हमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों की क्या भूमिका है? क्या वे सीखने में मदद करते हैं? क्या माध्यमिक स्तर के शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास में शिक्षक भूमिका निभाते हैं? अपनी समझ साझा करें।
This blog is for online NISHTHA Training for Jharkhand State. You are welcome to share your reflections/comments/suggestions on this page.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
कोर्स 12 : गतिविधि 5 : खिलौना क्षेत्र का सृजन – अपने विचार साझा करें
आप अपनी कक्षा/ स्कूल में खिलौना क्षेत्र कैसे सृजित करेंगे – इस बारे में सोचें। डी-आई-वाई खिलौनों का सृजन करने में बच्चों की सहायता के लिए ...
-
COVID-19 (कोरोना वायरस) के दौरान, आप अपने विद्यार्थियों के साथ किस प्रकार संपर्क में रहे? आपने अपने शिक्षण में क्या मुख्य बदलाव किये? अपने अ...
-
आई.सी.टी. से क्या तात्पर्य है ?
-
How does ICT support your Teaching- Learning- Assessment? Take a moment to reflect and share your understanding in the comment box.
शिक्षार्थियों में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास
ReplyDeleteसकारात्मक गुण बच्चो के लिए लाभकारी होते है,जबकि नकारात्म गुण बच्चो के लिए हितकारी नही होता।
Deleteविद्यार्थी में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के विकास के लिए शिक्षकों को सतत प्रयासरत रहना चाहिए।
Deleteशिक्षार्थियों में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों के विकास
ReplyDeleteहमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सकारात्मक गुणों से सोचने समझने में मददगार होता है तथा उत्साहवर्धक होता है। जबकि नकारात्मक गुणों से निराशा और हतोत्साहित करने वाली होती है। इसमें शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षक को चाहिए कि शिक्षार्थियों में सकारात्मक व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों का विकास करें। ताकि वे उत्साहपूर्वक अध्ययन कर सकें।
ReplyDeleteहम अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन व्यक्तिगत सामाजिक गुणों का निर्वाह करते हैं।व्यक्तिगत विभिन्नताओं के कारण एक दूसरे से अलग होता है। अपने इन्हीं गुणों से हम प्रतिदिन सीखते है। जैसे हमारी किसी बात से किसी को दुख पहुंचता है तो हम यह सोचने लगते है कि मैने कोई गलत बात तो नहीं कह दी या मेरे बोलने का लहजा गलत था। अंत में हम सही निष्कर्ष पर पहुंचते है और भविष्य में ऐसा न करने का सीखते हैं। माध्यमिक स्तर के विद्यार्थी उम्र के उस पड़ाव में होते है जहाँ भावनात्मक विकास अपनी मजबूती तलाश कर रहा होता है। ऐसे समय में शिक्षक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विद्यालय में शिक्षक समूह में कार्य करने का टास्क देते है जिसे विद्यार्थी आपसी सहयोग से पूरा करते हैंं,सहयोग और सामाजिकता की भावना का विद्यार्थियों में विकास होता है। शिक्षक विभिन्न समारोह में विद्यार्थियों में नेतृत्व गुणों एवं प्रबन्धन में मार्ग दर्शक की भूमिका निभाता है।
ReplyDeleteसकारात्मक गुण बच्चो के लिए लाभकारी होते है,जबकि नकारात्म गुण बच्चो के लिए हितकारी नही होता।
ReplyDeleteTeacher bhi samajik prani hai,samaj me kya galat, kya sahi hai, iski jankari Teacher ko,Samajik insan ko pata hai.teacher ka kam kewal kitabi gyan batna hi nahi hai, samaj ko ayina, dikhane ka kam bhi hai.jo ki wo apne students se hi shuru karta hai.
ReplyDeleteव्यक्तिगत-सामाजिक गुणों को पहचानने और प्रदर्शित करने से वे विद्यालय में विद्यार्थियों और अन्य लोगों के साथ अधिक सहायक एवं उत्साहजनक तरीके से बातचीत करते हैं तथा व्यवहार संबंधी दिशानिर्देश निर्धारित करते हैं। इसलिए शिक्षक अपनी दक्षता और कौशल के माध्यम से विद्यार्थियों को एक समान योगदान देते हैं।
ReplyDeleteविद्यालय की भूमिका ही बच्चे को सामाजिक जीवन मे सामंजन करना है इसलिए उनकी समस्त गतिविधि सामुहिक होती है जिससे उनमे प्रतियोगिता की भावना विकसित होती है और वह देश और समाज के लिए धरोहर बनते हैं।
ReplyDeleteहमारे दैनिक जीवन में वयक्तिक सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है|यह हमें विभिन्न परिस्थितियों में समायोजन के लिए सक्षम बनाती है साथ ही चुनौतिपूर्णस्थितियों का सम्मान करना सिखाती है|शिक्षक स्कूल एवम कक्षा में इन गुणों को पोषित कर छात्रों के लिए स्वस्थ वातावरण तैयार करते है जिससे उन्हें सीखने में मदद मिलती है|शिक्षक माध्यमिक स्तर के छात्रों के समग्र विकास सुनिश्चित करने में सूत्रधार बनते है| वे न केवल ज्ञान प्रदान करते है बल्कि जीवन के हर पहलू (व्यक्तिगत,सामाजिक और शैक्षिक ) में अपना सर्वश्रेष्ठ देने में सक्षम बनाते है|
ReplyDeleteबच्चों पर शिक्षक की बातों का बहुत ज्यादा ही प्रभाव पड़ता है इसलिए उनके अंदर सकारात्मक गुणों का विकास बहुत ही सरल ढंग से कर सकते हैं जो उनके जीवन के विकास के लिए महत्वपूर्ण है नकारात्मक सोच या विचार बच्चों के लिए उनके विकास के लिए सही नहीं होता अतः शिक्षकों का दायित्व है वे बच्चों में सकारात्मक विचार विकसित करें क्योंकि शिक्षकों की बातों का प्रभाव बच्चों पर ज्यादा होता है l
ReplyDeleteछात्रों में ब्यक्तिगत सामाजिक गुण मौजूद रहते है वे अपने गुण के कारण अच्छे और बुरे होते हैं
ReplyDeleteछात्रो मे व्यक्तिगत सामाजिक गुणों का विकास होना
ReplyDeleteवेक्गितगत सामाजिक गुणों के कारण विद्यालय के परिवेश को सकारात्मक बनाए रखने में मदद मिलती हैं और छात्र जीवन को बेहतर बनाने में मदद मिलती हैं।
ReplyDeleteहम अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन व्यक्तिगत सामाजिक गुणों का निर्वाह करते हैं।व्यक्तिगत विभिन्नताओं के कारण एक दूसरे से अलग होता है। अपने इन्हीं गुणों से हम प्रतिदिन सीखते है। जैसे हमारी किसी बात से किसी को दुख पहुंचता है तो हम यह सोचने लगते है कि मैने कोई गलत बात तो नहीं कह दी या मेरे बोलने का लहजा गलत था। अंत में हम सही निष्कर्ष पर पहुंचते है और भविष्य में ऐसा न करने का सीखते हैं।शिक्षक विभिन्न समारोह में विद्यार्थियों में नेतृत्व गुणों एवं प्रबन्धन में मार्ग दर्शक की भूमिका निभाता है।
ReplyDeleteसामाजिक गुणों को बच्चों में विकास करने के लिए संस्कार देना बहुत जरुरी है
ReplyDeleteविद्यार्थियों मे व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के विकास के लिए सकारात्मक भाव का प्रदर्शन अतिआवश्यक है.
ReplyDeleteहमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है।यह हमें विभिन्न परिस्थितियों में समायोजन के लिए सक्षम बनाती है साथ ही चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सम्मान करना सिखाती है।शिक्षक स्कूल एवं कक्षा में इन गुणों को पोषित कर छात्रों के लिए स्वस्थ वातावरण तैयार करते हैं जिससे उन्हें सीखाने में मदद मिलती है। शिक्षक माध्यमिक स्तर के छात्रों के समग्र विकास सुनिश्चित करने में सूत्रधार बनते हैं। ये न केवल ज्ञान प्राप्त करते हैं बल्कि जीवन के हर पहलू ( व्यक्तिगत, सामाजिक, शैक्षिक ) में अपना सर्वश्रेष्ठ देने में सक्षम बनाते हैं।
ReplyDeleteहमारे दैनिक जीवन में वयक्तिगत सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है।इसके माध्यम से शिक्षार्थी हर पल कुछ न कुछ सीखता रहता है।माध्यमिक स्तर में शिक्षक के व्यक्तित्व एवं उनके व्यवहार का प्रत्यक्ष प्रभाव शिक्षार्थियों पर पड़ता है।
ReplyDeleteहमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत-सामाजिक गुणों का महत्वपूर्ण भूमिका है।यह हमें विभिन्न परिस्थितियों में समायोजन के लिए सक्षम बनाता है साथ ही चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करना सीखाती है। शिक्षक स्कूल और कक्षा में इन गुणों को पोषित कर छात्रों। के लिए स्वस्थ वातावरण तैयार करते हैैं जिससे उन्हें जीवन के हर पहलू में सीखने का अनुभव ,अवसर , सफलता प्राप्त होती है तथा वे संतुलन बनाने में सक्षम होते हैं। शिक्षक माध्यमिक स्तर के छात्रों के समग्र विकास सुनिश्चित करने में सूत्रधार के रूप में सर्वदा तत्पर होते हैं।वे न केवल ज्ञान और संज्ञानात्मक विकास की शक्ति प्रदान करते, अपितु जीवन के हर पहलू में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन उपस्थित कराने और देने में सक्षम बनाते हैं।
ReplyDeleteVidyarthiyon mein vyaktigat Samajik guno ke Vikas ke liye sakaratmak Bhav ka Pradarshan Ati avashyak Hai
ReplyDeleteHamare life me personal social gun ka mahtvapurn sthan hai ye hame samaj me santulit jovan jina sikhata hai teacher in guno ke vikas me mahtvapurn bhumika nibhate hai
ReplyDeleteव्यक्तिगत सामाजिक गुण विद्यार्थियों के सीखने में महती भूमिका निभाते हैं। यदि शिक्षार्थी की प्रकृति सकारात्मक है तो वह हर परिस्थिति में सामंजस्य स्थापित कर अपने लक्ष्य की तरफ आगे बढ़ेगा। जबकि विपरीत प्रकृति वाले छात्र समूह से दूर होते जाते हैं तथा अपना धैर्य खो देते हैं। शिक्षक इन छात्रों में इन सामाजिक गुणों का विकास करके महत्त्वपूर्ण निभा सकते हैं।
ReplyDeleteसामाजिक गुणों को बच्चों में विकास करने के लिए संस्कार देना बहुत जरुरी है very danger
ReplyDeleteहमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत - सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका हैं। हाँ वे सीखने मैं मदद करते हैं। माध्यमिक अस्तर कर शिक्षार्थियों मैं व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास मैं शिक्षक की भूमिका अहम होती हैं । शिक्षक शिक्षार्थियों को सही और गलत पहलुओं की पहचान करने में मदद करते हैं। दुसरो के साथ , समाज के प्रति तथा परविवर के सदस्यो के प्रति कैसा आचरण करना चाहिए आदि चीज़ों को सीखने मैं शिक्षक सहयोग करते हैं।
ReplyDeleteSamajik gun hamare jeevan m atayant mahatwapurn bhumika nibhate hai. Ye hame samaj s jod kar rakhte hai aur hame vyavarik bnate hai. Sikshak apne samajik guno s vidyarathi ko ache bure ki pehchan krte hai .
ReplyDeleteHan shiksharthi Mein vyaktigat Samajik gunon ke Vikas aur Abhyas Mein Shikshak mahatvpurn Bhumika nibhate Hain Shikshak bacchon Mein Ek Kushal vyaktigat Samajik gunon ka Vikas karne mein Saksham hote hain ya gun shiksharthi ko Jivan ke har Kshetra Mein Safal Banane Mein madad karta hai
ReplyDeleteहमारे दैनिक जीवन में व्यक्तिगत सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसी गुणों से हमारे सोच, व्यवहार प्रकाशित होती है। इन गुणों के मदद से हमलोग सतत सीख सकते हैं।
ReplyDeleteहमारे दैनिक जीवन में वयक्तिगत सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है।इसके माध्यम से शिक्षार्थी हर पल कुछ न कुछ सीखता रहता है।माध्यमिक स्तर में शिक्षक के व्यक्तित्व एवं उनके व्यवहार का प्रत्यक्ष प्रभाव शिक्षार्थियों पर पड़ता है। शिक्षक हमेशा सकारात्मक सोच ही विद्यर्थियों के साथ रखते है।
ReplyDeleteVidyarthiyo me vyaktigat samajik Guno ke vikash ke liye sakaratmak bhav ka hon ati aawashyak hai.
ReplyDeleteहमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका है। चूंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। अतः उसे समाज मे रहने के लिए सकारात्मक सामाजिक एवं व्यक्तिगत गुणों को अपनाने की जरूरत है।बच्चों के व्यक्तिगत- सामाजिक गुणों के विकास में शिक्षक ही सकारात्मक भूमिका निभा सकते हैं।
ReplyDeleteदैनिक जीवन में बच्चों के शारीरिक, मानसिक अध्यात्मिक विकास में व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है। इन गुणों के विकास में शिक्षकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
ReplyDeleteSakaratmak gun bachcho ke liye labhkari hote hai
ReplyDeleteUHS BASWARIYA DEOGHAR
ReplyDeleteSuneeta Assistant Teacher
व्यक्तिगत सामाजिक गुण हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बच्चे आस पास के वातवरन से बहुत प्रभावित होते हैं। समाज में उनके हर काम और व्यवहार के लिए उन्हें अलग अलग प्रतिकिया मिलती है। समाज के प्रतिकिया के अनसार बच्चे अपने व्यवहार में परिवर्तन करते हैं तकी सब उन्हें अच्छा कहा. हमें मज़ाक करने से हम यातो चुपचाप हो जाते हैं या स्कूल आना छोड़ देते हैं। कुछ बच्चे मज़ाक का जवाब गुसा कर देते हैं।ऐसी तरह बच्चों हर भावना का विकास में समाज का योगदन होता है। हां, सिखने में मदद करते हैं। शिक्षक की अहम भूमिका होती है.वे गुरु दोस्त और मार्गदर्शक होते हैं.बच्चे गुरु की बात जरूर करते हैं.
हमारे दैनिक जीवन मे व्यक्तिगत - सामाजिक गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका हैं। हाँ वे सीखने मैं मदद करते हैं। माध्यमिक अस्तर कर शिक्षार्थियों मैं व्यक्तिगत सामाजिक गुणों के विकास और अभ्यास मैं शिक्षक की भूमिका अहम होती हैं । शिक्षक शिक्षार्थियों को सही और गलत पहलुओं की पहचान करने में मदद करते हैं। दुसरो के साथ , समाज के प्रति तथा परविवर के सदस्यो के प्रति कैसा आचरण करना चाहिए आदि चीज़ों को सीखने मैं शिक्षक सहयोग करते हैं।
ReplyDeleteसामाजिक गुणों को बच्चों में विकास करने के लिए संस्कार देना बहुत जरुरी है
ReplyDeleteबच्चों पर शिक्षक की बातों का बहुत ज्यादा ही प्रभाव पड़ता है इसलिए उनके अंदर सकारात्मक गुणों का विकास बहुत ही सरल ढंग से कर सकते हैं जो उनके जीवन के विकास के लिए महत्वपूर्ण है नकारात्मक सोच या विचार बच्चों के लिए उनके विकास के लिए सही नहीं होता अतः शिक्षकों का दायित्व है वे बच्चों में सकारात्मक विचार विकसित करें क्योंकि शिक्षकों की बातों का प्रभाव बच्चों पर ज्यादा होता है l
ReplyDelete