What innovative activities you can conduct under the cultural and environmental aspect of Samagra Shiksha. Share a brief plan.
Take a moment to reflect?
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आप अपनी कक्षा/ स्कूल में खिलौना क्षेत्र कैसे सृजित करेंगे – इस बारे में सोचें। डी-आई-वाई खिलौनों का सृजन करने में बच्चों की सहायता के लिए ...
'Tusu parab' is a popular festival in our locality. So, I shall organise 'Tusu utsav' in my school. Before 'utsav' we shall have to make a palanquin in the shape of a temple which is popularly called 'Tusu choudal'. I shall engage students,teachers and the members of the community to make 'Tusu choudal'. On the day of utsav, we shall worship Tusu. Afterwards, we shall sing and dance collectively. Thus, we shall celebrate 'Tusu' utsav.
ReplyDelete'Tusu parab' is a popular festival in our locality. So, I shall organise 'Tusu utsav' in my school. Before 'utsav' we shall have to make a palanquin in the shape of a temple which is popularly called 'Tusu choudal'. I shall engage students,teachers and the members of the community to make 'Tusu choudal'. On the day of utsav, we shall worship Tusu. Afterwards, we shall sing and dance collectively. Thus, we shall celebrate 'Tusu' utsav.
ReplyDeleteमैं बच्चोंको करमा पर्व की महत्व के बारे में बताकर पेड़ पौधोंके संरक्षण की महत्ता पर जोर देती हूँ।करमा में गायाजाने वाला लोकप्रिय गीत गानेको कहतीहूँ,खुद भी गाती हूँ,
ReplyDeleteभारतीय संस्कृति पर्यावरण-संरक्षण में महत्त्वपूर्ण तथा सकारात्मक भूमिका रखती है। मानव तथा प्रकृति के बीच अटूट रिश्ता कायम किया गया है। जो पूर्णतः वैज्ञानिक तथा संतुलित है। हमारे शास्त्रों में पेड़, पौधों, पुष्पों, पहाड़, झरने, पशु-पक्षियों, जंगली-जानवरों, नदियाँ, सरोवन, वन, मिट्टी, घाटियों यहाँ तक कि पत्थर भी पूज्य हैं और उनके प्रति स्नेह तथा सम्मान की बात बतलायी गयी है। बुद्धिजीवियों का यह चिन्तन पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिये सार्थक तथा संरक्षण के लिये बहुमूल्य हैं।
ReplyDeleteभारतीय संस्कृति पर्यावरण-संरक्षण में महत्त्वपूर्ण तथा सकारात्मक भूमिका रखती है। मानव तथा प्रकृति के बीच अटूट रिश्ता कायम किया गया है। हमारे शास्त्रों में पेड़, पौधों, पुष्पों, पहाड़, झरने, पशु-पक्षियों, जंगली-जानवरों, नदियाँ, सरोवन, वन, मिट्टी, घाटियों यहाँ तक कि पत्थर भी पूज्य हैं और उनके प्रति स्नेह तथा सम्मान की बात बतलायी गयी है। बुद्धिजीवियों का यह चिन्तपर्प्दषण से मुक्त रखने के लिये सार्थक तथा संरक्षण के लिये बहुमूल्य हैं।
ReplyDeleteIndian culture plays an important and positive role in environmental protection. Unbreakable relationship between man and nature has been established. Which is completely scientific and balanced. Trees, plants, flowers, mountains, waterfalls, animals, birds, wild animals, rivers, streams, forests, soils, valleys and even stones are revered in our scriptures and have been told about affection and respect for them. These thoughts of intellectuals are meaningful and valuable for conservation to keep the environment free from POLLUTION HARINARAYAN PRASAD SINHA WEST SINGHBHUM JHARKHAND
ReplyDeleteभारतीय संस्कृति पर्यावरण संरक्षण मेंं महत्वपूर्ण तथा सकारात्मक भूमिका ररखती है। मानव तथा प्रकृति के बीच अटूट रिश्ता कायम किया गया है। जो पूणतः वैज्ञानिक तथा संतुलित है। हमारे शास्त्रों में पेड़, पौधों, पुष्पों, पहाड़,झरने, पशु-पक्षी, जंगली-जानवरों, नदियाँ, सरोवर वन,मिट्टी, घाटियों यहां तक की पत्थर भी पूज्य हैं और उनके प्रति सनेह तथा सम्मान की बात बतलायी गयी है।बुद्धिजीवियों का यह चिन्तन पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए सार्थक तथा संरक्षण के लिए बहुमूल्य है।
ReplyDeleteThe activities like KALA UTSAV, RANGOTSAV etc can be planned for cultural development while at the same time VAN(FOREST) FAIR, and Quiz etc to promote awareness about the ENVIRONMENT will help a lot.
ReplyDeleteRegular conduction of drama at the end of each month in which all classes from 1-12 would participate and the subject matter would be from their text books.This will be just like more bang for your buck.
ReplyDeleteमैं बच्चो को अपने क्षत्रों में होने वाले त्योहारों के बारे में बताती हु।बच्चे बड़े ही उत्तशुक्त के साथ सुनते ही और कई तरह के सवाल करते है जैसे हुल दिवस क्यो मनाया जाता है,कर्मा पूजा में किसकी पूजा होती है,सोहराय में किसकी पूजा होती है आदि।
ReplyDeleteमैं बच्चोंको करमा पर्व की महत्व के बारे में बताकर पेड़ पौधोंके संरक्षण की महत्ता पर जोर देती हूँ।करमा में गायाजाने वाला लोकप्रिय गीत गानेको कहतीहूँ,खुद भी गाती हूँ,
ReplyDeleteभारतीय संस्कृति पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण तथा सकारात्मक भूमिका रखती है।मानव तथा प्रकृति के बीच अटूट रिश्ता कायम किया गया है। हमारे शास्त्रों में पेड़-पौधे , पहाड़, झरने, पशु पक्षियों, नदियों, वन यहां तक कि पत्थर भी पूज्यनीय हैं और उनके प्रति स्नेह तथा सम्मान की बात कही गई है। बुद्धिजीवियों का यह चिंतन पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए सार्थक तथा संरक्षण के लिए बहुमूल्य है।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय क्षेत्र में 100%आदिवासी बच्चे हैं जिनके पर्व त्योहारों में मूल रूप से प्रकृति की पूजा होती है।हम प्रत्येक पर्व का आयोजन विद्यालय स्तर पर भी करते हैं और बच्चों को प्राकृतिक संसाधनों का महत्व समझते हैं।पर्यावरण संरक्षण के लिए उनके महत्व की जानकारी साझा करते हैं।
ReplyDeleteएहसानुल हक,
सहायक शिक्षक
सुकुरहुट्टू,भरनो,गुमला।
मैं बच्चो को अपने क्षत्रों में होने वाले त्योहारों के बारे में बताती हु।बच्चे बड़े ही उत्तशुक्त के साथ सुनते ही और कई तरह के सवाल करते है जैसे हुल दिवस क्यो मनाया जाता है,कर्मा पूजा में किसकी पूजा होती है,सोहराय में किसकी पूजा होती है आदि
ReplyDeleteविद्यालय में अनेक समुदाय के बच्चे आते हैं। और बच्चों को अपने क्षेत्रों में होने वाले त्योहारों के बारे में चर्चा करते हैं। बच्चे बड़े ही उत्सुकता के साथ सुनते हैं और कई तरह के सवाल करते हैं। जैसे हुल दिवस क्यों मनाया जाता है? करमा पूजा में किसकी पूजा होती है? और सोहराय में किसकी पूजा होती है? आदि इस प्रकार मैं बच्चों को करमा पर्व के महत्व के बारे में बता कर पेड़ पौधों के संरक्षण की महत्व पर जोर देता हूं और कर्मा और सोहराय में गाए जाने वाले गीत गाने को कहता हूं। या मैं खुद गाकर बच्चों को सुनाता हूं।
ReplyDeleteअमेरिका धोबी उत्क्रमित उच्च विद्यालयग गुंजरडीह, प्रखंड -नावाडीह जिला - बोकारो।
भारतीय सांस्कृतिक विरासत अमूल्य एवं विविधताओं से भरा पूरा है। महापुरुषों के जयंती एवं पर्व त्यौहार के अवसरों पर विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम मंचन लोक नृत्य के माध्यम से छात्रों में अपनी सभ्यता संस्कृति की जानकारी देंगे। इससे छात्रों में संवाद करने की क्षमता ज्ञान कौशल नेतृत्व क्षमता का विकास होगा विद्यालय में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम तथा प्रत्येक छात्र के जन्मदिन के अवसर पर उन्हें एक पौधा विद्यालय परिवार की ओर से भेंट करेंगे छात्रों से यह शपथ लेंगे कि मैं इस पेड की रक्षा करूंगा/करूंगी।
ReplyDeleteभारतीय सांस्कृतिक विरासत अमूल्य एवं विविधताओं से भरा है ।महापुरुषों के जयंती एवं पर्व त्योहारों के अवसर पर विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम मंचन लोक नृत्य के माध्यम से छात्रों में अपनी सभ्यता संस्कृति की जानकारी देंगे इससे छात्रों में संवाद ज्ञान कौशल नेतृत्व क्षमता का विकास होगा विद्यालय में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम तथा प्रत्येक छात्र के जन्मदिन के अवसर पर उन्हें एक पौधा विद्यालय परिवार की ओर से भेंट करेंगे तथा छात्रों से यह शपथ लेंगे कि मैं इस पेड़ की रक्षा करूंगा/करूंगी
ReplyDeleteDuring karma festival, a competition for planting of tress will be organised. It will promote environmental development. We can also donduct a quiz contest to promote cultural development.
ReplyDeleteहमारे देश की संस्कृति विविधताओं से भरा हुआ है।मानव का प्रकृति के साथ अटूट रिश्ता रहा है।प्रकृति में उपलब्ध पेड़ पौधे इस संस्कृति के अमूल्य धरोहर हैं इसे बचाना और इसकी रक्षा करना हमलोगों का परम दायित्व है।इसके लिए समाज को जागरूक करना बहुत हीं आवश्यक है। पेड़ पौधे की रक्षा करने के लिए एवम ज्यादा से ज्यादा पौधा लगाने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करेगें तथा उन्हें जागरूक करेगें।बच्चों को अपने जन्मदिन पर एक पेड़ लगाने के प्रोत्साहित करेगें और उसकी रक्षा करने के लिए कहेगें।
ReplyDeleteभारतीय संस्कृति पर्यावरण-संरक्षण में महत्त्वपूर्ण तथा सकारात्मक भूमिका रखती है। मानव तथा प्रकृति के बीच अटूट रिश्ता कायम किया गया है। जो पूर्णतः वैज्ञानिक तथा संतुलित है। हमारे शास्त्रों में पेड़, पौधों, पुष्पों, पहाड़, झरने, पशु-पक्षियों, जंगली-जानवरों, नदियाँ, सरोवन, वन, मिट्टी, घाटियों यहाँ तक कि पत्थर भी पूज्य हैं और उनके प्रति स्नेह तथा सम्मान की बात बतलायी गयी है। बुद्धिजीवियों का यह चिन्तन पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिये सार्थक तथा संरक्षण के लिये बहुमूल्य हैं।
ReplyDeleteOrganizing program in local festivals.
ReplyDeleteStudents can be asked to write and practically do some role play on different cultural festivals.
DeleteIftar in Ramazaan is a simple festival Islamic culture.
ReplyDeleteBefore midday meal I can arrange a neat and clean dusterkhwan and them about fresh nutritious and delicious food made up of vegetables like tomato, potato, brinjal, green chillies, gram etc.Also I can describe about the discipline of 'iftar' which gives us lessons of peace, morality and humanity.
This is a vivid topic which covers the sociology and it's diversity gender inequality as well as cast and religion based bias inside our society that focuses inside school environment later are the critical issues. First of all each and every teacher has to overcome their mentality from bias and prejudice. They have to be open minded and universal for all. As a teacher they have to be broader mentality. The culture of consent and equitable should be maintained at school level.
ReplyDeleteIn my school most of the students are scheduled tribes..their festivals generally belongs to nature worship and caring for the nature..I always try to involve them in the preparation of the festival so that they can understand the importance of cultural importance of festival
ReplyDeleteभारतीय सभ्यता और संस्कृति पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।मानव तथा प्रकृति के बीच एक अटूट रिश्ता कायम है। हमारे शास्त्रों में पेड़ पौधे, पहाड़,झरने ,पशु पक्षियों तथा नदियों को पूजा जाता रहा है।बुदधिज बुद्धिजीवियों का यह चिंतन पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए सार्थक तथा संरक्षण के लिए बहुमूल्य है।
ReplyDeleteमैं बच्चों को करमा पर्व की महत्व के बारे में बताकर पेड़ पौधों के संरक्षण की महत्ता पर जोर देती हूँ
ReplyDeleteभारतीय संस्कृति पर्यावरण संरक्षण मेंं महत्वपूर्ण तथा सकारात्मक भूमिका ररखती है। मानव तथा प्रकृति के बीच अटूट रिश्ता कायम किया गया है। जो पूणतः वैज्ञानिक तथा संतुलित है। हमारे शास्त्रों में पेड़, पौधों, पुष्पों, पहाड़,झरने, पशु-पक्षी, जंगली-जानवरों, नदियाँ, सरोवर वन,मिट्टी, घाटियों यहां तक की पत्थर भी पूज्य हैं और उनके प्रति सनेह तथा सम्मान की बात बतलायी गयी है।बुद्धिजीवियों का यह चिन्तन पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए सार्थक तथा संरक्षण के लिए बहुमूल्य है।
ReplyDeleteStudents can be ask to write and practically and do some role our 🇮🇳👳festival related to environment protection. There are SO many Indian festival to keep our environment safe and clean. And we Also teach And aware All student to about of nature🌿🍃 protection, because without nature we all Living things are survive impossible. We always worship our nature🌿🍃.
ReplyDelete'Tusu parab' is a popular festival in our locality. So, I shall organise 'Tusu utsav' in my school. Before 'utsav' we shall have to make a palanquin in the shape of a temple which is popularly called 'Tusu choudal'. I shall engage students,teachers and the members of the community to make 'Tusu choudal'. On the day of utsav, we shall worship Tusu. Afterwards, we shall sing and dance collectively. Thus, we shall celebrate 'Tusu' utsav.
ReplyDeleteमेरा विद्यालय ऐसे क्षेत्र में है जहां 70% से ज्यादा आदिवासी बच्चे आते हैं और आदिवासी लोग प्रकृति की पूजा करते हैं वह पर्यावरण की सुरक्षा करते हैं पेड़ पौधे जल जंगल यह सब उनके लिए पूजनीय हैं बच्चों में अभी से ही प्रकृति पर्यावरण के प्रति सम्मान की भावना है हम लोग उसे इस भावना को बनाए रखने के लिए पर्यावरण के गुण की चर्चा करते हैं
ReplyDeleteprachin kal se hi hamari sanskriti paryawaran sanrakshan ki dharohar hai.vadik kal se hi bargad, pipal jaise pedo ko puja ja raha hai. kamdhenu jaisi gau ki pooja ki jati rahi hai.ganga nadi bhi pujniy hai.esprakar hum kah sakte hai ki paryawaran ke sath hamara atut sambandh hai jiske bina ham jiwan ki kalpna bhi nahi kar sakte.
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteभारतीय सांस्कृतिक विरासत अमूल्य एवं विविधताओं से भरा पूरा है। महापुरुषों के जयंती एवं पर्व त्यौहार के अवसरों पर विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम मंचन लोक नृत्य के माध्यम से छात्रों में अपनी सभ्यता संस्कृति की जानकारी देंगे। इससे छात्रों में संवाद करने की क्षमता ज्ञान कौशल नेतृत्व क्षमता का विकास होगा विद्यालय में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम तथा प्रत्येक छात्र के जन्मदिन के अवसर पर उन्हें एक पौधा विद्यालय परिवार की ओर से भेंट करेंगे छात्रों से यह शपथ लेंगे कि मैं इस पेड़ की रक्षा करूंगा/करूंगी
ReplyDeleteGood content.
ReplyDeleteमैं बच्चोंको करमा पर्व की महत्व के बारे में बताकर पेड़ पौधोंके संरक्षण की महत्ता पर जोर देती हूँ।करमा में गायाजाने वाला लोकप्रिय गीत गानेको कहतीहूँ,खुद भी गाती हूँ,
ReplyDeleteमैं बच्चोंको करमा पर्व की महत्व के बारे में बताकर पेड़ पौधोंके संरक्षण की महत्ता पर जोर देती हूँ।करमा में गायाजाने वाला लोकप्रिय गीत गानेको कहतीहूँ,खुद भी गाती हूँ,
ReplyDeleteमैं बच्चोंको करमा पर्व की महत्व के बारे में बताकर पेड़ पौधोंके संरक्षण की महत्ता पर जोर देती हूँ।करमा में गायाजाने वाला लोकप्रिय गीत गानेको कहतीहूँ,खुद भी गाती हूँ,
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