अपने जिले/ राज्य
के लिंगानुपात के जनगणना के आंकड़े को देखिये और उसकी तुलना में राष्ट्रिय
लिंगानुपात से कीजिये I लिंगानुपात के सन्दर्भ में आपके जिले राज्य के अछे अथवा
बुरे प्रदर्शन के क्या कारण हो सकते हैं ?
अपने विचारों को साझा कीजिय I
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आप अपनी कक्षा/ स्कूल में खिलौना क्षेत्र कैसे सृजित करेंगे – इस बारे में सोचें। डी-आई-वाई खिलौनों का सृजन करने में बच्चों की सहायता के लिए ...
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ReplyDeleteArthik sthiti
DeleteMritu dar ki sthiti
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DeleteArthik shisthti
ReplyDeleteछात्रों के संख्या के अनुपात में शिक्षकों की कमी।
ReplyDeleteहमारे देश में राष्ट्रीय जनगणना के आंकड़ों को देखा जाए तो लिंगानुपात में बहुत अंतर नहीं है पर शिक्षा की कमी के कारण हमारा राज्य पिछड़ा हुआ है। हमारे राज्य में जेंडर भेदभाव नहीं किया जाता है महिलाओं को पुरुषों के समान बराबर का दर्जा दिया जाता है।
ReplyDeleteTeacher should be tallented
ReplyDeleteहमारे राज्य का लिंगानुपात राष्ट्रीय लिंगानुपात से कम है और इसका कारण अशिक्षा और लिंगगत भेदभाव है।
ReplyDeleteWhile study this situation I think poor thinking regarding male and female child. Medical facilities in rural areas also effected this. So broad thinking should be develop in each Indians in this connection. Many steps are taken by the govt. to develop girl education. Hopefully coming time will fulfill this gap.
ReplyDeleteWith continuous effort, we can improve the sex ratio.Our government has taken many important decisions to break old tradition.
ReplyDeleteहमारे देश में राष्ट्रीय जनगणना के आंकड़ों को देखा जाए तो लिंगानुपात में बहुत अंतर नहीं है पर शिक्षा की कमी के कारण हमारा राज्य पिछड़ा हुआ है। हमारे राज्य में जेंडर भेदभाव किसी किसी क्षेत्रों में कम है। कहीं कहीं भेदभाव देखा जाता है। किसी किसी क्षेत्र में महिलाओं को पुरुषों के समान बराबर का दर्जा दिया जाता है। Bhanu Pratap Manjhi, UHS CHIPRI, ICHAGARH.SERAIKELA-KHARSWAN.JHARKHAND
ReplyDeleteहमारे देश में राष्ट्रीय जनगणना के आंकड़ों को देखा जाए तो लिंगानुपात में बहुत अंतर नहीं है पर शिक्षा की कमी के कारण हमारा राज्य पिछड़ा हुआ है। हमारे राज्य में जेंडर भेदभाव नहीं किया जाता है महिलाओं को पुरुषों के समान बराबर का दर्जा दिया जाता है। Shripati Singh Munda.UHS CHIPRI ICHAGARH SARAIKELLA KHARSWAN
ReplyDeleteSocial backwardness
ReplyDeleteHmare rajya m gender bhedbhaw utna nahi kiya jata .. mahilaon ko v saman adhikar h
ReplyDeleteGendersteriotype and uneducation
ReplyDeleteगत वर्ष से कोरोना महामारी के कारण विद्यालय में न आने से उनके अन्दर शिक्षण स्तर में जो गिरावट आई उसकी पूर्ति आॕनलाईन कक्षा में पूरा करना थोड़ा कठिन तो था परन्तु एक बेहतर प्रयास द्वारा उसको सुधारा जा सकता है |
ReplyDeleteगरीबी अशिक्षा सामाजिक कुरीतियां अंधविश्वास दहेजप्रथा
ReplyDeleteअपने जिले एवं राज्य के लिंगानुपात के जनगणना का राष्ट्रीय परिदृश्य के तुलनात्मक अध्ययन में थोड़ा अंतर है इसका मुख्य कारण अशिक्षा, सामाजिक लिंग भेद कुरीति, बहराइच कुप्रथा है। पुरुषों द्वारा हमारे समाज में लिंग निर्धारण के लिए महिलाओं को दोष देना भी बिल्कुल गलत धारणा है। इसके लिए हमें समाज को शिक्षित कर एवं सामाजिक जागरूकता लाकर इसे संतुलित किया जा सकता है।
ReplyDeleteवर्ष से कोरोना महामारी के कारण विद्यालय में न आने से उनके अन्दर शिक्षण स्तर में जो गिरावट आई उसकी पूर्ति आॕनलाईन कक्षा में पूरा करना थोड़ा कठिन तो था परन्तु एक बेहतर प्रयास द्वारा उसको सुधारा जा सकता है |
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Samaji sanskritik air arthik tino hi jimmevar hai
ReplyDeleteSiksha ke saath jagrookta ki kami iski sabse badi wajhah hai.
ReplyDeleteMujhe bahut kuch avi sikhna hai
ReplyDeleteहमारे देश में राष्ट्रीय जनगणना के आंकड़ों को देखा जाए तो लिंगानुपात में बहुत अंतर नहीं है पर शिक्षा की कमी के कारण हमारा राज्य पिछड़ा हुआ है। हमारे राज्य में जेंडर भेदभाव किसी किसी क्षेत्रों में कम है। कहीं कहीं भेदभाव देखा जाता है। किसी किसी क्षेत्र में महिलाओं को पुरुषों के समान बराबर का दर्जा दिया जाता है।
ReplyDeleteShiksha ke kami ke sath jagrookta ke kami iske sabse badi wajhah hai.
ReplyDeleteWe will do it. It is very essential part for gender equality.
ReplyDeleteLots of myth among our people...still present
ReplyDeleteसामाजिक कारणों से महिलाओं को आज भी समाज में कमजोर स्थिति बनी हुई है।
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