Saturday, 27 November 2021

FLN - कोर्स- 05 गतिविधि 5

 एक प्रिंट-समृद्ध कक्षा वातावरण की रचना करें - अपने विचार साझा करें 'मुद्रण-समृद्ध अधिगम वातावरण' से आप क्या समझते हैं? आप अपनी कक्षा में बच्चों के लिए ऐसा वातावरण कैसे बना सकते हैं?

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    1. प्रिंट वातावरण का निर्माण करने से बच्चों का जुड़ाव बढ़ेगा।जुड़ाव के विविन्न गतिविधि अपनाने से बच्चे आनन्दित होंगे।

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    2. Print watavaran ka nirman karne se bachchon kajudaw badhega.judaw ke vibhinna gatividhi apnane se bachche aanandit honge.

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    3. We should present the printed letter of Hindi and English. Students buy the eatables items and we can easily display the printed alphabet and numeric to the students.

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  2. छात्रों के लिए साक्षरता का पहला चरण वह होता है, जब वे इस बात से अवगत होने लगते हैं कि उनके चारों-ओर दिखाई देने वाले प्रिंट में कोई अर्थ भी छिपा है। घर पर और समुदाय में ‘परिवेशी प्रिंट’ ही अक्सर वह पहला लेखन होता है, जिसे पढ़ना छात्र सीखते हैं। यह ऐसा लेखन है, जो दैनिक जीवन का एक अंग है – हमारे आस-पास विभिन्न संकेतों, टिकटों, अख़बारों, पैकेटों और पोस्टरों पर दिखने वाला लेखन। छात्र जब स्कूल में आते हैं, तो उन्हें परिवेशी प्रिंट के नए स्वरूप देखने को मिलते हैं: चार्ट, सूचियाँ, अनुसूची, लेबल और सभी तरह की पठन सामग्री। शिक्षक अंग्रेज़ी सिखाने के लिए स्कूल और समुदाय के इन संसाधनों का अच्छा उपयोग कर सकते हैं।

    इस इकाई की गतिविधियाँ आपको अपनी कक्षा का प्रिंट परिवेश सुधारने – भले ही आपका प्रारंभिक बिंदु कोई भी हो – और छात्रों के साथ अपनी अंग्रेज़ी सुधारने व इसका अभ्यास करने के अवसर देती है। धन्यवाद...।।

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  3. कक्षा मेंं चार्ट, लेबल, महापुरुषों के फोटो मद्रित काहानियांँ आदि लगा कर मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण बना सकते हैं ।

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  4. बच्चों को जब पता चलता है कि उनके चारों ओर परिवेश में दिखाई देने वाले प्रिंट का कुछ अर्थ भी छिपा है तो वह उसका पहला लेखन होता है जिसे वह पढ़ना सीखते हैं. वह वैसा लिखन होता है जो दैनिक जीवन का एक अंग है. बच्चे जब स्कूल जाते हैं तो उसे परिवेशी प्रिंट के नये स्वरूप देखने को मिलता है. इस प्रकार दोनों ही प्रकार के प्रिंट की गतिविधियाँ कराकर प्रिंट सुधारने एवं इसका अभ्यास करने का अवसर प्रदान करता है.

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  5. बच्चों का पहला चरण साक्षरता होता है जब उनको पता चलता है कि उनके चारों ओर परिवेश में दिखाई देने वाला प्रिंट का कुछ अर्थ भी छिपा है तो उसका पहला लेखन होता है पढ़ना सीखते हैं वह वैसा लेखन होता है जो दैनिक जीवन का एक अंग है। बच्चे जब स्कूल जाते है तो उसे परिवेश प्रिंट के नारे स्वरूप देखने को मिलता है। इस प्रकार दोनों ही प्रकार के प्रिंट गतिविधियां कराकर प्रिंट सुधारने एवं इसका अभ्यास करने का अवसर प्रदान करता है।

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  6. छोटे बच्चे एक कच्चे घड़े के समान होते हैं।जब प्रारंभिक अवस्था में इन्हें पर्याप्त प्रिंट सामग्री के अवलोकन का अवसर मिलता है तब उनका सर्वांगीण विकास संभव हो पाता है।वर्ग कक्ष में हमें पर्याप्त प्रिंट/मुद्रण सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति अपना चाहिए। इसके तहत हम कक्षा के दिवारों,खिड़कियों,बेंच,टेबल आदि के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बड़े मुद्रण से छपे पुस्तकें,वर्कबुक,आदि के प्रयोग पर बल दे सकते है।साथ ही साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध शून्य निवेश के प्रिंट सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति बनाने पर बल देना चाहिए। बहुत-बहुत धन्यवाद।

    कौशल किशोर राय,
    सहायक शिक्षक,
    उत्क्रमित उच्च विद्यालय पुनासी,
    शैक्षणिक अंचल:- जसीडीह,
    जिला:- देवघर,झारखण्ड

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  7. Kachha main chart lagane se aacha vatavaran ban jata hai

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  8. छात्रों के लिए साक्षरता का पहला चरण वह होता है, जब वे इस बात से अवगत होने लगते हैं कि उनके चारों-ओर दिखाई देने वाले प्रिंट में कोई अर्थ भी छिपा है। घर पर और समुदाय में ‘परिवेशी प्रिंट’ ही अक्सर वह पहला लेखन होता है, जिसे पढ़ना छात्र सीखते हैं। यह ऐसा लेखन है, जो दैनिक जीवन का एक अंग है – हमारे आस-पास विभिन्न संकेतों, टिकटों, अख़बारों, पैकेटों और पोस्टरों पर दिखने वाला लेखन। छात्र जब स्कूल में आते हैं, तो उन्हें परिवेशी प्रिंट के नए स्वरूप देखने को मिलते हैं: चार्ट, सूचियाँ, अनुसूची, लेबल और सभी तरह की पठन सामग्री। शिक्षक अंग्रेज़ी सिखाने के लिए स्कूल और समुदाय के इन संसाधनों का अच्छा उपयोग कर सकते हैं।

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  9. बच्चे,बहुत कुछ खरीद कर खाते हैं, जिनके पैकेट्स पर छपे अक्षरों को दिखा कर पढ़ना सिखाऊंगी,कक्षा में सारे लेबल प्रिंट किए हुए हों और अक्षर तथा अंकों का भी प्रयोग हुआ हो, इसका ध्यान रखूंगी,बाल-पोथी छोटे बच्चों की रंगीन पुस्तकें हमारे विद्यालय के पुस्तकालय में उपलब्ध हैं, इनकी मदद भी मैं प्रारंभ से लेती रहती हूं।इन सारे प्रयासों से बच्चे अवश्य विद्यालय की ओर आकर्षित होंगे।

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  10. बच्चों को प्रारंभिक अवस्था में पर्याप्त प्रिंट सामग्री के अवलोकन का अवसर मिलता है तब उनका सर्वांगीण विकास संभव हो पाता है।वर्ग कक्ष में हमें पर्याप्त प्रिंट/मुद्रण सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति अपना चाहिए। इसके तहत हम कक्षा के दिवारों,खिड़कियों,बेंच,टेबल आदि के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बड़े मुद्रण से छपे पुस्तकें,वर्कबुक,आदि के प्रयोग पर बल दे सकते है।साथ ही साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध शून्य निवेश के प्रिंट सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति बनाने पर बल देना चाहिए।

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  11. बच्चे जो भी चीजें खरीदते हैं उनका रेपर, अखबार के कटिंग, रोजमर्रा की चीजो के नाम, कक्षा में जो भी चीज है उसमें लेबल लगाना, ऐसा . बहुत सा सामान है जिससे प्रिंट मरा वातावरण तैयार किया जा सकता ' है।

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  12. प्रिंट समृद्ध कक्षा वातावरण की योजना बनाना और उसकी रचना करना किसी भी शिक्षण कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है।
    कक्षा का चित्रात्मक वातावरण गतिविधि और शिक्षण के अनुसार सुसज्जित करना चाहिए। स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों या फिर कम लागत या बिना लागत वाली सामग्री जैसे पेड़ पौधे की पत्तियां,टहनियां ,कंकड़ ,पत्थर आदि का उपयोग करेंगे।
    यदि हम कक्षा में हिन्दी पढ़ाने जा रहें हैं, तो कहानियों या कविताओं के अनुसार पोस्टर ,चार्ट पेपर, जानवरों के चित्र, पेड़ पौधों की डालियाँ आदि का उपयोग किया जा सकता है। इसके साथ ही बच्चों को भी इसका हिस्सा बना सकते हैं।जब हम बच्चों के स्थानीय परिवेश से वस्तुएं लेगें तो उनसे अनेक स्तर से बोलने, अवलोकन करने, प्रश्न पूछने और उत्तर देने के अवसर प्रदान कर सकते हैं।
    इस प्रकार हम देखते हैं कि प्रिंट समृद्ध वातावरण पठन एवं लेखन कौशल की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करता है।

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  13. वर्ग कक्ष में हमें पर्याप्त प्रिंट/मुद्रण सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति अपना चाहिए। इसके तहत हम कक्षा के दिवारों,खिड़कियों,बेंच,टेबल आदि के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बड़े मुद्रण से छपे पुस्तकें,वर्कबुक,आदि के प्रयोग पर बल दे सकते है।साथ ही साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध शून्य निवेश के प्रिंट सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति बनाने पर बल देना चाहिए।प्रिंट समृद्ध कक्षा वातावरण की योजना बनाना और उसकी रचना करना किसी भी शिक्षण कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है।

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  14. Chhatron Ke Liye swachhata ka pahla Charan Hua hota hai vah hota hai jo unke Charanon aur dikhne wale print Mein Koi 8 bhi hai yah samuday Mein Pravesh print Hi Ek Kaisa Asar Hai Jo Unka pahla lekhan hai jo Dainik Jeevan ka naam hai Hamare aaspaas vibhinn sanketan ticketon avsaron aur poston per dikhne wale lekhan prapt hote hain Chhatra Jab school mein Aate Hain To unko privacy print sehat kar dekhne ko Milte Hain Jaise chat Suchna tatha parts angry Shikshak Din Sabhi Sansadhan ko angreji sikhane sikhane Mein Achcha upyog kar sakte hain is Prakar ki gatividhiyan aapko apni kaksha ka print paribhasha sudharne Ke aushat Hain dhanyvad

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  15. यह ऐसा लेखन है जिसमें हम दैनिक जीवन के संपर्क में आते है । हर कोई देख सके , साझा कर सके और बात कर शिक्षण और अधिगम के लिए एक सशक्त संसाधन जुटा सके। इस तरह से हम अपनी कक्षा में बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के मुद्रण जैसे - लेबल, निर्देश, चित्र, मानचित्र कक्षा के दिवाल पर सुंदर कविताओं के साथ चित्र, विषयानुकुल लिखित सामग्रियों का प्रयोग कर, मोटे अक्षरों में लिखे हुए अंग्रेजी एवं हिंदी वर्णमाला के चार्ट पत्र चिपकाए गए हो, विभिन्न परिवेश से संबंधित संकेत चिन्ह की चित्र अंकित कर तथा आसपास में पाए जाने वाले प्रकृति विषयवार शिक्षण सामग्रियों को इकट्ठे कर कक्षा में रखेंगे ताकि बच्चों के सीखने के प्रतिफल का वातावरण बना सके एवं शिक्षण के क्षेत्र में सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित कर सकेंगे ।

    सुना राम सोरेन (स.शि.)
    प्रा.वि.भैरवपुर, धालभुमगढ़ ।
    पूर्वी सिंहभूम, झारखंड ।

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    1. Print wala watavaran se bachho me lagav badhega aur jaldi samajhne me sahayak hoga.

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  16. बच्चे एक कच्चे घड़े के समान होते हैं।जब प्रारंभिक अवस्था में इन्हें पर्याप्त प्रिंट सामग्री के अवलोकन का अवसर मिलता है तब उनका सर्वांगीण विकास संभव हो पाता है।वर्ग कक्ष में हमें पर्याप्त प्रिंट/मुद्रण सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति अपना चाहिए। इसके तहत हम कक्षा के दिवारों,खिड़कियों,बेंच,टेबल आदि के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बड़े मुद्रण से छपे पुस्तकें,वर्कबुक,आदि के प्रयोग पर बल दे सकते है।साथ ही साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध शून्य निवेश के प्रिंट सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति बनाने पर बल देना चाहिए। bhanu Pratap Manjhi. UHS CHIPRI, ICHAGARH, SeraiKella-KHARSWAN, JHARKHAND

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  17. क्लास रूम में नियंत्रक प्रिंट/मुद्रण पदार्थ के गुण होना चाहिए। एसटीडी के साथ डाइव्रंस,खिड़की, बेंच, मेज-साथ-साथ अलग-अलग प्रकार के प्रिंटर से, वैब डाइव्स के, वैब डाइव्स के वैबसाइट के साथ. ‍द्रष्टिकोण.bhanu Pratap Manjhi. UHS CHIPRI. ICHAGARH. SERAIKELLA-KHARSWAN. JHARKHAND

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  18. कक्षा में चार्ट, लेबल, अखबार के कर्टिंग ' महापुरुषों के फोटो मुद्रित कहानियाँ आदि लगाकर मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण बना सकते हैं ।

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  19. प्रिंट समृद्ध कक्षा वातावरण निर्माण के लिए कक्षा में चार्ट, लेबल, महापुरुषों के फोटो मुद्रित कहानियाँ, अख़बार के कटिंग आदिव्यस्थित ढंग से लगाना होगा।

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  20. छात्रों के लिए साक्षरता का पहला चरण वह होता है, जब वे इस बात से अवगत होने लगते हैं कि उनके चारों-ओर दिखाई देने वाले प्रिंट में कोई अर्थ भी छिपा है। घर पर और समुदाय में ‘परिवेशी प्रिंट’ ही अक्सर वह पहला लेखन होता है, जिसे पढ़ना छात्र सीखते हैं। यह ऐसा लेखन है, जो दैनिक जीवन का एक अंग है – हमारे आस-पास विभिन्न संकेतों, टिकटों, अख़बारों, पैकेटों और पोस्टरों पर दिखने वाला लेखन। छात्र जब स्कूल में आते हैं, तो उन्हें परिवेशी प्रिंट के नए स्वरूप देखने को मिलते हैं: चार्ट, सूचियाँ, अनुसूची, लेबल और सभी तरह की पठन सामग्री। शिक्षक सिखाने के लिए स्कूल और समुदाय के इन संसाधनों का अच्छा उपयोग कर सकते हैं।

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  21. बच्चों का पहला चरण साक्षरता होता है जब उनको पता चलता है कि उनके चारों ओर परिवेश में दिखाई देने वाला प्रिंट का कुछ अर्थ भी छिपा है तो उसका पहला लेखन होता है पढ़ना सीखते हैं वह वैसा लेखन होता है जो दैनिक जीवन का एक अंग है। ️ जब️ जब️ जब️ जब️. इस प्रकार के एलायंस के अनुकूली प्रभाव पड़ने वाले प्रिंटर्स के लिए बेहतर है।
    Premlata devi
    G.M.S Pancha Ormanjhi Ranchi

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  22. We should present the printed letters of Hindi and English. Students buy the eatables items and we can easily display the printed alphabet and numeric to the students.

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  23. Print samridh vatavaran ka bachchon ki sikhne ki prakriya me mahatvapurna sthan hai. Bachche apne ghar aur vidyalay ke Print samridh sthano ko bahut dhyan se dekhte hai aur isse bahut kuch sikhte hai. Mudran samridh vatavaran se unke sikhne ki prakriya me teji se vikas hota hai.

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  24. Mudran samridh vatawaran banane ke liye class room me wibhin prakar ke chart,poster,paper cutting,wibhin jankari wali wall paint,bachhon ki ruchi ke sadhan ityadi hone chahiye.

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  25. प्रिंट समृद्ध कक्षा वातावरण मेरा चार्ट पेपर--प्रिंट मुद्रित कहानियां, फोटो, महापुरुषो के चित्र आदि होता है|हम ये सब को कक्षा में इस्तमाल कर के बच्चों के लिए अपनी कक्षा में बच्चों के लिए ऐसा वातावरण कैसे बना सकते हैं

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  26. प्रिंट समृद्ध वातावरण से मेरा तात्पर्य चार्ट पेपर, प्रिंट मुद्रित कहानियां, फोटो, महापुरुषो के चित्र आदि होता है|हम ये सब को कक्षा में इस्तमाल कर के बच्चों के लिए अपनी कक्षा में बच्चों के लिए ऐसा वातावरण कैसे बना सकते हैं।

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  27. प्रिंट समृद्ध वातावरण चार्ट पेपर प्रिंट मुद्रित कहानियां फोटो महापुरुषों के चित्र होता है।बच्चे अपने घर और विद्यालय के प्रिंट समृद्ध स्थानों को बहुत ध्यान से देखते हैं। मुद्रण समृद्ध वातावरण से उनके सीखने की प्रक्रिया में तेजी से विकास होता है।

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  28. Class me chart,newspaper, anya mahapurusho ki tasvir iske alawe lagat mukt useless raper aadi se mudran samridh batavaran ka nirman kar sakte hai.jo bachcho ke liye akarshak hoga.

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  29. Class me cutting paper chipkane ka jagaha chart mahapurush ki tasveer nam sahit vastuon ko rakhne ka place etc se print samriddha vatavaran banaya ja sakta hai.

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  30. छोटे बच्चे एक कच्चे घड़े के समान होते हैं।जब प्रारंभिक अवस्था में इन्हें पर्याप्त प्रिंट सामग्री के अवलोकन का अवसर मिलता है तब उनका सर्वांगीण विकास संभव हो पाता है।वर्ग कक्ष में हमें पर्याप्त प्रिंट/मुद्रण सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति अपना चाहिए। इसके तहत हम कक्षा के दिवारों,खिड़कियों,बेंच,टेबल आदि के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बड़े मुद्रण से छपे पुस्तकें,वर्कबुक,आदि के प्रयोग पर बल दे सकते है।साथ ही साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध शून्य निवेश के प्रिंट सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति बनाने पर बल देना चाहिए। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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  31. 'मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण'से तात्पर्य यह है कि बच्चे के आसपास प्रिंट सामग्री मौज़ूद हो।कक्षा मे दीवारों पर,दरवाज़ों पर,फर्नीचर पर हर जगह प्रिंट सामग्री का इस्तेमाल करना चाहिए।
    अभिभावकों को भी घर के वातावरण मे प्रिंट सामग्री के display के लिए प्रेरित करना होगा।इस प्रकार बच्चों को विद्यालय में और घर पर एक मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण मिलेगा जिसका दीर्घकालिक फ़ायदा होगा।
    :मु॰ अफ़ज़ल हुसैन
    उर्दू प्राथमिक विद्यालय मंझलाडीह, शिकारीपाड़ा,दुमका, झारखंड।

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  32. कक्षा में लेबल,चार्ट,अखबार के कर्टिंग ' महापुरुषों के फोटो मुद्रित कहानियाँ आदि लगाकर मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण बना सकते हैं ।

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    1. बच्चों को रोज़मर्रा की जिंदगि मे प्रिंट के उदेश्य को smjhne के लिए बच्चों को सार्थक व् प्रासंगिक तरीके से प्रिंट के साथ बात चित करने के लिए वर्ग मे भर् पुर अवसर देने ki जरूरत है। यनि कि बच्चों के मन पसं द खेल saamgri उपलब्ध कराने की जरूरत है जिसे बच्चे अधिक रूचि के साथ इसे खेल खेल मे तना व पूर्ण शिक्षा ग्रहण kar सकें। यनि की बच्चों के लिए आ नन्द दायक kaksha की विशेष जरूरत मह सूस की जानी चाहिये।

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    2. छोटे बच्चों के लिए विद्यालय में प्रिंट, मुद्रण का वातावरण बनाने से उनका विद्यालय के प्रति लगाव बढ़ेगा। इन सब चीजों से उनके बुनियादी ज्ञान को भी मजबूत किया जा सकता है।

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  33. कक्षा में बच्चों को किन्हीं भी महापुरुषों या भौगोलिक जानकारी के लिए चार्ट, मुद्रित कहानियों आदि लगाकर समृद्ध अधिगम वातारण बना सकते हैं।

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  34. स्कूल के परिसर वर्गकक्च के उन सभी जगह पर जहां बच्चों को अक्सर दिखे इन सभी जगहों पर विभिन्न प्रकारके ककचाई चित्रों को भलीभांति सजना चाहिए ताकि बच्चे देखते हुए सीखें।

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  35. कक्षा में बच्चों को किन्हीं भी महापुरुषों या भौगोलिक जानकारी के लिए चार्ट, मुद्रित कहानियों आदि लगाकर समृद्ध अधिगम वातारण बना सकते हैं।बच्चे अपने घर और विद्यालय के प्रिंट समृद्ध स्थानों को बहुत ध्यान से देखते हैं। मुद्रण समृद्ध वातावरण से उनके सीखने की प्रक्रिया में तेजी से विकास होता है।

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  36. Bachhon ke aaspas mudrit samagri pradarsit karwakar.

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  37. बच्चों का पहला चरण साक्षरता होता है जब उनको पता चलता है कि उनके चारों ओर परिवेश में दिखाई देने वाला प्रिंट का कुछ अर्थ भी छिपा है तो उसका पहला लेखन होता है पढ़ना सीखते हैं वह वैसा लेखन होता है जो दैनिक जीवन का एक अंग है। बच्चे जब स्कूल जाते है तो उसे परिवेश प्रिंट के नारे स्वरूप देखने को मिलता है। इस प्रकार दोनों ही प्रकार के प्रिंट गतिविधियां कराकर प्रिंट सुधारने एवं इसका अभ्यास करने का अवसर प्रदान करता है।
    कक्षा में लेबल,चार्ट,अखबार के कर्टिंग ' महापुरुषों के फोटो मुद्रित कहानियाँ आदि लगाकर मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण बना सकते हैं ।

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  38. छात्रों के लिए साक्षरता का पहला चरण वह होता है, जब वे इस बात से अवगत होने लगते हैं कि उनके चारों-ओर दिखाई देने वाले प्रिंट में कोई अर्थ भी छिपा है। घर पर और समुदाय में ‘परिवेशी प्रिंट’ ही अक्सर वह पहला लेखन होता है, जिसे पढ़ना छात्र सीखते हैं। यह ऐसा लेखन है, जो दैनिक जीवन का एक अंग है – हमारे आस-पास विभिन्न संकेतों, टिकटों, अख़बारों, पैकेटों और पोस्टरों पर दिखने वाला लेखन। छात्र जब स्कूल में आते हैं, तो उन्हें परिवेशी प्रिंट के नए स्वरूप देखने को मिलते हैं: चार्ट, सूचियाँ, अनुसूची, लेबल और सभी तरह की पठन सामग्री। शिक्षक अंग्रेज़ी सिखाने के लिए स्कूल और समुदाय के इन संसाधनों का अच्छा उपयोग कर सकते हैं।

    इस इकाई की गतिविधियाँ आपको अपनी कक्षा का प्रिंट परिवेश सुधारने – भले ही आपका प्रारंभिक बिंदु कोई भी हो – और छात्रों के साथ अपनी अंग्रेज़ी सुधारने व इसका अभ्यास करने के अवसर देती है। धन्यवाद...।।


    Yudika Dungdung
    GMS Awga , Bolba, Simdega

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  39. प्रिंट वातावरण का निर्माण करने से बच्चों का जुड़ाव बढ़ेगा।जुड़ाव के विभिन्न गतिविधि अपनाने से बच्चे आनन्दित होंगे।

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  40. मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण -

    -------------------
    अधिगम का अर्थ है-सीखना| व्यक्ति प्रतिदिन नए-नए अधिगम एकत्रित करता है| इन नए अनुभवों से उनके व्यवहार में परिवर्तन आता है| इस प्रकार नए अनुभव एकत्रित करना तथा इनसे व्यवहार में परिवर्तन आने की प्रक्रिया ही अधिगम है|अधिगम प्रक्रिया निरंतर चलने वाली सार्वभौमिक प्रक्रिया है| स्पष्ट है,सीखना, अनुभव द्वारा व्यवहार में परिवर्तन है|मुद्रण समृद्धि अधिगम वातावरण जहां बच्चों को सीखने से संबंधित एवं ज्ञान देने वाली विषयगत कोई भी प्रिंट का मुद्रण हो जिसे बच्चे बारंबार बोलने का अभ्यास करके मन में स्थाई रूप से याद करते हैं जो कि व्यवहार में भी लाए जाते हैं| कक्षा में सर्वप्रथम बच्चे को वर्ग के अंदर की वस्तुओं से परिचित कराउंगी कि यह क्या है? जैसे: महापुरुषों के चित्र नाम से परिचित कराना, फर्नीचर- डेस्क, बेंच, खिड़की, दरवाजे, अलमारी,एवं श्यामपट्ट, पंखे, बत्ती, रोशनदान, नक्शा आदि चीजों से परिचित कराना आदि|बच्चों को इनके अंग्रेजी शब्द से भी परिचित कराउंगी |कक्षा में गिनती, पहाड़े, अंग्रेजी एवं हिंदी वर्णमाला के अक्षरों, पर्यावरण संबंधित चित्र, नक्शा आदि के चार्ट द्वारा बारंबार अभ्यास कराते हुए स्थाई रूप से याद करने को प्रेरित करूंगी|उन्हें अपनी वर्दी के नाम एवं किताबकी तस्वीरों की पहचान कराऊंगी |
    - साथ ही बच्चों को छोटे समूह बनाकर एवं व्यक्तिगत रुप से बोलने का अभ्यास कराऊंगी |बच्चे मुद्रण समृद्ध अधिगम में एक दूसरे की मदद करेंगे|
    -जब ये इस अधिगम का काफी अभ्यास कर चुके होंगे,तब वे स्कूल से घर एवं घर से स्कूल तक के दैनिक
    आवागमन में भी बहुत से नए- नए अधिगम का संग्रह कर लेंगे एवं अपने मित्रों से साझा भी करेंगे|

    धन्यवाद|
    पुष्पा तेरेसा टोप्पो स.शि.
    ख्रीस्त राजा मध्य विद्यालय,
    चंदवा,लातेहार झारखण्ड 829203

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  41. कक्षा में बच्चों को सीखने का सुखद एवं समृद्ध वातावरण का अवसर बच्चों को प्रदान करना ही 'प्रिंट-समृद्ध अधिगम वातावरण' कहलाता है |एक कक्षा के प्रिंट-समृद्ध वातावरण निर्माण से बच्चे स्वयं के अनुभव से ही बहुत कुछ सीख लेते हैं जो उनके व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाता है और शिक्षकों के लिए भी अधिगम प्रक्रिया के विभिन्न तरीकों को अपनाने का अवसर मिल पाता है|एक प्रिंट-समृद्ध वातावरण बनाने से पहले हम कुछ बातों का ध्यान रख सकते हैं |जैसे -छात्रों की आयु ,पारिवारिक व सामाजिक स्थिति,उनके स्वास्थ्य एवं पोषण,उनकी रूचि इत्यादि|कक्षा में इन सामग्रियों को प्रदर्शित कर बच्चों के लिए एक प्रिंट-समृद्ध वातावरण तैयार कर सकते हैं|बच्चों के स्वयं के बनाए चित्रों का प्रदर्शन, लेखों का प्रदर्शन,गणितीय आकृति या संख्या का प्रदर्शन,हिंदी/अंग्रेजी के अक्षर,शब्द,वाक्य,कैलेंडर ,खिलौने इत्यादि का प्रदर्शन,पढ़ने का कोना,दिन/महीने/सप्ताह इत्यादि के नामों का अंकन,गणितीय चिन्ह- छोटी-बड़ी/मोटी-पतली/कम-ज्यादा/ दूर-पास/भारी-हल्का इत्यादि से संबंधित विवरण/बाल-सांसदों का नाम,महत्वपूर्ण तिथियों/व्यक्तियों/नदियां पुस्तकों इत्यादि के नाम का प्रदर्शन,पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए फल-फूल/पेड़-पौधे/पशु-पक्षी इत्यादि के चित्र एवं नामों का प्रदर्शन,खेल सामग्री का स्थान,विज्ञान से संबंधित शब्दावली या वस्तुओं का प्रदर्शन इत्यादि|

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  42. बच्चों का पहला चरण साक्षरता है बच्चों को जब पता चलता है कि उनके चारों तरफ परिवेश में दिखाई देने वाला प्रिंट का भी कुछ अर्थ होता है जिसने कुछ छुपा हुआ है तो इसका पहला कार्य लेखन होता है तब वे पढ़ना सीखते हैं यह वैसा लेखन होता है जो उनके दैनिक जीवन का एक अंग होता है बच्चे जब स्कूल जाते हैं तो उसे परिवेश प्रिंट के नारे स्वरूप देखने को मिलता है अता दोनों प्रकार के प्रिंट गतिविधियों को करा कर करा कर प्रिंट सुधारने तथा इसका अभ्यास कराने का अच्छा अवसर मिलता है धन्यवाद

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  43. स्कूल के परिसर या वर्कर्स के उन सभी जगह पर जहां बच्चों को अक्सर दिखे इन सभी जगहों पर विभिन्न प्रकार के चित्रों या प्रिंट को भलीभांति सजना चाहिए ताकि बच्चे देखते हुए सीखें।

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  44. स्कूल के परिसर या वर्ग कक्ष के उन सभी जगहों पर जहां बच्चों को अक्सर दिखे इन सभी जगहों पर विभिन्न प्रकार के चित्रों यह प्रिंट को भलीभांति सजना चाहिए ताकि बच्चे देखते हुए सीखें।

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  45. प्रिंट समृद्ध वातावरण कक्षा या घर में स्थित वह स्थान है जहां बच्चों को अकस्मात एवं सहजता से सुलभ लिखित सामग्री अवलोकनार्थ ध्यान आकर्षण पठन उत्सुकता को बढ़ाने वाली पढ़ने को प्रेरित करने वाली उपलब्ध होती है। प्रिंट समृद्धि वातावरण बच्चों में पठन-पाठन के लिए स्वाभाविक जागरूकता उत्पन्न करती है जिससे बच्चे सहज भाव से पढ़ने के लिए जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रेरित होते हैं।

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  46. कक्षा में नियंत्रक प्रिंट/मुद्रण पदार्थ के गुण होना चाहिए केवट के वेबसाइट ्् वेबसाइट के आधार पर परिवर्तन के साथ ही साथ वैश्विक स्तर पर नैव्यवस्थापकीय नैविकिरण के उपकरण भी मौजूद होते हैं दृष्टिकोण.
    धन्यवाद

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  47. Print samriddhi vatavaran se abhipray hai ek aisa vatavaran taiyar kerna jise bacche adhigam ke liye utsuk ho sake.iske liye class ke wall,window aur door per colorful chart,newspaper cutting flash card ka istemal ker sakte hain.

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  48. प्रिंट वातावरण का निर्माण करने से बच्चों का जुड़ाव बढ़ेगा। जुड़ाव के विभिन्न गतिविधि अपनाने से बच्चे आनंदित होंगे।

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  49. प्रिंट वातावरण के निर्माण से बच्चों की पढ़ाई को और आनंददायक एवं रुचिकर बनाने में मदद मिलेगी।

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  50. SHAKIL AHMAD
    R M S BAREPUR HUSSAINABAD PALAMU
    प्रिंट समृद्ध क्लास रूम बनाने के लिए हमें एक बड़े कक्षा की आवश्यकता होगी।
    मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण का अर्थ यह है कि छोटे छोटे बच्चों को एक ऐसा वातावरण मुहय्या कराया जाएगा जिसमें रंग बिरंगी चित्रों के साथ ही उनके नाम मोटे-मोटे सुन्दर लेखनी के साथ सुसज्जित हों। पुस्तकों की अलमारी, ट्वाय स्टैंड,ब्लौक्स स्टैंड, संख्या चार्ट वगैरह सुव्यवस्थित ढंग से उस कक्ष में रखा हुआ हो।
    इस तरह के वातावरण में बच्चों की रुचि सीखने में और अधिगम की प्राप्ति में सहायक होंगे।
    शकील अहमद रा म विद्यालय बड़ेपुर हुसैनाबाद पलामू

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  51. कक्षा में मुद्रण-समृद्ध अधिगम वातावरण का निर्माण करने के लिए हमें कक्षा-कक्ष में बच्चों के कक्षा/अधिगम स्तर के अनुसार रंग-बिरंगे चित्र,चार्ट,माडल आदि रख सकते हैं। इसके अलावा कक्षा में मौजूद विभिन्न वस्तुओं का नाम अंकित कर सकते हैं, जिससे बच्चे इन्हें देखकर/पढ़कर इनके बारे में जान सकें।

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  52. Kaksha mein mudran Samridh adhigam vatavaran ka Nirman karne ke liye hamen kaksha -kaksh mein bacchon ke kaksha /adhigam ke anusar rang birangi Chitra,chart,model aadi rakh sakte hain iske alava kaksha mein maujud vibhinn vastuon ka naam Ankit kar sakte hain. jisse bacche inhen dekh kar padhakar iske bare mein jaan sake.

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  53. कक्षा में प्रिंट वातावरण के निर्माण से बच्चों में सीखने की रुचि बढ़ जाती है एवं आनंदायी होता है|

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  54. मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण से तात्पर्य यह है कि बच्चों के आसपास प्रिंट सामग्री मौजूद हैं कक्षा में बच्चों को महापुरुषों या भौगोलिक जानकारी के लिए चार्ट मुद्रित कहानियां आदि लगाकर समृद्ध वातावरण बना सकते हैं बच्चे अपने घर और वातावरण के प्रिंट समृद्धि स्थानों का बहुत ध्यान से देखते हैं मुद्रण समृद्ध वातावरण से उनके सीखने की प्रक्रिया में तेजी से विकास होता है।

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  55. Work pustakalay diwaron Bank table per Bane print Ko dekhkar bacchon mein sikhane mein utsah aur Anand prapt hota hai.

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  56. प्रिंट समृद्ध वातावरण से अभिप्राय बच्चों के दृष्टि क्षेत्र के सभी संभव स्थानों पर कुछ न कुछ चित्र छपी हो और उसका नाम भी लिखा गया हो जिस पर हमेशा बच्चों का नजर जाये।
    कक्षा मे हम ऐसे वातावरण का निर्माण कर सकते हैं।इसके लिए कक्षा के दीवारों पर मुद्रण व चित्रण किया जा सकता है।

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  57. कक्षा में चार्ट,लेबल,अखबार के कटिंग,महापुरुषों के फोटो मुद्रित कहानियां आदि लगाकर मुद्रण समृध्द अधिगम वातावरण बनाना एवं यह वातावरण बच्चों की सहभागिता से निर्मित किया जा सकता है ।

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  58. मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण से तात्पर्य एक ऐसे वातावरण से है जहाँ विभिन्न प्रकार के वस्तुओं, जानवरों, पक्षियों, एवं अन्य जैविक एवं अजैविक चीजों का नाम एवं चित्रों को जो हमारे दैनिक जीवन में दृष्टिगोचर होता है, को आकर्षक तरीके से प्रदर्शत करते हैं।
    हम अपनी कक्षा के चारों दीवारों में ऐसा विभिन्न वस्तुओं का नाम एवं उनका चित्रण को अंकित करेंगे।साथ ही मुद्रित फोटो , चार्ट पेपर पर अंकन कर उन्हें दीवालों पर चिपकाएंगे। संख्यात्मक ज्ञान हेतु विभिन्न प्रकार के संख्या का भी अंकन करेंगे जिसमे जोड़,घटाव,गुना, भाग भी समाहित हो,विद्यार्थियों के अभ्यास के लिए कुछ संख्या या वस्तुओं के नाम पर रिक्त स्थान का भी अंकन करेंगे।

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    1. अपनी कक्षा के चारों दीवारों में ऐसा विभिन्न वस्तुओं का नाम है उसका चित्रण को अंकित करेंगे ।साथ ही मुद्रित फोटो चार्ट पेपर पर अंकन कर उन्हें दीवारों पर चिपका आएंगे ।संख्यात्मक ज्ञान हेतु विभिन्न प्रकार के संख्या का भी अंकन करेंगे। जिसमें जोड़ घटाव गुणा भाग भी समाहित हो ।विद्यार्थियों को अभ्यास के लिए कुछ संख्या या वस्तुओं के नाम पर रिक्त स्थान का भी अंकन करेंगे।

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  59. कक्षा मे chart, अखबार के कटिंग ,महापुरुषों का फोटो आदि लगा कर मुद्रण समृद्ध adhigam वातावरण बना सकते हैं

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  60. हम अपनी कक्षा के चारों दीवारों में विभिन्न वस्तुओं का नाम यह उनका चित्रण को अंकित करेंगे। साथ ही मुद्रित फोटो चार्ट पेपर पर आकलन कर उन्हें दीवारों पर चिपका आएंगे ।संगठनात्मक ज्ञान हेतु विभिन्न प्रकार के संख्या का भी अक्लन करेंगे ।जैसे जोड़ घटाव गुणा भाग भी समाहित हो ।विद्यार्थियों के अभ्यास के लिए संख्या या वस्तुओं के नाम पर रिक्त स्थान का वितरण करेंगे।

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  61. Kaksha me chart, lebal, akhbar ke kating, mahapurushon ke photo, mudrit kahaniyan aadi lagakar mudran samriddhi adhigam vatavaran bana sakte hai

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  62. मैं कक्षा के एक कोने में ब्लॉक, एक कोने में पुस्तकालय, एक कोने में लिखने की जगह, एक कोने में बच्चों द्वारा रचित या तैयार की गई सामग्रियों को सजाने के लिए जगह रखूँगा साथ ही शब्द-दीवाल बनाऊंगा जिसमें तुकबंदी वाले शब्द होंगे और गिनती के लिए पैटर्न होंगे|

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  63. मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण से तात्पर्य यह है कि बच्चों के आसपास के परिवेश घर परिवार और विद्यालय के दीवारों पर प्रिंट सामग्री मौजूद हो। बच्चे को जब परिवेश और स्कूल के प्रिंट स्वरूप देखने को मिलता है तो वे अवगत होने लगते हैं कि उनके आसपास में मौजूद प्रिंट में कोई अर्थ भी छिपा है बच्चे जिनका अनुकरण करते हैं और धीरे-धीरे सीखने लगते हैं।

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  64. प्राइमरी कक्षाओं में अक्सर देखा जाता है कि कक्षा में बहुत सारे चित्रांकन तथा महापुरुषों के चित्र फोटो एवं फल,फूल पशु,पक्षियों का सदृश्य चित्रण किया जाता है।जिसका सीधा संबंध मुद्रित समृद्ध वातावरण से है।और हम एक शिक्षक होने के नाते यह सभी अपने विद्यालयों में इस्तेमाल करके प्रिंट समृद्धि वातावरण के द्वारा बच्चों को खेल खेल में या कविता के माध्यम से गतिविधियों के द्वारा कक्षा में अधिगम करवाते हैं।
    PHUL CHAND MAHATO
    UMS GHANGHRAGORA
    CHANDANKIYARI
    BKOARO

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  65. कक्षा में चार्ट लेबल, महापुरुषों के फोटो, मुद्रित, छोटी कहानीयो, मानचित्र काड आदि लगाकर मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण बना सकते हैं

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  66. बाल मन मस्तिष्क पर दृश्य एवम अवलोकन ज्यादा प्रभाव पड़ता है।विद्यालय में उनके लिये मुद्रण समृद्ध वातावरण उनके सीखने और आत्मसात करने में अधिक सहायक होंगे। कक्षा में दीवारों पर,विद्यालय के घेराबन्दी दीवार के अंदर वाले भाग को बाल स्तरीय अधिगम आधारित मुद्रण कराया जाना श्रेयस्कर होगा। कुछ पिंट सामग्री पलेश कार्ड,चित्र, अक्षर समूह तुकबन्दी का प्रदर्शन किया जाना सीखने की प्रक्रिया को शुलभता करेगी।
    धन्यवाद।

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  67. Print samriddhi batabaran me bachhe sikhne me jada interest lenge

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  68. Print samriddh batabaran me bachhe jada interest lenge

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  69. own10 December 2021 at 22:40
    कक्षा में चार्ट लेबल, महापुरुषों के फोटो, मुद्रित, छोटी कहानीयो, मानचित्र काड आदि लगाकर मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण बना सकते हैं

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  70. कक्षा में बच्चों को सीखने का सुखद एवं समृद्ध वातावरण का अवसर बच्चों को प्रदान करना ही 'प्रिंट-समृद्ध अधिगम वातावरण' कहलाता है |एक कक्षा के प्रिंट-समृद्ध वातावरण निर्माण से बच्चे स्वयं के अनुभव से ही बहुत कुछ सीख लेते हैं जो उनके व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाता है और शिक्षकों के लिए भी अधिगम प्रक्रिया के विभिन्न तरीकों को अपनाने का अवसर मिल पाता है|एक प्रिंट-समृद्ध वातावरण बनाने से पहले हम कुछ बातों का ध्यान रख सकते हैं |जैसे -छात्रों की आयु ,पारिवारिक व सामाजिक स्थिति,उनके स्वास्थ्य एवं पोषण,उनकी रूचि इत्यादि|कक्षा में इन सामग्रियों को प्रदर्शित कर बच्चों के लिए एक प्रिंट-समृद्ध वातावरण तैयार कर सकते हैं|बच्चों के स्वयं के बनाए चित्रों का प्रदर्शन, लेखों का प्रदर्शन,गणितीय आकृति या संख्या का प्रदर्शन,हिंदी/अंग्रेजी के अक्षर,शब्द,वाक्य,कैलेंडर ,खिलौने इत्यादि का प्रदर्शन,पढ़ने का कोना,दिन/महीने/सप्ताह इत्यादि के नामों का अंकन,गणितीय चिन्ह- छोटी-बड़ी/मोटी-पतली/कम-ज्यादा/ दूर-पास/भारी-हल्का इत्यादि से संबंधित विवरण/बाल-सांसदों का नाम,महत्वपूर्ण तिथियों/व्यक्तियों/नदियां पुस्तकों इत्यादि के नाम का प्रदर्शन,पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए फल-फूल/पेड़-पौधे/पशु-पक्षी इत्यादि के चित्र एवं नामों का प्रदर्शन,खेल सामग्री का स्थान,विज्ञान से संबंधित शब्दावली या वस्तुओं का प्रदर्शन इत्यादि|
    Jagannath Bera.
    Oriya MS Arong, Baharagora.
    East Singhbhum.

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  71. प्रिंट वातावरण का निर्माण से बच्चों में पढ़ने की रुचि बढ़ जाती है और आनंदमयी हो जाती है|

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  72. ज्ञान को विस्तृत करने के लिए व बच्चों की पढ़ाई रुचिकर करने के लिए साथ ही बच्चों के कौतुहल को सिखाने व उनके आत्मसंतुष्टि के लिए चिंत्राकित मुद्रित पठन पाठन आवश्यक है, इससे उनकी शिक्षा आनंदमयी और अच्छादित हो जाएगी|

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  73. यही कारण है कि बच्चों की आरंभिक दिनों की शिक्षा को रुचिकर बनाने के लिए प्रत्येक विद्यालय में आनंदमयी कक्षा का शर्मा किया गया है|

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  74. बड़े बड़े अक्षरों के प्रिंट वाले बालपोथी या पोस्टर, जानवर, फल ,फूल, सब्जी, पेड़ पौधे वाले चित्र के लेबल आदि से सजाकर आकर्षक मुद्रण समृद्ध वातावरण बनाया जा सकता है।

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  75. बच्चों के पास मुद्रण सामग्री का उपयोग या होना चाहिए जिससे वह जब चाहे उसे अपने तरीके से उपयोग करें।

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  76. प्रिंट समृद्ध अधिगम वातावरण का अर्थ है कि बच्चे जब वर्कर्स में आते हैं तो उन्हें पर्याप्त प्रिंट सामग्री के अवलोकन का अवसर मिलता है। इसके तहत हम दीवारो , खिड़कियों ,बेंच, टेबल आदि के साथ-साथ बड़े मुद्रण से छपे पुस्तकें ,
    वर्क बुक आदि के प्रयोग पर बल दे सकते हैं।

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  77. मुद्रण-समृद्ध वातावरण से बच्चों के सीखने और आत्मसात करने में अधिक सहायक होंगे।ऐसे वातावरण बनाने के लिए कक्षा के चारों ओर वस्तुओं को अंकित करना होगा।जैसे:- बुक रैक,पेंसिल स्टैंड,जूता रैक,वॉशवेसिन एवं सभी पर नंबर प्रदर्शित करना होगा।लेखन के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के लेखन सामग्री रखेगें जिससे बच्चे चित्र बना सके,लिख सकेंऔर काटना चिपकाना कर सके।

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  78. मुद्रण समृद्ध वातावरण का तात्पर्य है कि प्रारंभिक स्तर के बच्चों के पठन-पाठन के लिए उनके स्तरानुसार दिवारों,दरवाजों, खिड़कियों, उपस्करों आदि पर चित्रात्मक,शब्द,अक्षर एवं संख्या छपी रहे। चित्रावली पुस्तकें, खेलने वाले कोने में अलग-अलग रंग,आकार के खिलौने जिनपर प्रिंट हो, पुस्तकालय एवम् बच्चों के उंचाई के अनुसार लिखने एवं भावनात्मक चित्रों के निर्माण के लिए दीवार पर श्यामपट का निर्माण।
    हम शिक्षक, बच्चों के लिए स्वदेशी कम लागत या शून्य लागत वाले पठन-पाठन सामग्रियों,बच्चों एवं स्वयं द्वारा बनाए गए खिलौने, कविताएं, कहानियों, पुस्तकालय आदि के सहयोग से ऐसा वातावरण बना सकते हैं। इसमें माता-पिता, अभिभावकों एवं सामाजिक सहयोग भी अपेक्षित है।
    सुप्रभात।

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  79. Main apne varg kaksh ko mudran samagri ke anuprayog se bhar dungi kyunki bacche kisi bhi prakar ke chitron ke prati akarshit hote dekha gaya hai isliye main apne varg kaksh ko vibhinn prakar ke Chitron Jaise Apne parivesh se sambandhit ped paudha pashu pakshiyon tyoharon nach gaan saaf Safai janvaron tyoharon ke anurup rangai putai khelne ki samagri hath dhone ki samagri aadi ko khidki kidiwaron darvaja Jahan ban pade vahan mudrit karungi taki bacche inhen dekh kar aakarshit hon aur aapas mein batchit bistar roop se Karen. Aisa karne se bacchon mein Ruchi paida hogi School aane ke liye tatper rahenge Apne Apne gharon mein uski charcha karenge.

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  80. मुद्रण समृद्ध कक्षा का वातावरण बच्चों की बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान की पहली शर्त है। इसके लिए पूरी कक्षा को आकर्षक एवं मनोरंजक ढंग से दैनिक वस्तुओं कहानियों की किताबें प्रिंट रिच दीवार एवं अन्य सामग्रियां जैसे खेल खिलौने आदि से पूरी कक्षा को सजाना होगा जिससे बच्चे देखें करें बात करें और सब सीखे सभी सामग्रियां बच्चों की पहुंच में होनी चाहिए।
    अंजय कुमार अग्रवाल
    मध्य विद्यालय कोइरीटोला रामगढ़

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  81. Bachchon ke samne mudran samagrì upalabdh hona chahiye taki we apni ruchi ke anusar uska upayog kar sake,iske liye kaksha ko vibhinn tron se yukt hona chahiye.. ananddayi kaksha ka nirman ho

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  82. ज्ञान को विस्तृत करने के लिए व बच्चों की पढ़ाई रुचिकर करने के लिए साथ ही बच्चों के कौतुहल को सिखाने व उनके आत्मसंतुष्टि के लिए चिंत्राकित मुद्रित पठन पाठन आवश्यक है, इससे उनकी शिक्षा आनंदमयी और अच्छादित हो जाएगी

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  83. कक्षा मे चार्ट लेवल अखबार के कटिंग महापुरुषों के फोटो मुद्रित कहानियां आदि लगाकर मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण बनाना एवं यह वातावरण बच्चों की सहभागिता से निर्मित किया जा सकता है।

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  84. To make class to be print reached, we use newspapers, rappers of chips biscuits etc,printed slides of ppt etc.These are attractive and effective way to teach students.

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  85. प्रिंट समृद्ध वातावरण से मेरा तात्पर्य चार्ट पेपर, प्रिंट मुद्रित कहानियां, फोटो, महापुरुषो के चित्र आदि होता है|हम ये सब को कक्षा में इस्तमाल कर के बच्चों के लिए अपनी कक्षा में बच्चों के लिए ऐसा वातावरण बना सकते हैं।

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  86. "मुद्रण-समृद्ध अधिगम वातावरण" जिसमे बच्चे अपने आसपास वस्तुओं को लिखित/मुद्रित स्वरूप में देखते,पढ़ते और समझने का प्रयास करते हैं। वे समझते हैं कि हर लिखित/मुद्रित सामग्री का विशेष अर्थ होता है। इसके लिए मैं कक्षा में आवश्यकतानुसार हर प्रिंटेड सामग्री का डिस्प्ले रखूंगी जिससे बच्चे अर्थ के साथ उनका उच्चारण और हिज्जा भी समझ सकें। इसके अलावा उनकी हर छोटी छोटी वस्तुओं जैसे चॉकलेट और बिस्कुट के रैपर,बॉटल,ज्योमेट्री बॉक्स, बैग,स्वेटर आदि में प्रिंटेड बातों की ओर ध्यानाकर्षित करते हुए समझने और पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करूंगी।

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  87. Deewaron mein Rang birangi halpur Pashu pakshi Akshara sankhya AVN Saral Shabd chart paper per vibhinn Tarah ke photo mahapurushon ke Chitra AVN kahaniyon ke Madhyam se a print samriddh vatavaran banaa sakte hain

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  88. कक्षा मे चार्ट, लेवल, अखबार के कटिंग, महापुरुषों के फोटो मुद्रित कहानियां आदि लगाकर मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण बनाना एवं यह वातावरण बच्चों की सहभागिता से निर्मित किया जा सकता है।

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  89. Kaksha me chart,label,Mahapurusho ke photo,mudrit kahania aadi lagakar mudran samridh adhigam batabaran bana sakte hai.

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  90. छोटे बच्चे एक कच्चे घड़े के समान होते हैं।जब प्रारंभिक अवस्था में इन्हें पर्याप्त प्रिंट सामग्री के अवलोकन का अवसर मिलता है तब उनका सर्वांगीण विकास संभव हो पाता है।वर्ग कक्ष में हमें पर्याप्त प्रिंट/मुद्रण सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति अपना चाहिए। इसके तहत हम कक्षा के दिवारों,खिड़कियों,बेंच,टेबल आदि के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बड़े मुद्रण से छपे पुस्तकें,वर्कबुक,आदि के प्रयोग पर बल दे सकते है।साथ ही साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध शून्य निवेश के प्रिंट सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति बनाने पर बल देना चाहिए। बहुत-बहुत धन्यवाद।
    किशोर कुमार राय उत्क्रमित उच्च विद्यालय कठघ री ,देवीपुर, देवघर

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  91. कक्षा में बच्चों को किन्ही भी महापुरुषों या भौगोलिक जानकारी के लिए चार्ट कोमा मुद्रित कहानियों आदि लगाकर समृद्ध अधिगम वातावरण बना सकते हैं।

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  92. कक्षा में सभी विकासात्मक लक्ष्यों से संबंधित सीखने के अनुभव प्रदान करते समय सबसे चुनौतीपूर्ण क्षण या मुद्दे निम्नलिखित हो सकते हैं: 1.बच्चों में वैयक्तिक विभिन्नता।2.उम्र में विभिन्नता। 3.अनियमित उपस्थिति। 4.असमान बौद्धिक/मानसिक क्षमता। 5.रुचियों में विभिन्नता। 6.अलग सामाजिक एवम सांस्कृतिक परिवेश आदि। हमें उपर्युक्त परिस्थितियों पर ध्यान रखते हुए गतिविधियों का चयन करने की आवश्यकता है ताकि बच्चों के सीखने को प्रभावी बनाया जा सके।

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  93. कक्षा मे बच्चों को किन्हीं भी महापुरुषों या भौगोलिक जानकारी के लिए चार्ट मुद्रित कहानियों आदि लगाकर समृद्ध अधिगम वातावरण बना सकते हैं।

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  94. प्रिंट समृद्ध वातावरण पठन एवं लेखन कौशल की प्रक्रिया में एक उत्कृष्ट और महत्वपूर्ण योगदान देता है।प्रिंट समृद्ध कक्षा वातावरण की योजना बनाना और उसकी रचना करना किसी भी शिक्षण कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन काम एक महत्वपूर्ण पहलू है।
    कक्षा कथा चित्रात्मक वातावरण गतिविधि और शिक्षण के अनुसार सुसज्जित करना श्रेयस्कर होगा। स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों या फिर कम लागत या बिना लागत वाली सामग्री, जैसे-पेड-पौधों की पत्तियों, टहनियों, कंकड़-पत्थर आदि काल उपयोग करेंगे।
    यदि हम कक्षा में गणित पढ़ाने जा रहे हैं तो, कंकड़-पत्थर,अकेली,माचीस की तिल्ली,फल, फुल एवं पत्तियां निर्मित कार्ड बोर्ड,अंक कार्ड बोर्ड, पौधे की बड़ी एवं छोटी पत्तियां आदि काल उपयोग करेंगे।
    बच्चों को अवलोकन करने,क्रम से लगाने,छोटे बड़े के अनुसार व्यवस्थित करने, प्रश्न पुछने एवं उत्तर देने का पर्याप्त अवसर प्रदान करना श्रेयस्कर होगा।
    इस प्रकार हम पाते हैं कि प्रिंट समृद्ध वातावरण पठन एवं लेखन कौशल की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

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  95. प्रिंट निर्माण करने से बच्चों का जुड़ा होगा बच्चे ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित होंगे।

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  96. SUBHADRA KUMARI
    RAJKIYAKRIT M S NARAYANPUR
    DISTRICT BOKARO
    कक्षा के चारों ओर की दीवार पर विभिन्न प्रकार के वस्तुओं को अंकित करेंगे। साथ ही भूल-भुलैया, तिरछी रेखाएं, खिलौने, गणितीय रेखाएं, पहेलियां आदि चित्रित रखेंगे।
    मुद्रण समृद्ध अधिगम से तात्पर्य यह है कि विषयानुकुल लिखित सामग्री का होना।
    हम अपने कक्षा के बच्चों के लिए आस-पास के प्रिटं सामग्री जैसे कपड़े पर बना हुआ प्रिटं से भी अच्छे वातावरण बना सकते हैं।

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  97. पिंट सामग्री से अध्ययन में रूचि रखने में मदद मिलेगी।

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  98. क्योंकि बच्चे जो देखते हैं उसे अत्यंत ही कम समय में उत्सुकता के कारण उसे सिख लेते हैं अथवा याद रख लेते हैं ।
    मुद्रण समृद्ध वातावरण का तात्पर्य है कि प्रारंभिक स्तर के बच्चों के पठन-पाठन के लिए उनके स्तरानुसार दिवारों,दरवाजों, खिड़कियों आदि पर चित्रात्मक,शब्द,अक्षर एवं संख्या छपी रहे। चित्रावली पुस्तकें, खेलने वाले कोने में अलग-अलग रंग,आकार के खिलौने जिनपर प्रिंट हो, पुस्तकालय एवम् बच्चों के उंचाई के अनुसार लिखने एवं भावनात्मक चित्रों के निर्माण के लिए दीवार पर श्यामपट का निर्माण।
    हम शिक्षक, बच्चों के लिए स्वदेशी कम लागत या शून्य लागत वाले पठन-पाठन सामग्रियों,बच्चों एवं स्वयं द्वारा बनाए गए खिलौने, कविताएं, कहानियों, पुस्तकालय आदि के सहयोग से ऐसा वातावरण बना सकते हैं। ज्ञान को विस्तृत करने के लिए व बच्चों की पढ़ाई को रुचिकर करने के लिए चिंत्राकित मुद्रित पठन पाठन आवश्यक है ।

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  99. कक्षा कक्ष में विषयवस्तु से जुड़े प्रिंट सामग्री को दीवाल पर एक सही स्थान जहाँ से बच्चे आसानी से देख व पढ़ सके ,चिपका देने से बच्चों में प्रिंट सम्बंधित अवधारणाओं को प्राप्त किया जा सकता है |इस गतिविधि द्वारा शैक्षणिक माहौल सुगम हो जाता है |

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  100. प्रिंट _समृद्ध वातावरण में बच्चे अपनी परिवेश से खुद सीखने की कोशिश करते है। कक्षा में चार्ट ,लेबल अखबार के कटिंग, महापुरुष के फोटो मुद्रित कहानियां आदि लगा कर हम मुद्रण समृद्ध वातावरण बना सकते है।

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  101. विभिन्न प्रकार के कैलेंडर जिसमे फल फूल जानवर अक्षर शब्द छपे हो को क्लास रूम मे लगाना चाहिए जिसे बच्चे देखे।प्रिट वातावरण का माहौल इससे बनेगा।

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  102. प्रिंट वातावरण बनाने से बच्चों में पढने की रुचि बढ जाती है तथा शिक्षण अनन्ददायि हो जाती है।

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  103. प्रिंट वातावरण रहने से बच्चों में पढ़ने की इच्छा जगती है और बच्चे फूल,फल, सब्जियों, पक्षियों और जानवरों के चित्र देखकर कक्षा में सीखने का वातावरण बनता है।

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  104. बच्चों का पहला चरण साक्षरता होता है जब उनको पता चलता है कि उनके चारों ओर परिवेश में दिखाई देने वाला प्रिंट के कुछ अर्थ भी छिपे हैं तो उसका पहला लेखन होता है पढ़ना सीखते हैं वह वैसा लेखन होता है जो दैनिक जीवन का एक अंग है बच्चे जब स्कूल जाते हैं तो उसे परिवेश प्रिंट के स्वरूप देखने को मिलते हैं। इस प्रकार दोनों ही प्रकार के प्रिंट गतिविधियां करा कर प्रिंट सुधारने तथा इसका अभ्यास करने का अवसर प्रदान करता है। कक्षा में लेवल चार्ट,अखबार के कटिंग, महापुरुषों के फोटो, किताबों का कॉर्नर, मुद्रित कहानियां नारे,स्थानीय विषयों से संबंधित चित्र चित्रण इत्यादि से मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण का निर्माण कर सकते हैं।

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  105. प्रिंट समृद्ध कक्षा में बच्चों के अधिगम स्तर के चार्ट, अखबार, दीवार पेंटिंग, महापुरुषों की तस्वीर, पक्षियों के तस्वीर कार्टून कैरेक्टर आदि हों जो बच्चों में रुचि व जिज्ञासा उत्पन्न करे।

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  106. कहानियों या कविताओं के अनुसार पोस्टर ,चार्ट पेपर, जानवरों के चित्र, पेड़ पौधों की डालियाँ आदि का उपयोग किया जा सकता है।

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  107. कक्षा मे चार्ट,लेबल, अखबार कटिंग, महापुरुषों के फोटो मुद्रित कहानियां आदि लगाकर मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण बना सकते हैं।

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  108. Print samridhya batabaran nirman ke liye barg kaksha me level,chart,phato,mahapuruson ke chitra mudrit kahaniya akhbar ke cuting adi byabsthit dhang se laga sakte hai.

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  110. बच्चे सबसे पहले चित्रों से आकर्षित होते हैं और उनका कोई अर्थ बुनते हैं शब्द और अक्षर एवं लेखन से जुडाव इस क्रम की अगली कड़ी होती है|अतः अर्थपूर्ण चीजों से खाश कर बच्चे जिसे अपने आस पास देखते हैं से शुरुआत सबसे अच्छा है |

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  111. Anjani Kumar Choudhary 8809058368
    छात्रों के लिए साक्षरता का पहला चरण वह होता है, जब वे इस बात से अवगत होने लगते हैं कि उनके चारों-ओर दिखाई देने वाले प्रिंट में कोई अर्थ भी छिपा है। घर पर और समुदाय में ‘परिवेशी प्रिंट’ ही अक्सर वह पहला लेखन होता है, जिसे पढ़ना छात्र सीखते हैं। यह ऐसा लेखन है, जो दैनिक जीवन का एक अंग है – हमारे आस-पास विभिन्न संकेतों, टिकटों, अख़बारों, पैकेटों और पोस्टरों पर दिखने वाला लेखन। छात्र जब स्कूल में आते हैं, तो उन्हें परिवेशी प्रिंट के नए स्वरूप देखने को मिलते हैं: चार्ट, सूचियाँ, अनुसूची, लेबल और सभी तरह की पठन सामग्री। शिक्षक अंग्रेज़ी सिखाने के लिए स्कूल और समुदाय के इन संसाधनों का अच्छा उपयोग कर सकते हैं।

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  112. मैं बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए रुचिकर कहानियों का सहायता ले सकता हूँ।साथ ही खेल-2 के माध्यम से एवं खिलौने के द्वारा आदि माध्यमों से बुनियादी साक्षरता को मजबूती प्रदान कर सकते है।

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  113. Print samridhha watawaran mein everyday girda ki wastuo ka Chitra dekhkar bachhe swayam copy karein aur nam batayenge.

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  114. वर्ग कक्ष में हमें पर्याप्त प्रिंट/मुद्रण सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति अपना चाहिए। इसके तहत हम कक्षा के दिवारों,खिड़कियों,बेंच,टेबल आदि के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बड़े मुद्रण से छपे पुस्तकें,वर्कबुक,आदि के प्रयोग पर बल दे सकते है।साथ ही साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध शून्य निवेश के प्रिंट सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति बनाने पर बल देना चाहिए।प्रिंट समृद्ध कक्षा वातावरण की योजना बनाना और उसकी रचना करना किसी भी शिक्षण कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू हैRavindra prasad mahto ups haraiya tandwa chatra jharkhand

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  115. बच्चों को सीखने का ऐसा परिवेश प्रदान करना जिसमें प्रिंट सामग्री अवलोकन करने का पूरा अवसर मिले ।इसके लिए पर्याप्त मात्रा में मुद्रित सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति बनाने आवश्यकता है ।इसके तहत चार्ट ,तस्वीर,अक्षर कार्ड, शब्द कार्ड जैसी मनोरंजक सामग्रियों का उपयोग करना चाहिए।

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  116. प्रिंट बच्चों के लिए बहुत ही लाभदायक हैं, हमारे रोजदिन के जीवन मे इस्तेमाल होने वाली चीजों का प्रिंट लगाकर बच्चों को सिखा सकते है। बच्चे बड़ी आनंद से सीखेंगे।

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  117. यह बात बिल्कुल ठीक है कि बच्चों में भाषा सीखने एवं भाषा के माध्यम से सीखने का God gift गुण होता है।
    बच्चे शुरुआत में अपनी मातृभाषा का प्रयोग अधिक आसानी से करते हैं। एक ही कक्षा में कई तरह के मातृभाषा के बच्चे मौजूद हो सकते हैं। हमें बहुभाषिकता को चुनौती के रूप में नहीं लेना चाहिए बल्कि इसे एक संसाधन के तौर पर इस्तेमाल करना चाहिए।

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  118. We can make learning of students more interesting and acceptable.

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  119. बच्चों को रोजमर्रा की जिंदगी में प्रिंट के उद्देश्यों को समझाने के लिए कक्षा में बुक रैंक , पेंसिल स्टैंड, जूता रैंक,वास बेसिन का चित्र अंकित करवाते हैं। तथा सामान्य शब्दों, तुकबंदी वाले शब्दों का लाल बनवाते हैं जिससे बच्चों के लिए रुचिकर होने के साथ-साथ नये शब्दों को पहचानने की समझ विकसित हो।

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  120. बच्चे जो भी चीजें खरीदते हैं उनका रेपर, अखबार के कटिंग, रोजमर्रा की चीजो के नाम, कक्षा में जो भी चीज है उसमें लेबल लगाना, ऐसा . बहुत सा सामान है जिससे प्रिंट मरा वातावरण तैयार किया जा सकता ' है

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  121. प्रिंट वातावरण बनाने से बच्चों में पढने की रुचि बढ जाती है तथा शिक्षण अनन्ददायि हो जाती है

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  122. मेरे विचार से एक मुद्रण-समृद्ध अधिगम वातावरण है :
    १) एक प्रासंगिक शिक्षण अधिगम सामग्री से परिपूर्ण ;
    २) भाषा तथा संख्यात्मक ज्ञान संबंधी संसाधन अधिगम हेतु आसपास में उपलब्धता ;
    ३) विभिन्न प्रकार अधिगम संबंधी संसाधनों से परिपूर्ण ;
    ४) बच्चों के लिए कोने-कोने में सीखने की मौके ;
    ५) जहां बच्चे बिना रोक-टोक के अपनी उत्सुकता के अनुसार अपने परिवेश की खोजबीन कर सके और शिक्षा ग्रहण कर सके ;
    ६) जहां अधिगम हेतु चार्ट,सूचियां,अनुसूची,लेबल,चित्र,दृश्य,लेखन,सुर्खियां,विज्ञापन आदि तरह की पठन सामग्री देखने को मिले ;
    ७) जब बच्चों के चारों-ओर दिखाई देने वाले मुद्रण में कोई अर्थ भी छिपा हो
    ८) वैसा परिवेशीय मुद्रण जिसे बच्चे आनंद और उत्साह के साथ पढ़े,देखे और अनुभव करे ;
    ९) वैसा वातावरण जहां एक रचनात्मक-संवादात्मक परिवेश बन सकते हैं एवं विविध लेखन का प्रदर्शन में शिक्षण करने का अवसर उपलब्ध हो ;
    १०) एक वैसा सशक्त संसाधनों से परिपूर्ण वातावरण जहां बच्चों को पढ़ने का आत्मविश्वास में वृद्धि हो ;
    ११) वैसा लेखन समृद्ध संसाधन जो उनके दैनिक जीवन से संपर्कित हो ;
    १२) अधिगम समृद्ध संसाधनों से परिपूर्ण जिन्हें हर कोई देख सकता है,साझा कर सकता है और उनके बारे में बात कर सकता है।
    जैसा कि हम जानते हैं,जब बच्चे इस बात से अवगत होने लगते हैं कि उनके चारों-ओर दिखाई देने वाले मुद्रण में कोई अर्थ छिपा है तब वे दृश्य उनके लिए साक्षरता का पहला चरण होता है। घर पर और समुदाय में 'परिवेशी-मुद्रण'ही अक्सर वह पहला लेखन होता है जिसे बच्चे पढ़ने सीखते हैं। साथ ही यह ऐसा लेखन है जो दैनिक जीवन का एक अंग है। बच्चे जब स्कूल में आते हैं तो उन्हें 'परिवेशी-मुद्रण' के नए स्वरूप देखने को मिलते हैं। मैं बच्चों के लिए उनके स्तर की किताबें,पोस्टर,चार्ट,बनाए हुए सामग्री,बच्चों द्वारा बनाए गए चित्र-लेख के नमूने आदि के सहारे निम्नांकित घटकों को ध्यान में रखते हुए कक्षा को मुद्रण समृद्ध बनाने का प्रयास करेंगे--
    १) विद्यालय में उपलब्ध किताबों(उनके स्तर की)का उपयोग कर,सजाते हुए एक 'रीडिंग-कॉर्नर' का निर्माण कर, जहां बच्चे उन्हें(किताबों को)आसानी से लेकर देख सके।
    २) बच्चों को खास संदेश देने वाले चित्रों को कक्षा में इस तरह से लटकाके रखकर जो सभी को आसानी से देखने को मिले तथा आवश्यकता अनुसार बच्चों के बीच रखने योग्य बनाकर।
    ३) विभाग द्वारा प्रदत्त(एफ एल एन कार्यक्रम के तहत)विभिन्न कविता और कहानियों के पोस्टर को एक मानक ऊंचाई(बच्चों के लिए)को ध्यान में रखते हुए कक्षा के दीवारों पर लटकाके रखकर जिन्हें वे आराम से देख पाए।
    ४) बच्चों के सु-संपर्कित, अति-संपर्कित,परिचित,नए-नए आकर्षक,स्थानीय,पसंदीदा शब्दों को चार्ट में लिपिबद्ध कर दीवारों पर सहज-दृश्यमान के रूप में लटकाकर तथा एक निश्चित समय अंतराल पर बदलकर।
    ५) कक्षा में मौजूद प्रत्येक वस्तु के पास उनके नाम को कागज पर स्थानीय भाषा,हिंदी तथा अंग्रेजी में लिखकर तथा चिपकाकर।
    ६) दैनिक क्रियाकलाप में बच्चों द्वारा बनाए गए विभिन्न चित्र, शब्दों,अक्षरों,संख्याओं(अंकों),पहाड़े, चुटकुले,पहेलियां, कहानियां,कविताएं आदि को उनके नाम सहित प्रदर्शन हेतु दीवार पर एक निश्चित जगह का व्यवस्था (चयन कर)कर।
    ७) दिन,दिनांक,महीना,साल,मौसम,तापमान,ऋतुएँ,त्योहार,
    महत्वपूर्ण व्यक्ति, महापुरुष,विभिन्न पर्यावरणीय वस्तुएं जैसे-फूल,फल,पेड़,पौधे,सब्जी,अनाज,भोजन,दाल,पक्षी,जानवर,वाहन,प्राकृतिक वस्तुएं,घटनाएं आदि को यथासंभव आकर्षक रूप से नियमित अंतराल पर कक्षा में प्रदर्शित करते हुए।

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  123. We can make learning of students more intresting and acceptable.

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  124. छोटे बच्चे एक कच्चे घड़े के समान होते हैं।जब प्रारंभिक अवस्था में इन्हें पर्याप्त प्रिंट सामग्री के अवलोकन का अवसर मिलता है तब उनका सर्वांगीण विकास संभव हो पाता है।वर्ग कक्ष में हमें पर्याप्त प्रिंट/मुद्रण सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति अपना चाहिए। इसके तहत हम कक्षा के दिवारों,खिड़कियों,बेंच,टेबल आदि के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बड़े मुद्रण से छपे पुस्तकें,वर्कबुक,आदि के प्रयोग पर बल दे सकते है।साथ ही साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध शून्य निवेश के प्रिंट सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति बनाने पर बल देना चाहिए।

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  125. प्रिंट समृद्धि वातावरण बच्चों को आकर्षित करते हैं।अखबार का कटिंग,महापुरुषोंं के उपदेश,स्वास्थ्य सम्बंधित प्रिंट,पशु-पक्षियों,जानवरों के चित्र इत्यादि बच्चों के अधिगम स्तर को बढाने में सहायक सिद्ध हो सकते हैं।

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  127. Print vatavaran banane se bacchon mein padhne ki Ruchi badh jaati hai bacche sabhi baton ko behtar tarike sese samajhte Hain

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  128. कक्षा में मुद्रण समृद्ध वातावरण से हमारा तात्पर्य है की वर्ग कक्ष में हिंदी की सभी लेटर अंग्रेजी के सभी लीटर का लिखा होना चित्र के साथ ताकि बच्चे उस चित्र को समझ कर अक्षर का ज्ञान अपने दिमाग में विकसित कर सके। मैं अपने कक्षा को प्रिंट रिच बनाने के लिए तरह-तरह के पेपर के विज्ञापन का कटिंग जो बच्चों लायक हो जैसे गाड़ी का चित्र प्रधानमंत्री का चित्र और भी ऐसी बहुत कुछ चीजें हैं जिसका हम चार्ट भी बना कर अपनी कक्षा को प्रिंट रिच बना सकते हैं जो इन छोटे बच्चों के दिमाग में उस अक्षर का चित्र छापने के लिए बहुत ही जरूरी है वैसे ही कबाड़ से जुगाड़ के माध्यम से हम कुछ चीजें जैसे टूटे-फूटे सामान से हम क्लास को सजा सकते हैं इसके अलावा गणित पढ़ाने के लिए हम खुद से ही 12 संख्या को लकड़ी बांस या कार्डबोर्ड से कटिंग करके बना सकते हैं पैसे के बारे में समझाने के लिए पहले के पैसा जैसे एक पैसा का सिक्का दो पैसा का सिक्का ऐसे बहुत सारे 25 पैसा का सिक्का 50 पैसा का सिक्का ₹1 का सिक्का 20 पैसे का सिक्का 10 पैसे का सिक्का आदि इकट्ठा करके विद्यालय के क्लास के ड्राइवर में रख सकते हैं और कुछ कागज के मुद्रण जो अब काम लायक नहीं है उनको भी या फिर नकली बच्चे का नकली नोट आदि को भी इकट्ठा करके अपने क्लास को समृद्ध मुद्रण समृद्ध कर सकते हैं ।धन्यवाद। अर्चना सिन्हा यू. एम.एस पचपेड़ी ,मेराल २, गढ़वा, झारखंड, धन्यवाद।

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  129. Lclass me chart paper photos wornmala sarani story books wall lekhan etc ke deara print print samridh watawaran banaya ja Sakta hai.

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  130. कक्षा मेंं चार्ट, दिवाल लेखन,महापुरुषों के फोटो मद्रित काहानियांँ आदि लगा कर मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण बना सकते हैं ।

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  131. छात्रों के लिए साक्षरता का पहला चरण में वे इस बात से अवगत होने लगते हैं । उनके चारों-ओर दिखाई देने वाले प्रिंट में कोई अर्थ भी छिपा है। घर पर और समुदाय में ‘परिवेशी प्रिंट’ ही अक्सर वह पहला लेखन होता है, जिसे छात्र पढ़ना सीखते हैं। यह ऐसा लेखन है, जो दैनिक जीवन का एक अंग है – हमारे आस-पास विभिन्न संकेतों, टिकटों, अख़बारों, पैकेटों और पोस्टरों पर दिखने वाला लेखन। छात्र जब स्कूल में आते हैं, तो उन्हें परिवेशी प्रिंट के नए स्वरूप देखने को मिलते हैं: चार्ट, सूचियाँ, अनुसूची, लेबल और सभी तरह की पठन सामग्री। शिक्षक अंग्रेज़ी सिखाने के लिए स्कूल और समुदाय के इन संसाधनों का अच्छा उपयोग कर सकते हैं।

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  132. Poster Mudra vatavaran ke liye poster chart ke Madhyam se print aadharit gatividhiyan kara kar Jab bache Apne parivesh Mein Dikhai Dene Wali print ko padhta likhta hai to ise mudran samriddh adhigam vatavaran taiyar Hota Hai

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  133. Print vatavaran Banane se bacchon mein padhne ki Ruchi badhati Hai Shiksha Anand bhai Hota Hai

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  134. बच्चे अपने परिवेश में उपलब्ध साधनों जैसे कोई पुस्तकें, अखबार,कबित्र आदि में से उसके मायने ढूंढने के प्रयास करते हैं।वे अपने विचारों को उकेरने के लिए जगह ढूंढते हैं हम उन्हें ऐसा साधन उपलब्ध करा सकते ही जो उनके समझ को विकसित कर अपने विचार अभिव्यक्ति को समृद्ध कर सके।

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  135. बच्चे परिवेश से ही ज्यादातर ज्ञान लेते हैं परिवेश में जो भी चीज है उसी से ही अपना ज्ञान अर्जन करते हैं इसीलिए हम अपने कक्षा में खेलने वाले कोने में अलग-अलग रंग के ब्लॉक रखेंगे किसी कोने में अलग-अलग तरह के खिलौने रखेंगे किसी कोने में कहानी की किताब रखेंगे आदि |

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  136. कक्षा में प्रिंट वातावरण के निर्माण से बच्चे में सीखने की रूचि बढ़ जाती है एवं आनंददाई होता है प्रिंट सामग्री से अध्ययन में रुचि रखने में मदद मिलती है प्रिंट समृद्ध वातावरण में बच्चे अपने परिवेश से खुद सीखने की कोशिश करते हैं कक्षा में 4 लेवल अखबार की कटिंग महापुरुष के फोटो मुद्रित कहानियां आदि लगाकर हम मुद्रण समृद्ध वातावरण बना सकते हैं

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  137. प्रिंट समृद्ध वातावरण यदि कक्षा के अंदर विकसित किया जाता है तो यह आनंददायी और बच्चों के लिए रुचिकर बन जाता है।यह उनके सीखने की रूचि को बढ़ाता है।

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  138. मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण से तात्पर्य यह है कि बच्चे के आसपास प्रिंट सामग्री मौजूद हो। कक्षा में दीवारों पर, दरवाजों पर ,फर्नीचर पर, हर जगह प्रिंट सामग्री का इस्तेमाल करना चाहिए। अभिभावकों को भी घर के वातावरण में मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण के निर्माण हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए। इस प्रकार अपनी कक्षा के साथ-साथ घर में भी इसकी समुचित व्यवस्था कर ऐसा वातावरण का निर्माण कर सकते हैं।

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  139. बच्चों को कक्षा में सीखने के सुखद सुलभ एवं समृद्ध वातावरण का निर्माण कराना ही मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण कहलाता है। हालांकि कक्षा में शिक्षक अपने स्तर से बच्चों को शुरुआत मैं सिखाने का हर संभव प्रयास करता है ताकि वह आसपास की चीजों को त्रिआयामी एवं द्वि आयामी रूपों से अवगत हो सकें। प्रिंट रिच एनवायरमेंट ना सिर्फ कक्षा तक है सीमित रहता है बल्कि आसपास के वातावरण में भी उपलब्ध रहता है। बच्चे हर स्तर से कुछ ना कुछ सीखने का प्रयास करता है एवं जहां भी कमी रहती है उन्हें शिक्षकों द्वारा समझ के साथ अनुभव कराने का हर संभव प्रयास किया जाता है। प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए प्रिंट रिच इन्वायरमेंट बहुत ही जरूरी है। छोटे बच्चों के लिए कक्षा में चित्र पोस्टर शब्द आदि चिपकाया जाता है ताकि बच्चे आसानी से उस चित्र या पोस्टर तक पहुंच सके और उस वस्तु के प्रतिअपनी समझ विकसित कर सके।
    राजेंद्र पंडित सहायक शिक्षक
    प्राथमिक विद्यालय चांदसर
    महागामा गोड्डा

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  140. छोटे बच्चों के लिए विद्यालय में प्रिंट, मुद्रण का वातावरण बनाने से उनका विद्यालय के प्रति लगाव बढ़ेगा। इन सब चीजों से उनके बुनियादी ज्ञान को भी मजबूत किया जा सकता है।

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  141. छोटे-छोटे बच्चों के लिए कक्षा में एक ऐसा वातावरण बनाया जा सकता है,कक्षा में प्निंन्ट का माहौल बनाना है ताकि बच्चे उस प्रिंट को बार बार देख कर उसका नाम जान सके, बच्चे अक्सर देखा कर और कर के सीखते हैं।

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  142. कक्षा को मुद्रण समृद्ध बनाने के लिए ढेरों कार्य किए जा सकते हैं| जैसे:- बच्चों की नजरों के सामने आकर्षक रूप से अक्षरों,शब्दों,अंकों,चित्रात्मक कथाओं,तुकांत छोटी कविताओं को दीवारों पर पेंट किया जा सकता है|बच्चों के लिए एक कोना निर्धारित किया जा सकता है,जहाँ उनके स्क्रिबल्स,ड्राइंग्स आदि प्रदर्शित किए जा सकें|कक्षा में मौजूद सामग्रियों पर नाम के लेबल लिखे या चिपकाए जा सकते हैं|

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  143. Print smiridh watawaran k liyae hamlog ko chart paper,label,printed stories book,Mahaprusho k photo tatha Aanaddai kachh ka upyog karna chahiae.
    ---------MS KUSUNDA MATKURIA DHANBAD 1

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  144. मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण से तात्पर्य एक ऐसे वातावरण से है जहाँ विभिन्न प्रकार के वस्तुओं, जानवरों, पक्षियों, एवं अन्य जैविक एवं अजैविक चीजों का नाम एवं चित्रों को जो हमारे दैनिक जीवन में दृष्टिगोचर होता है, को आकर्षक तरीके से प्रदर्शत करते हैं।
    हम अपनी कक्षा के चारों दीवारों में ऐसा विभिन्न वस्तुओं का नाम एवं उनका चित्रण को अंकित करेंगे।साथ ही मुद्रित फोटो , चार्ट पेपर पर अंकन कर उन्हें दीवालों पर चिपकाएंगे। संख्यात्मक ज्ञान हेतु विभिन्न प्रकार के संख्या का भी अंकन करेंगे जिसमे जोड़,घटाव,गुना, भाग भी समाहित हो,विद्यार्थियों के अभ्यास के लिए कुछ संख्या या वस्तुओं के नाम पर रिक्त स्थान का भी अंकन करेंगे।रणजीत प्रसाद मध्य विद्यालय मांडू।

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  145. सबसे पहले बच्चों के बेंच पर प्रत्येक बच्चे के लिए रॉलनंबर लिखा हो।जिससे बच्चे अंकों को पहचान सकें।प्रतीक बेंच का नाम महापुरुषों केनाम पर हो ताकि उस ग्रुप के बच्चे प्रिंट को देख समझ सकें।टेबल चार्ट का प्रयोग दीवाल पर कर सकते हैं।दीवाल पर तुकबंदी वाले शब्दों और कविता की प्रेरणादायक लाइन भी लिखी होनी चाहिए। श्यामपट्ट के उपर भी श्यामपट्ट लिखा होना चाहिए। दीवाल पर फलों,जानवरों पक्षियों के चित्र नाम सहित अंकित होने चाहिए। हिंदी और अंग्रेजी के अक्षरों की वर्तनी समेत अंकित होने चाहिए। सभी कछाओं का नाम और नंबर लिखा होना चाहिए। इस तरह के बहुत सारे प्रिंट समृद्ध वातावरण बनाने की जरूरत है।

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  146. कक्षा को प्रिंट रिच बनाने के लिए दीवारों पर बच्चों के दृष्टि क्षेत्र के अंदर यानी उनके ऊंचाई के लेवल पर विभिन्न प्रकार के अंक और अक्षरों का प्रदर्शन होना चाहिए। साथ ही घड़ी कैलेंडर मोबाइल फोन आदि के साथ नंबर अंकित कर बच्चों की रुचि को ध्यान में रखकर एवं उनका मनोरंजन और आकर्षण बनाए रखने वाले चित्र, जिनमें नामकरण हो एवं अंक लिखे हों, उनका प्रदर्शन करना चाहिए। साथ ही बच्चों को अपनी पसंद की चीजें जैसे तुकबंदी स्क्रिबलिंग चित्रकारी आदि करने के अवसर प्रदान करने के लिए उपयुक्त कोने की व्यवस्था बच्चों की पहुंच के अंदर करेंगे इस तरह बच्चों में ऑन नेशनल लिटरेसी एवं न्यूमैरेसी की समझ विकसित करने में मदद मिलेगी।

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  147. बच्चों का पहला चरण साक्षरता है बच्चों को जब पता चलता है कि उनके चारों तरफ परिवेश में दिखाई देने वाला प्रिंट का भी कुछ अर्थ होता है जिसने कुछ छुपा हुआ है तो इसका पहला कार्य लेखन होता है तब वे पढ़ना सीखते हैं यह वैसा लेखन होता है जो उनके दैनिक जीवन का एक अंग होता है बच्चे जब स्कूल जाते हैं तो उसे परिवेश प्रिंट के नारे स्वरूप देखने को मिलता है अता दोनों प्रकार के प्रिंट गतिविधियों को करा कर करा कर प्रिंट सुधारने तथा इसका अभ्यास कराने का अच्छा अवसर मिलताMotiur Rahman, UPS CHANDRA PARA, PAKUR

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  148. मुद्रण-समृद्ध अधिगम वातावरण का तात्पर्य यह है कि विद्यालय के वर्ग-कक्ष की दीवारों पर भाषा,गणित, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान से सम्बंधित चित्रों की उपलब्धता उनके नाम सहित हो ।
    मैं अपने विद्यालय के वर्ग-कक्ष की दीवारों पर ऊपर वर्णित विषयों से संबंधित चित्रों को उनके नाम के साथ बनाने की सुव्यवस्था कर
    वर्ग-कक्ष को मुद्रण-समृद्ध बनाऊँगा। विद्यालय भवन के बाउंड्रीवाल के भीतरी दीवारों पर खेल-कूद संबंधी चित्रों की व्यवस्था कर बच्चों को मनोरंजक वातावरण दूंगा।

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  149. हमारे विद्यालय में एक कक्षा-कक्ष आनंददायी कक्ष के रूप में होता है जिसमें वर्णमाला, गिनती, alphabet, विभिन्न प्रकार के चित्र आदि की चित्रकारी की गई होती है।इस प्रकार के कक्षा-कक्ष के निर्माण के साथ पुस्तकालय में उपलब्ध किताबों में शामिल चित्रों की सहायता से खेल खेल में बच्चों को बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान के अधिगम में मदद की जा सकती है।

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  150. Print samriddh kaksha ki Rachna se bacchon mein Ruchi utpann hota hai jisse unka sarvangeen Vikas hota hai print kaksha ki Rachna mein vaise chijon ka print lagana chahie ki jinhen bacche pahle se dekhe Hain aur fir unhen bhi e unhen madhyam banakar kaksha mein adhyayan adhyapan karni chahie

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  151. हर बच्चे का मन हमेशा कुछ न कुछ सिखने को आतुर रहते हैं,चाहे वो घर पर हो , विद्यालय में हों या किसी और परिवेश में हों। उनकेे चारों ओर दिखाई देनेवाले वस्तु से वे ज्यादा सिखाने लगते हैं। इसीलिए हमारे विद्यालय के दीवारों पर वर्ग कक्ष आदि में वर्णमाला, संख्या,पहाड़ा चार्ट, महापुरुषों के जीवनीसह फोटो, वैज्ञानिक, ऐतिहासिक तथा भौगोलिक घटनाओं का योग्य चित्र टांगना चाहिए। बच्चे सुनने से ज्यादा देखने पर सिखते है। चित्र देख कर दिल में प्रश्न या जिज्ञासा का जन्म होता है। बच्चे सतत सिखने लगते हैं। अतः हमें विद्यालय में परिवेश प्रिंट समृद्ध बनाना चाहिए।
    प्रताप कुमार अधिकारी
    स०शि०, मध्य विद्यालय माको
    पोटका-2

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  152. For print rich environment, we can lable things with their names. We can label different areas in the classroom. For example -reading corner, writing corner etc. Charts, pictures made by students can be hanged on walls. Different types of books and magazines can be kept in reading corner. Charts, papers, pen, pencils, colour pencils etc. must be available in writing corner.

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  153. प्रिंट समृद्ध वातावरण से तात्पर्य-फल, फूल, सब्जी, पेड़-पौधे, जानवर, पक्षियों के चार्ट पेपर, प्रिंट मुद्रित कहानियां, फोटो, महापूरूषो के चित्र आदि से होता है।हम ये सबको अपनी कक्षा में बच्चों के लिए इस्तेमाल करके मुद्रण समृद्ध वातावरण बना सकते है।ऐसा वातावरण से बच्चों के सीखने की प्रक्रिया में तेजी से विकास होता है।

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  154. मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण वह है जिसमें बच्चे आनन्ददायी वातावरण में अपने आसपास वस्तुओं को लिखित/मुद्रित स्वरूप मे देखते , पढ़ते हैं और समझने का प्रयास करते हैं । इसके लिए मैं अपनी कक्षा में बाल पत्रिकाएं, पोस्टर, चार्ट कहानियों की किताबें, चित्र कार्ड बच्चों द्वारा निर्मित कार्ड इत्यादि को प्रचूर मात्रा में रखुँगीं ।
    अनिमा
    GUMS Makra Gumla

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  155. बच्चों को कक्षा में प्रिंट समृद्ध वातावरण बच्चो के अधिगम या सीखने के लिए बेहद जरूरी हैं।प्रिंट समृद्ध वातावरण बच्चों के पहुँच में होनी चाहिए ताकि बच्चे आपस में मिलकर प्रिंट का उपयोग करते हुए पठन या लेखन का विकाश कर सकें प्रिंट समृद्ध कक्षा के लिए भाषा संभंधित तुकबंदी वाले शब्द संख्या से संभंधित चित्रो के माध्यम से प्रिंट की अवधारणा, बच्चो के लेखन के लिए अलग से कोना का निर्माण करना, बच्चों के लिए रोचक चित्र जिस से बच्चो के मौखिक भाषा का विकाश हो सके।

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  156. Use of chart paper in classroom make the students azile

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  157. कक्षा में कक्षा में चार्ट लेबल अखबार की कटिंग महापुरुषों के चित्र मुद्रित कहानियां आदि दीवाल पर लगाकर प्रिंट अधिगम वातावरण का निर्माण किया जाना चाहिए धन्यवाद

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  158. BACHE EK KACHE BANSS KE JAISE HOTE HAI HAM UNHE JIS TARIKE SE CHAHE JHUKA SKTE HAI ARTHAT HAM CLASS ME ADHIK SE ADHIK MAHAPURSHO,DESHBHAKTO KI MUDRIT PHOTOGRAPH AUR SCIENCE SE JUDI BADE PRINTED PHOTO GRAPH CLASS ME LGAKR BACHO KI MUDRAN KE CHHETRA ME BADHAWA DE SKTE HAI.

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  159. Kaksha men chart mudran chitrankan Karne se bachche akarsit hote Hain avm khud karke sikhten air anandit hote hain

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  160. समृद्ध कक्षा वातावरण बनाने के लिए छात्रों का पहला चरण वह होता है , जब वे इन बात से अवगत होने लगते है कि उनके चारों और दिखाई देने वाले चित्र में कोई अर्थ भी छिपा है| घर पर और समुदाय मैं 'परिवेश प्रिंट' ही अक्सर पहला लेखन होता है| जिसे पढ़ना छात्र सीखते हैं| हमारे आसपास विभिन्न संकेतों टिकटों अखबारों और पोस्टर पर दिखने वाले लेखन| छात्र जब स्कूल आते हैं तो उन्हें परिवेश प्रिंट का नए स्वरूप देखने को मिलते हैं|चार्ट, सूचियां अनुसूचियां लेबल और सभी तरह की पठन सामग्री शिक्षक बच्चों को सीखने के लिए स्कूल और समुदाय को इन संसाधनों का अच्छा उपयोग कर सकते हैं|

    Yogmaya bharti
    U.H.S. JAMA
    MADHUPUR


    U.H.S. JAMA

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  161. Print vatavaran banana se bachcho mein padhne ki ruchi badham jaati hai.bachche sabhi baton ko behtar strike se samajhte hain.

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  162. छात्रों के लिए साक्षरता का पहला चरण वह होता है, जब वे इस बात से अवगत होने लगते हैं कि उनके चारों-ओर दिखाई देने वाले प्रिंट में कोई अर्थ भी छिपा है। घर पर और समुदाय में ‘परिवेशी प्रिंट’ ही अक्सर वह पहला लेखन होता है, जिसे पढ़ना छात्र सीखते हैं। यह ऐसा लेखन है, जो दैनिक जीवन का एक अंग है – हमारे आस-पास विभिन्न संकेतों, टिकटों, अख़बारों, पैकेटों और पोस्टरों पर दिखने वाला लेखन। छात्र जब स्कूल में आते हैं, तो उन्हें परिवेशी प्रिंट के नए स्वरूप देखने को मिलते हैं: चार्ट, सूचियाँ, अनुसूची, लेबल और सभी तरह की पठन सामग्री। शिक्षक अंग्रेज़ी सिखाने के लिए स्कूल और समुदाय के इन संसाधनों का अच्छा उपयोग कर सकते हैं।

    इस इकाई की गतिविधियाँ आपको अपनी कक्षा का प्रिंट परिवेश सुधारने – भले ही आपका प्रारंभिक बिंदु कोई भी हो – और छात्रों के साथ अपनी अंग्रेज़ी सुधारने व इसका अभ्यास करने के अवसर देती है।

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  163. चार्ट पेपर,कॉमिक्स,कहानी की पुस्तकें,महापुरुषों के चित्र,अखबार की कतरने आदि मुद्रण समृद्ध वातावरण बनाने में मदद करता है।ऐसा वातावरण बनाकर हुम् बच्चों को मुद्रण सामग्री की ओर आकर्षित कर सकते हैं।

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  164. कक्षा मे चित्र चार्ट ,कहानी ,कोमिक्स, जीवनी, पत्र पत्रिका बच्चों द्वारा हस्त निर्मित सामग्री के द्वारा हम मुद्रण।समृद्ध वातावरण बना सकते हैं।ऐसा कर हम बच्चों को उनकी रूचि पढ़ाई की ओर आकर्षित कर सकते हैं।

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  165. बाल मन मस्तिष्क पर दृश्य एवम अवलोकन ज्यादा प्रभाव पड़ता है।विद्यालय में उनके लिये मुद्रण समृद्ध वातावरण उनके सीखने और आत्मसात करने में अधिक सहायक होंगे। कक्षा में दीवारों पर,विद्यालय के घेराबन्दी दीवार के अंदर वाले भाग को बाल स्तरीय अधिगम आधारित मुद्रण कराया जाना श्रेयस्कर होगा। कुछ पिंट सामग्री पलेश कार्ड,चित्र, अक्षर समूह तुकबन्दी का प्रदर्शन किया जाना सीखने की प्रक्रिया को शुलभता करेगी।

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  166. Print samriddh kaksha ka nirman se bachchon ka judao kaksha ke sath bana rahata hai. Bachche print samriddh se prabhavit aur aakarshit hote hain. Bachche print samriddh kaksha ko dekh kar bahut kuch sikhte hain aur jigyansu hote Hain

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  167. छात्रों के लिए साक्षरता का पहला चरण वह होता है, जब वे इस बात से अवगत होने लगते हैं कि उनके चारों-ओर दिखाई देने वाले प्रिंट में कोई अर्थ भी छिपा है। घर पर और समुदाय में ‘परिवेशी प्रिंट’ ही अक्सर वह पहला लेखन होता है, जिसे पढ़ना छात्र सीखते हैं। यह ऐसा लेखन है, जो दैनिक जीवन का एक अंग है – हमारे आस-पास विभिन्न संकेतों, टिकटों, अख़बारों, पैकेटों और पोस्टरों पर दिखने वाला लेखन। छात्र जब स्कूल में आते हैं, तो उन्हें परिवेशी प्रिंट के नए स्वरूप देखने को मिलते हैं: चार्ट, सूचियाँ, अनुसूची, लेबल और सभी तरह की पठन सामग्री। शिक्षक अंग्रेज़ी सिखाने के लिए स्कूल और समुदाय के इन संसाधनों का अच्छा उपयोग कर सकते हैं।
    उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय जिरहुलिया, सी.आर.सी- म.वि.बांका, प्रखंड- हंटरगंज, जिला- चतरा, झारखण्ड।

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  168. Vidyalay ke kaksha mein mahapurushon ke photo aur Unki Vani ko likh kar bacchon ke bich prastut ki Ja sakti hai. Vibhinn Tarah Ke Prerak pustakon Ki vyavastha Kar unke bich baat kar mudran samagri ka vatavaran taiyar Kiya Ja sakta hai .

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  169. हमें हिंदी और अंग्रेजी के मुद्रित पत्र प्रस्तुत करने चाहिए। छात्र खाने की चीजें खरीदते हैं और हम छात्रों को मुद्रित वर्णमाला और अंक आसानी से प्रदर्शित कर सकते हैं।

    Jay parkash singh ups hraiya

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  170. Print copy ke madhyam se ham bachcho ko bahut kuchh Bata sakte hai.isse bachcho ko samjhane bahut madad milti hai

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  171. A classroom can be made more engaging with the use of charts, labels, photos printed stories, etc.

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  172. कक्षा में शैक्षणिक विषय से संबंधित पोस्टर, चित्र मुद्रण, वातावरण से संबंधित फोटो आदि बनाकर प्रिंट समृद्ध वातावरण तैयार किया जा सकता है, जो बच्चों को स्वयं सीखने में मदद मिलेगी।

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  173. रुचिकर और आनंदायी शिक्षा के लिए समृद्ध प्रिंट वातावरण का निर्माण बहुत आवश्यक है। ऐसा करने से बच्चों का जुड़ाव बहुत अच्छा होगा। जिससे बच्चे उस विषय को सरलता से सीख पाएंगे।

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  174. रूचिकर और आनंदमय शिक्षा समृद्धि का वातावरण बनाता है।

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  175. महापुरुषों या भौगोलिक जानकारी चार्ट चित्र मुदित कहानियों आदि लगा कर कक्षाओं को समृद्ध अधिगम वातावरण बना सकते हैं

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  176. चित्र फोटो छपाई देखकर बच्चे को देखने में और प्रतिक्रिया देने में उन्हें बहुत मजा आता है अतः प्रिंट मीडिया के विभिन्न प्रयोग बच्चों के लिए रोचक करो आनंददायक होते हैं

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  177. मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण सीखने सिखाने का आनंददायी अवसर प्रदान करता है इसमें बच्चों में सृजनात्मक भावनात्मक व संज्ञानात्मक विकास का अवसर मिलता है।

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  178. 'मुद्रण-समृद्ध अधिगम वातावरण' से हमारा तात्पर्य बच्चों के कक्षा कक्ष परिवेश का लिखित अक्षरों शब्दों एवं वाक्यों से समृद्ध होना है । कक्षा की दीवारें, विभिन्न वस्तुएँ एवं दरवाजे खिड़कियों इत्यादि पर उसका नाम लिखा हो । कक्षा के कोने में उस कक्षा स्तर की चित्रात्मक एवं आकर्षक कवरपेज की पुस्तकें रखी हों जहाँ तक बच्चों की निर्बाध पहुँच हो ।
    कक्षा में बच्चों के लिए ऐसा वातावरण निर्मित करना सीखने की दिशा में सकारातमक बदलाव को सुनिश्चित करता है।

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  179. 1.छात्रों के लिए साक्षरता का पहला चरण वह होता है, जब वे इस बात से अवगत होने लगते हैं कि उनके चारों-ओर दिखाई देने वाले प्रिंट में कोई अर्थ भी छिपा है। घर पर और समुदाय में ‘परिवेशी प्रिंट’ ही अक्सर वह पहला लेखन होता है, जिसे पढ़ना छात्र सीखते हैं। यह ऐसा लेखन है, जो दैनिक जीवन का एक अंग है – हमारे आस-पास विभिन्न संकेतों, टिकटों, अख़बारों, पैकेटों और पोस्टरों पर दिखने वाला लेखन। छात्र जब स्कूल में आते हैं, तो उन्हें परिवेशी प्रिंट के नए स्वरूप देखने को मिलते हैं: चार्ट, सूचियाँ, अनुसूची, लेबल और सभी तरह की पठन सामग्री। शिक्षक अंग्रेज़ी सिखाने के लिए स्कूल और समुदाय के इन संसाधनों का अच्छा उपयोग कर सकते हैं।
    उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय जिरहुलिया, सी.आर.सी- म.वि.बांका, प्रखंड- हंटरगंज, जिला- चतरा, झारखण्ड।
    2.छोटे बच्चे एक कच्चे घड़े के समान होते हैं।जब प्रारंभिक अवस्था में इन्हें पर्याप्त प्रिंट सामग्री के अवलोकन का अवसर मिलता है तब उनका सर्वांगीण विकास संभव हो पाता है।वर्ग कक्ष में हमें पर्याप्त प्रिंट/मुद्रण सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति अपना चाहिए। इसके तहत हम कक्षा के दिवारों,खिड़कियों,बेंच,टेबल आदि के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बड़े मुद्रण से छपे पुस्तकें,वर्कबुक,आदि के प्रयोग पर बल दे सकते है।साथ ही साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध शून्य निवेश के प्रिंट सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति बनाने पर बल देना चाहिए।

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  180. Bacchon ka pahla charan sakhasrta hai.Jab unko pata chalta hai ki unke charon oar parivesh mein dikhai dene wala print ka kuch arth bhi chipa rahta hai.pariveshi print hi akser wah pahla lekhan hota hai jise padna bacche sikhte hain. Yah aisa ekhan hai jo dainik jiwan ka ekang hai.Hamare as-pas vibhin sanketon,ticketon,akhbaron,packeton aor posteron per dikhnewala lekhan. In sabka accha upyog kar sakte hain.

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  181. मुद्रण समृत अधिगम वातावरण का एक अच्छा उदाहरण यह हो सकता है की हमारे विद्यालय में क्लास एक के बच्चों के लिए एक आनंददाई कक्ष निर्माण किया गया है इस कक्ष में दीवारों पर अल्फाबेट एवं चित्र बने हुए हैं जैसे ए अक्षर से एप्पल तथा एप्पल का चित्र बना है उसी प्रकार वर्णमाला की लिपि तथा उस वर्णमाला से बने हुए चित्र एवं शब्द अंकित किया हुआ है इसी तरह गणित में संख्या गिनती एक से एक सौ तक लिखा हुआ है बच्चे इस कक्ष में बहुत रूचि के साथ चित्र को देखकर सीख लेते हैं इसी प्रकार हम कक्षा में बहुत प्रकार के प्रिंट से संबंधित पोस्टर बाल कविता विभिन्न प्रकार के फल सब्जी का चित्र उसके नाम बच्चों से या स्वयं शिक्षक करके दीवारों में चिपका आएंगे इस तरह से बच्चे मुद्रण सामग्री को देखकर बहुत आसानी से सीखते हैं एक उदाहरण बच्चों को अपने मनपसंद पकवान का नाम और चित्र बनाने को कहें फिर उसे दीवार पर चिपकाए फिर उसे पढ़ने को कहे या उसके बारे में चर्चा करें इससे बच्चे बहुत रुचि के साथ सीखते हैं

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  182. कक्षा में विभिन्न तरह के चार्ट, लेबल,अखबार के कटिंग,महापुरुषों के तस्वीर,,मुद्रित कहानियां आदि लगाकर मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण का निर्माण किया जा सकता है।

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  183. कक्षा में विभिन्न तरह के चार्ट,लेबल,अखबार के कटिंग,महापुरुषों के तस्वीर,मुद्रित कहानियां आदि लगाकर मुद्रण समृद्ध अधिगम वातावरण बनाया जा सकता है।

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  184. कक्षा में विभिन्न प्रकार के चार्ट, लेवल, अखबार, महापुरूषों के तस्वीर, मुद्रित कहानियाँ, दैनिक जीवन से संबंधित वस्तुओं का मुद्रण इत्यादि के माध्यम से बच्चों को सिखाना मुद्रण समृद्ध अधिगम है।

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  185. प्रिंट समृद्ध वातावरण बच्चों में बेहतर तरीके से सीखने के परिवेश को बढ़ावा देता है अगर बच्चे किसी भी चीज़ के बारे में केवल सुनकर सीखते हैं तो वह पूर्ण रूप से उनमें वस्तु के बारे में सटीक जानकारी नहीं ले पाएंगे अगर उस वस्तु के बारे में कभी कोई जानकारी नही रही होगी परन्तु अगर बच्चे को उस वस्तु से परस्पर परिचित कराया जाए या चित्र दिखाया जाए तो या किसी भी प्रकार का उससे संबंधित माॅडल से परिचित कराया जाए तो उसके सीखने की प्रवृत्ति पुख्ता हो जाएगी। अतः विद्यालय में किसी ना किसी कोने में प्रिंट समृद्ध वातावरण मुहैया कराई जाए तो बेहतर होगा।

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  186. कक्ष में हमें पर्याप्त प्रिंट/मुद्रण सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति अपना चाहिए। इसके तहत हम कक्षा के दिवारों,खिड़कियों,बेंच,टेबल आदि के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बड़े मुद्रण से छपे पुस्तकें,वर्कबुक,आदि के प्रयोग पर बल दे सकते है।साथ ही साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध शून्य निवेश के प्रिंट सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति बनाने पर बल देना चाहिए।प्रिंट समृद्ध कक्षा वातावरण की योजना बनाना और उसकी रचना करना किसी भी शिक्षण कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू

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  187. Print vatavaran ka nirman karne se bachchon ka judao badhega.judao ke vibhinn gatividhi apnane se bachche anandit honge aur sikhne men sahajh hogi.

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  188. वर्ग कक्ष में हमें पर्याप्त प्रिंट/मुद्रण सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति अपना चाहिए। इसके तहत हम कक्षा के दिवारों,खिड़कियों,बेंच,टेबल आदि के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के बड़े मुद्रण से छपे पुस्तकें,वर्कबुक,आदि के प्रयोग पर बल दे सकते है।साथ ही साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध शून्य निवेश के प्रिंट सामग्री के अनुप्रयोग की रणनीति बनाने पर बल देना चाहिए।प्रिंट समृद्ध कक्षा वातावरण की योजना बनाना और उसकी रचना करना किसी भी शिक्षण कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू है

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  189. ज्ञान को विस्तृत करने के लिए व बच्चों की पढ़ाई रुचिकर करने के लिए साथ ही बच्चों के कौतुहल को सिखाने व उनके आत्मसंतुष्टि के लिए चिंत्राकित मुद्रित पठन पाठन आवश्यक है, इससे उनकी शिक्षा आनंदमयी और अच्छादित हो जाएगी

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