Friday, 27 August 2021

कोर्स 05 गतिविधि 5 - अपने विचार साझा करना

 सहपाठियों की भूमिका –अपने विचार साझा करें

अपने किशोरावस्था के वर्षों के बारे में सोचें जब आपने अपने दोस्तों द्वारा मजेदार लगने वाली चीज़ो

को करने की कोशिश की, जैसे चोरी करना,  ड्रग्स लेना या धूम्रपान करनाI ऐसी स्थिति में आपने क्या किया ?आपके विचार, भावनाएं, और रणनीतियां क्या थीं? ब्लॉग पोस्ट में अपने विचार साझा करेंI

29 comments:

  1. Adolescent is important as well as tough stage of life. By applying life skills every problems can be solved in positive ways.

    ReplyDelete
  2. Agood parent and a good teachers advice is always needed.by follow there good word you prevent all such type of bad things.

    ReplyDelete
  3. Agood parent and a good teachers advice is always needed.by follow there good word you prevent all such type of bad things.

    Reply

    ReplyDelete
  4. अभिभावक और शिक्षक की सहायता से हमेशा अच्छी आदतों को अपनाने की कोशिश की है।

    ReplyDelete
  5. अभिभावक और शिक्षक को आदर्श मानकर उनका सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त कर स्वस्थ व्यवहार करना सीखा, सभी बुरी आदतों में सुधार कर अच्छी आदतों को आत्मसात करने का प्रयत्न किया।

    ReplyDelete
  6. अभिभावक और शिक्षक को आदर्श मानकर उनका सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त कर स्वस्थ व्यवहार करना सीखा, सभी बुरी आदतों को सुधार कर अच्छी आदतों को आत्मसात करने का प्रयत्न किया।

    ReplyDelete
  7. Shagufta Parw अभिभावक और शिक्षक को आदर्श मानकर उनका सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त करें स्वस्थ व्यवहार करना सीखा सभी बुरी आदतों को सुधार कर अच्छी आदतों को अपनाने की कोशिश की ह

    ReplyDelete
  8. Sarika Hemrom शिक्षक और अभिभावक के आदर्श सहयोग से और मार्गदर्शन से बुरी आदतों को सुधार कर अच्छी आदतों को आत्मसात करना आसान हो जाता है

    ReplyDelete
  9. अभिभावक और शिक्षक को आदर्श मानकर उनका सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त कर स्वस्थ व्यवहार करना सीखा, सभी बुरी आदतों को सुधार कर अच्छी आदतों को आत्मसात करने का प्रयत्न किया

    ReplyDelete
  10. शिक्षक और अभिभावकों के मार्गदर्शन प्राप्त कर अच्छी आदतों की ओर प्रसस्त हो्ना|

    ReplyDelete
  11. अपने सहपाठियों एवं मित्रों के साथ सदैव अच्छे व्यवहार को आत्मसात किया।

    ReplyDelete
  12. Matilda Marandi
    Very Very beneficial to us.

    ReplyDelete
  13. अभिभावक और शिक्षक को आदर्श /श्रेष्ठ समझकर उनके मार्गदर्शन में बुरी आदतों को छोड़ा,नियमित अध्ययन, रचनात्मक सोच विचार और चिन्तन पर फोकस किया अपने व्यवहारों को सामाजिक और मानवीय व्यवहारों तबदील किया

    ReplyDelete
  14. Aisi sthiti Mein Mere Shikshak Ne Mere abhibhavak ke Sahyog Se Mujhe Meri Buri aadaton se chutkara delay Jab Meri Buri aadaten chhut Gai Tab Se Main Apne Shikshak Aur abhibhavak Ko Aadarsh Mankar Jivan ke Sahi path per chalne laga aur dusron ko bhi Buri Aadat chhodane ke liye prerit Karne Laga

    ReplyDelete
  15. किशोरावस्था में हम काफी चंचल होत हैं अपने सहपाठियों के साथ मिलकर कोई ग़लत काम करने में काफी मजा आता है लेकिन उस समय हम ग़लत और सही का़ विभेद नहीं कर पाते हैं ऐसे में हमारे शिक्षक ही सही मार्ग दर्शन करते हैं

    ReplyDelete
  16. किशोरावस्था में अपने शारीरिक बदलाव एवं व्यवहार को अपने सहपाठियों से सीखा मैं वैसे सहपाठियों के साथ रहा जिनकी सोच सकारात्मक रही नकारात्मक सोच वाले सहपाठियों से मैंने परहेज किया। अपने अभिभावक एवं शिक्षक के मार्गदर्शन में एक कुशल व्यवहार को अपनाते हुए अपने सार्थक जीवन की ओर अग्रसर हुआ।

    ReplyDelete
  17. किशोरावस्था में चूं कि अपने सहपाठियों के साथ मिलकर कोई ग़लत काम करने में काफी मजा आता है लेकिन उस समय क्या ग़लत है और क्या सही है उसका अन्तर नहीं कर सकते हैं ऐसे में शिक्षक ही हमारा मांग दर्शन करते हैं

    ReplyDelete
  18. Avibhavak aur Sikshikaon ki prerna se sadaiv achha kam hi kiya hai

    ReplyDelete
  19. अभिभावक व शिक्षकों के मार्गदर्शन ने नैतिक व मानवीय मूल्य को समझने, व उन्हे आत्मसात करने के लिए हमेशा प्रेरित किया। उन्होंने जीवन को दिशा दी।

    ReplyDelete
  20. Hamesha achhi aadto ko hi dosto se sikha

    ReplyDelete
  21. One should always try to be in right path,in case of friend circle ,one should try to adapt only good things and to neglect bad habbits .things which we need to hide from parents and society are bad or wrong things which need to be prevented.

    ReplyDelete
  22. माता - पिता के सच्चरित्र, बड़े भाई - बहनों के मार्गदर्शन ने कभी भी उस ओर मुड़ने नहीं दिया। सण्डे स्कूल की शिक्षा ( चर्च की इकाई ) ने चरित्र की पवित्रता की शिक्षा दी। रचनात्मक कार्यों में झुकाव की वजह से बुरी आदतों के लिए अवकाश ही नहीं रहा।

    ReplyDelete
  23. Hamesha good habits ko friends se shiksha.

    ReplyDelete
  24. शिक्षक और माता पिता या कोई भी अभिभावक के अच्छे मार्गदर्शन से हमेशा मन में सकारात्मक विचार आते रहे है। बुरी बातें कभी मन में आया ही नहीं।

    ReplyDelete
  25. शराब को दोस्तो के कहने पर लिए थे।पर स्वाद इतना खराब लगा की उसके बाद मैंने कभी नहीं लिया। मैने तब स्रीफ चखने तक ही सीमित रखा।

    ReplyDelete
  26. अभिभावक और शिक्षक को आदर्श मानकर उनका सहयोग और मार्गदर्शन प्राप्त कर स्वस्थ व्यवहार करना सीखा, सभी बुरी आदतों को सुधार कर अच्छी आदतों को आत्मसात करने का प्रयत्न किया।

    ReplyDelete
  27. माता पिता एवं शिक्षकों ने यह बताया कि अच्छे मित्रों की संगति करो। काफी लाभदायक रहा ,हमने जीवन में खास करके किशोरावस्था में कई गलतियां की , परंतु गलतियों को सीढ़ी बनाकर जीवन में आगे बढ़ते गया।

    ReplyDelete
  28. किशोरावस्था में अपने शारीरिक बदलाव एवं व्यवहार को अपने सहपाठियों से सीखा मैं वैसे सहपाठियों के साथ रहा जिनकी सोच सकारात्मक रही नकारात्मक सोच वाले सहपाठियों से मैंने परहेज किया। अपने अभिभावक एवं शिक्षक के मार्गदर्शन में एक कुशल व्यवहार को अपनाते हुए अपने सार्थक जीवन की ओर अग्रसर हुआ।

    ReplyDelete

कोर्स 12 : गतिविधि 5 : खि‍लौना क्षेत्र का सृजन – अपने विचार साझा करें

आप अपनी कक्षा/ स्कूल में खि‍लौना क्षेत्र कैसे सृजित करेंगे – इस बारे में सोचें। डी-आई-वाई खि‍लौनों का सृजन करने में बच्चों की सहायता के लिए ...