During COVID-19, how did you remain in touch with your students? What major changes did you introduce in your teaching?
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वैश्विक महामारी कोरोना काल में सरकार के गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए , बच्चों के बीच सामाजिक दूरी का पालन करते हुए संपर्क डोर टू डोर संपर्क करता रहा। बच्चों को कोरोना के प्रति जागरूक एवं इससे बचने के उपाय की जानकारी शेयर करता रहा । मास्क , सामाजिक दूरी का पालन , नियमित अंतराल में हाथ धोते रहने का इत्यादि अन्य जानकारियां देकर बच्चों को जागरूक करता रहा । बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो, इसके लिए लगातार बच्चों के बीच जाकर उनकी समस्या को पहचान कर समाधान करने का प्रयास करता रहा। डीजी साथ का कंटेंट एवं दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले शैक्षिक कार्यक्रमों को, बच्चों को बतलाया और अनुश्रवण भी करता रहा।
ReplyDeleteWe made a whatsapp group named Digisath. We send contents everyday and quizzes on Saturday. Students who have smartphone are joined and enjoy everday's class. But many of the students don't have the smartphone. We personally contact them and sollve their problems.
ReplyDeleteकोविड-19 वैश्विक महामारी को देखते हुए हम सभी शिक्षक गण सार्वजनिक स्थल हो चाहे विद्यालय प्रांगण हो सभी जगह सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए बच्चों के साथ बच्चों के बीच विद्याधन कराएंगे।। ताकि किसी प्रकार से इस वैश्विक महामारी को फैलने का और मौका या अवसर न प्राप्त हो।। साथ ही साथ भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के संरक्षण और बचाव के पैरामीटर को अनुपालन स्वयं भी करेंगे एवं बच्चों को भी अनुपालन करने के लिए प्रेरित करेंगे।।
ReplyDeleteवैश्विक महामारी कोरोना काल में सरकार के गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए , बच्चों के बीच सामाजिक दूरी का पालन करते हुए संपर्क डोर टू डोर संपर्क करता रहा। बच्चों को कोरोना के प्रति जागरूक एवं इससे बचने के उपाय की जानकारी शेयर करता रहा । मास्क , सामाजिक दूरी का पालन , नियमित अंतराल में हाथ धोते रहने का इत्यादि अन्य जानकारियां देकर बच्चों को जागरूक करता रहा । बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो, इसके लिए लगातार बच्चों के बीच जाकर उनकी समस्या को पहचान कर समाधान करने का प्रयास करता रहा। डीजी साथ का कंटेंट एवं दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले शैक्षिक कार्यक्रमों को, बच्चों को बतलाया और अनुश्रवण भी करता रहा।
Deleteकोविड-१९ महामारी के दौरान मैंने व्हाटत्सप में बच्चो को दैनिक शैक्षणिक सामग्री प्रदान की। मैंने बच्चो के घर जाकर उन्हे इस पठन के माध्यम के बारे मे बताया। मैंने सप्ताह मे कुछ कुछ दिन स्कूल जाकर उन बच्चों की मदद की जिन्हे पढाई मे कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था एवं जो इस तरह के माध्यम से वंचित हैं।
ReplyDeleteसभी बच्चे सीखने के लिहाज से एक जैसे नहीं होते कोई जल्दी सीख जाता है किसी को कोई बात सीखने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है। बच्चों के सीखने की गति के आधार पर शिक्षक शिक्षक को सिखाने के तरीके टी एल एम आदि का उपयोग करना चाहिए साथ ही आवश्यकतानुसार ऑडियो विजुअल क्लास की भी व्यवस्था करनी चाहिए। बच्चों को विभिन्न समूह में बांट कर भी अवधारणाओं को सिखाया जा सकता है।
ReplyDeleteकोविड--19 महामारी के दौरान में DigiSATH ह्वाट्सऍप ग्रुप के माध्यम से और व्यक्तिगत फोन calls के द्वारा छात्रों और अभिभावकों के साथ जुड़ा रहा और अध्ययन करते रहने के लिए प्रेरित किया| पर इस माध्यम से बहुत कम बच्चे लाभान्वित हुए| अधिकतर ग्रामीण बच्चों के पास संचार की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध न होने के कारण मैं उन तक पहुँच नहीं पा रहा हूँ| यदा-कदा मैं विद्यालय के पोषक क्षेत्र में भ्रमण कर उन्हें प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहा हूँ, पर इससे बच्चों को बहुत अधिक लाभ होता नहीं दीख रहा है| हाँ बच्चों के साथ मुलाकात करने का यह अवश्य परिलक्षित हो रहा है कि बच्चे विद्यालय खुलने का बेसब्री से इन्तजार कर रहे हैं|
ReplyDeleteकोविड-19 महामारी के समय DIGISATH के द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बच्चों को ई लर्निंग कंटेंट शेयर करता रहा, व्यक्तिगत फोन कॉल के माध्यम से बच्चों और अभिभावकों को संपर्क कर E LEARNING कंटेंट देखने दिखाने और सीखने के लिए प्रेरित करता रहा साथ ही आए दिन बच्चों एवं अभिभावकों से डोर टू डोर संपर्क कर छात्रों को पढ़ने पढ़ाने सीखने सिखाने के लिए प्रेरित करता रहा सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक कोविड-19 की बीमारी से बचाव के तरीके भी बताता रहा।
ReplyDeleteAs per the guidelines of the Jharkhand government we formed a whatsapp group of teachers and students.About 50% students were added to this group.We shared digital contents through this platform. We asked our students to share their problems over phone calls or whatsapp. We tried our best to solve their problems. We also inspired them to participate in Jharkhand DigiSATH weekly quiz. We visited their hamlet and guided the students as well as the community.
ReplyDeleteCorona period me Mai WhatsApp,vedio call, telephone conversation se bachho se judi.corona period me bahut share bachcho ne padhai chhod di thi
ReplyDelete.par Maine unke ghar jakar unhe samjha Kar unhe fir se pahdhi se joda.ye mere lie bahut sukhad anubhaw rha.
Covid 19 me bachcho ko online class hi karvana thik rahega.bachche ke sath risk lena thik nahi hoga.
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान मैं दूरभाषिक संवाद एवं WhatsApp messages के द्वारा बच्चों से जुड़ा रहा। अब पढ़ाई mobile के द्वारा की जा रही है। उसी के द्वारा बच्चों का ग्रुप निर्माण कर अध्ययन सामग्री भेजते हैं, उन्हें निर्देश देते हैं, उनकी शैक्षिक समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करते हैं।
ReplyDeleteकोविड19 वैश्विक महामारी के दौरान अपने बच्चों से जुड़े रहने और पठन पाठन गतिविधि को सुचारू बनाए रखने के लिए व्हाट्स एप ग्रुप का निर्माण,डिजिटल सामग्रियों का सम्प्रेषण,मिलकर और मोबाइल संपर्क के साथ साथ गूगल मिट पर कांफ्रेंस का आयोजन कर कठिनाई का निदान करने का प्रयास करता रहा हूँ|कोविड19 आपातकालीन सेवा में लगे होने और बीएलओ कार्य में लगे होने के कारण अन्य कदम नहीं उठा रहा इसका दुःख भी है|
ReplyDeleteCovid19 यानी कोरोना के महा संक्रमण काल के दौरान विद्यालय में सारा कार्य स्थगित है, बच्चों को व्हाट्सएप और फोन के माध्यम से सोशल डिस्टेंस,हैंड वाश, मास्क यूज़ करने बारे में जागरूक किया और स्वयं भी इसका पालन कर रहा हूँ।
ReplyDeleteNo comments
ReplyDeleteIshq Rona mahamari ke dauran bacche ko padhaane ke liye abhibhavak group taiyar karke bacchon ke sath Rajasthan se ayurvet content ko abhibhavak group ke sath share ki jaati hai aur contact ke dwara bacchon ko samjha jata hai
ReplyDeleteCovid-19 महामारी के समय digisaath के द्वारा व्हाट्सप्प ग्रुप के माध्यम से बच्चोंं को e learning content करता रहा। पर्सनल फोन के माध्यम से बच्चोंं और अभिभावको से संपर्क कर e learning content देखने दिखाने और सीखने के लिए प्रेरित करता रहा और साथ ही सरकार के guide line के अनुसार covid-19 बीमारी से बचाव के तरीके भी बताता रहा।
ReplyDeleteSHEO SHANKAR PANDEY UMS KAMALPUR
Covid-19 is mahamari k samay me digisath aur apne apne whats app group bana kar baccho ko e- learning content pauchate rhe aur unka maargdarshan bhi krte rhe
ReplyDeleteकोविड-19 महामारी के दौरान विद्यार्थियों के साथ डिजि साथ कार्यक्रम के माध्यम से सम्पर्क में रहकर उनके पठन पाठन में सहयोग करता रहा हूँ|इस समय यह कार्यक्रम काफी सराहनीय साबित हो रहा है|
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ReplyDeleteAs per the guidelines of the jharkhand government we formed a whatsapp group of teacher and students. About 50% students were added to this group. We shared digital contents through this platform. We asked our students to share their problems over phone call or whatsapp. We tried our best to solve their problem. We also inspired them to participate in jharhhand Digi SATH weekley quiz. We visited their hamlet and guided the students as well as the community.
ReplyDeleteकोरोना काल डिगी साथ द्वारा प्राप्त सामग्री को बच्चों को व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा।बच्चे भी अपने सवालों को इसी माध्यम से पूछा एवं अपना संशय दूर किया।
ReplyDeleteCovid-19 के दौरान मैं अपने विद्यार्थियों के साथ digital contact में रहा। Mobile और Whatsapp group के माध्यम से digital contents के माध्यम से स्वमं पढ़ने- लिखने एवं सीखने के लिए विद्यार्थियों को उत्साहित करता रहा।
ReplyDeletecovid 19 kal me gaon ke tola me jakar bachcho ko digi sath content ko padaya aur saturday quiz me bhag lene keliye protsahit kiya
ReplyDeleteकेरोना काल मे बच्चो का वाट्स एप ग्रुप बनाकर नियमित रूप से डिजीसाथ कन्टेन्ट भेज रहा हू।सामाजिक दूरी का पालन करते हुए डोर टू डोर जाकर बच्चो की समस्याओ का समाधान करता हू।
ReplyDeleteI have already summited the comment
ReplyDeleteमहामारी कोरोना काल में सरकार के गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए, बच्चों के बीच सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कोरोना के प्रति जागरूक एवं इससे बचने के उपाय की जानकारी शेयर करता रहा। मास्क, सामाजिक दूरी का पालन नियमित अंतराल में हाथ धोते रहने इत्यादि जानकारी देकर बच्चों को जागरूक करता रहा।। Sohan Lal mahato.
ReplyDeleteDuring COVID-19 Pandemic as per the guidelines of the Jharkhand government I formed a whatsapp group for students.The students of class 4 and 5 are the members of my group. I Shared DIGISATH Contents daily in this group. I also formed some contents and shared through this platform. I asked the students, if you have any questions then share with me from phone call or through whatsapp. I tried my best to solve their problems. I also tried to make sure to participate all students in weekly quiz. I also tried to aware them to the SOP's declared by state or central government.
ReplyDeleteWe made a whatsapp group named Digisath. We send contents everyday and quizzes on Saturday. Students who have smartphone are joined and enjoy everday's class. But many of the students don't have the smartphone. We personally contact them and sollve their problems.
ReplyDeleteCorona mahamari me bachho ke sath online class whatsapp ke madium se karenge
ReplyDeleteThe fable teaches us that not every child can excel in every subject. But each student has some or the other interests and skills which must be appreciated by teachers. The students having special interests and skills should be encouraged to pursue their dreams.All kinds of help should be provided to them. No subject should be imposed on any student if they are not interested in it.
ReplyDeleteकोरोना काल में राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा मार्गदर्शित DiGi Sath whatsup group बनाया गया । क़रीब बीस पच्चीस फीसदी तक बच्चों को शामिल किया जा सका क्योंकि अधिकतर छात्रों के पास एंड्रायड स्मार्टफोन या फोन नहीं है। आने वाले कंटेंट के आधार पर गणित व विज्ञान विषय से संबंधित पाठ पर आधारित तारांकित बिंदु तथा प्रश्न ग्रुप में भेज कर उन्हें अपनी उत्तरपुस्तिका में हल करने को कहा जाता। मोबाइल फोन से संपर्क कर समस्या पुछने के लिए कहा जाता था। साप्ताहिक क्विज प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया जाता रहा।कभी कभी अभिभावकों और छात्रों से उनके घर जाकर मिले और मोबाइल से पढ़ाई में आ रही दिक्कतों को दूर करने में मदद किया गया।
ReplyDeleteशकील अहमद
रा म वि बड़ेपुर हुसैनाबाद पलामू
During covid 19 we make Didi sath group.Isent content in all subjects by WhatsApp.l always talk to students and help them to solve their problems.Always guide them for wearing mask and wash their hands with soap.
ReplyDeleteवैश्विक महामारी कोरोना के कारण विद्यालय को बंद करना पड़ा मगर झारखंड सरकार ने digiSATH कार्यक्रम के तहत बच्चों तक डिजिटल रूप से पढ़ाई शुरू की। इस कार्य में सबसे पहले बच्चों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया और जिन बच्चों के पास मोबाइल नहीं था उन तक डोर 2 डोर जा कर उनकी समस्या को सुना और समाधान करने का प्रयास किया। प्रति दिन 10 से 15 बच्चों को फ़ोन करके उनकी समस्या को सुनता हूँ और उसका निदान करता हूँ। सरकार द्वारा digiSATH कार्यक्रम में शनिवार के क्विज से प्रभावित हो कर मैंने भी अपना क्विज सुपर संडे ऑनलाइन क्विज वर्ग 3 से 10 तक शुरू किया जो रविवार को काफी लोकप्रिय हो गया। हर रविवार को लगभग दस हज़ार से भी ज्यादा छात्र इस क्विज में भाग ले रहे है। इसके अलावे कुछ वीडियो भी बनाया जिससे काफी छात्र लाभान्वित हुए।
ReplyDelete-राम कृष्ण मिश्रा, उत्क्रमित मध्य विद्यालय दारीद, पेटरवार, बोकारो, झारखंड।
Covid-19 के दौरान मैं अपने विद्यार्थियों के साथ digital contact में रहा। Mobile और Whatsapp group के माध्यम से digital contents के माध्यम से स्वमं पढ़ने- लिखने एवं सीखने के लिए विद्यार्थियों को उत्साहित करता रहा।
ReplyDeleteReply
I created the whatsapp group of the students of our school.About 40% students have been added in this group.I have been sharring the Digi SATH contents in school whatsgroup.We contact the some students if they have any problem.But the students who have no android phone we go to door to door and try solve their problem obeying the social distaning.We try to get participate the more and more students in weekly quiz.I always encourage the students for reading-writting.
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ReplyDeleteकोविड19 महामारी के दौरान मैं दूरभाषिक संवाद एवं WhatsApp messages के द्वारा बच्चों से जुड़ा रहा। अब पढ़ाई mobile के द्वारा की जा रही है।महामारी कोरोना काल में सरकार के गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए, बच्चों के बीच सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कोरोना के प्रति जागरूक एवं इससे बचने के उपाय की जानकारी शेयर करता रहा।
ReplyDeleteWe made a WhatsApp group , it's name is DIGI SATH UMS JITPUR COLLIERY . We send content everyday , given by CRC group . We contact the students & try to slove their problems . We also advice the students during COVID-19 to wear masks , maintain social distancing and wash their hands regularly .
ReplyDeleteअपने जीवन में पहली बार वैश्विक महामारी से प्रभावित होते देखा। शुरुआत में जो लगा कि जल्द ही सुधार हो जाएगा। लेकिन जैसे जैसे समय बिताना गया, पढ़ाने के तरीके में बदलाव होता गया और डिजिटल संपर्क के द्वारा बच्चों तथा अभिभावकों को जागरूक करने के साथ साथ इस महामारी के बीच पढाई में इसकी आवश्यकता को महसूस किया।इसके लिए व्यक्तिगत रूप से अभिभावकों से मिला ।
ReplyDeleteकोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मैंने बच्चों के घर जाके उनसे जाना कि वह ठीक तरह से पढ़ाई कर रहा है या नहीं
ReplyDeleteकोविड 19 से पूरा जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऐसे में बच्चों को डिजिटल शिक्षा सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। अभिभावकों के मोबाइल नंबर पर डिजिटल शिक्षा सामग्री उपलब्ध हो रहा है।
ReplyDeleteवैश्विक महामारी कोरोना के कारण विद्यालय को बंद करना पड़ा मगर झारखंड सरकार ने digi sath कार्यक्रम के तहत बच्चों तक डिजिटल रूप से पढ़ाई शुरू की।इस कार्य मे सबसे पहले बच्चों का व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया और जिन बच्चों के पास मोबाइल नही था उन तक सोसल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए डोर टू डोर जाकर उनकी समस्या को सुना और समाधान करने का प्रयास किया।
ReplyDeleteI created the whatsapp group of the students of our school.About 40students out of 140 students has been added in this group.I have been sharring the Digi SATH contents in school whatsgroup.We contact the some students if they have any problem for study.But the students who have no android phone we go to door to door and try solve their problem obeying the social distanceing.We try to get more participation of the students in weekly quiz.I always encourage the students for studying..
ReplyDeleteCovid 19 में अपने विधार्थीयो के साथ disital contact में रहा तथा उनके घर जाकर शारिरिक दूरी बना कर उनके प्रश्न की कठिनाई को दूर किया
ReplyDeleteNow a days all schools are closed on account of covid 19.In this situation we have made a whatsgroup of students and we are sending study materials sent by "Digisath".we are monitoring it regularly.
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ReplyDeleteWe are teaching online.
ReplyDeleteCovid-19 के दौरान मैं अपने विद्यार्थियों के साथ digital contact में रहा। Mobile और Whatsapp group के माध्यम से digital contents के माध्यम से स्वमं पढ़ने- लिखने एवं सीखने के लिए विद्यार्थियों को उत्साहित करता रहा।
ReplyDeleteकोविड-19 में संपर्क एवं शिक्षा देने का सबसे महत्वपूर्ण साधन मोबाइल बन गया है । मोबाइल में व्हाट्सएप के माध्यम से बच्चों को कंटेंट उपलब्ध कराया गया एवं आवश्यकता पड़ने पर एवं 2 गज की दूरी बनाते हुए बच्चों से संपर्क किया गया।
ReplyDeleteDigi-sath कार्यक्रम के तहत आये contents पर छात्रों से संपर्क कर उनकी प्रतिपुष्टि प्राप्त करता हूँ और साथ ही उनको वाट्सअप समूह में कार्य देता हूं, जिसे वे हल करते हैं।
ReplyDeleteकोविद्_19 महामारी को ध्यान में रखते हुए सभी शिक्षक सामाजिक दूरी का पालन करते हुए एव्ं mask धारण कर बच्चों के बीच शिक्षा का आदान_प्रदान Digi_SATH के अन्तर्गत व्हत्सप् के माध्यम से करते रहे। समय_समय पर बच्चों के घर जाकर भी उनके शैक्षिक समस्या का निदान करते रहे। उन्हें इस महामारी से बचने का उपाय भी बताते रहे।
ReplyDeleteकोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दूरी का पालन शक्ति से करते रहे। बच्चों के बच्चों के घर जाकर कोविड महामारी से बचने हेतु उपाय बताते रहे, हमेशा मस्क का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया। इस बीच में Digi-SATH कार्यक्रम को सफलता पूर्वक क्रियान्वयन के लिए बच्चों के सम्पर्क में रहे, किन्तु नेटवर्क की समस्या के कारण इसमें सफलता प्राप्त नहीं हो पाया।
ReplyDeletebachcho ke kshamta ke ansari u ski shipshape denied chahiye
ReplyDeleteDuring the time of covid 19 teacher should must stay in contact with their students digitally
ReplyDeleteवैश्विक महामारी कोरोना काल में सरकार के गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए एवं प्राप्त निर्देशानुसार, विद्यार्थी अपने घर पर ही रह कर शिक्षा प्राप्त कर सकें, इस उद्देश्य से अपने विद्यालय का एक व्हाट्सएप्प ग्रुप बनाया गया। ग्रुप में यथासंभव सभी विद्यार्थियों को जोड़ा गया। सीआरसी के द्वारा उपलब्ध कराये गये सोमवार से शुक्रवार तक अध्ययन सामग्रियों एवं शनिवार को क्विज को विद्यालय के व्हाट्सएप्प ग्रुप में शेयर किया जाता है। बहुत से छात्र-छात्राओं के पास एंड्राॅयड मोबाईल न रहने के कारण थोड़ी परेशानी हुई। शनिवार के दिन विद्यार्थियों को विद्यालय बुलाकर कोविड-19 संबंधी सरकार के गाईड लाईन का पालन करते क्विज में भाग लेना सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया।
ReplyDeleteAs in the time of Corona , we all are doing our best. I am from very rural village, there is a N. P. S. school in the boarder of Chatra and Hajaribag district,. In this village there is no Android sets belong to parents. They have JIO small sets which is very difficult in operation of Whatsapp . Although It is tough yet I made a Whatsapp group of Digisath and taught them each and everyday by sending them Digisath material on the group and try to give them instructions by following social distancing .
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान दिये गए सभी मापदंडों को पूरा करते हुए मैं विद्यालय के विद्यार्थियों के साथ एक whatsapp ग्रुप digisath के माध्यम से जुड़ी रही।साथ ही वर्गवार एक अलग से whatsapp ग्रुप को बनायी जिसके माध्यम से मैं बच्चों से पर्सनली उनके विषय संबंधित जो भी doubt थे उन्हें clear कर पाई।
ReplyDeleteअपने विधालय के बच्चों का whatsapp Group बनाया। बच्चों को कुछ वीडियो बना कर भी पढ़ाया। अभिभावकों से भी मोबाइल के माध्यम से संपर्क स्थापित किया। मेरी कोशिश यही रही की बच्चे covid19 के lockdown period में भी शैक्षणिक गतिविधि से जुड़े रहें।
ReplyDeleteवैश्विक महामारी कोरोना काल में सरकार के गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए , बच्चों के बीच सामाजिक दूरी का पालन करते हुए संपर्क डोर टू डोर संपर्क करता रहा। बच्चों को कोरोना के प्रति जागरूक एवं इससे बचने के उपाय की जानकारी शेयर करता रहा । मास्क , सामाजिक दूरी का पालन , नियमित अंतराल में हाथ धोते रहने का इत्यादि अन्य जानकारियां देकर बच्चों को जागरूक करता रहा । बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो, इसके लिए लगातार बच्चों के बीच जाकर उनकी समस्या को पहचान कर समाधान करने का प्रयास करता रहा। डीजी साथ का कंटेंट एवं दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले शैक्षिक कार्यक्रमों को, बच्चों को बतलाया और अनुश्रवण भी करता रहा।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय में parent's teacher WhatsApp group बनाया गया और digisath का e content को group के माध्यम से बच्चों तक पहुँचाया गया साथ ही अभिभावकों से phone के द्वारा संपर्क किया गया। पढ़ाई के प्रति जागरूक किया गया साथ ही बच्चों को दूरदर्शन के माध्यम से पढ़ने के लिए जागरूक किया गया।
ReplyDeleteमैं अपने विद्यार्थियों के साथ digital contact में रहा। Mobile और Whatsapp group के माध्यम से digital contents के माध्यम से स्वमं पढ़ने- लिखने एवं सीखने के लिए विद्यार्थियों को उत्साहित करता रहा।
ReplyDeleteDuring Covid 19 I was in touch with my students through telephonic conversation and whatsapp. To make study more interesting We started Quiz session every Saturday.
ReplyDeleteDuring covid 19 pendemic we make whtsapp group for students study. We give home work daily on the nd students write down in their notebooks then slove it. It was helpful to me nd students for connecting each other.
ReplyDeleteएक ही वर्ग के विद्यार्थियों की सीखने की ability भिन्न -भिन्न होती है।हमे उनकी क्षमताओं के आधार पर ही पाठ को उन्हें समझाना होगा।जिससे सभी विद्यार्थियों में उस पाठ का हस्तांतरण अच्छी तरह से हो सके।अन्यथा कक्षा में खरगोश और बतख के जैसे विद्यार्थी भी पढ़ाई से जी चुराएंगे और विद्यालय आना बंद कर देंगे।सभी विद्यार्थियों में एक समान पाठ का हस्तांतरण हो इसके लिये हमे विभिन्न TLM का उपयोग करना चाहिए।
ReplyDeleteI m सपोर्ट to डिजिटल एजुकेशन
ReplyDeleteवैश्विक महामारी कोरोना काल में सरकार के गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए , बच्चों के बीच सामाजिक दूरी का पालन करते हुए संपर्क डोर टू डोर संपर्क करता रहा। बच्चों को कोरोना के प्रति जागरूक एवं इससे बचने के उपाय की जानकारी शेयर करता रहा । मास्क , सामाजिक दूरी का पालन , नियमित अंतराल में हाथ धोते रहने का इत्यादि अन्य जानकारियां देकर बच्चों को जागरूक करता रहा । बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो, इसके लिए लगातार बच्चों के बीच जाकर उनकी समस्या को पहचान कर समाधान करने का प्रयास करता रहा। डीजी साथ का कंटेंट एवं दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले शैक्षिक कार्यक्रमों को, बच्चों को बतलाया और अनुश्रवण भी करता रहा।
ReplyDeleteवैश्विक महामारी कोरोना काल में सरकार के गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए , बच्चों के बीच सामाजिक दूरी का पालन करते हुए संपर्क डोर टू डोर संपर्क करता रहा। बच्चों को कोरोना के प्रति जागरूक एवं इससे बचने के उपाय की जानकारी शेयर करता रहा । मास्क , सामाजिक दूरी का पालन , नियमित अंतराल में हाथ धोते रहने का इत्यादि अन्य जानकारियां देकर बच्चों को जागरूक करता रहा । बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो, इसके लिए लगातार बच्चों के बीच जाकर उनकी समस्या को पहचान कर समाधान करने का प्रयास करता रहा। डीजी साथ का कंटेंट एवं दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले शैक्षिक कार्यक्रमों को, बच्चों को बतलाया और अनुश्रवण भी करता रहा।
ReplyDeleteवैश्विक महामारी कोरोमा काल में सरकार के गाइडलाइन के अनुसार बच्चों के बीच सामाजिक दूरी का पालन करते हुए संपर्क डोर टू डोर करता रहा बच्चों को कुरान अकाल के प्रति जागरूक एवं इससे बचने के उपाय की जानकारी बराबर देता रहा मास्क सामाजिक दूरी का पालन नियमित अंतराल में हाथ धोने का इत्यादि अन्य जानकारियां देकर बच्चों को जागरूक करता रहा बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो इसके लिए लगातार बच्चों के बीच जाकर उनकी समस्या को परेशान कर समाधान करने का प्रयास करता रहा साथ ही व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर डीजे साथ कार्यक्रम का कंटेंट और दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले से 6 कार्यक्रमों को बच्चों को बतलाया और अनुश्रवण भी करता रहा।
ReplyDeleteDuring the period of covid 19 we made DigiSath WhatsApp group and forwarded the content regularly. I also talked students and their parents and took their feedback about contents of DigiSath and Doordarshan programs. During roster duty I encourage students how to study and learn from text books. I asked them about the safety measures of covid 19.
ReplyDeleteCovid 19 में अपने विधार्थीयो के साथ digital contact में रही उनके घर जाकर शारिरिक दूरी बना कर उनके प्रश्न की कठिनाई को दूर कि।
ReplyDeleteकोविड 19 के दौरान सामाजिक दूरी का पालन करते हुए बच्चों से संपर्क करते रहे| कोविड 19 से बचने के उपाय की जानकारी देते रहे|बच्चों को Digi-SATH कार्यक्रम को सफलता पूर्वक करने की सलाह देते रहे| बच्चों को साबून से हाथ धोते रहने, मास्क पहनने , सामाजिक दूरी का पालन इत्यादि अन्य जानकारियां देते रहे|
ReplyDeleteकोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बीच बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती थी। उसमें यह और भी बड़ी चुनौती थी कि वैसे संसाधन विहीन बच्चों को कैसे ई शिक्षा के कार्यक्रमों से जोड़ा जाए क्योंकि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे उन गरीब परिवार से आते हैं जिनके घरों में प्रायः मोबाइल फोन बड़ी मुश्किल से होते हैं। लेकिन इन चुनौतियों के बीच DigiSATH के कार्यक्रम आए उन्हें बच्चों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया जिन बच्चों के पास दिन भर के लिए मोबाइल फोन उपलब्ध नहीं थे उन बच्चों के लिए होम वर्क के रूप में कार्यक्रम बना कर दिए गए। बाद में दूरदर्शन के कुछ कार्यक्रमों ने इस दूरी को पाटने का प्रयास किया। इस दौरान कम्युनिटी लर्निंग का भी सहारा लिया गया। जिसके माध्यम से क्षेत्रवार बच्चों के बीच पहुंच बनाकर उनको पढ़ाई के जरूरी विषयों से अवगत कराया गया।
ReplyDeleteKavita Kumari p/s Garabasa Jamshedpur-2
ReplyDeleteकोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बीच बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती थी। उसमें यह और भी बड़ी चुनौती थी कि वैसे संसाधन विहीन बच्चों को कैसे ई शिक्षा के कार्यक्रमों से जोड़ा जाए क्योंकि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे उन गरीब परिवार से आते हैं जिनके घरों में प्रायः मोबाइल फोन बड़ी मुश्किल से होते हैं। लेकिन इन चुनौतियों के बीच DigiSATH के कार्यक्रम आए उन्हें बच्चों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया जिन बच्चों के पास दिन भर के लिए मोबाइल फोन उपलब्ध नहीं थे उन बच्चों के लिए होम वर्क के रूप में कार्यक्रम बना कर दिए गए। बाद में दूरदर्शन के कुछ कार्यक्रमों ने इस दूरी को पाटने का प्रयास किया। इस दौरान कम्युनिटी लर्निंग का भी सहारा लिया गया। जिसके माध्यम से क्षेत्रवार बच्चों के बीच पहुंच बनाकर उनको पढ़ाई के जरूरी विषयों से अवगत कराया गया।
During covid 19 pendemic we make whtsapp group for students. Forward study content regularly in whatsapp group. Taking muhalla classes.
ReplyDeleteWhat's app and through telephonic conversation and video calling we shared our knowledge.
ReplyDeleteWhatsApp group and daily call conversation to our students and taking participate in Saturday quiz..
ReplyDeleteMohall clas class ker key
ReplyDeleteकोरोना महामारी बीमारी के आने पर विधालय बंद से बच्चे का पढाई-लिखाई बाधित न हो इसके लिए सरकार का गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए DIGIsath what'sapp grup के माध्यम से पढा़ने का काम करते रहे और बच्चे को पढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे। डोर टू डोर जा कर दिए गए कानटेनंट कि समझ का जानकारी दिए। सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए हमेशा छात्र-छात्रऔ के सम्पर्क मे रहा।
ReplyDeleteIn covid_19 I use to touch with the students through online .
ReplyDeleteCovid-19
ReplyDeleteMd.Azim Ansari,
COVID-19 के दौरान मैंने अपने विद्यार्थियों का एक व्हाटसऐपं group बनाकर उन्हें crc के माध्यम से DIGISAATH के digital content भेजकर पढ़ाने का प्रयास किया एवम् उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया।
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान मैंने अपने विद्यार्थियों का एक व्हाटसऐपं group बनाकर उन्हें crc के माध्यम से DIGISAATH के digital content भेजकर पढ़ाने का प्रयास किया एवम् उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया।
Covid-19 ke samay me YouTub se content daunload ker padane ki prayas kiya
ReplyDeleteकोविड19 महामारी के दौरान मैं दूरभाषिक संवाद एवं WhatsApp messages के द्वारा बच्चों से जुड़ा रहा। अब पढ़ाई mobile के द्वारा की जा रही है।महामारी कोरोना काल में सरकार के गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए, बच्चों के बीच सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कोरोना के प्रति जागरूक एवं इससे बचने के उपाय की जानकारी शेयर करता रहा।
ReplyDeleteCovid 19 ke dauraan bachho se mobile se juda raha. Kabhi kabhi unke Ghar jaake unki problem solve kiya.
ReplyDeleteCovid19 k smy me u tube se pdhne ka prayaas krwana chaaiye
ReplyDeleteCovid-19 is mahamari k samay me student ko whatsaap group se class ho chiya
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ReplyDeleteSar ke Vidyut tatoo hai hai per vividhta main main khaas prayojan bhi Judi Hui hai jisse hamari jivan sambhav hai
ReplyDeleteSar ke Vidyut tatoo hai hai per vividhta main main khaas prayojan bhi Judi Hui hai jisse hamari jivan sambhav hai
COVOD 19 में बच्चोँ को ऑनलाइन क्लास करवाना ही ठीक रहेगा बच्चों को बुलाकर रिस्क लेना ठीक नही है।
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ReplyDeleteकोविड-19 महामारी के दौरान विद्यार्थियों के साथ डिजि साथ कार्यक्रम के माध्यम से सम्पर्क में रहकर उनके पठन पाठन में सहयोग करता रहा हूँ|इस समय यह कार्यक्रम काफी सराहनीय साबित हो रहा है|
ReplyDeleteDuring this Covid 19 pandemic I am in touch with my students for smoothly function of teaching & learning process with the help of online teaching system promoted and made available by our school authority. It is safe also. Students and parents are very much satisfied with online teaching process because it helped them to continue learning process effectively.
ReplyDeleteकोविड-19 वैश्विक महामारी को देखते हुए हम सभी शिक्षक गण सार्वजनिक स्थल हो चाहे विद्यालय प्रांगण हो सभी जगह सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए बच्चों के साथ बच्चों के बीच विद्याधन कराएंगे।। ताकि किसी प्रकार से इस वैश्विक महामारी को फैलने का और मौका या अवसर न प्राप्त हो।। साथ ही साथ भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के संरक्षण और बचाव के पैरामीटर को अनुपालन स्वयं भी करेंगे एवं बच्चों को भी अनुपालन करने के लिए प्रेरित करेंगे।।
ReplyDeleteकोविड-१९ महामारी के दौरान मैंने व्हाटत्सप में बच्चो को दैनिक शैक्षणिक सामग्री प्रदान की। मैंने बच्चो के घर जाकर उन्हे इस पठन के माध्यम के बारे मे बताया। मैंने सप्ताह मे कुछ कुछ दिन स्कूल जाकर उन बच्चों की मदद की जिन्हे पढाई मे कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था एवं जो इस तरह के माध्यम से वंचित हैं।
ReplyDeleteकोविड--19 महामारी के दौरान में DigiSATH ह्वाट्सऍप ग्रुप के माध्यम से और व्यक्तिगत फोन calls के द्वारा छात्रों और अभिभावकों के साथ जुड़ा रहा और अध्ययन करते रहने के लिए प्रेरित किया| पर इस माध्यम से बहुत कम बच्चे लाभान्वित हुए|
ReplyDeleteDuring Covid-19 Pandemic I am constantly in touch with my students ,I always inform them how to be careful during this pandemic, I always make them aware of the informations given by our government time to time, I always insist them on wearing masks, sanitizing hands, obey the rule of adequate social distancing and along with I constantly give them classwork and homework through our whatsApp group created by me along with other assistant teachers. Talking to them on phone for any problems and further any important informations.By this initiative students as well as parents seem very much satisfied.i will continue it incoming days.
ReplyDeleteDigitally and through calls...
ReplyDeleteमहामारी कोरोना काल में सरकार के गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए, बच्चों के बीच सामाजिक दूरी का पालन करते हुए कोरोना के प्रति जागरूक एवं इससे बचने के उपाय की जानकारी शेयर करता रहा।
ReplyDelete1)विद्यालय के पोषक क्षेत्र के टोलों में मेरे पास उपलब्ध ग्रामीणों के फोन नं से सम्पर्क कर कोविद19 से सुरक्षित रहने हेतु सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना।
ReplyDelete2)उन टोलों के लोगों के पास उपलब्ध स्मार्ट फोन एवम व्हाट्सएप की जानकारी।
3)स्कूल के बच्चों एवम स्मार्ट फोन धारकों में परस्पर सम्पर्क बनाकर शिक्षक समेत एक व्हाट्सएप ग्रुप का निर्माण।
4)व्हाट्सएप के माध्यम से बच्चों को शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराना।
5)किसी प्रकार की कठिनाई होने पर संबंधित विषय के शिक्षक या मुझसे संपर्क करना।
6)प्रत्येक टोले का शिक्षकों का साप्ताहिक भ्रमण, ताकि अन्य किसी तरह की समस्या का समाधान हो सके।
7)कोविद 19 सुरक्षा नियंत्रण के साथ प्रत्येक शनिवार को क्विज़ का आयोजन।
महामारी कोरोना काल में, सामाजिक दूरी का पालन नियमित अंतराल में हाथ धोते रहने इत्यादि जानकारी देकर बच्चों को जागरूक करता रहा।WhatsApp messages के द्वारा बच्चों से जुड़ा रहा। अब पढ़ाई mobile के द्वारा की जा रही है।
ReplyDeleteI taught the students about various precautionary measures to be adopted during covid-19 period and develop their Immune system through physical exercises proper balanced diet.
ReplyDeleteIn this pandemic(covid- 19) period,SCHOOL had closed on (31st March to 30April,but our office had open and cotinued roster wise office work,Making parent-teacher-student WhatsApp group,we forward digital content,forwarded byCRP&other digital media's story,song,covid 19 awerness etc.Jioning with DIKSHA,Iam enjoying various training programs. I have got a new experience as a Corona warriors joining in interstate Covid CHECKPOINT at state border7×27 shift wide.Its a very critical period student and teacher for our rural -tribal region.
ReplyDeleteThe fable teaches us that not every child can excel in every subject. But each student has some or the other interests and skills which must be appreciated by teachers. The students having special interests and skills should be encouraged to pursue their dreams.All kinds of help should be provided to them. No subject should be imposed on any student if they are not interested in it.
ReplyDeleteOnline class is better in corona time.
ReplyDeleteकहानी से यह बात उभर कर आती है कि समावेशी कक्षाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है शिक्षक की सकारात्मक दृष्टिकोण | शिक्षक संवेदनशील बने| बच्चों के अंतर को समझें| बच्चों की प्रशंसा करें उन्हें प्रेरित करें |बच्चों के अंदर की प्रतिभा को पहचाने और उन्हें विकसित करने के लिए उपयुक्त माहौल प्रदान करें |बच्चों को एक दूसरे की शक्तियों और कमजोरियों से अवगत कराएं| बच्चों की सामाजिक संस्कृतिक और भौतिक विविधताओं को स्वीकार करें| सीखने की प्रक्रिया में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करें |जेंडर तथा रूढ़िवादी दृष्टिकोण को स्वयं छोड़े और दूसरों को भी छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करें| यूडीएल लागू करें|
ReplyDeleteकहानी से यह बात उभर कर आती है कि समावेशी कक्षाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है शिक्षक की सकारात्मक दृष्टिकोण | शिक्षक संवेदनशील बने| बच्चों के अंतर को समझें| बच्चों की प्रशंसा करें उन्हें प्रेरित करें |बच्चों के अंदर की प्रतिभा को पहचाने और उन्हें विकसित करने के लिए उपयुक्त माहौल प्रदान करें |बच्चों को एक दूसरे की शक्तियों और कमजोरियों से अवगत कराएं| बच्चों की सामाजिक संस्कृतिक और भौतिक विविधताओं को स्वीकार करें| सीखने की प्रक्रिया में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करें |जेंडर तथा रूढ़िवादी दृष्टिकोण को स्वयं छोड़े और दूसरों को भी छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करें| यूडीएल लागू करें|
ReplyDeleteकहानी से यह बात उभर कर आती है कि समावेशी कक्षाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है शिक्षक की सकारात्मक दृष्टिकोण | शिक्षक संवेदनशील बने| बच्चों के अंतर को समझें| बच्चों की प्रशंसा करें उन्हें प्रेरित करें |बच्चों के अंदर की प्रतिभा को पहचाने और उन्हें विकसित करने के लिए उपयुक्त माहौल प्रदान करें |बच्चों को एक दूसरे की शक्तियों और कमजोरियों से अवगत कराएं| बच्चों की सामाजिक संस्कृतिक और भौतिक विविधताओं को स्वीकार करें| सीखने की प्रक्रिया में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करें |जेंडर तथा रूढ़िवादी दृष्टिकोण को स्वयं छोड़े और दूसरों को भी छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करें| यूडीएल लागू करें|
ReplyDeleteकहानी से यह बात उभर कर आती है कि समावेशी कक्षाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है शिक्षक की सकारात्मक दृष्टिकोण | शिक्षक संवेदनशील बने| बच्चों के अंतर को समझें| बच्चों की प्रशंसा करें उन्हें प्रेरित करें |बच्चों के अंदर की प्रतिभा को पहचाने और उन्हें विकसित करने के लिए उपयुक्त माहौल प्रदान करें |बच्चों को एक दूसरे की शक्तियों और कमजोरियों से अवगत कराएं| बच्चों की सामाजिक संस्कृतिक और भौतिक विविधताओं को स्वीकार करें| सीखने की प्रक्रिया में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करें |जेंडर तथा रूढ़िवादी दृष्टिकोण को स्वयं छोड़े और दूसरों को भी छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करें| यूडीएल लागू करें|
ReplyDeleteClass wise group we made as per division wise we start the Online classes so we can focus each and every child. We also advise them in Corona situation Wash hand's regularly, maintain social distancing, wear mask when you are moving outside.
ReplyDeleteCovid-19 बीमारी के आने पर विधालय बंद से बच्चे का पढाई-लिखाई बाधित न हो इसके लिए सरकार का गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए DIGIsath what'sapp grup के माध्यम से पढा़ने का काम करते रहे और बच्चे को पढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे।
ReplyDeleteसबसे पहले हम अभिभावक को और विद्यार्थियों को व्हाट्सएप के माध्यम में पढ़ाने का विचार को लेकर चर्चा किए|उनकी सहमति से विद्यालय का व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उन्हें जोड़ा गया |फिर अपने स्तर से कांटेक्ट बनाकर ग्रुप में शेयर किए| बच्चों को शुरुआत में समझ में भी नहीं आता था कि कैसे कंटेंट को देखा जाए, किस प्रकार उसे पढ़ा जाए| 1-1 बच्चा को तीन- चार बार फोन करते थे| तीन- चार बार बात करने के बाद ही बच्चे समझ पाते थे| शुरुआत में बहुत प्रॉब्लम हुई |धीरे-धीरे बच्चे सीखते गए |फिर बाद में Digisath का कांटेक्ट आने लगा |उनको ग्रुप में शेयर करते गए| फिर प्रतिदिन 10 15 बच्चों से बात करते रहे और उन्हें क्या सुविधा हो रही है पूछ कर उसका सही समाधान करते रहे हैं |
ReplyDeleteकरोना काल में सबसे बड़ा बदलाव आया कि हम लोगों को समझाते थे कि बच्चों को मोबाइल फोन नहीं दे| अभी हमको समझाना पड़ता है कि उनको एंड्रॉयड फोन उपलब्ध कराएं संभव हो सके तो| हमारे सरकारी स्कूल अ अभिभावकों के आर्थिक स्थिति अच्छा नहीं होने के कारण बहुत कम बच्चों के पास Android phone है| जिनके पास नहीं है वह छोटा वाला जियो फोन से काम चलाते रहे हैं | बहुत बच्चों के पास कुछ भी मोबाइल नहीं है, कॉल करके भी बात नहीं कर सकते |
कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बीच बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती थी। उसमें यह और भी बड़ी चुनौती थी कि वैसे संसाधन विहीन बच्चों को कैसे ई शिक्षा के कार्यक्रमों से जोड़ा जाए क्योंकि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चे उन गरीब परिवार से आते हैं जिनके घरों में प्रायः मोबाइल फोन बड़ी मुश्किल से होते हैं। लेकिन इन चुनौतियों के बीच DigiSATH के कार्यक्रम आए उन्हें बच्चों तक पहुंचाने का प्रयास किया।
ReplyDeleteCovid-19 के दौरान सरकार के दिशानिर्देशों औऱ विभागीय आदेशों का अनुपालन करते हुए बच्चों औऱ अभिभावकों के साथ digisath whatsapp grup एवं mobile संपर्क के माध्यम से जुड़ी रही।प्रतिदिन बच्चों के लिए पाठ्य सामग्री भेजते हुए उनकी समस्याओं का समाधान किया। social distancing का पालन करते हुए उनसे सम्पर्क कर उन्हे संक्रमण के प्रति जागरूक किया। शिक्षण को डिजिटल और videos के द्वारा प्रभावी बनाने का प्रयास किया।
ReplyDeleteगतिविधि अच्छी है।
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ReplyDeleteStudent'sसे सम्पर्क करने के लिए Telephonic conversation,whatsapp group,DiGiSATH कार्यक्रम तथा Online classes के माध्यम से घर घर जाकर तथाsocail distancing का पालंन करते हुए बच्चों के साथ संपर्क बनाये रखा।
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During covid 19 we make Didi sath group.Isent content in all subjects by WhatsApp.l always talk to students and help them to solve their problems.Always guide them for wearing mask and wash their hands with soap.
ReplyDeleteDuring covid 19 all schools are closeIn this situation we teachers are taking online class nd sendin notes .we are monitoring it regularl
ReplyDeleteDigitally connected and through calls.
ReplyDeleteMobile phone is to kabhi unke pass jakar sampark kiya covid ke prati jagruk kiya saath hi unhein ppadhne me madad kiya.
ReplyDeleteकोविड-19 वैश्विक महामारी को देखते हुए हम सभी शिक्षक गण सार्वजनिक स्थल हो चाहे विद्यालय प्रांगण हो सभी जगह सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए बच्चों के साथ बच्चों के बीच विद्याधन कराएंगे।। ताकि किसी प्रकार से इस वैश्विक महामारी को फैलने का और मौका या अवसर न प्राप्त हो।। साथ ही साथ भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के संरक्षण और बचाव के पैरामीटर को अनुपालन स्वयं भी करेंगे एवं बच्चों को भी अनुपालन करने के लिए प्रेरित करेंगे।।
ReplyDeleteUnknown23 October 2020 at 00:20
ReplyDelete1)विद्यालय के पोषक क्षेत्र के टोलों में मेरे पास उपलब्ध ग्रामीणों के फोन नं से सम्पर्क कर कोविद19 से सुरक्षित रहने हेतु सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पालन करना।
2)उन टोलों के लोगों के पास उपलब्ध स्मार्ट फोन एवम व्हाट्सएप की जानकारी।
3)स्कूल के बच्चों एवम स्मार्ट फोन धारकों में परस्पर सम्पर्क बनाकर शिक्षक समेत एक व्हाट्सएप ग्रुप का निर्माण।
4)व्हाट्सएप के माध्यम से बच्चों को शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराना।
5)किसी प्रकार की कठिनाई होने पर संबंधित विषय के शिक्षक या मुझसे संपर्क करना।
6)प्रत्येक टोले का शिक्षकों का साप्ताहिक भ्रमण, ताकि अन्य किसी तरह की समस्या का समाधान हो सके।
7)कोविद 19 सुरक्षा नियंत्रण के साथ प्रत्येक शनिवार को क्विज़ का आयोजन/
कोविड-19 महामारी के दौरान विद्यार्थियों के साथ डिजि साथ कार्यक्रम के माध्यम से सम्पर्क में रहकर उनके पठन पाठन में सहयोग करता रहा हूँ|इस समय यह कार्यक्रम काफी सराहनीय साबित हो रहा है|
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान मैं दूरभाषिक संवाद एवं WhatsApp messages के द्वारा बच्चों से जुड़ा रहा। अब पढ़ाई mobile के द्वारा की जा रही है। उसी के द्वारा बच्चों का ग्रुप निर्माण कर अध्ययन सामग्री भेजते हैं, उन्हें निर्देश देते हैं, उनकी शैक्षिक समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करते हैं।
ReplyDeleteकोविड-19 वैश्विक महामारी को देखते हुए हम सभी शिक्षक गण सार्वजनिक स्थल हो चाहे विद्यालय प्रांगण हो सभी जगह सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए बच्चों के साथ बच्चों के बीच विद्याधन कराएंगे।। ताकि किसी प्रकार से इस वैश्विक महामारी को फैलने का और मौका या अवसर न प्राप्त हो।। साथ ही साथ भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के संरक्षण और बचाव के पैरामीटर को अनुपालन स्वयं भी करेंगे एवं बच्चों को भी अनुपालन करने के लिए प्रेरित करेंगे।।
ReplyDeleteवैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान व्हाट्सएप्प एवं निजी मोबाइल के द्वारा छात्रों के साथ जुड़ा रहा। साथ-ही-साथ बच्चों को सामाजिक दुरी का पालन करने,घर के अंदर रहने,जरुरत पड़ने पर मास्क लगाकर बहार निकलने,बार-बार साबुन,हैंडवाश से हाथ धोने,एवं सेनिटाइजर का उपयोग करने के लिए प्रेरित करता रहा।Digi SATH के माध्यम से एवं निजी मोबाइल फोन के द्वारा बच्चों को घर में ही रहकर पठन-पाठन करने के लिए प्रेरित करता रहा और बीच-बीच में छात्रों से मोबाइल फोन के माध्यम से बच्चों से पठन-पाठन की जानकारी लेते रहे।
ReplyDeleteI have already submitted the comment
ReplyDeleteTeaching work is done by online classes
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ReplyDeleteCovid-19 me whatsapp ke daora bacho ko online class karya ja raha hai jisea bacho ko teaching me koi badha nahi ho
ReplyDeleteDuring Covid-19 creating a whatsapp group and visited home of students to awaring about contents receiving from digisath and learn by digisath. Problem reported by students get solved during visiting of students home.
ReplyDeleteDuring this period I contact them with phone by sending them contant of digisath.
ReplyDeleteI continue engage myself in Digi sath programme.
ReplyDeleteI tried my best to make educational videos relates to History subject
*इतिहास कक्षा 8 अध्याय -1* *आधुनिक काल में भारत का इतिहास)*
*कुल वीडियो 07*
https://www.youtube.com/playlist?list=PL4fQKE3ACcRxn6BPoZSwOTb6Rv0Z2DtvP
*इतिहास कक्षा -8, अध्याय -2 (व्यापार से साम्राज्य तक)*
*कुल वीडियो -17* https://www.youtube.com/playlist?list=PL4fQKE3ACcRypn-tC-2fL3lSv8rJoyExn
*HISTORY 8 CHAPTER 3*
*कुल वीडियो 05*
https://www.youtube.com/playlist?list=PL4fQKE3ACcRwqc5XHCLdtMEBYoc3Shdni
शिक्षक : *राकेश कुमार श्रीवास्तव*
*आदर्श मध्य विद्यालय बड़ा जाम दा*
प्रखंड नोवामूंडी
प सिंहभूम
Social distancing ka palan karte hue bachho se online juda raha.
ReplyDeleteFrequent use of Mobile talking, Whatsapp group,Digisath,Diksha etc.
ReplyDeleteकोविड-19 वैश्विक महामारी को देखते हुए हम सभी शिक्षक गण सार्वजनिक स्थल हो चाहे विद्यालय प्रांगण हो सभी जगह सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए बच्चों के साथ बच्चों के बीच विद्याधन कराएंगे।। ताकि किसी प्रकार से इस वैश्विक महामारी को फैलने का और मौका या अवसर न प्राप्त हो।। साथ ही साथ भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के संरक्षण और बचाव के पैरामीटर को अनुपालन स्वयं भी करेंगे एवं बच्चों को भी अनुपालन करने के लिए प्रेरित करेंगे।।
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान मैं दूरभाषिक संवाद एवं WhatsApp messages के द्वारा बच्चों से जुड़ा रहा। अब पढ़ाई mobile के द्वारा की जा रही है। उसी के द्वारा बच्चों का ग्रुप निर्माण कर अध्ययन सामग्री भेजते हैं, उन्हें निर्देश देते हैं, उनकी शैक्षिक समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करते हैं।
ReplyDeleteThis pandemic COVID 19 we make group for study. Can give homework and activities to them.
ReplyDeleteDuring the period of covid 19 we made DigiSath WhatsApp group and forwarded the content regularly. I also talked students and their parents and took their feedback about contents of DigiSath and Doordarshan programs. During roster duty I encourage students how to study and learn from text books. I asked them about the safety measures of covid 19.
ReplyDeleteDuring covid19 situation i continously spoke to students and stayed contacted with students and taught them online
ReplyDeleteThis pandemic COVID 19 we make group for study. Can give homework and activities to them.
ReplyDeleteCovid-19के दौरान मैंने अपने विद्यार्थियों का एक व्हाटसऐपं बनाकर उनसे सऺपर्क में रहा एवम crcके माध्यम से प्राप्त होनेवाले दैनिक DIGISAATH केdigital content को भेजकर विद्यार्थियों को पढ़ाने का प्रयास किया ।
ReplyDeletecovid-19 में विद्यार्थी से संपर्क करने के लिए सबसे पहले माता-पिता और अभिभावक से उनके वॉट्सएप नंबर लेकर विद्यालय के नाम से एक वॉट्सएप ग्रुप बनाया और उनके नंबर जोड़ा।CRC ग्रुप से प्राप्त रोज digital सामग्री को विद्यालय ग्रुप में साझा किया और विद्यार्थी का साप्ताहिक क्विज भी लिया।इससे इस कोविड-19 की स्थिति में भी बच्चे की पढ़ाई नहीं रुकी ।शिक्षण यह बदलाव किया कि हमने ऑनलाइन ही उनके पढ़ाई से सम्बन्धित समस्या का समाधान किया। उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया।
ReplyDeleteStudent'sसे सम्पर्क करने के लिए Telephonic conversation,whatsapp group,DiGiSATH कार्यक्रम तथा Online classes के माध्यम से घर घर जाकर तथाsocail distancing का पालंन करते हुए बच्चों के साथ संपर्क बनाये रखा।
ReplyDeleteकोविड महामारी में छात्रों को डीजी साथ Appसे जोङा गया।जिन छात्रों के पास 4Gमोवाईल नहीं था।उनसे मोवाईल से
ReplyDeleteबात कर कोविड से बचाव के जानकारी दी गयी।छात्रों को पढने के लिए प्रेरित करता रहा। प्रत्येक शनिवार को क्यूज में भाग लेने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
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ReplyDeleteकोविड-१९ के संकटकाल में घर में रह रहे बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाने के कोशिश हो रही है. whatsapp ग्रुप्स के माध्यम से शिक्षा विभाग सभी शिक्षकों को इस कार्य में शामिल कर रहा है. दूरदर्शन के माध्यम से भी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. दूरदर्शन पर शैक्षिक-प्रसारण के लिए तथा कई अवधारणाओं को स्पष्ट करने के लिए मेरे द्वारा विडियो तैयार किये गए हैं.
ReplyDeleteकोविड-19 महामारी के दौरान विद्यार्थियों के साथ डिजि साथ कार्यक्रम के माध्यम से सम्पर्क में रहकर उनके पठन पाठन में सहयोग करती रही हूँ|इस समय यह कार्यक्रम काफी सराहनीय साबित हो रहा है|
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Content ke dwara.
ReplyDeleteकोविद्_19 महामारी को ध्यान में रखते हुए सभी शिक्षक सामाजिक दूरी का पालन करते हुए एव्ं mask धारण कर बच्चों के बीच शिक्षा का आदान_प्रदान Digi_SATH के अन्तर्गत व्हत्सप् के माध्यम से करते रहे। समय_समय पर बच्चों के घर जाकर भी उनके शैक्षिक समस्या का निदान करते रहे। उन्हें इस महामारी से बचने का उपाय भी बताते रहे।
ReplyDeleteCovid-19 महामारी के समय digisaath के द्वारा व्हाट्सप्प ग्रुप के माध्यम से बच्चोंं को e learning content करता रहा।समय_समय पर बच्चों के घर जाकर भी उनके शैक्षिक समस्या का निदान करते रहे। उन्हें इस महामारी से बचने का उपाय भी बताते रहे।
ReplyDeleteकोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान मैं digiSATH whatsapp group की सहायता से बच्चों तक e-learning contents संप्रेषित करता रहा, साप्ताहिक क्विज प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उन्हें प्रेरित करता रहा। प्रतिदिन अधिकाधिक बच्चों तथा अभिभावकों से फोन से संवाद करता रहा। DIGISATH group से जुड़े बच्चों के कक्षावार समूहों (तीसरी से आठवीं कक्षाओं के लिए अलग-अलग समूह)का भी निर्माण किया जिसमें विषयवार शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी सम्मिलित कर बच्चों से कक्षा एवं ज्ञानसेतु से संबंधित समस्याओं को प्रेषित करने का आग्रह किया। परिणाम सकारात्मक रहे।बच्चों की समस्याओं का समाधान विद्यालय के संबंधित विषय-शिक्षक संवाद एवं whatsapp के माध्यम से करने लगे।
ReplyDeleteकोविड-१९ महामारी के दौरान मैंने व्हाटत्सप में बच्चो को दैनिक शैक्षणिक सामग्री प्रदान की। मैंने बच्चो के घर जाकर उन्हे इस पठन के माध्यम के बारे मे बताया। मैंने सप्ताह मे कुछ कुछ दिन स्कूल जाकर उन बच्चों की मदद की जिन्हे पढाई मे कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था एवं जो इस तरह के माध्यम से वंचित हैं।
ReplyDeleteकोविड-19 वैश्विक महामारी को देखते हुए हम सभी शिक्षक गण सार्वजनिक स्थल हो चाहे विद्यालय प्रांगण हो सभी जगह सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए बच्चों के साथ बच्चों के बीच विद्याधन कराएंगे।। ताकि किसी प्रकार से इस वैश्विक महामारी को फैलने का और मौका या अवसर न प्राप्त हो।। साथ ही साथ भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के संरक्षण और बचाव के पैरामीटर को अनुपालन स्वयं भी करेंगे एवं बच्चों को भी अनुपालन करने के लिए प्रेरित करेंगे।।
ReplyDeleteकोविड-19 वैश्विक महामारी को ध्यान में रखते हुए हम सभी शिक्षक गण विद्दालय क्षेत्र, सावर्जनिक स्थल,और विद्यालय प्रांगण सभी जगह सामाजिक दूरी का पालन करते हुए बच्चों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा. बच्चों और जनसमुदाय को कोविड -19 के प्रति जागरूक किया गया.इस कोरोना काल में बच्चों और अभिभावक से घर घर जाकर एवं डिजीसाथ के माध्यम से जुड़े रहे.
ReplyDeleteकोविड-19 महामारि को ध्यान मे रखते हुए हम सभी शिक्षकगण विद्धालय पोषक क्षेत्र के सार्वजनिक जगहों पर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए बच्चों के साथ संर्पक बनाए रखा|बच्चों तथा अभिभावकों को कोरोना के बचाव के बारे में र्चचा किया|बच्चों और अभिभावकों को डिजी साथ में जोड़ा|
ReplyDeleteContacted student through telephone and whatsapp by making whatsapp group and send them daily digisath content
ReplyDeleteBy whatsapp group and mohala vidyalaye. Many changes occur as kids were not able to study, portion was not completed in time etc.
ReplyDeleteBy whatsapp group and mohala vidyalaye. Many changes occur as kids were not able to study, portion was not completed in time etc.
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ReplyDeleteCOVID- 19 ke doran bacho ko DIGITAL content ko pratidin Whats app group par sajha kiya.bacho ke vishay sambandhit prashno ko hal karke bataya.Social distancing & regular hand washing ki jankari di hu.Doordarshan program me adhik se adhik bacho ko shamil hone ke koshish karti hu.
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ReplyDeleteकोविड-19 महामारी के समय DIGISATH के द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बच्चों को ई लर्निंग कंटेंट शेयर करता रहाlउनके शैक्षिक समस्या का निदान करते रहे। उन्हें इस महामारी से बचने का उपाय भी बताते रहे।
ReplyDeleteBy social distancing and using sanitizer
ReplyDeleteBy online classes
In Corona lockdown period school were close suddenly.The connection between students and teachers were disconnected.Than I was connected with students by WhatsApps group. Thereafter Education department available Educational content to every WhatsApps group.In present students are studying from school WhatsApps group.
ReplyDeleteLockdown mein bacche padhaai nahin kar rahe hain isliye social distancing ka Palan karte hue schoolon ko kholne ki taiyari ki Jaani chahie jisse ki bacchon ko padhaai mein dikkat Na Aaye
ReplyDeleteConsidering health of my students,I created group on WhatsApp messenger,using telephone to keep in touch.
ReplyDeletebCcho se touch main rhne ke liye...baccho ke ghar gaya parents ka phone number liya..aur whatsapp m group bna ke roj video lectures provide kiya ...etc
ReplyDeleteDuring this period I try to reach them with Phone l sent them contant regularly. I talk them regularly.I advice them to take mask and keep social distance
ReplyDeleteकोरोना काल मे हम अपने छात्र के साथ मोबाईल और whatsapp के माध्यम से जुड़े रहे एवं छात्र भी अपने पठन पाठन का उत्तर whatsapp के माध्यम से देते हैं।
ReplyDeleteकोरोनावायरस से वचाव के लिए अपने कक्षा में छात्रों को सोसल डिस्टेंस और मास्क तथा सेनेटाइजर के आलावा साफ सफाई के लिए प्रेरित करेंगें।
ReplyDeleteCOVID-19 में बच्चोँ को ऑनलाइन क्लास करवाना ही ठीक रहेगा बच्चों को बुलाकर रिस्क लेना ठीक नहीं चाहिए। इससे हम सब सुरक्षित रहेंगे ।
ReplyDeleteDuring covid 19 period I reach children and parents by telephonic call.econtent were sent to whatsapp group.I talk them regularly.And adviced them to wear mask and use sanitizer with proper social distancing.
DeleteCovid 19 me bachcho ko online class hi karvana thik rahega.bachche ke sath risk lena thik nahi hoga.
ReplyDeleteCovid 19 me hmne najdiki bachcho se unke ghar jakr samprk kiya tatha unke mata pita se bhi mila aur unke pass kis trh ka mobile hai yh jana fir btaya ki rajy sarkar dwara ek dainik dizisath aata hai jisme prasan utar dena hai our sabhi din use pdh kar bharna hai is liye unka number liya our samy samy pr fon ke madhyam se samprk krta rha jha bhi is link ko bharne me preshani hota vha unki madat krta
ReplyDeleteकोरोना संक्रमण के इस वैश्विक महामारी के दौरान अपने विद्यालय के बच्चों को लगातार फोन के माध्यम से समय-समय पर डोर टू डोर जाकर उन्हें संक्रमण के प्रभाव को निष्क्रिय करने के लिए बताए जा रहे उपायों को बताता रहा जहां तक इस काल में पढ़ाई के तरीके को लेकर कुछ नए अनुभव प्राप्त हुए विद्यालय के पोषक क्षेत्र को कुल 9 भागों में बांटा प्रत्येक भाग में कई दो से 4 संख्या तक शिक्षा सहायक दीदी को खोज निकाला उन से निवेदन किया की बच्चों की ज्ञान सेतु की पुस्तिकाओं का अभ्यास करें समय-समय पर स्वयं भी उन दीदी के साथ अनुश्रवण करता रहा शेष मदद मोबाइल द्वारा प्राप्त डिग्गी साथ के कार्यक्रम और दूरदर्शन पर प्रसारित कार्यक्रम में शिक्षा के नए तौर-तरीकों को विकसित करने में मदद की
ReplyDeleteकोविड-19 वैश्विक महामारी को देखते हुए हम सभी शिक्षक गण सार्वजनिक स्थल हो चाहे विद्यालय प्रांगण हो सभी जगह सामाजिक दूरी का अनुपालन करते हुए बच्चों के साथ बच्चों के बीच विद्याधन कराएंगे।। ताकि किसी प्रकार से इस वैश्विक महामारी को फैलने का और मौका या अवसर न प्राप्त हो।। साथ ही साथ भारत सरकार द्वारा कोविड-19 के संरक्षण और बचाव के पैरामीटर को अनुपालन स्वयं भी करेंगे एवं बच्चों को भी अनुपालन करने के लिए प्रेरित करेंगे।।
ReplyDeleteकोविड-19 महामारि को ध्यान मे रखते हुए हम सभी शिक्षकगण विद्धालय पोषक क्षेत्र के सार्वजनिक जगहों पर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए बच्चों के साथ संर्पक बनाए रखा|बच्चों तथा अभिभावकों को कोरोना के बचाव के बारे में र्चचा किया|बच्चों और अभिभावकों को डिजी साथ में जोड़ा|
ReplyDeleteON LINE CIASSES UNDER SUPERVISION OF GURDIAN,THANKS.
ReplyDeleteDue to coronavirus I maintain social distancing from students it feels so bad
ReplyDeleteI'd not touch students I maintain social distance
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान मैं दूरभाषिक संवाद एवं WhatsApp messages के द्वारा बच्चों से जुड़ा रहा। अब पढ़ाई mobile के द्वारा की जा रही है। उसी के द्वारा बच्चों का ग्रुप निर्माण कर अध्ययन सामग्री भेजते हैं, उन्हें निर्देश देते हैं, उनकी शैक्षिक समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करते हैं।
ReplyDeleteI have been in contact with students by whatsApp and mobile. Making students group on whatsApp l have been sending digital contents and quizzes to them who have smart phones.
ReplyDeleteCovid-19 के दौरान मैं अपने विद्यार्थियों के साथ digital contact में रहा। Mobile और Whatsapp group के माध्यम से digital contents के माध्यम से स्वमं पढ़ने- लिखने एवं सीखने के लिए विद्यार्थियों को उत्साहित करता रहा।
ReplyDeleteWe made a whatsapp group named Digisath. We send contents everyday and quizzes on Saturday. Students who have smartphone are joined and enjoy everday's class. But many of the students don't have the smartphone. We personally contact them and sollve their problems.
ReplyDeleteBachchon ke ability bhinna bhinna hoti he. Isliye chhamtaon ke aadhar per shikchhan dena chahiye.
ReplyDeleteBachchon ke ability bhinna bhinna hoti he. Isliye chhamtaon ke aadhar per shikchhan dena chahiye.
ReplyDeleteDuring COVID-19 we made Whats App groups of students. Sent them digital contents regularly and took their feedbacks. We also made contacts through 'Mohalla Classes' who hadn't smartphones with them and tried our best to deliver lessons.
ReplyDeleteCovid-19 महामारी लॉकडाउन के दौरान मैं सर्वप्रथम बच्चों के साथ व्हाट्सएप ग्रुप बनाई। इसी व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बच्चों को digisaath कंटेंट प्रतिदिन भेजती हूं। बच्चे वीडियो देखें या नहीं मैं उसे फोन करके प्रतिदिन पूछती हूं। बच्चों को वीडियो देखने के लिए प्रेरित करती हूं मैं प्रत्येक शनिवार को digisaath क्विज में भाग लेने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करती हूं। मैं व्हाट्सएप ग्रुप में कंटेंट भेजने के बाद फीडबैक और तुष्टीकरण फॉर्म भर्ती हूं।
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ReplyDeleteThis pandemic COVID 19 we make group for study. Can give homework and activities to them.
This pandemic COVID 19 we make group for study. Can give homework and activities to them
ReplyDeleteThis pandemic covid 19 we make group for study.can give homework and activities to them.i am PRABODH rana.
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ReplyDeleteCOVID- 19 ke doran bacho ko DIGITAL content ko pratidin Whats app group par sajha kiya.bacho ke vishay sambandhit prashno ko hal karke bataya.Social distancing & regular hand washing ki jankari di hu.Doordarshan program me adhik se adhik bacho ko shamil hone ke koshish karti hu.
ReplyDeleteBachchon ke ability bhinna bhinna hoti he. Isliye chhamtaon ke aadhar per shikchhan dena chahiye
वर्ग में बच्चों की विविधता को और उनके रुचि के अनुसार शिक्षण देना चाहिए
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