लेना। सबसे बडी समस्या हमारे लिए ग्रामीण इलाकों में मोबाइल का ना होना रहा।
ReplyDelete2020
ReplyDeleteविद्यार्थियों से सम्पर्क करने के लिए उनके आवास गया,उनका व्हाट्सअप ग्रुप बनाया,उनको फोन पर सम्पर्क किया।डिजिटल कंटेंट स्वयं एवम digisaath कार्यक्रम अंतर्गत झारखंड के शिक्षा विभाग से प्राप्त लिंक के माध्यम से प्राप्त विषयवस्तु के माध्यम से पढ़ाई चालू रखी गई।
रवि आनन्द झा उत्क्रमित मध्य विद्यालय असना शिकारीपाड़ा दुमका
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मै अपने विद्यालय के पोषक क्षेत्र के बच्चों के अभिभावको से सम्पर्क कर एक वाट्सएप ग्रुप बनाया और सरकार द्वारा संचालित Digisath के ई-कंटेंट को उस ग्रुप में भेजा।समस्या आने पर फोन द्वारा सम्पर्क स्थापित करने कर हल किया।
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ReplyDeleteविद्यार्थियों से सम्पर्क करने के लिए उनके आवास गया,उनका व्हाट्सअप ग्रुप बनाया,उनको फोन पर सम्पर्क किया।डिजिटल कंटेंट स्वयं एवम digisaath कार्यक्रम अंतर्गत झारखंड के शिक्षा विभाग से प्राप्त लिंक के माध्यम से प्राप्त विषयवस्तु के माध्यम से पढ़ाई चालू रखी गई। Bachon ke dwara whatsapp ke madhyam se question prapt kiya tatha uska solution karke likhit tatha voice message karke whatsapp ke dwara pahuchaya... bahut sare content par video bana kar bachon ke whatsapp par bheja...
Anil kumar singh, Ums Suggi, Hunterganj chatra
विभागीय आदेशानुसार मैंने अभिभावकों से सम्पर्क कर एक ग्रूपबनाया तत्पश्चात बच्चो एवं अभिभावकों को प्रेरित किया गया कि जो भी पठन पाठन सामग्री आएगा उसे देखना और पढना है।मैं कापी में कुछ प्रश्न लिखकर H.W के रूप में ग्रूप में भेजता था।
ReplyDeleteMunna Kumar P.S. Karmagora Dhanbad
विद्यार्थियों से सम्पर्क करने के लिए उनके आवास गया,उनका व्हाट्सअप ग्रुप बनाया,उनको फोन पर सम्पर्क किया।डिजिटल कंटेंट स्वयं एवम digisaath कार्यक्रम अंतर्गत झारखंड के शिक्षा विभाग से प्राप्त लिंक के माध्यम से प्राप्त विषयवस्तु के माध्यम से पढ़ाई चालू रखी गई।
ReplyDeleteकोविड 19 के दौरान छात्रों की पढ़ाई के लिए अभिभावकों से संपर्क कर उनका whatsapp नंबर लिया गया और उन्हें विद्यालय के whatsapp group और digisath से जोड़ कर छात्रों को पढ़ने के लिए शिक्षण सामग्री भेजा गया एवम् दूरदर्शन पर प्रसारित शैक्षिक कार्यक्रम को देखने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
ReplyDeleteकोरोना संकट में भी बच्चों की पढ़ाई में बाधा न आए तथा उनकी पढ़ाई की गति धीमी न हो इसके लिए मैंने एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाया और उसमें सरकार द्वारा संचालित DigiSath के ई-कंटेंट को साझा किया तथा बच्चों के प्रश्नों एवं उलझनों को हल किया । इसके अतिरिक्त मैंने बच्चों के अभिभावकों से बागी कॉल द्वारा संपर्क बनाए रखा और उनका फीडबैक लेती हूँ।
ReplyDeleteAnju Kumari, MS Chakardaha, Bengabad(Giridih)
विद्यालय के छात्र छात्राओं के व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर ऑनलाइन माध्यम के द्वारा पढ़ाई को जारी रखा।
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ReplyDeleteVidyalay ke poshak Kshetra mein abhibhavak ko se sampark kar smart mobile service station Kiya aur unki WhatsApp group taiyar kar jila Rajasthan se aane wali content ko abhibhavak group mein bhej kar iske madhyam se bacchon Tak Shiksha pahunchane ka karya Kiya jata hai Shivam abhibhavak ko bacchon se a phone ke dwara sampark karke a samjhane ka kam Kiya jata hai
ReplyDeleteOur school authority made a school WhatsApp group named Digisaath-M.S.Arru.in which all the teachers and
ReplyDeletemany students joined and studied during the pandemic period..my personal experience in this online teaching is very educational. I sent my subject questions every week for my class students ,after watching the topics and chapter videos. I also contacted students and gave information about the the online classes and also talked with their parents to focus on their child's study. Over all this was a great experience .
Thankyou
Pushpa Kachhap ,Govt.M/S Arru,senha
मै कोविड 19क के दौरान विद्यालय के छात्रो का वाट्स एप गुरूप बनाकर उनसे जुड़ा हू। उन्हे डिजी साथ कन्टेन्ट नियमित रूप से भेजता हू। हर शनिवार को डिजीसिथ क्विज मे भाग लेने के लिए छात्रो का मनोबल बढाता हू।
ReplyDeleteबच्चों से घर,मोबाइल तथा व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा संपर्क किया। प्रतिदिन digi SATH द्वारा भेजे गए कंटेन्ट को व्हाट्सएप ग्रुप द्वारा बच्चों तक पहुचते। साप्ताहिक क्विज़ में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते।
ReplyDeleteछात्रो से संपर्क करने के लिए उनके घर गए। उनका व्हाट्सप्प ग्रुप बनाया,फोन पर संपर्क किया। डिजिटल कंटेंट स्वयं एवम् digisaath कार्यक्रम के अंतर्गत झारखंड की शिक्षा विभाग से प्राप्त लिंक के माध्यम से प्राप्त बिषय वस्तु के माध्यम से पढ़ाई चालू रखी गई ।
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ReplyDeleteकोरोना काल के दौरान अभिभावको का whatsapp group जिसका नाम digisath के माध्यम से content भेज कर पढ़ाई जारी रखा तथा वैश्विक महामारी covid, 19 से बचाव के लिए सुझाव अभिभावको को जानकारी देता रहा.
ReplyDeleteजिसमे सामाजिक दूरी एवं साफ सफ़ाई का ख्याल रखते हुए, दूसरों को भी इसका बचाव तथा जागरुकता के लिए प्रेरित किया.
फल स्वरूप गाँव के वातावरण भी social distensing का आदि हो गया, जिससे आज सभी देश वासी guidline को पालन करते हुए कोरोना मुक्त करने का सहयोग करने मे अपना योगदान दिया.
बच्चों से घर,मोबाइल तथा व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा संपर्क किया। प्रतिदिन digi SATH द्वारा भेजे गए कंटेन्ट को व्हाट्सएप ग्रुप द्वारा बच्चों तक पहुचते। साप्ताहिक क्विज़ में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते।
ReplyDeletePurnima Mishra from MS Kumhartoli,Palamu
ReplyDelete*'मनोबल युग का गिरे नहीं, मनोबल चलो उठाते चलें इसी से करें सृजन युग का धरा को स्वर्ग बनाते चलें।'*
कोरोना महामारी ने बच्चों को पढ़ाई के लिए _Digisath_ जैसे बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से परिचित करवा दिया। इस लॉकडाउन काल में जब बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा था उसने प्रकाश की नई ज्योत जला दी है। इससे उन्हें बहुत लाभ हो रहा है, बच्चों का समय नष्ट नहीं हो रहा है।वह अपनी कक्षा के विषयों के अलावा बहुत कुछ सीख पा रहे हैं ।प्रतिदिन एक नया विषय लेकर _Digisath_ कार्यक्रम आते है और बच्चों तक पहुंचते है। हर शनिवार _Quiz_ से उनकी मानसिक क्षमता का परीक्षण होता है मैं प्रतिदिन बच्चों के द्वारा भेजा गया _वर्क_ चेक करके उनकी गलतियां सुधारती हूं।उन्हें _व्हाट्सएप ग्रुप_ पर ही आगे बढ़ते रहने के लिए प्रोत्साहित करती हूं तथा बच्चों के द्वारा किए गए _वर्क_ का प्रतिदिन रिपोर्ट भी बनाती हूं उसके पश्चात बच्चों को कॉल कर मैं उनकी परेशानियों को सुनकर उसे हल करती हूं।
हम सब मिलकर देश के भविष्य को सुरक्षित कर सकते है और वह हमारा देश विश्व की ऊंचाइयों को छू सकता है।
Corona kal ke douran humne abhivabako ka mobile no lekar whatsaap group banaya abm digisath ke madhyam se content bhej kor padhai jari rakha tatha covid 19 se bachao ke liye bhe jankari deta raha.
ReplyDeleteSAPTAHIK QUIZ ME BACCHO KO BHAG LENE KE LIYE PRERIT KIYA.
BACCHO SE SAMPARK KE LIYE WHATSAAP ABM PHONE DONO KA UPOG KIYA .
बच्चों के साथ digi SATH ग्रुप के द्वारा उन्हें इस वैश्विक महामारी में कोरोना से बचने के उपाय शेयर किया,तथा प्रतिदिन कंटेंट उपलब्ध कराया,बच्चों के अभिभावकों से निरन्तर फोन के माध्यम से सम्पर्क में रहता हूँ।
ReplyDeleteDigi Sathके कंटेंट और दूरदर्शन झारखंड चैनल पर प्रसारित शैक्षिक कार्यक्रम की जानकारी शेयर करता हूँ।
ReplyDeleteइस कोरोना महामारी के विषम दौर में जब जीवन की सारी गतिविधियों पर विराम लग गया तब digisath ने एक सुनहरा प्लेट फार्म उपलब्ध कराया जिसके माध्यम से मै बच्चों से जुड़ी! मैंने प्रति दिन शैक्षणिक सामग्री भेजती हूँ! फोन करके उनकी समस्या पूछती हूँ समाधान बताती हूँ! अभिभावकों से इस विषय में चर्चा करती हूँ
ReplyDeleteकोरोना काल में पोषक क्षेत्र के बच्चों से घर-घर जा कर सम्पर्क किए। whatsapp group बनायी और disisaath program jharkhand के Link के माध्यम से मुहल्ला विद्यालय चलायी ।सप्ताहिक quiz link के आधार पर बच्चों से quiz कारायी।
ReplyDeleteI read every contents of digisath daily and share it with my groups made for digisath also help them personally to visit in village area.
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान विद्यालय बंद रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसलिए मैंने बच्चों/अभिभावकों के एंड्रायड मोबाइल नंबर लेकर विद्यालय स्तर पर DIGI SATH ग्रुप बनाया । CRC स्तर पर बना digi sath ग्रुप से प्राप्त digital e-Content को मैं विद्यालय स्तर के ग्रुप में अग्रसरित कर देता हूँ ।बच्चे अपने माता-पिता/अभिभावकों के सहयोग से e-Content को देखते हैं ।e-Content T.V. पर भी दिखाया जाता है । जिसकी समय सारणी मैं विद्यालय स्तर के ग्रुप में अग्रसरित कर देता हूँ । मोबाइल फोन से बच्चों/अभिभावकों से संपर्क स्थापित कर पढ़ाई से संबंधित सारी समस्याओंका समाधान समाधान करता हूँ । अधिकांश बच्चों का एंड्रायड मोबाइल नहीं रहने के कारण बच्चों को मैं अपने मोबाइल से ही साप्ताहिक Quiz मैं सम्मिलित करता हूँ ।
ReplyDeleteमैंने विद्यार्थियों से संपर्क करने के लिए मोबाइल (व्हाट्सएप)का सहारा लिया मैंने अपने पोषक क्षेत्र के बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जोड़ा और डीजी साथ कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया, मैंने शिक्षण में छोटे-छोटे नोट्स बना कर तथा अपने नोट्स बच्चों के बीच शेयर करके शिक्षण कार्य किया ,इसमें अभिभावकों से भी लगातार संपर्क बनाए रखा।
ReplyDeleteWe all are affected by this pandemic in some way or the other especially students but digisaath and the government has helped us in regaining our strentgh in education again the apps are very useful and are helping us as well as the students to learn from another perspective that is online studies.
ReplyDeleteMaine widharthiyon ko sampark krne k liye unke mob num liye. Ek school ki group banai jispe bacchon ko siksha di jay.
ReplyDeleteCovid-19केडोराबचो को एक व्हाट्सप्प ग्रुप से जोड़ी . डिगी साथ के ग्रुप मे पढ़ाई के विषय मे जानकारी को साझा किया साथ ही साप्ताहिक क्विज के लिए प्रोत्साहित किया
ReplyDeleteअभी चूंकि कोरोना काल में सभी विद्यालय बंद हैं ऐसी स्थिति में बच्चों की पढ़ाई सबसे ज़्यादा प्रभावित हुई है। इस विषम परिस्थिति में हमने विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का एक WhatsApp ग्रुप बनाया। इस ग्रुप में कई कंटेंट और वीडियोज प्रेषित किया और उन्हें हमेशा कुछ न कुछ होम वर्क करने को दिया। उनसे फोन कर या WhatsApp के माध्यम से हमेशा फीडबैक लेने का प्रयास किया।
ReplyDeleteकोरोना संकट में भी बच्चों की पढ़ाई में बाधा न आए तथा उनकी पढ़ाई की गति धीमी न हो इसके लिए मैंने एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाया और उसमें सरकार द्वारा संचालित DigiSath के ई-कंटेंट को साझा किया तथा बच्चों के प्रश्नों एवं उलझनों को हल किया । इसके अतिरिक्त मैंने बच्चों के अभिभावकों से भी कॉल द्वारा संपर्क बनाए रखा और उनका फीडबैक लेता हूँ।
ReplyDeleteमोबाइल के माध्यम से अपने विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों के संपर्क में रह कर DIGI SAATH कंटेंट पर चर्चा किया और उनके समस्याओं का समाधान किया। इसके अलावा स्वयं कक्षा आधारित विषयवस्तु पर वीडियो बना कर विद्यार्थियों को पढ़ने का प्रयास किया।
ReplyDeleteCorona kal may ham vidhyarthiyon ka mobile number lekar ek whatsaap group banaya awe digisath ke that padya samatrahi ko bacchon tak puchaya aew bacchon say mobile dwara sampark karke unhe padhne kay lea prarit kiya
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