Friday, 29 October 2021

FLN कोर्स 04 - गतिविधि 03 : अपने विचार साझा करें

 इन बिन्दुओं पर ध्यानपूर्वक विचार करें – पालक शिक्षक संघ की बैठक कितनी अवधि में की जाती है ?अभिवावकों से किस तरह की चर्चा की जाती है ? यह कैसे पता लगायें कि अभिवावक, विद्यालय और शिक्षक शिक्षिकाओं की किस प्रकार प्रभावी मदद कर सकते हैं ? यह कैसे पता लगायें कि अभिभावक विद्यालय और शिक्षक-शिक्षिकाओं की किस प्रकार प्रभावी मदद कर सकते हैं I क्या आपने अभिभावकों की चिंताओं तथा उनके निराकरण के उपायों के बारे में सोचा है ? इन समस्याओं तथा निराकरण के उपायों के बारे में गंभीरता से चिंतन करके अपने विचार साझा करें I

225 comments:

  1. विद्यालय में एक या दो महीने में एक avibhavak शिक्षक बैठक का आयोजन किया जाता है जिसमें उन्हें unake बच्चों के समग्र विकास के सन्दर्भ में बात किया जाता है साथ ही विभिन्न विद्यालयी गतिविधियों के सन्दर्भ में बातचीत की जाती है।

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  2. विद्यालय में अभिभावक की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है।शिक्षक को अभिभावक से छात्रों की जानकारी मिलती है।विद्यालय विकास में सामाजिक भागीदारी बढ़ती है।छात्रों को भी विद्यालय से जुड़ाव महसूस होता जब उनके माता पिता को विद्यालय में बुलाते है।इसे नियमित करना चाहिये

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  3. विद्यालय में अभिभावक की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढती हैं शिक्षक अभिभावकों से छात्रों की जानकारी मिलती हैं विद्यालय विकास में सामाजिक भागिदारी बढती हैं

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  4. विद्यालय में PTM हर माह होनी चाहिए। अभिभावकों की चिन्ताओं का समाधान उनसे करके ही हो सकता है। छात्रों की अधिगम संबंधी समस्याओ की जानकारी मिलती है।शिक्षकों और अभिभावकों के सामुहिक प्रयास से बहुत अच्छे नतीजे मिल सकते हैं।
    मु० अफ़ज़ल हुसैन,
    उर्दू प्राथमिक विद्यालय मंझलाडीह, शिकारीपाड़ा,दुमका।

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  5. पालक शिक्षक संघ की की परिकल्पनाओं के अनुरूप ही हमारे राज्य झारखण्ड के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रत्येक माह के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक को करना अनिवार्य किया गया है।इस बैठक में शिक्षक,अभिभावक,विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में अन्य हितकारी समूह आपस में बैठकर विद्यालय विकसित एवं शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित एक विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने का कार्य करते हैं।यहाँ अभिभावकों के कठिनाईयों,बच्चों के मुद्दे सहित अन्य बातों पर विस्तार पूर्वक चर्चा-परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।सर्वसम्मति से समस्या समाधान पर अंतिम निर्णय लिया जाता है।इसके परिणाम लगातार सकारात्मक दिखाई पड़ रहे हैं।बहुत-बहुत धन्यवाद।

    कौशल किशोर राय,
    सहायक शिक्षक,
    उत्क्रमित उच्च विद्यालय पुनासी,
    शैक्षणिक अंचल:-जसीडीह,
    जिला:- देवघर,
    राज्य:- झारखण्ड

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  6. पालक शिक्षक संघ की की परिकल्पनाओं के अनुरूप ही हमारे राज्य झारखण्ड के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रत्येक माह के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक को करना अनिवार्य किया गया है।इस बैठक में शिक्षक,अभिभावक,विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में अन्य हितकारी समूह आपस में बैठकर विद्यालय विकास एवं शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित एक विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने का कार्य करते हैं।यहाँ अभिभावकों के कठिनाईयों,बच्चों के मुद्दे सहित अन्य बातों पर विस्तार पूर्वक चर्चा-परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।सर्वसम्मति से समस्या समाधान पर अंतिम निर्णय लिया जाता है।इसके परिणाम लगातार सकारात्मक दिखाई पड़ रहे हैं।बहुत-बहुत धन्यवाद।

    कौशल किशोर राय,
    सहायक शिक्षक,
    उत्क्रमित उच्च विद्यालय पुनासी,
    शैक्षणिक अंचल:-जसीडीह,
    जिला:- देवघर,
    राज्य:- झारखण्ड

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  7. बच्चों के विकास में PTM काफी सहायक है।PTM से बच्चों की समस्याओं की जानकारी प्राप्त होती है।शिक्षक एवं अभिभावकों के सहयोग से समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है।इससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति उत्साह एवं लगाव बढने लगता है।

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    1. बच्चों के विकास में पी टी एम काफी सहायक है। पी टी एम से बच्चों की समस्यायों की जानकारी प्राप्त होती है। शिक्षक एवं अभिभावकों के सहयोग से समस्यायों का समाधान निकाला जा सकता है। इससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति उत्साह एवं लगाव बढ़ने लगता है।

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    2. विद्यालय में पी टी एम आयोजित करना चाहिए। इससे बच्चों के सर्वांगीण विकास में काफी मदद मिलती है। अभिभावक और शिक्षक बच्चों के समस्या के बारे में जानकारी प्राप्त होती है और उनकी समस्या को दूर करने का प्रयास करते हैं।

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  8. PTM,bachhon ke shaishnik aur baudhik vikas ke liye bahut mahatwpurn hai.shikshak aur abhibhawak milkar bachhon ki samasyaon ke prati jagruk rahenge jis se bachhon ko protsahan milega.

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    1. PTM, bacchon ke shaishinik aur bauddhik vikash ke liye bahut mahatwpurn hai. Shikshak aur abhibhawak milkar bacchon ki samasyaon ke prati jagruk rahenge jis se bacchon ko protsahan milega.

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    2. विद्यालय में पीटीएम की बैठक का करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है। छात्रों को भी विद्यालय से जुड़ाव महसूस होता है।जब उनके माता-पिता को विद्यालय में बुलाया जाता है

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  9. अभिभावक और शिक्षकों की बैठक सप्ताह में एक बार होना चाहिए जिसमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों की जानकारी दी जाए की रोचक ढंग से बच्चों को कैसे सिखाया जाए और पालकों सॅ भी पूछा जाए कि वे अपने विचार और गतिविधि साझा करे । संभव हो तो जो पालक अच्छा करते हैं उन्हें कक्षा में बच्चों से गतिविधि कराने का मौका दें और बच्चों सॅ कहें कि वे तालियों से उनका स्वागत करें। संभव न हो तो महीना में एक माह करें ।

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  10. विद्यालय में PTM हर माह होनी चाहिए। अभिभावकों की चिन्ताओं का समाधान उनसे करके ही हो सकता है। छात्रों की अधिगम संबंधी समस्याओ की जानकारी मिलती है।शिक्षकों और अभिभावकों के सामुहिक प्रयास से बहुत अच्छे नतीजे मिल सकते हैं।

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  11. विद्यालय में हर माह शिक्षक अभिभावक बैठक होनी चाहिए इससे बच्चों के अधिगम आसानी होगी खेल खेल में बच्चों को रोचक जानकारी देने से आसानी से बच्चे समझ सकते हैं धन्यवाद

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    1. शिक्षक अभिभावक बैठक अति महत्वपूर्ण है। इस बैठक से बच्चों के विभिन्न पहलुओं की जानकरी मिलती है तथा अभिभावकों की सहभागिता से विद्यालय एवं बच्चों निश्चित रुप से होगा।

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  12. विद्यालय में PTM की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है|छात्रों को भी विद्यालय से जुड़ाव महसूस होता है जब उनके माता पिता को विद्यालय में बुलाया जाता है|

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    1. Vidyalaya mein palak sikshak baithak har maah kiya jana chahiye is baithak mein chatron ke sarvangin vikas par charcha honi chaiye abhibhavak yadi bachchon ki samasyaon se augat karate hain to sikshak samasyaon ka nirakaran hetu karyojna banate hain bachchon ke adhigam sambandhi samasyaon evan unke samadhan hetu sujhaon ka aadan pardan kar sakte hain. Md Salahuddin Urdu PS Balika ena Islampur Jharia-1

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  13. विद्यालय में पालक-शिक्षक संघ की बैठक हर माह होने चाहिए जिसमें शिक्षक, अभिभावक, विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में समुदाय एवं अन्य हितकारी समूह आपस में विचार-विमर्श कर बच्चों के अधिगम संबंधी समस्याओं एवं उनके समाधान हेतु सुझावों का आदान प्रदान कर सकते हैं। साथ ही विद्यालय विकास, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित समस्याओं का समाधान हेतु विस्तृत रूप रेखा तैयार कर सर्व सम्मति से निर्णय लिया जा सकता है। इस प्रकार के सामुहिक प्रयास से बच्चों एवं अभिभावकों मेंं शिक्षा के प्रति उत्साह एवं लगाव बढ़ाने वाला उत्तम माहौल तैयार किया जा सकता है।
    Nirmal Kumar Roy.
    Asstt. Teacher.
    Govt. Basic School Jorapokhar.
    Jhinkpani. West Singhbhum.

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  14. झारखंड राज्य में अभिभावक शिक्षक संघ की बैठक का आयोजन प्रत्येक महीने के 25 तारीख़ को निर्धारित है।इस बैठक में विद्यालय या शिक्षण में आने वाली समस्याओं के बारे में चर्चा की जाती है।एवं उन समस्याओं के निराकरण हेतु रूप रेखा तैयार कर सहयोग ली जाती है।

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  15. School me har mahina PTM hona chahiye

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  16. पालक शिक्षक बैठक प्रत्येक माह किया जाता है। इस बैठक में छात्रों के विकास की स्थिति एवं उसे कैसे बेहतर बनाया जाय इसकी चर्चा की जाती है। अभिभावक बच्चों की समस्याओं से अवगत कराते हैं तथा शिक्षक उसका निराकरण के लिए कार्ययोजना बनाते हैं।इस कार्ययोजना मे अभिभावकों को भी शामिल किया जाता है।

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  17. विद्यालय में PTM हर माह होनी चाहिए। अभिभावकों की चिन्ताओं का समाधान उनसे करके ही हो सकता है। छात्रों की अधिगम संबंधी समस्याओ की जानकारी मिलती है।शिक्षकों और अभिभावकों के सामुहिक प्रयास से बहुत अच्छे नतीजे मिल सकते हैं।
    शिक्षक अभिभावकों से छात्रों की जानकारी मिलती हैं विद्यालय विकास में सामाजिक भागिदारी बढती हैं

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  18. विद्यालय में PTM हर माह होनी चाहिए। अभिभावकों की चिन्ताओं का समाधान उनसे करके ही हो सकता है। छात्रों की अधिगम संबंधी समस्याओ की जानकारी मिलती है।शिक्षकों और अभिभावकों के सामुहिक प्रयास से बहुत अच्छे नतीजे मिल सकते हैं।
    शिक्षक अभिभावकों से छात्रों की जानकारी मिलती हैं विद्यालय विकास में सामाजिक भागिदारी बढती हैं।

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  19. School me hard month parents meeting hona chahiye

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  20. विद्यालय में पेटीएम की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है विद्यालय में हर माह शिक्षक अभिभावक बैठक होनी चाहिए शिक्षक अभिभावकों से छात्रों की जानकारी मिलती है विद्यालय विकास में शामिल सामाजिक भागीदारी बढ़ती है

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  21. विद्यालय में माह में कम से कम एक बार PTM की व्यवस्था करने पर सामाजिक साझेदारी बढ़ती है। अभिभावकों से छात्रों की प्रगति और व्यवहार की जानकारी प्राप्त होती है। विद्यालयों में सामाजिक भागीदारी मिलती है।

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  22. PTM her month hona chahiye. PTM bachhon ke physical and mental development ke liye bahut important hai.Teacher and parents milker bachhon ke problems ke prati jagruk rahenge. Jis se bachhon ko protsahan milega.

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  23. PTM की बैठक प्रत्येक 3 माह में होती है जो प्रत्येक माह होनो चाहिए।उसमें गार्जियन बच्चों से सम्बंधित परेशानियाँ बताते हैं और हम शिक्षकों को ठीक करने कहते हैं और हमलोग बच्चों की 3 माह की उपलब्धियों को बताते हैं।अभी तक यही चल रहा था और प्रत्येक माह की 25 तारीख को SMC की बैठक होती है जिसमें तमाम PTM की बातों पर चर्चा एवम समीक्षा की जाती है।परन्तु अब FLN के कार्यक्रम के तहत मुझे लगता है कि PTM प्रत्येक सप्ताह में कोई एक दिन तय कर देना चाहिए जो गार्जियन को सूटेबल हो।साथ ही वर्कशॉप के द्वारा पालकों के गुणों को सार्वजनिक करते हुए,उनसे महीने में प्रत्येक को मात्र एक दिन सिर्फ एक घण्टा देने को तैयार करें।इससे हमारे पास एक्सपर्ट्स की टीम तैयार हो जायेगी जिससे हम बच्चों के सर्वांगीण एवम रोजगारोन्मुख विकास की दिशा में बेहतर कार्य कर सकते हैं।इस प्रकार बच्चे,पालक,SMC और शिक्षकों के बीच पारस्परिक सहभागिता बढ़ेगी और रिश्तों में प्रगाढ़ता आएगी,जो किसी भी विद्यालय और समाज के लिए निर्णायक भूमिका निभा सकता है। Purushottam Kumar,Teacher UMS SANKI,Patrata, Ramgarh.

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  24. विद्यालय में पालक-शिक्षक संघ की बैठक हर माह की 25 तारीख को अनिवार्य किया गया है । जिसमें शिक्षक, अभिभावक, विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में समुदाय एवं अन्य हितकारी समूह आपस में विचार-विमर्श कर बच्चों के अधिगम संबंधी समस्याओं एवं उनके समाधान हेतु सुझावों का आदान प्रदान कर सकते हैं। साथ ही विद्यालय विकास, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित समस्याओं का समाधान हेतु विस्तृत रूप रेखा तैयार कर सर्व सम्मति से निर्णय लिया जा सकता है। इस प्रकार के सामुहिक प्रयास से बच्चों एवं अभिभावकों मेंं शिक्षा के प्रति उत्साह एवं लगाव बढ़ाने वाला उत्तम माहौल तैयार किया जा सकता है।

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  25. PTM hr माह होना चाहिए क्योंकि इससे अभिभावक और शिक्षक की साझेदारी होती है। बच्चों की समस्या एवम उनके निदान की चर्चा होती है जिससे बच्चों के विकास होती है।

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  26. PTM hr माह होनी चाहिए क्योंकि इससे अभिभावक और शिक्षक की साझेदारी होती है। बच्चों की समस्या एवम उनके निदान हेतु चर्चा होती है जिससे बच्चों का विकास होता है।

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  27. PTM हरेक महीना किया जाता हैं। इसमें माता पिता अभिभावक सामिल होते हैं। इसमें बच्चे के बारे में जानकारी ली और दी जाती है। विद्यालय में क्या कुछ हो रहा है और आगे किया जाएगा इसकी भी जानकारी दी जाती है।इस प्रकार साझेदारी को बढ़ाने का काम किया जाता हैं। इसी से पता चलता है कि अभिभावक से हम कैसे शिक्षा के लिए madad ले सकते है।

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  28. विद्यालय में अभिभावक, शिक्षक संघ की बैठक का आयोजन प्रत्येक महीने के 25 तारीख को निर्धारित है। इस बैठक में बच्चों के समग्र विकास एवं विद्यालय में आने वाली समस्याओं के बारे में चर्चा की जाती है। सर्वसम्मति से समस्याओं के समाधानों पर निर्णय लिया जाता है।

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  29. PTM की बैठक प्रत्येक 3 माह में होती है जो प्रत्येक माह होनो चाहिए।उसमें गार्जियन बच्चों से सम्बंधित परेशानियाँ बताते हैं और हम शिक्षकों को ठीक करने कहते हैं और हमलोग बच्चों की 3 माह की उपलब्धियों को बताते हैं।अभी तक यही चल रहा था और प्रत्येक माह की 25 तारीख को SMC की बैठक होती है जिसमें तमाम PTM की बातों पर चर्चा एवम समीक्षा की जाती है।परन्तु अब FLN के कार्यक्रम के तहत मुझे लगता है कि PTM प्रत्येक सप्ताह में कोई एक दिन तय कर देना चाहिए जो गार्जियन को सूटेबल हो।साथ ही वर्कशॉप के द्वारा पालकों के गुणों को सार्वजनिक करते हुए,उनसे महीने में प्रत्येक को मात्र एक दिन सिर्फ एक घण्टा देने को तैयार करें।इससे हमारे पास एक्सपर्ट्स की टीम तैयार हो जायेगी जिससे हम बच्चों के सर्वांगीण एवम रोजगारोन्मुख विकास की दिशा में बेहतर कार्य कर सकते हैं।इस प्रकार बच्चे,पालक,SMC और शिक्षकों के बीच पारस्परिक सहभागिता बढ़ेगी और रिश्तों में प्रगाढ़ता आएगी,जो किसी भी विद्यालय और समाज के लिए निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

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  30. बच्चों के विकास में PTM काफी सहायक है।PTM से बच्चों की समस्याओं की जानकारी प्राप्त होती है।शिक्षक एवं अभिभावकों के सहयोग से समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है।इससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति उत्साह एवं लगाव बढने लगता है।
    Premlata devi
    G.M.S Pancha Ormanjhi Ranchi Jharkhand

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  31. पालक शिक्षक संघ (PTA) की बैठक प्रति माह की जाती है तथा इसकी कार्यकाल 3 वर्षों के लिए होती है । इस बैठक में अभिभावकों से निम्नांकित बिंदुओं पर चर्चा की जाती है -
    (i) विद्यार्थी की उपस्थिति एवं रुचि
    (ii) मूल्यांकन एवं प्री-बोर्ड के परिणाम की स्थिति
    (iii)अन्य विद्यार्थी एवं शिक्षकाें के प्रति व्यवहार
    (iv) अध्ययन संबंधी आदतें, एकाग्रता एवं उत्साह
    (v) शैक्षणिक परिणाम एवं सुधार के कुछ सुझाव इत्यादि ।
    पालक शिक्षक संघ शिक्षक/शिक्षिकाओं को प्रभावी मदद करने हेतु कहा जाना है कि वे बच्चों के लिए घर में एक (शिक्षा का कोना) में अपनी गतिविधियां , अध्ययन एवं अभ्यास कार्य करेंगे । प्रतिदिन 2 से 3 घंटे समय निर्धारित कर वर्कबुक कार्य प्रेरित करना है । बच्चों को आवश्यक सामग्री यथा पेंसिल, कॉपी आदि उपलब्ध कराना है । यथासंभव बच्चों को कार्यक्रम के सुनने/देखने हेतु मोबाईल व रेडियो उपलब्ध कराना है । NAS मॉक टेस्ट और परीक्षा की अच्छी तैयारी के लिए whatsapp ग्रुप पर भेजी गई सभी प्रश्नों को हल कराए । मोहल्ला कक्षा के माध्यम से NAS की तैयारी शिक्षकों द्वारा छात्रों का मार्गदर्शन किया जाएगा । पालकों के समक्ष आनेवाली विभिन्न समस्याओं /शंकाओं को साझा कर शिक्षक आवश्यकतानुसार मार्गदर्शन एवं निराकरण के उपाय करेंगे । .. धन्यवाद ।

    सुना राम सोरेन (स.शि.)
    प्राथमिक विद्यालय भैरवपुर, धालभूंमगढ़ ।
    पूर्वी सिंहभूम , झारखंड ।

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  32. पालक शिक्षक संघ की बैठक प्रत्येक माह 25 तारीख को की जाती है। अभिभावकों के साथ विद्यालय के समग्र विकास एवं छात्र हित से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाती है। अभिभावक अपनी सक्रिय एवं सार्थक भागीदारी से विद्यालय एवं शिक्षक शिक्षिकाओं की प्रभावी ढंग से मदद कर सकते हैं जिससे विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण में काफी सुधार हो सकेगा। विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठकों में तथा विद्यालय के बाहर भी अभिभावकों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान उनकी चिंताओं का निराकरण प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों के द्वारा किया जाता है।

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  33. पालक शिक्षक संघ की की परिकल्पनाओं के अनुरूप ही हमारे राज्य झारखण्ड के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रत्येक माह के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक को करना अनिवार्य किया गया है।इस बैठक में शिक्षक,अभिभावक,विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में अन्य हितकारी समूह आपस में बैठकर विद्यालय विकास एवं शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित एक विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने का कार्य करते हैं।यहाँ अभिभावकों के कठिनाईयों,बच्चों के मुद्दे सहित अन्य बातों पर विस्तार पूर्वक चर्चा-परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।सर्वसम्मति से समस्या समाधान पर अंतिम निर्णय लिया जाता है।इसके परिणाम लगातार सकारात्मक दिखाई पड़ रहे हैं।बहुत-बहुत धन्यवाद।

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  34. अभिभावकों शिक्षकों की बैठक हर माह होने चाहिए|बैठक में प्रस्ताव आना चाहिए कि बच्चों को खेल-खेल में सिखाया जाए|

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  35. प्रत्येक माह में एक बार अभिभावक-शिक्षक बैठक जरूरी है इससे अभिभावकों में विद्यालय के प्रति लगाव बढ़ता है,विद्यालय के कार्यक्रम से वे अवगत होते हैं एवं बच्चे अपने माता-पिता को विद्यालय में देखते हैं तो उनमें सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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  36. विद्यालय में पालक - शिक्षक संघ की बैठक हर माह की य्ड तारीख को अनिवार्य किया गया है । इसमें अभिभावक और शिक्षक की साझेदारी होती है । बच्चों की समस्या एवम् उनके निदान की चर्चा होती है जिससे बच्चों का सवींगीण विकास हो सकता है ।

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  37. विद्यालय में हर महिने के 25 तरिख को अभिभावक-शिक्षक का बैठक का आयोजन किय जाता है जिसमें विभिन्न विन्दुओं पर चर्चा की जाती है जैसे विद्यालय में होने वाली गतिविधियाँ, छात्रों के समग्र विकास आदि के बारे में जानकारी अदान-प्रदान करके, विद्यालय विकास में सामाजिक हिस्सेदारी बढ़ती है।

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  39. अभिभावक और शिक्षकों की बैठक सप्ताह में एक बार होना चाहिए जिसमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों की जानकारी दी जाए की रोचक ढंग से बच्चों को कैसे सिखाया जाए और पालकों से भी पूछा जाए कि वे अपने विचार और गतिविधि साझा करे । संभव हो तो जो पालक अच्छा करते हैं उन्हें कक्षा में बच्चों से गतिविधि कराने का मौका दें और बच्चों से कहें कि वे तालियों से उनका स्वागत करें। सप्ताह में संभव न हो तो महीना में एक बार PT मिटींग करें ।

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  40. विद्यालय में अभिभावक,मासिक बैठक का आयोजन प्रत्येक महीने के 25 तारीख को निर्धारित है। इस बैठक में बच्चों के समग्र विकास एवं विद्यालय में आने वाली समस्याओं के बारे में चर्चा की जाती है। सर्वसम्मति से समस्याओं के समाधानों पर निर्णय लिया जाता है।अभिभावक अपनी सक्रिय एवं सार्थक भागीदारी से विद्यालय एवं शिक्षक शिक्षिकाओं की प्रभावी ढंग से मदद कर सकते हैं जिससे विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण में काफी सुधार हो सकेगा। विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठकों में तथा विद्यालय के बाहर भी अभिभावकों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान उनकी चिंताओं का निराकरण प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों के द्वारा किया जाता है।Motiur Rahman, UPS-Chandra para, Pakur

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  41. पालक शिक्षक संघ की परिकल्पना के अनुसार हमारे राज्य झारखंड में सभी सरकारी विद्यालय में प्रत्येक माह के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक करना अनिवार्य किया गया है. इस बैठक में शिक्षक, अभिभावक, विद्यालय प्रबंधन समिति सदस्य एवं अन्य हितकारी समूह आपस में बैठकर विद्यालय विकास एवं शैक्षणिक तथा अशैक्षणिक गतिविधि, अभिभावक की कठिनाई और बच्चों की मुद्दे तथा अन्य विषयों पर चर्चा कर सर्व सम्मति से समस्या समाधान का निर्णय लिया जाता है. इसका परिणाम लगातार सकारात्मक दिखाई पड़ रहा है.

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  42. Abhibhawakon ki samasyaon ka samadhan shikshak Mata pita gosthi dwara hi sambhaw hi sakta hai we apni samasyaon ko rakhkar shikshak se ghar par hone wali gatividhiyon ka margdarsan le aur de sakte hain

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  43. Abhibhawakon ko gatividhi ki jankari saptah ya mahine me milni chahiye taki ve gatividhi ko bacchon se saajha kar saken

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  44. शिक्षक -अभिभावक बैठक प्रत्येक माह करने की आवश्यकता है ।इससे बच्चों के शैक्षणिक ,अशैक्षणिक गतिविधियों, बच्चों की समस्याओं पर शिक्षक एवं अभिभावक एक दूसरे को शेयर करेंगे ।समाधान निकालेंगे ।जिससे उत्साह वर्धक परिणाम प्राप्त होगा ।

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  45. Regular Ptm and share view among parents and SMC members reflect fruitful results.

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  46. प्रत्येक माह में कम से कम एक बार PTM होना चाहिए।जिससे शिक्षक अभिभावक के बीच साझेदारी बढ़ेगी।घर पर बच्चों के लिये पढ़ाई का माहौल बनाने की रणनीति बनाने में सहूलियत होगी।

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  47. Every month smc meeting has been held to sort out the problems regarding this.

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  48. अभिभावकों के समस्याओं के निराकरण के लिए शिशकों को समय समय पर उन्हें अभिभावक शिक्षक बैठक बुला कर उस पर निष्कर्ष निकालना चाहिए।

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  49. विद्यालय में पालक-शिक्षक संघ की बैठक हर माह होने चाहिए। जिसमें शिक्षक, अभिभावक, विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में समुदाय एवं अन्य हितकारी समूह आपस में विचार-विमर्श कर बच्चों के अधिगम संबंधी समस्याओं एवं उनके समाधान हेतु सुझावों का आदान प्रदान कर सकते हैं। साथ ही विद्यालय विकास, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित समस्याओं का समाधान हेतु विस्तृत रूप रेखा तैयार कर सर्व सम्मति से निर्णय लिया जा सकता है। इस प्रकार के सामुहिक प्रयास से बच्चों एवं अभिभावकों मेंं शिक्षा के प्रति उत्साह एवं लगाव बढ़ाने वाला उत्तम माहौल तैयार किया जा सकता है।जिससे बच्चों के बुनियादी शिक्षा (03 से 08 वर्ष के बच्चें) सहजता पूर्वक दी जा सके।।धन्यवाद।।

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  50. विद्यालय में अभिभावकों शिक्षकों तथा नगरनिकायों की सदस्यों की बैठक प्रतिमाह होनी चाहिए , जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके । जिसमें माता पिता परिवार, समुदाय और विद्यालय प्रबंधन समिति की भूमिका सराहनीय होती है । जिससे विद्यालय में आने वाली चुनौतियों का सामना किया जा सके और उसका समाधान किया जा सके।

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  51. Palak teachers ki meeting pakshik/masik par kiya jana chahiye. Smc ki meeting to har month 25 tarik ko hota hi hai. Palak ko ghar par task dekar bachchon ka gatividhi ke madhyam se gyan dilaya ja sakta hai.

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  52. अभिभावक शिक्षक संघ की बैठक नियमित रूप से मासिक होनी चाहिए। इस बैठक में यह प्रयास होना चाहिए कि अधिक से अधिक अभिभावक इसमें शामिल हो। बैठक की योजना पहले से ही निश्चित होनी चाहिए।इसमें मुख्य रूप से बच्चों में पढ़ने के संबंध में जो समस्याएं आती हैं उन समस्याओं के बारे में चर्चा होनी चाहिए। चर्चा के माध्यम से उसका समाधान अभिभावकों के द्वारा ही निकालने का प्रयास किया जाना चाहिए। इससे अभिभावक विद्यालय से जुड़ेंगे और विद्यालय का संचालन सुचारू रूप से हो सकेगा।

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  53. PTA ka baithak har mahine hona chahiye jisse abhibhawak apne bachchon ki hone wali samsyaon ko rakh sakte hain aur ham teacher hone ke nate bachchon ki samsyaon ka nirakaran karenge.

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  54. शिक्षक एवं अभिभावकों के बीच बैठक में बच्चों के सर्वांगीण विकास पर पर चर्चा की जाती है तथा विविध विद्यालय गतिविधियों पर चर्चा की जाती है।

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  55. विधालय में अभिभावक के बैठक महिने में एकबार अवश्य होने चाहिए, जिससे बच्चों की सामाजिक भागीदारी होती है और वे विद्यालय से लगाव महसूस करते हैं।

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  56. विधालय में PTM की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढती है. मिलजुल विधालय एवं बच्चों की समस्या का निदान हो जाता है.

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  57. PTMs should be organized once in every two months.This will really help to strengthen the bonding between guardians and school.ln this way FLN can successfully be implemented to result orientation.

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  58. प्रत्येक माह विद्यालय में प्रबंधन समिति की बैठक होती है साथ ही गाहे-बगाहे अभिभावकों के साथ भी बैठक आयोजित किए जाते हैं और विद्यालय में शिक्षण से संबंधित सारी जानकारी अभिभावकों को दी जाती है, विद्यालय में यदि कोई समस्या है तो उसे भी अभिभावकों के साथ साझा किया जाता है उस समस्या को दूर करने के उपाय ढूंढे जाते हैं।

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  59. शिक्षक अभिभावक संघ बैठक हर महीने होना चाहिए। शिक्षक अभिभावक बैठक बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत ही कारगर साबित होगा। अभिभावक भी अपने मन की विचार सुझाव दे सकते हैं। दूसरी ओर बच्चों के कमी , अनुपस्थित रहना , विद्यालय में बात कम करना,आदि अभिभावक को कह सकते हैं।एक दूसरे के विचारों से सहमत होकर विद्यालय तथा बच्चों के विकास करने में सफल और सक्षम होंगे।
    प्रताप कुमार अधिकारी
    स० शि०
    म०वि०माको, पोटका।

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  60. प्रत्येक माह विद्यालय में प्रबंधन समिति की बैठक होती है साथ ही गाहे-बगाहे अभिभावकों के साथ भी बैठक आयोजित किए जाते हैं और विद्यालय में शिक्षण से संबंधित सारी जानकारी अभिभावकों को दी जाती है, विद्यालय में यदि कोई समस्या है तो उसे भी अभिभावकों के साथ साझा किया जाता है उस समस्या को दूर करने के उपाय ढूंढे जाते हैं

    Md Razaul Haque
    Sarath, Deoghar

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  61. Papalak shikshak sangh ke anurup JHARKHAND ke har vidyalay men 25 tarikh Ko S M C Ki Baithak kiya jata Hai. MD SHAMIM AKHTER. U M S RAJOUN URDU. SAHAYAK SHIKSHAK. BLOCK -MEHARMA. DISTRICT-GODDA. STATE-JHARKHAND

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  62. बच्चों में एफ एल एन का विकास परिवारिक/सामाजिक सहभागिता से बेहतर तरीके से प्राप्त किया जा सकता है।इसके लिये नियमित रूप से पी टी एम और विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक करने की जरूरत है।अभिभावकों नियमित रूप औपचारिक/अनौपचारिक मिलन से विद्यालय से उनका जुड़ाव/साझेदारी का अनुभव बढ़ता है जो बच्चों और शिक्षक दोनों के लिए सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।इस प्रकार से नियमित रूप से मिलना बच्चों और विद्यालय के विकास के लिए हितकारी साबित होता है।निश्चित रूप से ऐसा कदम सभी पक्षों के सहयोग से लिया जाना चाहिए।

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  63. Iske liye shikshak abhibhawak baithak ati awashyak hai is baithak me unke abhibhawako ke dwara bachcho ewam unki samasyao ke bare me janne samajhne ka mauka milta hai.sath hi un bachcho ke sath ghar me kaise byawhar karna hai ya unka margdarshan kaise karna hai,abhibhawko ko bhi aithak me janne samajhne ka mauka milta hai anttah bachcho ka FLN kaushal samridh hoga.

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  64. विद्यालय में PTM हर माह होनी चाहिए। अभिभावकों की चिन्ताओं का समाधान उनसे करके ही हो सकता है। छात्रों की अधिगम संबंधी समस्याओ की जानकारी मिलती है।शिक्षकों और अभिभावकों के सामुहिक प्रयास से बहुत अच्छे नतीजे मिल सकते हैंii

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  65. पालक शिक्षक संघ की की परिकल्पनाओं के अनुरूप ही हमारे राज्य झारखण्ड के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रत्येक माह के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक को करना अनिवार्य किया गया है।इस बैठक में शिक्षक,अभिभावक,विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में अन्य हितकारी समूह आपस में बैठकर विद्यालय विकसित एवं शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित एक विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने का कार्य करते हैं।यहाँ अभिभावकों के कठिनाईयों,बच्चों के मुद्दे सहित अन्य बातों पर विस्तार पूर्वक चर्चा-परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।सर्वसम्मति से समस्या समाधान पर अंतिम निर्णय लिया जाता है।इसके परिणाम लगातार सकारात्मक दिखाई पड़ रहे हैं

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  66. पालक शिक्षक संघ की की परिकल्पनाओं के अनुरूप ही हमारे राज्य झारखण्ड के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रत्येक माह के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक को करना अनिवार्य किया गया है।इस बैठक में शिक्षक,अभिभावक,विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में अन्य हितकारी समूह आपस में बैठकर विद्यालय विकास एवं शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित एक विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने का कार्य करते हैं।यहाँ अभिभावकों के कठिनाईयों,बच्चों के मुद्दे सहित अन्य बातों पर विस्तार पूर्वक चर्चा-परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।सर्वसम्मति से समस्या समाधान पर अंतिम निर्णय लिया जाता है।इसके परिणाम लगातार सकारात्मक दिखाई पड़ रहे हैं।बहुत-बहुत धन्यवाद। KISHOR KUMAR ROY UHS.KATHGHARI DEVIPUR DEOGHAR

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  67. शिक्षक, अभिभावक तथा विद्यालय प्रबंधन समिति सदस्यों का प्रत्येक महीने में कम से कम एक बैठक आयोजित करना चाहिए। जिससे विभिन्न पक्षों के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी तथा विद्यालय और बच्चों के कल्याणकारी हितकारी उपाय तलाशने में जुटेंगे।

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  68. पालक शिक्षक संघ की बैठक प्रत्येक माह के 25तारीख को होना तय किया गया है जिसमें विद्यालय प्रबंधन समिति के प्रत्येक सदस्य की उपस्थिति अनिवार्य हैऔर इस बैठक में स भी उपस्थिति सदस्यों की अपनी राय और छात्र हीत तथा विद्यालय का सर्वांगीण विकास की रुप रेखा का योजना बना ने से लेकर चरण वद्द्द कार्यंवित रुप देने से सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं ।

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  69. विद्यालय में अभिभावक की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है।शिक्षक को अभिभावक से छात्रों की जानकारी मिलती है।विद्यालय विकास में सामाजिक भागीदारी बढ़ती है।छात्रों को भी विद्यालय से जुड़ाव महसूस होता है,जब उनके माता पिता को विद्यालय में बुलाते है।इसे नियमित करना चाहिये ।

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  70. विद्यालय में शिक्षक अभिभाव।क संघ की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है। शिक्षक और अभिभावक से छात्रों की जानकारी मिलती है विद्यालय में सामाजिक भागीदारी बढ़ती है ।छात्रों को विद्यालय से जुड़ा महसूस होता है जब उनके माता-पिता को विद्यालय में बुलाते हैं तो इसी बैठक से बच्चों की उपस्थिति बढ़ती है।

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  71. पालक शिक्षक संघ की बैठक निर्धारित समय अनुसार होते रहनी चाहिए। इससे बच्चों की प्रगति के साथ उनकी परेशानियों, अधिगम संबंधी समस्याओं के संबंध में पालक और शिक्षक दोनों अवगत होते हैं और इनके निराकरण के लिए सामूहिक प्रयास करते हैं।

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  72. पालक शिक्षक संघ की बैठक माह में एक बार होनी चाहिए और इसी परिकल्पना के अनुसार हमारे राज्य के झारखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रत्येक माह के 25 तारीख को पेटीएम की बैठक आयोजित करने का प्रावधान है। इस बैठक में हम लोग अभिभावकों के साथ उनकी बच्चों की समस्याओं के संदर्भ में विस्तृत चर्चा करते हैं जिससे उनका समग्र विकास हो सके। के साथ उन्हें एयरप्लेन संबंधित गतिविधियों का प्रशिक्षण भी देने का प्रयास किया जाता है जिसका उपयोग वे घर पर बच्चों के साथ करके उनकी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान का विकास कर सके। पेटीएम की बैठक से हम बच्चों की समस्याओं के बारे में जान पाते हैं और संबंधित चुनौतियों को स्वीकार करते हुए उसके निदान के लिए हम नई रचनात्मक गतिविधियों का उपयोग कर एफ एल एन मिशन को सफलतापूर्वक पूर्ण कर सकते हैं।

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  73. पालक शिक्षक संघ की की परिकल्पनाओं के अनुरूप ही हमारे राज्य झारखण्ड के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रत्येक माह के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक को करना अनिवार्य किया गया है।इस बैठक में शिक्षक,अभिभावक,विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में अन्य हितकारी समूह आपस में बैठकर विद्यालय विकास एवं शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित एक विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने का कार्य करते हैं।यहाँ अभिभावकों के कठिनाईयों,बच्चों के मुद्दे सहित अन्य बातों पर विस्तार पूर्वक चर्चा-परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।सर्वसम्मति से समस्या समाधान पर अंतिम निर्णय लिया जाता है।इसके परिणाम लगातार सकारात्मक दिखाई पड़ रहे हैं। रणजीत प्रसाद, मध्य विद्यालय मांडू, रामगढ़।

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  74. School me Palak ki baithak har mah 25 tarik ko nirdharit kiya gaya hai.ls me parents or teacher present rhate h .Stydents ki problem r uski solved karene ki prays kiya jata hai.

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  75. हमारे विद्यालय में पीटीएम प्रत्येक महीना होना चाहिए जिससे बच्चों की समस्याओं का पता लगाकर उनका समाधान निकाला जा सके और बच्चों की समस्याओं का निदान हो सके । इसमें शिक्षक और अभिभावक की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

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  76. पालक शिक्षक संघ की की परिकल्पनाओं के अनुरूप ही हमारे राज्य झारखण्ड के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रत्येक माह के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक को करना अनिवार्य किया गया है।इस बैठक में शिक्षक,अभिभावक,विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में अन्य हितकारी समूह आपस में बैठकर विद्यालय विकसित एवं शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित एक विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने का कार्य करते हैं।यहाँ अभिभावकों के कठिनाईयों,बच्चों के मुद्दे सहित अन्य बातों पर विस्तार पूर्वक चर्चा-परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।सर्वसम्मति से समस्या समाधान पर अंतिम निर्णय लिया जाता है।इसके परिणाम लगातार सकारात्मक दिखाई पड़ रहे हैं।

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  77. विद्यालय में PTM की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है|छात्रों को भी विद्यालय से जुड़ाव महसूस होता है।इस बैठक में शिक्षक,अभिभावक,विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में अन्य हितकारी समूह आपस में बैठकर विद्यालय विकसित एवं शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित एक विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने का कार्य करते हैं।यहाँ अभिभावकों के कठिनाईयों,बच्चों के मुद्दे सहित अन्य बातों पर विस्तार पूर्वक चर्चा-परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।सर्वसम्मति से समस्या समाधान पर अंतिम निर्णय लिया जाता है।इसके परिणाम लगातार सकारात्मक दिखाई पड़ रहे हैं।

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  78. PTM me samajik sajhedari badti hai

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  79. PTM se abhibhavkon ka school se judaw badhta hai.bachhon me prakritik roop se suraksha ki bhavna ka vikas hota hai.bachhon ki vyaktigat jankari prapt hone se sikshkon ka bhi bachhon se lagaw gahra ho jata hai. in sabka dhanatmak prabhav sikshan-adhigam par padta hai.

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  80. पालक अभिभावक एवं शिक्षक गोष्ठी काम से कम माह में जरूर एक बार होनी चाहिए, जिससे बच्चों को सीखने में काफ़ी लाभ हो सकती है।

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  81. According to me PTA should be organised weekly or quarterly because this is the only way to manage the learning materials and concepts to the students and with their parents.By this meeting we can also suggest the parent to treat with students according to to their classroom studies.

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  82. Vidyala prabandh samitee ki baithak her mah ki 25 tarikh ko honi chahiye. Isme parents se Salah li jati hai ki kis Tarah bacchon ke sikhne ke level ko badhaya ja sake.bachhon ki problem and solution ko bhi discusses Kiya jata hai.

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  83. शिक्षक अभिभावक मिटींग प्रत्येक माह मे एक बार किया जाना चाहिए।मिटींग मे बच्चों के सीखने की प्रक्रिया पर विशेष रूप से चर्चा किया जाना चाहिए।ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावकों मे चिंता का मुख्य कारण उनकी कमजोर आर्थिक स्थिति है,वे अपने मूल भूत आवश्यकता की पूर्ति के लिए इतने अधिक व्यस्त रहते हैं कि वे मिटींग मे आना भूल जाते हैं।इस समस्या से निपटने के लिए हम शिक्षक होने के नाते उन्हें जागरूक करेंगें कि जितना महत्व आप अपने कार्यों को दे रहे हैं उससे ज्यादा महत्वपूर्ण आपके बच्चों की शिक्षा है और अपने बच्चों के लिए मिटींग मे आने के लिए माह मे एक दिन का समय अवश्य दें।

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  84. SUBHADRA KUMARI
    RAJKIYAKRIT M S NARAYANPUR
    NAWADIH BOKARO

    विद्यालय में प्रत्येक महीने के अंतिम शनिवार को PTM बैठक में उपस्थिति अभिभावकों से साझेदारी पूर्वक बच्चों के FLN कोर्स के बारे विस्तार से चर्चा करके बुनियादी,शिक्षा को मजबूती प्रदान किया जा सकता है।

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  85. PTM should be organised weekly or quarterly. It gives the plateform to the parents and teacher to discuss on different matter related to the student and school.

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  86. पीडीएफ की बैठक मासिक हो।बच्चों के सर्वांगीण विकास सम्बन्धित विमर्श हो।परस्पर भावयुक्त सम्बन्ध वर्धन पर विशेष बल दिया जाय।

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  87. पीडीएफ को पीटीएम पढ़ा जाय।

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  89. यह बहुत प्रभावी शैक्षिक प्रक्रिया है...अभिभावक भी अपने बच्चों के लिए शिक्षकों के साथ जुड़ रहे हैं... वे भी शिक्षकों से सीख रहे हैं कि अपने बच्चों को कैसे विकसित किया जाए...उन्हें शिक्षित करने के तरीके क्या हैं...उन्हें हमारे आस-पास की चीजों से कैसे प्रशिक्षित किया जाए और शिक्षकों को भी अपने माता-पिता से छात्रों के बारे में अच्छी जानकारी मिल रही है!!

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  90. Pta ka baithak samasya katte rahna uchit ho ta hai

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  91. Parents शामिल होने के तरीके:
    बैक-टू-स्कूल रातों या अन्य अभिविन्यास कार्यक्रमों में भाग लें। ...
    अपने शिक्षक से पूछें कि वे कैसे संवाद करना चाहते हैं। ...
    घर में शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदर्शित करें। ...
    पढ़ने को प्रोत्साहित करें। ...
    होमवर्क प्रक्रिया को प्रबंधित करने में मदद करें। ...
    स्कूल के कार्यक्रमों में भाग लें। ...
    मूल संगठन की बैठकों में भाग लें। ..

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  92. Abhibhawak sikshak baithak pratyek mahine me hoti hai jisme hum abhibhavak ke sath milkar bachcho tatha school ke vikas ke bare me charcha karte hai.Kyouki abhibhavak usi school parivesh se hote hai jiske karan school ki anek samasyao ka nirakaran karne me we hamari madad karte hai.Iske alawa unki tatha bachcho ki pareshaniyo ke bare me hum jan pate hai aur hum uske anurup apne tatha vidyalay me parivartan lane ki koshis karte hai taki bachcho ka samuchit bikas ho.

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  93. प्रति माह शिक्षक अभिभावक बैठक होनी चाहिए।इसके द्वारा बच्च के प्रगती के बारे में बिस्तृत जानकारी प्राप्त होता है।इस चर्चा के द्वारा बच्चों को बुनियादी शिक्षा अच्छी तरह से दी जा सक्ती है।

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  94. Krishna Kumar Baitha.Govt.MS Parsodih.(Ketar) Jharkhand
    विद्यालय में शिक्षक अभिभाव।क संघ की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है। शिक्षक और अभिभावक से छात्रों की जानकारी मिलती है विद्यालय में सामाजिक भागीदारी बढ़ती है ।छात्रों को विद्यालय से जुड़ा महसूस होता है जब उनके माता-पिता को विद्यालय में बुलाते हैं तो इसी बैठक से बच्चों की उपस्थिति बढ़ती है।

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  95. Har mahine Vidyalay mein shikshak abhibhavak Sangh ki baithak honi chahie jisse bacche ki Pragati ke bare mein vistrit jankari prapt Hoti hai , abhibhavak ke sath charcha karne se bacchon ko buniyadi Shiksha han acchi tarah se Di ja sakti hai abhi fajo cocoa FLN Shiksha ke bare mein baat Lana chahie taki hue bacchon ka ka Sahyog kar sake gharon mein

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  96. स्कूल में PTM की बैठक बुलाकर बच्चों को घर में रखी वस्तु के माध्यम से वर्गीकरण करने की विधि बताकर सीखने की प्रक्रिया को समझाया जा सकता है उसे घर पर उस विधि को करने की पहल करने को कहा जा सकता जिससे बच्चों को लाभ मिल सके और ज्ञान हों सके

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  97. Palak shikchak sangh ki baithak mahine me ek baar nishchit rup se hona chahiye.Iske madhyam se avivawak, shikchak aur vidyalaya prabandhan samiti sabhi mil kar bachchon ke sarvangin vikas ke liye gatividhiyon par charcha kar sakte hai aur samuhik rup se use karyanwit karne ka prayas kar sakte hai. Bachchon ki saikchanik aur gairsaikchanik kathinaiyon ko dur karne me madad kar sakte hai.Isse bachchon me utsah badhega aur aatmabiswas jagega.

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  98. पालक शिक्षक संघ की बैठक प्रतिमाह 25 तारीख को की जाती है| अभिभावकों से स्वतंत्र रूप से अपने विचार रखने का आंसर दिया जाता है| यद्यपि वे अभी पूरी तरह खुलकर बोल नहीं पाते हैं| उन्हें लोक डाउन के कारण बहुत सी समस्याओं को झेलना पड़ा है| बहुत से अभिभावकों को स्कूल में सत्र का भी पता नहीं चल रहा है| इसके बावजूद वे अपनी शक्ति, विवेक से बच्चों का गाइड कर रहे हैं| इन दिनों यथासंभव बच्चों को क्विज करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है| जो अभिभावक इसके प्रति सजग हैं, वे क्विज भरने में शिक्षक की मदद कर रहे हैं|बहुत बार शिक्षक बच्चों से संपर्क करना चाहते हैं, परंतु अभिभावक माता पिता अपने साथ Watsapp Mobiles लेकर काम में चले जाते हैं| दूसरी ओर जब घर में रहते हैं, तो अपनी ओर से संपर्क भी नहीं करते हैं| यह दिखाता है कि केवल शिक्षक को ही इसकी जरूरत है कि वह बच्चों के सीखने में मदद करें अभिभावकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे बच्चों को सर्वप्रथम पुस्तक पढ़ने का अभ्यास कराएं क्योंकि जो सही सही पढ़ता है वही सही लिखता है| उसी तरह संख्यात्मक ज्ञान के लिए बच्चे गिनती एवं पहाड़ा याद करें| तभी वे गणित के विस्तृत ज्ञान में प्रवेश कर पाएंगे| इसके लिए अभिभावक समय-समय पर व्यक्तिगत रूप से भी शिक्षक से मुलाकात करके बच्चों के बारे चर्चा करेंगे| शिक्षक भी अपनी ओर से बच्चों के संपर्क में आकर सीखने की गतिविधि का पता करें चिंताओं और समस्याओं के निराकरण के लिए आवश्यक है किस माता-पिता, अभिभावक, शिक्षक, विद्यालय, समुदाय, अपने-अपने स्तर पर बच्चे को सीखने की दिशा में अग्रसारित करें| उनके ज्ञान की जांच करें
    उनके प्रति हमदर्दी रखें| जिससे उन्हें सरल तरीके से ज्ञान अर्जन करने में मदद मिले| माता पिता बच्चों के साथ रहकर उनका सही मार्गदर्शन करें| विद्यालय में शिक्षक अपने-अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक रहें|
    धन्यवाद|
    पुष्पा तेरेसा टोप्पो
    ख्रीस्त राजा मध्य विद्यालय,
    चंदवा, लातेहार झारखण्ड|

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  99. अभिभावक शिक्षक संघ की प्रत्येक माह बैठक आयोजित कर हम बच्चों के शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक गतिविधियों पर विचार करते हैंं।इस संदर्भ में आनेवाली समस्याओं पर अभिभावक के साथ विचार-विमर्श करके निराकरण ढूंढने का प्रयास करते हैं।

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  100. PTM is held every month on 25th, at which teachers, parents and people who are interested in giving suggestions come and participate in the development of children.

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  101. विद्यालय में अभिभावकों के बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है। अभिभावक शिक्षक के आपसी सहयोग द्वारा समस्याओं की पहचान और समाधान होता है ,तथा बच्चों की पढ़ाई के प्रति उत्साह और लगाव बढ़ता है।

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  102. विद्यालय मे शिक्षक और अभिभावकों के बीच प्रत्येक माह होनी चाहिए ।इससे अभिभावकों को अपने बच्चों के अधिगम प्रगति एवमं गतिविधियों के बारे मे जान पाएंगे और आपस मे समाधान कर पाएंगे ।

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  103. पालक शिक्षक संघ की बैठक प्रत्येक माह किया जाता है। अभिभावको से बच्चो के अधिगम संबंधी समस्याओ एवं उनके समाधान हेतु सुझावो का आदान-प्रदान कर सकते है।

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  104. SHASHI KESH MUNDA, MS BERAKENDUDA ANANDPUR.Vidyalay mein shikshak abhibhavak ki baithak pratyek mah hota hai.Baithak mein bachchon ke progress per bhi charcha karni chahiye.

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  105. विद्यालय में पेटीएम की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ेगी अभिभावक अपने आप को विद्यालय से जुड़ाव महसूस करेंगे क्योंकि इस बैठक में बच्चों के समस्याओं पर चर्चा होंगी जिससे अभिभावक समस्या समाधान करने में सहयोग करेंगे। शिक्षक, अभिभावक एवं विद्यालय परिवार के सभी सदस्य मिलकर विद्यालय के शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियों को करने एवं निर्णय लेने में सहयोग करेंगे एक दिन ऐसी स्थिति होगी की बच्चों की एफएलएन मजबूत हो जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही समस्या दूर हो जाएगी।

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  106. पीटीएम का आयोजन प्रत्येक माह की तिथि 25 को होता है। जिसमें अभिभावकों तथा शिक्षकों द्वारा बच्चों की उपस्थिति, अधिगम, विद्यालय से संबंधित समस्याओं, सरकारी व विभागीय कार्यक्रमों की जानकारी एवं समुचित रूप से लागू करने पर विचार, विद्यालय में चलने वाली योजनाओं की अद्यतन स्थिति पर चर्चा होती है। परन्तु बच्चों के अधिगम में अभिभावकों एवं समुदाय की भूमिका चर्चा अक्सर नहीं होती। अभिभावकों का उन्मुखीकरण कर तथा उनकी योग्यताओं का उपयोग घर तथा विद्यालय में बच्चों के अधिगम में किया जा सकता है। बच्चे अधिकतर समय घर में बितातें हैं इसलिए घर पर भी अधिगम हेतु अनुकूल परिस्थिति का निर्माण आवश्यक है जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके।

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  107. पालक और शिक्षकों के बैठक से कामयाब समन्वय बनता है।जिससे बच्चों को समझने मे मदत मिलतीहै।

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  108. शिक्षक अभिभावक की बैठक महीने मे एक बार होती है किन्तु हर बैठक मे अभिभावकों की उपस्थिति नही होती है उनकी रुचि कम होती है।

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  109. विद्यालय में महीने में एक बार पीटीएम करना चाहिए तथा उसमें हर अभिभावक से उनकी बच्चे की समस्याओं के बारे में सुनना चाहिए और उसको कैसे दूर करें उसके बारे में आलोचना होना चाहिए |

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  110. Vidyalay Mein PTM ki baithak se Samajik sajhedari badhati hai

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  111. अंसता उपस्थिति के कारण अभिभावकों को बच्चों से संबंधित एवं स्कूली गतिविधि से संबंधित जानकारी नहीं हो पाता है

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  112. अभिभावक-शिक्षक संघ की बैठक तीन माह में एक बार होती है।विद्यालय संचालन मैं आ रही कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास ,विद्यालय वुकस की गतिविधियों पर चर्चा तथा शैक्षिक उन्नयन पर चर्चा की जाती है।

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  113. प्रत्येक माह विद्यालय में PTA hona चाहिए बैठक में छोटी छोटी गतिविधियों का प्रदर्शनकर बताया जाना चाहिए की रोजमर्रा की घर में उपलब्ध सामानों से बच्चों को साक्षरता और संख्याओं का ज्ञान आसानी से कराया जा सकता है ।तभी FLN की समझ विकसित किया जा सकता है।

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  114. विद्यालय में पी.टी.एम.करने से अभिभावकों के सामाजिक साझेदारी और छात्रों की स्तर की जानकारी बढ़ती है,जो उनके विकास में सहायक होता है।

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  115. पालक शिक्षक संघ मध्य प्रदेश राज्य में प्रभावी है किंतु झारखंड में इसके स्थान पर विद्यालय प्रबंध समितियों कार्य करती है। झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से यह निर्देश जारी किया गया है की विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक प्रत्येक माह के 25 तारीख को निर्धारित किया जाए। विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक में सदस्यों द्वारा विद्यालय के विकास संबंधी योजनाओं एवं विद्यालय की समस्याओं पर चर्चा की जाती है एवं विकास योजनाओं को मूर्त रूप दिया जाता है। एसएमसी की बैठक विद्यालय के विकास का महत्वपूर्ण भाग माना जाता है।
    धन्यवाद
    राजेंद्र पंडित, सहायक शिक्षा
    Govt.PS.Chandsar,Mahagama
    Godda,jharkhand

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  116. Vidyalay mein mah mein ek barPTM honi chahiye.Isse samajik sajhedari badhegi.PTM mein bacchon ki samasyaon per charcha kar uske nidan ke liye rachnatmak gatividhiyan karaker FLN mission ko saphal kar sakte hain.

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  117. विद्यालय में अभिभावक, शिक्षक की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है|शिक्षक, अभिभावकों से बच्चों की जानकारी मिलती है उसी आधार पर हम सभी मिलकर बच्चों की गतिविधियों में अच्छा मार्ग प्रशस्त कर उनके उज्जवल भविष्य के लिए अच्छा काम कर सकते हैं |अतः महीने में कम से कम एक बार शिक्षक, अभिभावकों की बैठक होना अति आवश्यक है|

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  118. हमारे विद्यालय में प्रत्येक माह 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की जाती है। इस बैठक में विद्यालय से संबंधित विभिन्न प्रकार के समस्याओं या मुद्दों पर चर्चा की जाती है तथा समस्याओं को समाधान हेतु समिति द्वारा उचित निर्णय लिए जाते हैं। विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति, विद्यालय में मिड डे मील, बच्चों की छात्रवृत्ति राशि, पोशाक, किताब आदि विषयों पर देखरेख भी की जाती है। वर्तमान में मेरे विद्यालय में एक प्रमुख समस्या बच्चों का बैंक खाता खुलवाना है। इन समस्या का समाधान के लिए विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक में चर्चा की गई थी तथा बैठक में निर्णय लिया गया कि छोटे बच्चे जिनकी उम्र 10 साल से नीचे हैं उन्हें अभिभावक के साथ केवल पिता के साथ ज्वाइंट अकाउंट खुलेगा। परंतु अधिकतर पिता दूसरे राज्य में प्रवासी मजदूर के रूप में कार्य करते हैं ऐसी स्थिति में पिता के साथ ज्वाइंट अकाउंट खुलवाना मुश्किल हो रही है। बैंक का मानना है कि मां के साथ बच्चे का खाता नहीं खोलेंगे। इस स्थिति में अभिभावक से संपर्क कर बैंक खाता खोलने हेतु आग्रह किया गया।

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  119. विद्यालय में अभिभावक की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढती हैं शिक्षक अभिभावकों से छात्रों की जानकारी मिलती हैं विद्यालय विकास में सामाजिक भागिदारी बढती हैंविद्यालय में हर माह शिक्षक अभिभावक बैठक होनी चाहिए इससे बच्चों के अधिगम आसानी होगी खेल खेल में बच्चों को रोचक जानकारी देने से आसानी से बच्चे समझ सकते हैंl

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  120. पालक-शिक्षक संघ की बैठक माह में एक बार अयोजित होती है। इस बैठक में विद्यालय की विभिन्न गतिविधियों एवं उनमें छात्रों की भागीदारी के विषय चर्चा, पठन-पाठन में होने वाली समस्याओं के निराकरण करने हेतु रणनीतियों पर चर्चा, छात्रों से सम्बंधित अभिभावकों द्वारा घर पर होने वाली समस्याओं आदि विषयों पर चर्चा होती है। शिक्षक एवं अविभावकों के परस्पर संवाद और समझ से विद्यालय और छात्रों से संबंधित सभी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। अभिभावक घर में शैक्षिक माहौल बनायेंगे और शिक्षक विद्यालय में छात्रों के पारिवारिक एवं सांस्कृतिक स्तिथियों का सम्मान करते हुए शिक्षण कार्य करेंगे।

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  121. पालक शिक्षक संघ (PTA) की बैठक प्रति माह की जाती है तथा इसकी कार्यकाल 3 वर्षों के लिए होती है । इस बैठक में अभिभावकों से निम्नांकित बिंदुओं पर चर्चा की जाती है -
    (i) विद्यार्थी की उपस्थिति एवं रुचि
    (ii) मूल्यांकन एवं प्री-बोर्ड के परिणाम की स्थिति
    (iii)अन्य विद्यार्थी एवं शिक्षकाें के प्रति व्यवहार
    (iv) अध्ययन संबंधी आदतें, एकाग्रता एवं उत्साह
    (v) शैक्षणिक परिणाम एवं सुधार के कुछ सुझाव इत्यादि ।
    पालक शिक्षक संघ शिक्षक/शिक्षिकाओं को प्रभावी मदद करने हेतु कहा जाना है कि वे बच्चों के लिए घर में एक (शिक्षा का कोना) में अपनी गतिविधियां , अध्ययन एवं अभ्यास कार्य करेंगे । प्रतिदिन 2 से 3 घंटे समय निर्धारित कर वर्कबुक कार्य प्रेरित करना है । बच्चों को आवश्यक सामग्री यथा पेंसिल, कॉपी आदि उपलब्ध कराना है । यथासंभव बच्चों को कार्यक्रम के सुनने/देखने हेतु मोबाईल व रेडियो उपलब्ध कराना है । NAS मॉक टेस्ट और परीक्षा की अच्छी तैयारी के लिए whatsapp ग्रुप पर भेजी गई सभी प्रश्नों को हल कराए । मोहल्ला कक्षा के माध्यम से NAS की तैयारी शिक्षकों द्वारा छात्रों का मार्गदर्शन किया जाएगा । पालकों के समक्ष आनेवाली विभिन्न समस्याओं /शंकाओं को साझा कर शिक्षक आवश्यकतानुसार मार्गदर्शन एवं निराकरण के उपाय करेंगे । .. धन्यवाद ।

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  122. पालक शिक्षक सम्मेलन को साकार करने के लिए हमारे राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रत्येक माह की 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक की जाती है। इस बैठक में विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य का अभिभावक एवं विद्यालय के शिक्षक मिल बैठकर शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियों पर विचार विमर्श करते हैं। अभिभावकों की कठिनाइयों एवं बच्चों के समस्याओं पर चर्चा की जाती है तथा समस्या समाधान पर विचार किया जाता है।

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  123. This comment has been removed by the author.

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  124. बच्चो के विकास के लिए अभिभावकों को विद्यालय में जोड़ना अति महत्वपूर्ण होता है।बच्चे घर पर अभिभावकों के सहयोग से अक्षर ज्ञान एवं गणितीय कौशल विभिन्न क्रियाकलापो के माध्यम से सीखते है।इससे अभिभावकों एवं शिक्षको में आपसी सहयोग की भावना का विकास होता है।

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  125. We do meeting per month with parent and discuss the problems of parents and students

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  126. पालक शिक्षक बैठक प्रत्येक त्रैमासिक आयोजित होती है। इसमें सामान्य और विशिष्ट गतिविधियों की समीक्षा होती है।सामान्य चर्चा में पूरे छात्रों की समस्याओं और उनमें अभिभावकों किसहभागिता से समाधान ढूंढा जाता है।विशिष्ट तौर पर un अभिभावकों से अलग से बात की।जाती है जिनके बच्चे की कुछ समस्याएं हैं जैसे अनुपस्थिति,स्वच्छता इत्यादि।विद्यालय के पोषक क्षेत्र के अभिभावकों को जो शिक्षित हैं उन्हें समय समय पर विद्यालय में अध्यापन हेतु बोलना उचित होगा।
    तरुण नाथ शाहदेव
    राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय हेहल
    रट्टू,रांची

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  127. पालक शिक्षक संघ की की परिकल्पनाओं के अनुरूप ही हमारे राज्य झारखण्ड के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रत्येक माह के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक को करना अनिवार्य किया गया है।इस बैठक में शिक्षक,अभिभावक,विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में अन्य हितकारी समूह आपस में बैठकर विद्यालय विकास एवं शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित एक विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने का कार्य करते हैं।यहाँ अभिभावकों के कठिनाईयों,बच्चों के मुद्दे सहित अन्य बातों पर विस्तार पूर्वक चर्चा-परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।सर्वसम्मति से समस्या समाधान पर अंतिम निर्णय लिया जाता है।

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  128. विद्यालय में अभिभावक शिक्षक संघ की बैठक का आयोजन प्रत्येक महीने के 25 तारीख को निर्धारित है इस बैठक में बच्चों का सर्वांगीण विकास एवं विद्यालय में आने वाली समस्याओं के बारे में चर्चा की जाती है विद्यालय शिक्षक और अभिभावकों के सहयोग से समस्याओं का समाधान निकाला जाता है इससे बच्चों को पढ़ाई के प्रति उत्साह एवं लगाव बढ़ने लगता है।

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  129. अभिभावक शिक्षककीबैठक हर माह होना जरुरी है जिसमे बच्चो के बारे मे चरचा होनी चाहिये फिर आपसी तालमेल से बच्चो की पढाई मे सुधार कगया जा सकता है

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  130. PTM monthly बैठक में विद्यालय में चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों के सम्बंध में माता पिता अभिभावकों को जानकारी दी जाती है । वच्चों के प्रगति में आने वाले कठिनाई समुदाय के सामने रखा जाता है तथा उनके उपलब्धि भी माता पिता अभिभावकों के सामने रखा जाता है। विद्यालय में समुदाय की भागीदारी से वच्चों के शिक्षा को अधिक पारदर्शी बनाया जा सकता है।

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  131. PTM KA AAYOJAN SARTJAK RUP ME KIYA JANA CHAHIYE.

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  132. Vidyalay mein palak Shikshak ki baithak harma Hone chahie jismein Shikshak abhibhavak Vidyalay Parivar AVN Vishesh paristhiti Mein samuday AVN Anya Hitkari Shambhu aapas Mein vichar vimarsh Kar bacchon Ke adhigam sambandhi samasya AVN unke Samadhan Hetu suchnaon ka

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  133. Vidyalay a main portion Vidyalay mein palak Shikshak Sangh Ki baithak Har MHA hone chahie jismein Shikshak abhibhavak Vidyalay Parivar AVN Vishesh paristhiti Mein samuday AVN Anya Hitkari Shambhu aapas Mein vichar vimarsh Kar bacchon Ke adhigam sambandhi samasya AVN unke Samadhan Hetu sujhav ka aadan pradan kar sakte hain Sath hi Vidyalay Vikas technique AVN freshnic gatividhiyan se sambandhit samasyaon ka Samadhan Hetu vistrit Roop Rekha taiyar kar sarve Samiti se nirnay liya Ja sakta hai is Prakar ke Prayas se bacchon

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  134. Anjani Kumar Choudhary 7549021253
    पालक शिक्षक संघ की की परिकल्पनाओं के अनुरूप ही हमारे राज्य झारखण्ड के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रत्येक माह के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक को करना अनिवार्य किया गया है।इस बैठक में शिक्षक,अभिभावक,विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में अन्य हितकारी समूह आपस में बैठकर विद्यालय विकसित एवं शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित एक विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने का कार्य करते हैं।यहाँ अभिभावकों के कठिनाईयों,बच्चों के मुद्दे सहित अन्य बातों पर विस्तार पूर्वक चर्चा-परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।सर्वसम्मति से समस्या समाधान पर अंतिम निर्णय लिया जाता है।इसके परिणाम लगातार सकारात्मक दिखाई पड़ रहे हैं।बहुत-बहुत धन्यवाद।

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  135. विद्यालय में शिक्षक अभिभावक बैठक से सामाजिक साझेदारी बड़ती है जिससे विद्यालय और बच्चों का विकास निश्चित रुप से होना संभव है।

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  136. विद्यालय में अभिभावकों की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है, शिक्षक अभिभावकों से छात्रों की जानकारी मिलती है,ptm से पुरा विद्यालय परिवार अभिभावकों के साथ जुड़े रहते हैं,विद्यालय विकास में सामाजिक भागीदारी बढ़ती है।

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  137. पालक शिक्षक संघ की बैठक पूर्व की भांति प्रत्येक तीन माह में आयोजित की जाती है। वर्तमान में विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक प्रत्येक माह की 25 तारीख को निर्धारित है ।इस बैठक में सदस्यों के अतिरिक्त अन्य पालकों या हितधारकों को भी आमंत्रित किया जाता है ।पालक शिक्षक संघ में इन बिंदुओं पर चर्चा की जाती है - बच्चों की बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान पर चर्चा, बच्चों के सीखने -सिखाने में आनेवाली में आने समस्याओं पर विचार ,शैक्षणिक कार्य में आनेवाली समस्याओं तथा उसका समाधान, विद्यालय में संसाधनों की उपलब्धता पर चर्चा, विभिन्न सरकारी योजनाओं पर चर्चा, बच्चों की उपस्थिति, मूल्यांकन एवं प्रगति पर चर्चा ,बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति पर चर्चा, पलकों की पारिवारिक ,सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति पर चर्चा । पालकों के समक्ष हम कुछ विषयों पर प्रश्न रखकर चर्चा कर सकते हैं, जैसे - आपके बच्चे घर पर कितनी देर पढ़ते हैं या खेलते हैं वे अपना घर का कार्य किस तरह से करते हैं ,वे प्रायः किस तरह के कार्यों में ज्यादा रुचि लेते हैं । पालकों की ओर से इन प्रश्नों के विभिन्न उत्तर आ सकते हैं, जिसके आधार पर हम बच्चों के शैक्षणिक स्थिति में सुधार के लिए उचित गतिविधियों का निर्माण कर सकते हैं। साथ ही अभिभावकों के मन में बहुत सारी चिंताएं भी रहती है, जिनका समाधान भी हम पलकों तथा विद्यालय प्रबंधन समिति की सहभागिता से कर सकते हैं ।

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  138. शिक्षक अभिभावक बैठक अति महत्वपूर्ण है। इस बैठक से बच्चों के विभिन्न पहलुओं की जानकरी मिलती है तथा अभिभावकों की सहभागिता से विद्यालय एवं बच्चों Manoj kumar U p s Gargu lal Thakur Gangti Godda

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  139. विद्यालय में पालक-शिक्षक संघ की बैठक हर माह होने चाहिए जिसमें शिक्षक, अभिभावक, विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में समुदाय एवं अन्य हितकारी समूह आपस में विचार-विमर्श कर बच्चों के अधिगम संबंधी समस्याओं एवं उनके समाधान हेतु सुझावों का आदान प्रदान कर सकते हैं। साथ ही विद्यालय विकास, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित समस्याओं का समाधान हेतु विस्तृत रूप रेखा तैयार कर सर्व सम्मति से निर्णय लिया जा सकता है। इस प्रकार के सामुहिक प्रयास से बच्चों एवं अभिभावकों मेंं शिक्षा के प्रति उत्साह एवं लगाव बढ़ाने वाला उत्तम माहौल तैयार किया जा सकता है।

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  140. बच्चों का शैक्षिक जड़ परिवार में होता है इसी को ध्यान में रखते हुए शिक्षण कार्य में संख्या ज्ञान को रोचक बनाने में पारिवारिक गतिविधि बहुत ही महत्वपूर्ण साधन उपलब्ध हो सकता है।

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  141. पालक शिक्षक संघ की बैठक माह में एक बार होनी चाहिए।इसके अनुरूप ही हमारे राज्य झारखंड के सभी सरकारी विद्यालयो में प्रत्येक माह के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक को करना अनिवार्य किया गया है।इस बैठक में शिक्षण से सबंधित सारी जानकारी अभिभावको को दी जाती है।विद्यालयो में विभिन्न प्रकार की समस्याओ को अभिभावको के साथ साझा किया जाता है तथा उस समस्याओ को दूर करने का उपाय ढूढें जाते है।साथ ही अभिभावको के चिंताओ तथा उनके निराकरण के उपाय किये जाते है।

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  142. पालक शिक्षक संघ की बैठक माह में एक बार होनी चाहिए।इसके अनुरूप ही हमारे राज्य झारखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रत्येक माह के 25 तारिक को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक को करना अनिवार्य किया गया है।इस बैठक में शिक्षण से संबंधित सारी जानकारी अभिभावकों को दी जाती है।विद्यालयों में विभिन्न प्रकार की समस्याओं को अभिभावकों के साथ साझा किया जाता है तथा उस समस्याओं को दूर करने का उपाय ढूंढे जाते है।साथ ही अभिभावकों के चिंताओं तथा उनके निराकरण के उपाय किए जाते है।

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  143. जैसा कि हमें मालूम है पालक शिक्षक संघ (पी०टी०ए०) का निर्माण विद्यालय सत्र शुरू होने के 30 दिनों के अंदर कर लेना है तथा बैठक का श्रीगणेश उसी दिन कर लेने के उपरांत हर 2 महीने के अंत में एक बार अति आवश्यक रूप से करना है। विशेष परिस्थिति में आवश्यकता पड़ने पर बैठक का दिन में बदलाव किया जा सकता है।
    कोविड-19 की एस.ओ.पी.को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत रूप से विद्यालय में अभिभावकों को आमंत्रित करके निम्न वत चर्चा की जाती है :
    अ) बच्चों की उपलब्धियों के बारे में।
    आ) प्रत्येक बच्चे का शैक्षणिक तथा गैर शैक्षणिक (पाठ्य सहगामी)गतिविधियों के बारे में।
    इ) छात्र-छात्राओं के अधिगम-स्तर, व्यवहार-संबंधी रिपोर्ट,प्रगति,रुचि,कक्षा में प्रश्न पुछने, उत्तर देने की तत्परता आदि के बारे में।
    ई) बच्चों के अनियमित उपस्थिति पर तथा उन्हें नियमित करने हेतु विभिन्न पहलुओं पर।
    उ) अभिभावकों से मिली सूचनाओं को प्राप्त कर,उसमें अपनी प्रतिक्रिया जोड़कर ।
    ऊ) बच्चों के सभी विकासात्मक क्षेत्रों में प्रगति के बारे में।
    ए) बुनियादी स्तर पर अभिभावकों की सहभागिता के महत्व पर।
    ऐ) विभिन्न कक्षाओं के स्तर पर सीखने के प्रतिफलों पर जागरूक होने के लिए।
    ओ) बैठकों में नियमित तथा सार्थक सहभागिता हेतु।
    औ) बच्चों की प्रगति-पत्रक मुख्यता सभी अभिभावकों को उपलब्ध कराकर।
    क) बच्चे,अभिभावक तथा शिक्षक के विभिन्न चुनौतियों पर एवं उनके निदानात्मक सुझाव पर।
    ख) बच्चों के विशिष्ट विशेषताओं पर एवं उन्हें आगे बढ़ाने हेतु प्रेरणा पर।
    ग) बच्चों की कमियों पर तथा उनके उपचारात्मक पहल पर।
    घ) विद्यार्थियों की आदतों,व्यवहार,कक्षा में अध्ययन इत्यादि पर ध्यान देने संबंधी बातों पर।
    च) छात्र-हित में जो भी पहल होगी उस पर आपस में चर्चा और सूचनाओं का आदान-प्रदान जिससे बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए कार्य किया जा सके।
    जहां तक विद्यालय और शिक्षक/शिक्षिकाओं के प्रभावी मदद का आशय --- हमारे बच्चों के सर्वांगीण विकास(शैक्षणिक और सह-शैक्षणिक)में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहयोग प्रदान कर एक प्रभावी छात्र-जीवन का निर्माण करना तथा विद्यालय वातावरण को एक स्वस्थ,स्वच्छ,अनुशासनात्मक,सहयोगात्मक तथा सुरक्षात्मक दृढ़ता प्रदान कर तथा अभिभावक-शिक्षक संबंध में सौहार्दता लाते हुए सुचारू कामकाज के लिए एक स्वस्थ संतुलन बनाए रखना। मेरे विचार से अभिभावक निम्नवत प्रभावी मदद कर सकते हैं--
    १) नियमित रूप से "पालक शिक्षक संघ"बैठक में सम्मिलित होकर।
    २) विद्यालय में संवाद-कौशल और तरीकों में सुधार हेतु रूचि लाकर।
    ३) शिक्षा-संवाद-जागरूकता कार्यक्रम ,सामुदायिक कार्यक्रम आदि का आयोजन कर।
    ४) अभिभावक संगठित होकर विभिन्न पोषक क्षेत्रों के संगठनों से मिलकर जन-अभियान के रूप में बच्चों के विकास हेतु भव्य कार्यक्रमों का आयोजन कर विभिन्न हितधारकों का ध्यान अपनी तरफ खींच कर।
    ५) घर में बच्चों के साथ दैनिक या साप्ताहिक गतिविधियां करने के लिए समय देकर।
    ६) घर के वातावरण को प्रिंट-समृद्ध कर बच्चों के बुनियादी साक्षरता-कौशल को सुदृढ़ कर।
    ७) घर पर उत्तेजक वातावरण का निर्माण कर।
    ८) घर के विभिन्न हिस्सों को लेवल करके मुद्रित और संख्यात्मक वातावरण निर्मित कर।
    ९) बुनियादी-साक्षरता तथा संख्या-ज्ञान गतिविधियों में सहभागिता बढ़ाकर।

    उनके समस्याओं(चिंताओं)के निराकरण हेतु निम्नांकित उपायों को अपना सकते हैं:
    १) अभिभावकों से प्रत्यक्ष रूप से नियमित भेंट कर उनके ह
    २) बैठकों में अपनी सहभागिता को निभाने का महत्व पर विभिन्न तथ्यों से अवगत कराकर।
    ३) विद्यालय में अभिभावकों को मित्रवत व्यवहार के साथ स्वागत कर।
    ४) बैठक में नियमित रूप से आने तथा अपने समस्याओं को व्यक्त करने के तरीकों को मार्गदर्शन देकर तथा उनके संवाद-कौशल को विकसित कर।
    ५) बैठक में धैर्य के साथ शांत रहकर उनके अनुचित और अप्रासंगिक सवालों को जानने के बावजूद उन्हें समझाने और दिलासा देने की कोशिश कर, कि उनके बच्चे सुरक्षित हाथों में हैं।
    ६) बच्चों के संकोच तथा मजबूरियों का पता लगाकर अभिभावकों को आश्वासन प्रदान कर।
    ७) विद्यालय में अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों के माता-पिता की दक्षताओं को स्वीकार करते हुए उन्हें सम्मानजनक संबंध बनाने में मदद कर |
    ८) अक्सर अस्वस्थ रहने वाले बच्चों का जिक्र करते हुए पालन-पोषण के तरीकों का चार्ट तैयार कर परवरिश-कौशल के बारे में सुझाव देकर।
    ९) अभिभावकों के लिए विद्यालय में एफ.एल.एन. संसाधन केंद्र का निर्माण कर|
    १०) अभिभावकों के बच्चों की शिक्षण में सहयोग के लिए शिक्षित करने हेतु उनकी सुविधा अनुसार औपचारिक और अनौपचारिक संवाद को खुला रखकर।
    ११) उनके सुख में सुखी तथा दुख में दुखी बनकर यथासंभव नैतिक समर्थन के साथ सहयोग प्रदान कर उनके विश्वास को जीतकर तथा हौसला बढ़ा कर एक सच्चे साथी इंसान बनकर रहने का एहसास दिला कर !

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  144. पालक शिक्षक संघ की की परिकल्पनाओं के अनुरूप ही हमारे राज्य झारखण्ड के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रत्येक माह के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक को करना अनिवार्य किया गया है।इस बैठक में शिक्षक,अभिभावक,विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में अन्य हितकारी समूह आपस में बैठकर विद्यालय विकसित एवं शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित एक विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने का कार्य करते हैं।यहाँ अभिभावकों के कठिनाईयों,बच्चों के मुद्दे सहित अन्य बातों पर विस्तार पूर्वक चर्चा-परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।सर्वसम्मति से समस्या समाधान पर अंतिम निर्णय लिया जाता है।इसके परिणाम लगातार सकारात्मक दिखाई पड़ रहे हैं।बहुत-बहुत धन्यवाद।

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  145. Hamare vidyalyo me vec teachers abhibhaavak vidyaly ke abhinn ang hai aur jab ek dusare ke sahyog ewam samnjasyta hone se bacho ka sarwagin vikas ho sakta hai isi ka ek bhag hai ptm sabhi abhibhawako ko v vidyaly me sahbhagita sunishchit karne se bacho ko protsahn milta hai aur bacho ko kary karne me jaise grih kary me sahyog milta hai

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  146. PTM is very helpful for student's development.

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  147. विद्यालय में पालक-शिक्षक संघ की बैठक हर माह 25तारिख को होती है जिसमें शिक्षक, अभिभावक, विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में समुदाय एवं अन्य हितकारी समूह आपस में विचार-विमर्श कर बच्चों के अधिगम संबंधी समस्याओं एवं उनके समाधान हेतु सुझावों का आदान प्रदान करते हैं। साथ ही विद्यालय विकास, शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित समस्याओं का समाधान हेतु विस्तृत रूप रेखा तैयार कर सर्व सम्मति से निर्णय लिया जा सकता है। इस प्रकार के सामुहिक प्रयास से बच्चों एवं अभिभावकों मेंं शिक्षा के प्रति उत्साह एवं लगाव बढ़ाने वाला उत्तम माहौल तैयार किया जा सकता है।

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  148. Vidyalay me PTM baithak bachchon ke vikash me sahayak hai.Isse bachchon ki samasaon ka jankari milti hai.Sikshak abam abhibhabak ke sahayog se samasaon ka samadhan kiyaja sakta hai.

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  149. Bacho ki sarwangin vikas hetu bacho ke abhibhawak agar badh chadh kar bhag le to sabhi star par bacho ka vikas kiya ja sakta hai

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  150. Palak shikshak sangh ki parikalpnake anusaran hamarerajy jharkhand mebhi sabhi sarkari vidyalayprabandhan samiti ki baithak karnaaniwry kiya gaya hai is baithak mepratyek mah ke 25tarikh ko baithak karana aniwary haiis baithak me shikshak abhibhawak vidyalayon prabandhan samiti sadsy ewam any hitkari samuh aapas me baithkar vidhyalay vikas ewam saikshnik tatha asaikshnik gatividhiabhibhawak ki katinai aur bacho ke muddo ko shamil kar charcha ke uprant uska ni dan nikal kar vidhyalay me sakshnik karykramo ko badhawa dene par

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  151. पालक शिक्षक संघ की बैठक की अवधि एक महीने की है इसी परिकल्पना के अनुसार प्रत्येक माह के 25 तारीख को प्रबंधन समिति की बैठक करना अनिवार्य किया गया है जिसमें शिक्षक, प्रबंधन समिति के सदस्य एवं अभिभावकों की उपस्थिती अनिवार्य होती है और वे सभी आपस मे विचार -विमर्श कर बच्चों के अधिगम संबंधी समस्याओं एवं उनके समाधान हेतु सुझाओं का आदान-प्रदानकर सकते हैं।

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  152. Every month teachers guardians meeting should be necessary because it is important for their knowledge.

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  153. विद्यालय में महीने में एक बार PTM होना चाहिए।इस बैठक से बच्चों के विभिन्न पहलूओं की जानकारी मिलती है तथा बच्चों के अधिगम संबंधी समस्याओं एवं उनके सामाधान हेतु सुझावों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

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  154. पलक शिक्षक संघ के ही अनुरूप हमारे राज्य झारखंड के सभी सरकारी विद्यालय में प्रत्येक माह की 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक करना अनिवार्य किया गया है। इस बैठक में शिक्षक,अभिभावक ,विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में अन्य हितधारक आपस में बैठकर विद्यालय विकास एवं शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित एक विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने का कार्य करते हैं।साथ ही समस्या के निराकरण हेतु महत्वपूर्ण लिए जाते हैं, जिसका परिणाम सकारात्मक होता है।

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  155. School m teachers-abhiwawak ki baithak mahine m aek bar hoti hai jis se bachhon k samarg vikash per charcha hoti hai.Teacher abhiwawak k madhyam se bachhon k samasyaon tatha asthiti se ruaru hote hain.
    .........SHAMBHU SHARAN PRASAD
    .....MS KUSUNDA MATKURIA DHANBAD 1

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  156. विद्यालय में अभिभावकों शिक्षकों की बैठक प्रत्येक महीना में कम से कम एक बार जरूर किया जाता है हमारे झारखंड में प्रत्येक महीना के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक निर्देशित है बैठक में शैक्षणिक गैर शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने साथ ही समस्या के निराकरण हेतु महत्वपूर्ण और सकारात्मक पहल की जाती है

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  157. Interaction between teachers , parents and students is very important.Parents Teachers metting can be organised on the day of result or every month .In order to bring a positive change.

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  158. Vidyalay mein abhibhavak ki baithak karne se samajik sajhedari badhati hai shikshak abhibhavakon ko Chhatra ki jankari milati hai Vidyalay Vikas mein samajik Bhandari badhati hai kis baithak Ko niyamit karne chahie

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  159. Vidyalay me avivavak ke sang baithak aayojit kar bachho ke shichha tatha anaya vikas se sambandit jankari prapt ki ja sakti hai.Isse baccho ka sarwangin bikas kar pana samvhaw ho pata hai.

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  160. माता-पिता,अभिभावकों और समुदाय के लोगों से निरंतर संवाद होने से उनकी रूचि विद्यालय की गतिविधियों में बनी रहती है। संवाद होते रहने से घर और विद्यालय के बीच मजबूत संबंध बनता है एवं बच्चे भी अपने को सुरक्षित महसूस करते हैं। इस संबंध को मजबूर करने का दायित्व विद्यालय में शिक्षक शिक्षिकाओं और घर में माता-पिता तथा परिवार के अन्य सदस्यों का है। संवाद को बढ़ावा देने के लिए संचार के कई तरीके हो सकते हैं। संवाद औपचारिक तथा अनौपचारिक दोनों तरह से हो सकता है।
    पालक/अभिभावक शिक्षक संघ माता-पिता,अभिभावक और शिक्षकों का एक औपचारिक संगठन है जो माता-पिता को अपने बच्चों की शिक्षा में शामिल करने के साथ-साथ विद्यालय प्रणालियों की सहायता और सुधार के लिए बनता है। अभिभावक शिक्षक संघ माता-पिता और शिक्षकों को एक बेहतर मंच प्रदान करने के लिए काम करते हैं,जो विद्यालय,शिक्षण और हर चीज को बेहतर बनाते हैं,जो बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास को प्रभावित करता है।
    अभिभावक शिक्षक संघ की बैठक प्रत्येक माह की जाती है।हमारे झारखण्ड राज्य में एस एम सी की बैठक के लिए हर माह की 25 तारीख निर्धारित है। अभिभावक/पालक शिक्षक संघ की बैठक प्रत्येक मूल्यांकन कार्यक्रम के उपरांत होना आवश्यक है। अभिभावक शिक्षक संघ को तीन माह,छः माह या वर्ष में एक बड़े आयोजन भी करना चाहिए। सरकार/विभाग या समुदाय से प्राप्त धन के वितरण और व्यय से पहले बैठक किया जाना चाहिए।
    अभिभावक शिक्षक संघ बैठक की सफलता बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें माता-पिता,शिक्षकों या छात्रों के सामने आने वाले किसी भी विशेष मुद्दों पर चर्चा करने और हल निकालने में दोनों पक्षों को मदद मिलती है।
    अभिभावकों से निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की जाती है:-
    1:बच्चों का शैक्षिक प्रदर्शन। 2:बच्चों का कक्षा व्यवहार। 3:अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियां। 4:बच्चों का सामाजिक कौशल। 5:अन्य अभिभावकों के साथ बातचीत। 6:बच्चे की प्रतिभा। 7:बच्चे का शौक। 8:बालगृह जीवन। 9:धन एकत्रित करने के संबंध में। 10:कार्य योजना।
    आवश्यकतानुसार और भी बहुत से मुद्दों पर अभिभावकों से चर्चा की जाती है।
    अभिभावक विद्यालय और शिक्षक शिक्षिकाओं को कई तरह से प्रभावी मदद कर सकते हैं,जैसे:-
    1:विद्यालय तथा घर को निकट लाना।
    2:विद्यालय की गतिविधियों में सहयोग प्रदान कर।
    3:परिवार के वातावरण में सुधार लाना ताकि स्वस्थ परिस्थितियों का निर्माण हो सके।
    4:बच्चों के नामांकन और उपस्थिति में प्रभावी मदद।
    5:गृहकार्य तथा कक्षाकार्य के लिए बच्चों को उत्साहित एवं प्रेरित करना।
    6:बच्चों की गतिविधियों पर निरंतर नजर रखकर।
    7:एफ एल एन कौशलों के विकास महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर।
    8:मध्याहन भोजन संचालन में सहयोग।
    9:विद्यालय में अनुशासन कायम रखने में।
    10:समुदाय से बहुत तरह की मदद दिलाने में।
    11:सरकार,समुदाय से प्राप्त धन(राशि,सामग्री)के वितरण,व्यय तथा उपयोग में सहयोग दे सकते हैं।
    12:विद्यालय परिसर में सुरक्षा के वातावरण निर्माण में मदद कर सकते हैं।
    इन सभी कार्यों के लिए शिक्षक शिक्षिकाओं को विनम्र होना होगा। अभिभावकों के साथ आदर और सम्मान से पेश आना होगा। अभिभावकों के बातों का सम्मान देते हुए उन्हें ध्यान से सुनना होगा तथा उनके चिंताओं आशंकाओं को सहानुभूतिपूर्वक दूर करने का प्रयास करना होगा।
    अभिभावक शिक्षक संघ में सिर्फ बच्चे ही नहीं अपितु विद्यालय/शिक्षकों और अभिभावकों की भी जरूरतों को पूरा किया जाता है। माता-पिता और शिक्षक एक ही बच्चे के शिक्षक होते हैं। अतः शिक्षा के परिणाम को सफल बनाने के लिए हमें (अभिभावकों और शिक्षकों को)आपस में ही सहयोगी बनना होगा।

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  161. विद्यालय में शिक्षक अभिभावक बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है। इससे बच्चों के बारे में जानकारी मिलती है। विद्यालय के विकास में भी सहयोग प्राप्त होता है।

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  162. विद्यालय में नियत तिथि को PTM करने से अभिभावक में एक विश्वास जागृत होता है कि शिक्षक भी हमारे बच्चों के प्रति संवेदनशील हैं और वे नित्य उनके समग्र विकास हेतु प्रयासरत होते हैं|विद्यालय में एक बेहतर शैक्षणिक माहौल बनाने में अभिभावकों की भी भागीदारी महत्वपूर्ण होती है |आपसी सहयोग के बिना हम अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते |
    अभिभावकों को कभी-कभी लगता है कि सिर्फ़ विद्यालय में ही शैक्षणिक माहौल बनता है और उनके बच्चों की शिक्षा का सारा दारोमदार शिक्षक पर ही निहित होती है |हम उनसे बेहतर समन्यवय स्थापित करते हुए उन्हें विश्वास दिलाना होगा कि वे आसानी से कुछ छोटी छोटी गतिविधियों को कराकर अपने बच्चों में FLN कौशल को सहजता से हासिल कर सकते हैं |इन कार्यों में हम शिक्षक उनको सहयोग प्रदान करे तो वे एक बेहतर और प्रभावी माहौल का निर्माण अपने घर पर कर सकने में सक्षम होंगे |

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  163. विद्यालय में पीटीएम की बैठक का करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है। छात्रों को भी विद्यालय से जुड़ाव महसूस होता है।जब उनके माता-पिता को विद्यालय में बुलाया जाता है

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  164. विद्यालय में अभिभावक की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है।शिक्षक को अभिभावक से छात्रों की जानकारी मिलती है।विद्यालय विकास में सामाजिक भागीदारी बढ़ती है।छात्रों को भी विद्यालय से जुड़ाव महसूस होता जब उनके माता पिता को विद्यालय में बुलाते है।इसे नियमित करना चाहिये
    PHUL CHAND MAHATO
    UMS GHANGHRAGORA
    CHANDANKIYARI
    BOKARO

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  165. विद्यालय में अभिभावकों की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है, शिक्षक अभिभावकों से छात्रों की जानकारी मिलती है,ptm से पुरा विद्यालय परिवार अभिभावकों के साथ जुड़े रहते हैं,विद्यालय विकास में सामाजिक भागीदारी बढ़ती है

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  166. Parents teacher helds in every month.so we should discuss on the progress of every students,weakness and strengths.And also we discuss on the whole school development work.

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  167. बुनियादी साक्षरता मिशन को सफल करने के लिए अभिभावकों को जागरूक करने के लिए मासिक पी टी एम बैठक मेनियामित रूप से विद्यालय आने के लिए प्रेरित करना होगा तथा विद्यालय के वर्ग शिक्षकों को अभिभावकों के घर पर जाकर उनसे संपर्क कर के बच्चे की जरूरत पर बातचीत करनी होगी।पीटीएम की बैठक मेविद्यालाय की समस्याओं से अभिभावकों को जागरूक करना होगा। और सहयोग के लिए प्रेरित करना होगा।

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  168. विद्यालय में माता-पिता शिक्षक की बैठक होने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है। छात्रों को भी विद्यालय से जुड़ाव महसूस होता है। शिक्षक माता पिता और बच्चे के बीच परस्पर संबंध गहरा होता है।

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  169. विद्यालय में अभिभावक की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है।शिक्षक को अभिभावक से छात्रों की जानकारी मिलती है।विद्यालय विकास में सामाजिक भागीदारी बढ़ती है।छात्रों को भी विद्यालय से जुड़ाव महसूस होता है,जब उनके माता पिता को विद्यालय में बुलाते है।इसे नियमित करना चाहिये

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  170. School me Teacher Gardian ke sahyog se student ka dovlop hota hai

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  171. शिक्षक संघ की की परिकल्पनाओं के अनुरूप ही हमारे राज्य झारखण्ड के सभी सरकारी विद्यालयों में प्रत्येक माह के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक को करना अनिवार्य किया गया है।इस बैठक में शिक्षक,अभिभावक,विद्यालय परिवार एवं विशेष परिस्थिति में अन्य हितकारी समूह आपस में बैठकर विद्यालय विकास एवं शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित एक विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने का कार्य करते हैं।यहाँ अभिभावकों के कठिनाईयों,बच्चों के मुद्दे सहित अन्य बातों पर विस्तार पूर्वक चर्चा-परिचर्चा का आयोजन किया जाता है।सर्वसम्मति से समस्या समाधान पर अंतिम निर्णय लिया जाता है।इसके परिणाम लगातार सकारात्मक दिखाई पड़ रहे हैं।

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  172. अभिभावक, शिक्षक संघ की बैठक प्रत्येक माह २५ तारीख को आयोजित की जाती है।इस बैठक में शिक्षक, अभिभावक, समुदाय के विभिन्न लोग​ एवं विद्यालय प्रबंधन समिति सदस्य विभिन्न समस्याओं पर चर्चा करते हैं।हम बच्चों के बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान की अवधारणा की अभिवृद्धि आधारित चर्चा को केंद्र में रखकर बैठक की सार्थकता को बढा सकते हैं।एफ एल एन की सफलता के लिए माता-पिता​, अभिभावकों, समुदाय एवं विद्यालय प्रबंधन समिति किस प्रकार सहयोग कर सकता है,पर चर्चा कर सकते हैं।विद्यार्थी की उपस्थिति, रुचि, मूल्यांकन, सहपाठियों एवं शिक्षकों के साथ व्यवहार, अध्ययन संबंधित आदतें, एकाग्रता एवं उत्साह आदि बातों पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए।
    माता पिता एवं अभिभावकों के सहयोग से घर में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान अभिवृद्धि आधारित " शिक्षा कोना"निर्माण पर बल दिया जाना चाहिए।खेल खेल में, कहानी एवं गीत के माध्यम से साक्षरता एवं संख्या ज्ञान की अवधारणा को मजबूत करना आदि बातों पर चर्चा केंद्रित​ होनी चाहिए।
    माता पिता, अभिभावकों,विद्यालय प्रबंधन समिति एवं शिक्षकों के आपसी​ सामंजस्य से बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल किया जा सकता है।
    अनिल​ तिवारी
    सहायक शिक्षक
    रा म विद्यालय दुलदुलवा
    मेराल​, गढवा।

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  173. विद्यालय में अभिभावक की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है।शिक्षक को अभिभावक से छात्रों की जानकारी मिलती है।विद्यालय विकास में सामाजिक भागीदारी बढ़ती है।छात्रों को भी विद्यालय से जुड़ाव महसूस होता जब उनके माता पिता को विद्यालय में बुलाते है।इसे नियमित करना चाहिये

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  174. अभिभावक-शिक्षक संघ की बैठक प्रत्येक शनिवार को होना चाहिए और प्रत्येक बैठक में भिन्न- भिन्न आवश्यकता वाले बच्चों के अभिभावकों बुलाया जाना चाहिए और उनके अनुरूप गतिविधि सुझायी जानी चाहिए ताकि वे अपने घर पर उस गतिविधि को करें और उत्पन्न समस्याओं से शिक्षा को अवगत करायें|धन्यवाद

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  175. पालक शिक्षक संघ की बैठक प्रत्येक माह की जाती है तथा अभिभावकों से बच्चों के हितार्थ चर्चा एवं साझीदारी की जाती है।अभिभावक विद्यालय और शिक्षक का अति महत्वपूर्ण हितकारक साझेदार हो सकता है।अतः हम शिक्षकों को अभिभावक एवं समुदाय से साझेदारी एवं सहयोग की अति आवश्यकता है।

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  176. Sometimes Teachers had to discuss with guardian to know about children's interest. So that we develop children and help them grow in new way with good learning skill.

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  177. Nivedita kumari, P S Kumharmunda :SMC मीटिंग की तरह ही PTA मीटिंग भी हर महीने होनी चाहिए। जिससे बच्चों के गुणवत्ता,सृजनात्मकता,रुचि एवं अन्य उपलब्धि के बारे में अभिभावको को जानकारी प्राप्त होगी। अभिभावको की सहभागिता से बच्चो के बौद्धिक ज्ञान और विकासात्मक मनोविज्ञान को बढ़ाया जा सकता है। इससे बच्चों को प्रोत्साहित किया जा सकता है।

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  178. विद्यालय में अभिभावक की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है। शिक्षक से अभिभावक को छात्रों की जानकारी प्राप्त होती है।शिक्षक, अभिभावक और विद्यार्थी के बीच परस्पर संबंध स्थापित होता है।

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  179. Vidyalay Mein abhibhavak ke sath baithak karne se bacchon ki samasyaon ka ka nirakaran Kafi had Tak Hota Hai aur Aisi prakriya Chalte rahni chahie. Vidyalay Mein Kuchh gatividhiyan abhibhavak Bhi kar sakte hain jisse bacche a Kafi prabhavit ho sakte hain.

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  180. पेटीएम की बैठक माह में कम से कम एक बार होनी चाहिए। इस बैठक में शिक्षण से संबंधित सारी जानकारी अभिभावकों को दी जाती है। विद्यालय में विभिन्न प्रकार के समस्याओं को अभिभावकों के साथ साझा किया जाता है तथा उस समस्याओं को दूर करने का उपाय ढूंढे जाते हैं।

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  181. शिक्षक-अभिभावकों के बीच नियमित बैठक होने से एफ.एल.एन के कौशलों को और आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।अभिभावकों को विभिन्न गतिविधियों की जानकारी देकर घर में बच्चों के साथ खेल-खेल ,घरेलू कार्य के दौरान आनंद वातावरण में ये कौशल अभिभावक भी विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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  182. पालक शिक्षक संघ की बैठक एक या दो बार महीने में किया जाना चाहिए। और इस बैठक में अभिभावकों को से उनके बच्चों के बिषय में चर्चा करना चाहिए कि उनके बच्चों का प्रगति क्षेत्र कैसा है या वे रूचि ले रहे हैं अथवा नहीं।
    अभिभावकों को विशेष जिम्मेदारी दी जानी चाहिए ताकि वे अपने तथा आसपास के बच्चों में हो रहे विकास व अभिरूचि को जान पाए तथा हम शिक्षकों की मदद कर सके।
    अभिभावकों की चिंता और निराकरण के लिए समय समय पर बैठक और विविध कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा तो समस्याओं का समाधान,उपाय और बच्चों के साथ साथ अभिभावकों व शिक्षकों में भी जागरूकता पैदा होगी

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  183. PTA की बैठक हर महीने एक दिन की जानी चाहिए।अभिभावकों से बच्चों की शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक दोनों गतिविधियों की चर्चा की जानी चाहिए। PTA के द्वारा शिक्षकों और अभिभावकों दोनों की समस्याओं का समाधान आपसी चर्चा से निकाला जा सकता है।जिससे बच्चों की अधिगम में सुधार लाया जा सकता है। इस तरह के सामूहिक प्रयास के अच्छे परिणाम मिलेंगे।

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  184. PTM every month hona chahiye jisse abhibhawak apne bachchon ko hone wale problems ko rakh sakte hain aur hum teachers hone ke nate bachchon ki problems ko nirakaran karenge.

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  185. Filhaal baitha ki tarikh 25 ki gayi hai
    Baithak me abhibhawak ttha samiti Bachon ke vishay me baaten rakhte hain jisse Bachon agrasarit awam utsah it karne me madad milti hai.

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  186. शिक्षक अभिभावक बैठक अति महत्वपूर्ण है। इस बैठक से बच्चों के विभिन्न पहलुओं की जानकारी मिलती है, तथा अभिभावकों की सहभागिता से विद्यालय एवं बच्चों का विकास निश्चित रूप से होगा ।

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  187. Palak shikshak Sangh ki parikalpana ke anurup hi hamare Rajay Jharkhand ke sabhi vidyalayon mein pratyek mah ke 25 tarikh ko Vidyalay prabandhan samiti ki baithak ko karna niwari Kiya Gaya hai is baithak mein shikshak vibhag Vidyalay Parivar AVN Vishesh paristhiti mein Anya hitkari aapas mein baith kar Vidyalay Vikas AVN Shiksha ki gatividhiyan se sambandhit vistrit ruprekha per nirnay lene ka karya karte hain yah abhibhavak ke ghatna bacchon ke Ananya baton per vistar purvak charcha paricharcha ka aayojan Kiya jata hai sharm samadhi se samasya Samadhan per antim nirnay liya jata hai iske parinaam lagatar sakaratmak dikhai padh rahe hain.

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  188. अभिभावकों को शैक्षिक गतिविधि में शामिल करना अथवा उनके विचारों को कार्यरूप देना तथा परिणामों की चर्चा निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम देती है ।

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  189. विद्यालय में अभिभावक की बैठक करने से सामाजिक साझेदारी बढ़ती है।शिक्षक को अभिभावक से छात्रों की जानकारी मिलती है।विद्यालय विकास में सामाजिक भागीदारी बढ़ती है।छात्रों को भी विद्यालय से जुड़ाव महसूस होता जब उनके माता पिता को विद्यालय में बुलाते है।इसे नियमित करना चाहिये Aswan Murmu ups md.khutahari

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  190. विद्यालय में प्रत्येक महीने के एक निश्चित तिथि को PTM का आयोजन होना चाहिए जिससे बच्चों के आदतों, रूचियों और कमियों की जानकारी मिलेगी और शिक्षकों तथा अभिभावकों को बच्चों के सर्वांगीण विकास करने के लिए हर संभव प्रयास करने में मदद मिलेगी! Tarkeshwar Rana, UPG MS Ramu Karma, chouparan hazaribagh

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  191. विद्यालय में अभिभावकों और शिक्षकों की बैठक तीन महीने में होती है जो प्रति माह होनी चाहिए क्योंकि जब बच्चों के माता- पिता और शिक्षक आपस में बातचीत करते हैं तो केन्द्र में बच्चे और उनकी भलाई ही होती है. बच्चों में प्रारंभिक भाषा और संख्या ज्ञान की समझ विकसित करने के लिए बच्चों के माता -पिता और शिक्षकों का सम्मिलित प्रयास ही उत्तम फलदायी हो सकता है.

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  192. अभिभावक और शिक्षकों की बैठक महीने में एक बार होना चाहिए जिसमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों की जानकारी दी जाए की रोचक ढंग से बच्चों को कैसे दिखाया जाए और बालकों से भी पूछा जाए कि वे अपने विचार और गतिविधियां साझा करें संभव हो तो जो पालक अच्छा करते हैं उन्हें कक्षा में बच्चों से गतिविधि कराने का मौका दें और बच्चों से कहें की वे तालियों से उनका स्वागत करें संभव हो तो महीने में एक बार पीटीएम मीटिंग करें

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  193. पलक शिक्षक संघ की बैठक महीने में एक बार जरूर किया जाता है हमारे झारखंड में प्रत्येक महीना के 25 तारीख को विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक निर्देशित है बैठक में शैक्षणिक गैर शैक्षणिक गतिविधियों से संबंधित विस्तृत रूपरेखा पर निर्णय लेने के साथ ही समस्या के निराकरण हेतु महत्वपूर्ण और सकारात्मक पहल की जाती है।

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  194. नए निर्देश के अनुसार प्रत्येक माह की 25 तारीख को अभिभावक-शिक्षक संघ की बैठक आयोजित की जाती है। इसमें अभिभावकों के साथ विद्यालय के समग्र विकास एवं छात्र हित से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाती है। अभिभावक अपनी सक्रिय एवं सार्थक भागीदारी से विद्यालय एवं शिक्षक शिक्षिकाओं की प्रभावी ढंग से मदद कर सकते हैं जिससे विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण में काफी सुधार हो सकेगा। विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठकों में तथा विद्यालय के बाहर भी अभिभावकों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान उनकी चिंताओं का निराकरण प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों के द्वारा किया जाता है

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