Share your thoughts on why child abuse happens in school?
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बच्चे को अच्छी शिक्षा अगर मिलेगी तो तो ये नही होगा । सारे बच्चे गाँव से आते है इसलिए उसे पता नहीं होता ।
ReplyDeleteSchool me yadi teacher student ke prati careless rahenge aur uske baton par ya samasya par dhyan nahi denge to bal soshan ki ghatna ghategi
ReplyDeleteहमे विद्यार्थियों के प्रति हमेशा समानुभूति पूर्ण व्यवहार से जागृत करते हुए उन्हें जागरूक करना है। उनके अधिकार के प्रति उन्हें सजग करना हमारा धर्म है। हमे उनकी भावना का कदर करते हुए उन्हें अच्छे इंसान बनाना है।
ReplyDeleteहम बच्चों के प्रति हमेशा सहानुभूति पूर्ण व्यवहार से जागृत करते हुए जागरूक करना है उनके अधिकार के प्रति उन्हें सजा करना है हमारा धर्म है हमें उनकी भावना का कदर करते हुए उन्हें अच्छे इंसान बनाने का प्रयास करना है ताकि बच्चे सुरक्षित रहे और उनकी सुरक्षा प्रदान कर सकें विद्यालय में बच्चों की सुरक्षा का जिम्मेवार हम पर है हमें उनकी मान सम्मान की रक्षा करनी चाहिए
ReplyDeleteविद्यालय मेँ बच्चों को बाल अधिकार और कर्तब्य से अवगत कराया जाना चाहिए।
ReplyDeleteUnknown5 January 2021 at 01:44
ReplyDeleteहम बच्चों के प्रति हमेशा सहानुभूति पूर्ण व्यवहार से जागृत करते हुए जागरूक करना है उनके अधिकार के प्रति उन्हें सजा करना है हमारा धर्म है हमें उनकी भावना का कदर करते हुए उन्हें अच्छे इंसान बनाने का प्रयास करना है ताकि बच्चे सुरक्षित रहे और उनकी सुरक्षा प्रदान कर सकें विद्यालय में बच्चों की सुरक्षा का जिम्मेवार हम पर है हमें उनकी मान सम्मान की रक्षा करनी चाहिए/
विद्यालय मेँ बच्चों को बाल अधिकार और कर्तब्य से अवगत कराया जाना चाहिए। Upgrade high school Gunjardih
बच्चों का यौन शोषण कहीं भी हो सकता है।आए दिन ऐसा समाचार अखबारों के माध्यम से और दूरदर्शन के माध्यम से प्राप्त होता रहता है। इससे स्कूल भी अछूते नहीं है। स्कूलों में बच्चों का यौन शोषण रोकने के लिए हम शिक्षकों को विशेष ध्यान देना होगा और बच्चों को भी इसके प्रति जागरूक करना होगा और प्रशिक्षित भी करना पड़ेगा। बच्चों का यौन शोषण रोकने के लिए स्कूल एक उचित माध्यम बन सकता है।
ReplyDeleteउ उ वि गुंजरडीह बोकारो
बच्चों का यौन शोषण एक गंभीर समस्या है। यह घटना कहीं भी घट सकता है। ऐसी घटनाएँ अखबारों के माध्यम से हम अवगत होते रहते है। हम शिक्षक होने के नाते स्कूलों में इसके प्रति बच्चों को जागरूक ओर प्रशिक्षित कर सकते विद्यालय बच्चों का यौन शोषण रोकने, के लिए एक उचित माध्यम बन सकता है। हम शिक्षकों का दायित्व है, कि, बच्चों को इसके प्रति सचेत रहने, के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
ReplyDeleteउ म वि बाराडीह बोकारो
हाल के वर्षों में बाल शोषण बढ़ने का मुख्य कारण है मोबाइल फ़ोन का सर्व सुलभ होना।आजकल कम आयु के बच्चों को मोबाईल और डेटा उपलब्ध करा दिया जाता है जिसमे वे यौन क्रियाओं से संबंधित वीडियो आसानी से देखते हैं जिसके कारण उनके अंदर यौन अपराध की भावना जागृत होती है।विद्यालयों में इसके लिए बच्चों को जाग्रत किया जा सकता है।लेकिन जबतक अभिभावकों की ओर से सहयोग नही किया जाता है,तब तक इस पर अंकुश नही लगाया जा सकता ।
ReplyDeleteएहसानुल हक
भरनो, गुमला।
बच्चों का यौन शोषण एक गंभीर समस्या है यह घटना कहीं भी हो सकती है एक शिक्षक होने के नाते नाते बच्चों को यह जागरूक करना चाहिए कि यौन शोषण किन परिस्थिति में होता है और उससे बचाव के क्या-क्या उपाय हो सकते हैं इसके प्रति बच्चों को जागरूक कर हम उन्हें इस समस्या से बचने में मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteबच्चों का यौन शोषण एक गंभीर समस्या है। यह घटना कहीं भी हो सकती है। एक शिक्षक होने के नाते हमें बच्चों को जागरूक करना चाहिए कि यौन शोषण किन परिस्थितियों में होता है और उससे बचाव के क्या-क्या ृृउपाय हो सकते हैं। इसके प्रति बच्चों को जागरूक कर हम उन्हें इस समस्या से बचने में मदद कर सकते हैं।
ReplyDeleteविद्यालय में बच्चों के प्रति सहानुभूति पूर्ण व्यवहार करते हुए उनके अधिकारों के प्रति उन्हें बताना एवम जागरूक करना चाहिए।
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteस्कुलों में योनशोषण के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं :-
ReplyDeleteनशाखोरी, खान-पान ,वेश-भूसा, जीवन शैली, प्रवृति ,अश्लील फिल्म, इंटरनेट पर उपलब्ध उतेजकता भरा विडियो क्लिप इत्यादि इसके मुख्य कारण है। साथ ही समाज से विलुप्त होता संस्कार, संस्कृति, रिश्तों की पवित्रता, हमारे ऊपर हावी होता पश्चिम की सभ्यता इसके मुख्य कारण हो सकते हैं।
Children can be e abused even in School The reason for child abuse in school are as follows:discrimination among children, unaware of their behavior, socio-economic conditions, improper use of mobile, mental problems of teacher or any other, lack of knowledge about child abuse, conditions of students family etc
ReplyDeleteबचपन शायद जीवन का वह चरण है जिसे हम में से ज्यादातर लोग एक मुस्कुराहट और अनुभूतियों के साथ याद करते हैं लेकिन हम में से कुछ के लिए बचपन डर दर्द और यहां तक कि शर्म की भावनाओं को भी वापस लाता है बाल शोषण एक अभिशाप है या कहीं भी किसी भी लड़के लड़कियों के साथ हो सकता है बाल शोषण करने वाले 71% लोग अपने जान पहचान वाले होते हैं इसीलिए सावधानी की जरूरत है जब अधिक उम्र के बच्चे कम उम्र के बच्चों को अपना दोस्त बनाते हैं उन्हें तरह-तरह का प्रलोभन देते हैं बाल शोषण विकृत मानसिकता का परिचायक है विद्यालय में जब छात्र कोई गलती करते हैं तो उनका शारीरिक शोषण मारपीट किया जाता है उनकी तुलना दूसरे छात्र से की जाती है वहां पर उनका भावनात्मक शोषण किया जाता है छात्राओं की उपेक्षा की जाती है लैंगिक शोषण का भी समाचार पढ़ने को मिलते ही रहते हैं बाल शोषणबढ़ने का मुख्य कारण है मोबाइल फोन का सर्व सुलभ होना कम आयु के बच्चे आसानी से योन वीडियो मोबाइल में देख लेते हैं जिसके कारण यौन अपराध की भावना जागृत होती है नैतिक शिक्षा और विलुप्त हो रहे हमारे संस्कार हमारी सभ्यता संस्कृति रिश्तो की पवित्र भावना का अभाव हो रहा है हमारे जीवन पर पश्चिमी सभ्यता का भी काफी प्रभाव पड़ रहा है
ReplyDeleteOur social environment is polluted by dirty song, bad movie and nude picture on social media. The children effected of these seen to their mind seriously. The mind of the child is not mature the age between 12 to 15 years old. He had dont mind how to control himself and begin to start child sexual abuse. Student spend her maximum time at the school. So on the leisure period children done such action. We should guid always to our children and discuss about the pocso act 2012 time to time in the school.
ReplyDeleteबच्चों के साथ यौन शोषण कहीं भी हो सकता है यह मानव की विकृत मानसिकता की उपज है। विद्यालयों में निम्न कारणों से हो सकता है।
ReplyDeleteविद्यालय का असुरक्षित माहौल इसका प्रमुख कारण है।
बच्चों की समाज की स्थिति।
शिक्षकों का बच्चों के साथ व्यवहार।
यौन शिक्षा के प्रति बच्चों में जागरूकता का अभाव।
हमे विद्यार्थियों के प्रति हमेशा समानुभूति पूर्ण व्यवहार से जागृत करते हुए उन्हें जागरूक करना है। उनके अधिकार के प्रति उन्हें सजग करना हमारा धर्म है। हमे उनकी भावना का कदर करते हुए उन्हें अच्छे इंसान बनाना है।
ReplyDeleteChildren should be sensitised about sexual abuse and their rights.
ReplyDeleteबच्चों का यौन शोषण एक गंभीर समस्या है। यह घटना कहीं भी हो सकती है। एक शिक्षक होने के नाते हमें बच्चों को जागरूक करना चाहिए कि यौन शोषण किन परिस्थितियों में होता है और उससे बचाव के क्या-क्या ृृउपाय हो सकते हैं। इसके प्रति बच्चों को जागरूक कर हम उन्हें इस समस्या से बचने में मदद कर सकते हैं।
ReplyDeleteDuring teen age sexual drive starts and students are not mature enough to understand the pros and cons of the activities they perform , moreover they are ignorant about the consequences.This is the period of transformation from childhood to adult hood,they have lots of enthusiasm and curiousness.All this are the cause of sexual abuse.It is the moral duty of every stakeholders including teachers to help them to guide them and show them the right path to tide over the period and make them good statesman.by
ReplyDeleteChild abuse can happen anywhere..in a school child can be abused by elder children .
ReplyDeleteबच्चों का यौन शोषण एक गंभीर समस्या है।यह घटना कहीं भी हो सकती है। एक शिक्षक होने के नाते हमें विद्यार्थियों के प्रति हमेशा सहानुभूति पूर्ण व्यवहार से जागरूक करना चाहिए तथा उनके अधिकार के प्रति सजग करना हमारा कर्तव्य है। यौन शोषण किन परिस्थितियों में। होता है और उससे बचाव के क्या-क्या उपाय हो सकते हैं, इसके प्रति बच्चों को जागरूक कर हम उन्हें इस समस्या से बचने में मदद कर सकते हैं।
ReplyDeleteबच्चों के साथ यौन शोषण एकं बहुत बड़ी समस्या है, यह कहीं भी, कभी भी, किसी भी द्बारा हो सकता है।यह मानव की विकृत मानसिकता की उपज है। अतः हम लोगों को चाहे स्कूल हो,बाहर हो,घर हो यौन शोषण के कारणों को हटाने पर शिक्षकों, अभिभावकों एवं अन्यों को विशेष बल देने की आवश्यकता है। नशाखोरी,खान पान,वेश भूषा,जिवन शैली, प्रवृत्ति, अश्लील फिल्म, इंटरनेट पर उपलब्ध उत्तेजकता भरा विडियो क्लिप,समाज से विलुप्त होता संस्कार, संस्कृति,रिश्तो की पवित्रता, हमारे ऊपर हावी होता पश्चिमी की सभ्यता इत्यादि कारणों पर विशेष ध्यान देना होगा, बच्चों के प्रति सहानुभूति पूर्ण व्यवहार करते हुए उनके अधिकारों के प्रति उन्हें बताना और जागकरू कर हम उन्हें इन समस्याओं से बचने में मदद कर सकते हैं।
ReplyDeleteChild abuses cases happens usually because of ego centrality of children. They think they themselves are correct most of the time and not understanding others emotions. Secondly, lack of social qualities also results in child abuses.
ReplyDeletebal yaun sosan ek gambhir samasya hai.esase nijat pane ke liye hame nimn binduo par dhyan dena chahiye_1.avivawak ewam samuday ke logo ke sath H.M.ko meeting karna.2.sarkar dwara lagu kiye gaye Act ,saja ki jankari dena.3.child help number 1098 ki madad lena.4.bacho ke sath snehpurn byawhar karna.aadi.
ReplyDeleteबच्चों में यौन शोषण की घटनाएं एक गंभीर समस्या बनती जा रही है।ऐसी घटनाएं कहीं भी हो सकती हैं। एक शिक्षक होने के नाते हमें बच्चों को जागरूक करना जरूरी है कि यौन शोषण किन परिस्थितियों में होता है और उससे कैसे बचाव किया जा सकता है। विद्यालय में इसके लिए बच्चों को जागृत किया जा सकता है।
ReplyDeleteHamen vidyarthiyon ke prati hamesha sahanubhuti purn vyavhar se jagrit karte hue unhen jagruk karna hai. unke Adhikar ke prati unhen sajag karna hamara kartavya hai. hamen unki bhawanao ka Sajag karna hamara kartavya hai. hame unaki bhawanao ka samman karate hua unhe acche Insan banana hai.
ReplyDeleteat 07:57
ReplyDeleteबच्चों का यौन शोषण एक गंभीर समस्या है। यह घटना कहीं भी घट सकता है। ऐसी घटनाएँ अखबारों के माध्यम से हम अवगत होते रहते है। हम शिक्षक होने के नाते स्कूलों में इसके प्रति बच्चों को जागरूक ओर प्रशिक्षित कर सकते विद्यालय बच्चों का यौन शोषण रोकने, के लिए एक उचित माध्यम बन सकता है। हम शिक्षकों का दायित्व है, कि, बच्चों को इसके प्रति सचेत रहने, के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
वर्षा के दिनों में टिप-टिप बूंद पड़ती है। पानी में बुलबुले बनते हैं।बच्चे कागज़ का नाव बनाकर पानी में तैराते है। मेंढ़क टर्र टर्र की आवाज निकालते हैं। वर्षा ऋतु में बादल का गर्जन और बिजली का चमकना कभी कौतूहल लगता है तो कभी भयावह लगता है। छप्पर पर बुंदो की आवाज बहुत ही सुन्दर कर्णप्रिय लगता है। वर्षा में बाहर गए हुए लोगों को वारिस बन्द होने का इंतजार उबाऊ लगता है। वारिस का समय बहुत ही कौतूहल से पूर्ण होता है।
ReplyDeleteवर्षा के दिनों में टिप-टिप बूंद पड़ती है। पानी में बुलबुले बनते हैं।बच्चे कागज़ का नाव बनाकर पानी में तैराते है। मेंढ़क टर्र टर्र की आवाज निकालते हैं। वर्षा ऋतु में बादल का गर्जन और बिजली का चमकना कभी कौतूहल लगता है तो कभी भयावह लगता है। छप्पर पर बुंदो की आवाज बहुत ही सुन्दर कर्णप्रिय लगता है। वर्षा में बाहर गए हुए लोगों को वारिस बन्द होने का इंतजार उबाऊ लगता है। वारिस का समय बहुत ही कौतूहल से पूर्ण होता है।
ReplyDeleteबच्चों का यौन शोषण एक गंभीर समस्या है। यह घटना कहीं भी घट सकता है।हम शिक्षक होने के नाते विद्यालय
ReplyDeleteमें इसके प्रति बच्चों को जागरुक और प्रशिक्षित कर सकते हैं। विद्यालय बच्चों का यौन शोषण रोकने का एक उचित माध्यम वन सकता है कि बच्चों को इसके प्रति सचेत रहने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
Yah Gambhir samasya hai aur is tarah ki ghatna kahin bhi Ghar sakti hai isase bachne ke liye bacchon ko jagruk kyon per shikshit karke is ko roka ja sakta hai
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ReplyDeleteGood content.
ReplyDeleteSchool me abuse na ho isliye bachoo ko daily 30hrs meners ka class lena chahiye
ReplyDeleteबच्चों का यौन शोषण एक चिंताजनक स्थिति है। ऐसी घटनाएं अखबारों में, टीवी चैनल के द्वारा खबरें, कभी कभी कानों के द्वारा अपने आस पड़ोस में ऐसी खबरें सुनने को मिलती हैं। इस लिए हम शिक्षक होने के नाते बच्चों को जागरूक बनाये। विशेषकर यौन शोषण को रोकने के लिए उचित व्यवहार, उचित कपड़े पहिनावा अपनाकर यौन शोषण को रोक सकते है। हम शिक्षकों को हमेशा सचेत होकर बच्चों को प्रेरित करते रहना चाहिए।
ReplyDeleteYah module bahut achcha tha
ReplyDeleteबच्चो के प्रति हमें सतर्क रहना चाहिए उनकी भावनाओ को समझना चाहिए सही चीजों को जानकारी देना चाहिए|
ReplyDeleteहमे विद्यार्थियों के प्रति हमेशा समानुभूति पूर्ण व्यवहार से जागृत करते हुए उन्हें जागरूक करना है। उनके अधिकार के प्रति उन्हें सजग करना हमारा धर्म है। हमे उनकी भावना का कदर करते हुए उन्हें अच्छे इंसान बनाना है।
ReplyDeleteहम बच्चों के प्रति हमेशा सहानुभूति पूर्ण व्यवहार से जागृत करते हुए जागरूक करना है उनके अधिकार के प्रति उन्हें सजा करना है हमारा धर्म है हमें उनकी भावना का कदर करते हुए उन्हें अच्छे इंसान बनाने का प्रयास करना है ताकि बच्चे सुरक्षित रहे और उनकी सुरक्षा प्रदान कर सकें विद्यालय में बच्चों की सुरक्षा का जिम्मेवार हम पर
ReplyDeleteहम बच्चों के प्रति हमेशा सहानुभूति पूर्ण व्यवहार से जागृत करते हुए जागरूक करना है उनके अधिकार के प्रति उन्हें सजा करना है हमारा धर्म है हमें उनकी भावना का कदर करते हुए उन्हें अच्छे इंसान बनाने का प्रयास करना है ताकि बच्चे सुरक्षित रहे और उनकी सुरक्षा प्रदान कर सकें विद्यालय में बच्चों की सुरक्षा का जिम्मेवार हम पर है हमें उनकी मान सम्मान की रक्षा करनी चाहिए
ReplyDeleteGood content
ReplyDeleteMaahol, ghar parivaar bhi gaali detaa hogaa.
ReplyDeleteविद्यालय मेँ बच्चों को बाल अधिकार और कर्तब्य से अवगत कराया जाना चाहिए
ReplyDeletewe should teach our students about good touch and bad touch
ReplyDeleteविद्यालय मेँ बच्चों को बाल अधिकार और कर्तब्य से अवगत कराया जाना चाहिए
ReplyDeleteYes
ReplyDeleteEvery child has the right to a full and productive life. It is up to all of us to ensure our children grow up in the environments that build confidence, friendship, security and happiness, irrespective their family circumstances or backgrounds. Keeping children safe from harm requires a vigilant and informed community.
ReplyDeleteहमे विद्यार्थियों के प्रति हमेशा समानुभूति पूर्ण व्यवहार से जागृत करते हुए उन्हें जागरूक करना है। उनके अधिकार के प्रति उन्हें सजग करना हमारा धर्म है। हमे उनकी भावना का कदर करते हुए उन्हें अच्छे इंसान बनाना है।
ReplyDeleteबच्चों का यौन शोषण एक गंभीर समस्या है यह घटना कहीं भी हो सकती है एक शिक्षक होने के नाते नाते बच्चों को यह जागरूक करना चाहिए कि यौन शोषण किन परिस्थिति में होता है और उससे बचाव के क्या-क्या उपाय हो सकते हैं इसके प्रति बच्चों को जागरूक कर हम उन्हें इस समस्या से बचने में मदद कर सकते हैं
ReplyDeleteSex education in the right way
ReplyDeleteविद्यालय में विद्यार्थियों को उनके 'बाल अधिकार और कर्त्तव्यों' के बारे में विस्तारपूर्वक बताना चाहिए।
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