इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए आप किस तरह के स्रोतों को इकट्ठा करना चाहेंगे?
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USS particular event Kay Barey mein 3-4 writer Kay book ko dekh kar maximum jankari prapt karunga.
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम किसी अच्छे अच्छे लेखक की किताब से जानकारी लेंगे।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए सिक्के, साहित्य, इमारतें एवं शिलालेख इत्यादि का सहारा लेंगे
Deleteइतिहास में विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हमें प्राचीन सिक्कों साहित्य शिलालेख पुरानी चीजें इत्यादि के माध्यम से हम बीती हुई समय की समझ विकसित कर सकते हैं
DeleteNice
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम किसी अच्छे अच्छे लेखक की किताब से जानकारी लेंगे।
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उस समय के समाचार पत्रों (यदि उपलब्ध हो तो)के अंशों को एकत्र करके दिखाएंगे ।
ReplyDeleteसमग्र समझ विकसित करने के लिए हम उस समय के समाचार पत्रों (यदि उपलब्ध हो तो)
ReplyDeleteHostotry subject me Atit ke bare me jankari Milta hai.
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम किसी अच्छे अच्छे लेखक की किताब से जानकारी लेंगे।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने में पुरातात्त्विक स्रोत शिलालेख तथा साहित्यिक स्रोत का सहारा लेते हैं
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने में पुरातात्विक स्रोत शिलालेख तथा साहित्यिक स्रोत का सहारा लेते है
Deleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए पुरातत्व, साहित्यिक शिलालेख इत्यादि का सहारा लेंगे एवं समझ विकसित करने के लिए अध्ययन करेंगे।
ReplyDeleteHistory subject me atit ke bare me jankari milta hai
Deleteइतिहास के किसी विशेष अवधि के अध्ययन के लिये उस समय के सिक्के ,साहित्य,इमारत की सहायता लेंगे।शिलालेख से भी सहायता लेंगे।
Deleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए अच्छे-अच्छे लेखकों की पुस्तकों एवं उस समय के समाचार पत्रों, पुरातत्व, साहित्यिक, शिलालेख इत्यादि का सहयोग लेकर समझ को विकसित करने के लिए अध्ययन करेंगे।
ReplyDeleteइतिहास का विषय को समझ इतिहासकारों के द्वारा लिखे पुस्तकों,साहित्य , अदि का सहायता लिया जा सकता है
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए पुरातत्व, साहित्यिक शिलालेख इत्यादि का सहारा लेंगे एवं समझ विकसित करने के लिए अध्ययन करेंगे।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए पुरातत्व, साहित्यिक शिलालेख इत्यादि का सहारा लेंगे एवं समझ विकसित करने के लिए अध्ययन करेंगे।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए पुरातत्व, साहित्यिक शिलालेख इत्यादि का सहारा लेंगे एवं समझ विकसित करने के लिए अध्ययन करेंगे।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए पुरातत्व, साहित्यिक शिलालेख इत्यादि का सहारा लेंगे एवं समझ विकसित करने के लिए अध्ययन करेंगे ।
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम किसी अच्छे अच्छे लेखक की किताब से जानकारी लेंगे।
ReplyDeleteस्टाम्प, सिक्के, स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े अखबार, द स्टेटस मेन, टाइम्स ऑफ इंडिया,साहित्य, कार्टून, ऐतेहासिक इमारत, सीक्रेट रेडियो, इन तथ्यों को एकत्रित कर विश्लेषण करने से उस अवधि की समग्र समझ विकसित कर सकते हैं।
ReplyDeleteइतिहास मे किसी विशेष अवधि समग्र समझ विकसित करने के लिए पुस्तको, साहित्यिक शिलालेख, पुरातत्व, पुराने सिक्के एव समाचार पत्र, ऐतिहासिक इमारते, स्टाम्प, कार्टून इत्यादि को इकट्ठा कर सकते है।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक शहरों का दौरा करवा सकते हैं ,बच्चों को उस समय के समाचार पत्र ,पुस्तक ,चित्र इत्यादि से जानकारी इकट्ठा करके गूगल से सर्च करके बता सकते हैं।
ReplyDeleteHistory ki jyan ke liye puratatwa shilalekh aur old pandulipi aur sahityakaro se milta hai
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हम पुस्तकों साहित्यिक शिलालेख पुराने सिक्के समाचार पत्र एतिहासिक इमारतों स्टाम्प एवं कार्टून इत्यादि को इकट्ठा कर सकते हैं।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए ऐतिहासिक पुरातात्विक स्रोत, शिलालेख एवं साहित्यिक स्त्रोत से जानकारियां प्राप्त होगी।
ReplyDeleteइतिहास मे किसी विशेष अवधि समग्र समझ विकसित करने के लिए पुस्तको, साहित्यिक शिलालेख, पुरातत्व, पुराने सिक्के एव समाचार पत्र, ऐतिहासिक इमारते, स्टाम्प, कार्टून इत्यादि को इकट्ठा कर सकते है।
ReplyDelete
ReplyDeleteइतिहास पढ़ाने के कई स्रोत हैं किसी विशेष अवधि समग्र समझ विकसित करने के लिए पुस्तको, साहित्यिक शिलालेख, पुरातत्व, पुराने सिक्के एव समाचार पत्र, ऐतिहासिक इमारते, स्टाम्प, कार्टून इत्यादि को इकट्ठा कर सकते है।
इतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए पुरातत्व, साहित्यिक शिलालेख इत्यादि का सहारा लेंगे एवं समझ विकसित करने के लिए अध्ययन करेंगे।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए पुरातत्व, साहित्यिक शिलालेख इत्यादि का सहारा लेंगे एवं समझ विकसित करने के लिए अध्ययन करेंगे।
ReplyDeleteus samay ke stamp,sikke,akhbar aadi ke madhyam se itihas ki samagra samjh bwiksit kar sakate hai.
ReplyDeleteमुझे बच्चों के लिए इतिहास मे समझ विकसित करने के लिए सबसे पहले विषय को रोचक बनाना होगा टीचिंग
ReplyDeleteलर्निंग मैटेरियल के द्वारा ताकि बच्चे प्रभावित होकर उत्सुकता से पढ़ेंगे । जैसे विशिष्ट क्रांतिकारियों के बारे में कार्टून दिखा कर बच्चों से पढ़ने को बोलूंगी।
इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए अच्छे लेखकों की पुस्तकों एवं उस समय के अखबारों, पुरातत्व, साहित्यिक और शिलालेख इत्यादि का सहयोग लेकर समझ को विकसित करने के लिए अध्ययन करेंगे।
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ReplyDeleteइतिहास में समझ विकसित करने के लिए हमे बहुत अच्छे से पहले कहानी पढ़ाना चाहिए और बीच बीच में बच्चो से पूछते भी रहना चाहिए ताकि हमें यह समझ में आए की उनका topic में ध्यान है कि नहीं।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए अच्छे-अच्छे लेखकों की पुस्तकों एवं उस समय के समाचार पत्रों, पुरातत्व, साहित्यिक, शिलालेख इत्यादि का सहयोग लेकर समझ को विकसित करने के लिए अध्ययन करेंगे।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उससे संबंधित पेपर कटिंग कार्टून पुरातत्व विभाग शिलालेख सिक्के स्टांप के मदद लेंगे शैक्षणिक भ्रमण के दौरान उससे संबंधित ऐतिहासिक धरोहरों को देखेंगे इससे संबंधित साहित्य तत्कालीन गीत फिल्म के जरिए भी सीखने का मौका मिलेगा इंटरनेट से संबंधित प्रिंट निकाल कर छात्रों को दिखाएंगे कंप्यूटर की मदद लेंगे।
ReplyDeleteHistory subject me atit ki jaankari milti hai.
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की विकसित करने के लिए समाचार पत्रों, पुरातत्व, साहित्यिक, शिलालेख इत्यादि का सहारा लेगें।
ReplyDeleteItihas ki jankary ke liye mein pure jamane ke sikke stamp literature itihaskar dwara likhi gayi books etc ko ikatta karunga
ReplyDeleteItihas ki kisi Vishesh awadhi ki jankari ke liye shilalekkh, aitihaasik granthon etyadi ka shahara lenge.
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की व्यापक जानकारी के लिये उस क्षेत्र की बनस्पति, वहां के पहाड़-जनगल,शिलालेख, नदियों की अवस्था, विशेष जगहों की खुदाई तथा उस क्षेत्र में मिले सिक्के-वरतनो आदि का बयापक अध्ययन करने का भरपूर प्रयास करेंगे।
ReplyDeleteकिसी विशेष अवधि की समझ के लिये उस अवधि मे बने इमारतो, चलाये गये सिक्को, प्रकृतिक संपदाओ, उनके रहन सहन के तरीको, व्यापार और उनके बारे मे वर्णित पुसतको से इतिहासकारो या यात्रियों की राय को जानोंगें।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ को विकसित करने के लिए अच्छी पुस्तक, पुरातत्विक स्रोत ऐतिहासिक स्थल जानकारी लेकर अपनी समझ विकसित करने की कोशिश करेंगे।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ को विकसित करने के लिए प्राचीन सिक्कों को बच्चों को दिखाकर उसमे अंकित चित्र, विवरणी आदि के बारे में चर्चा करेंगे।
ReplyDeleteHistory ke samaj ko visit karne ke liye sense pahle subject ko Rocha banaegen. Punch bachho ko stamp,coins,swatantra anagram se jure News Paper,Historical Place, Secret Radio ityadi ka vishlationkarus samayki smash visit karunga
ReplyDelete....S.S.Prasad MS. Kusunda, M.s.kusunda,Matkuria,Dhanbad-1.
Itihas ke Kisi bishesh abadhi ki samajh ke liye us samay ke bare main like Gaye Kitaben ,sikke,posak alankar abam bartanon ki photo tatha us samay main nirmit killon Ka bhraman karake adhik gyan hasil Kiya Ka Sakta hai.
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ को विकसित करने के लिए प्राचीन सिक्कों को बच्चों को दिखाकर उसमें अंकित चित्र विवरणी आदि के बारे में चर्चा करेंगे।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए दो तथ्यों primary and secondary को समावेशित कर उस अवधि का सिक्का तथा साहित्य तथ्यों को इकठ्ठा कर उस समय के सिक्के से अर्थव्यवस्था, राजनीतिक तथा व्यापार के बारे में बच्चों का समझ विकसित किया जा सकता है तथा उस समय के साहित्य जो विभिन्न प्रकार के होते है जो उस समय के सामाजिक, राजनैतिक साहित्य विदेशी यात्री(हवेंग सांग), इमारत, तकनीक प्राकृतिक आपदा से प्राचीन(अतीत) तथा वर्तमान के तथ्यों की जानकारी मिलती है।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने में पुरातात्विक स्रोत शिलालेख तथा साहित्यिक स्रोत का सहारा लेते हैं।
ReplyDeleteइतिहास का विषय को समझ विकसित करने के लिए, इतिहासकारों के द्वारा लिखें पुस्तकों, साहित्य, आदि का सहायता लिया जा सकता हैं।
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम किसी अच्छे अच्छे लेखक की किताब से जानकारी लेंगे।
ReplyDelete/। इतिहास के किसी विशेष अवधि की विकसित करने के लिए समाचार पत्रों पुरातत्व साहित्यिक शिलालेख इत्यादि का सहारा लेंगे
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए उस समय के पुस्तकों एवम समाचार पत्रों का अवलोकन करेंगे। ऐतिहासिक इमारत,स्टाम्प,सिक्के एकत्रित कर विश्लेषण करने से उस अवधि की समझ विकसित कर सकते हैं।
ReplyDeletePustoko dwara samajh biksit kiya jayega
ReplyDeleteइतिहास विषय को रुचिकर बनाने के लिए साक्ष्य का सहारा लेंगे।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने में पुरातात्त्विक स्रोत, शिलालेख तथा साहित्यिक स्रोत इत्यादि का सहारा लेते हैं |
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम किसी अच्छे अच्छे लेखक की किताब से जानकारी लेंगे
ReplyDeletePrachin sikko avm pushtako ke madhyam se samajh viksit ki ja skti hai
ReplyDeleteHistory is the subject of past.Ilearn history by book,travel account, numismatic,historical place etc.
ReplyDeleteBooks ki madad lenge.historical place bhi options hai.
ReplyDelete.
उस विशेष अवधि के पुरातात्विक अवशेषो,समाचारपत्र एवं अच्छे लेखक के किताबो से जानकारी लेने ।
ReplyDeleteIthas me atit ke bare me janne ke liye hum Us samay ke sikkye samater pattra silalekh avilakh ke bare me Jan sakte hai
ReplyDeleteItihaas mein kisi vishesh awadhi ki samagra samajh viksit karne ke liye mein kisi authentic writer ki itihaas ki kitab , us samay ke samachar patra yadi uplabdh hoto , puratatvik , sahityik shilalekh , etihasik imarat ki yatra Avon uska adhyayan , avalokan , purane sikke stamps jo relate karte ho, jaise sroton ko ikattha karna chahenge. -Sanjay Kr.Baranwal M.S.,Kathghari
ReplyDeleteअच्छे पुस्तकों के मदद से इतिहास के विषय - वस्तू की सही जानकारी प्राप्त की जा सकती है ।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए पुरातत्व साहित्यिक शिलालेख समाचार पत्र एवं साहित्य का सहारा लेंगे
ReplyDeleteपूनम कुमारी,प्राथमिक विद्यालय मूर्तिटांड़ चास-3,बोकारो
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए अच्छे लेखकों की पुस्तकों,उस समय के समाचार पत्रों, पुरातत्व शिलालेख, स्टाम्प,तत्कालीन सिक्के इत्यादि को इकट्ठा करेंगे तथा इनका सहयोग लेकर अध्ययन करेंगे
इतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम किसी अच्छे
ReplyDeleteलेखक की किताब से जानकारी लेंगे।
Itihas me Kisi vishesh avdhi ki samgra samajh viksit karne ke liye hum Kisi achchhe kitab or lekh ekttha krenge.
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि का समग्र समझ विकसित करने के लिए सिक्के, स्टांप, समाचार पत्र ,कार्टून ,पुरातात्विक पुस्तकें , इतिहासिक कहानी की पुस्तकें ,पुराने बर्तन, शीला लिपि का प्रतिलिपि इकट्ठा करना चाहिए।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हमें उस समय के पुरातात्विक साक्ष्यों, साहित्यों, समाचार पत्रों, कार्टूनों, शिलालेखों एवं मानचित्रों आदि को इक्टठा कर बच्चों में समझ विकसित करने का प्रयास किया जायेगा|
ReplyDeleteविकसित करने के लिए हम इस टाइम्स कार्टून सिक्के किताबें समाचार पत्रों को इकट्ठा कर अपना समग्र शिक्षा को विकसित कर सकते हैं
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए उस समय के समाचार पत्र, पुस्तक, शिलालेख, ऐतिहासिक इमरातें, कार्टून इत्यादि का उपयोग किया जा सकता है।
ReplyDeleteराजेंद्र प्रसाद
उ. म. वि. ईचातु
Old and new newspaper, Literary account, cartoon,sikke aur Archaeological remains ke help se students ka history me samajh viksit kr sakte ha.
ReplyDeleteअच्छे पुस्तकों की सहायता से इतिहास के विषय वस्तु की समझ अधिकाधिक विकसित की जा सकती है
ReplyDeleteI have to take help of different sources -literatures,numismatics,old pots,stamps,pictures of ancient buildings ,manuscripts etc.
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए विभिन्न लेखकों की पुस्तके,उस समय के समाचार पत्रों,पुरातत्व,साहित्यिक,शिलालेख एवं उससे संबंधित कार्टून इत्यादि स्त्रोत को इकट्ठा कर अध्ययन करेंगे।
ReplyDeleteउस अवधि के साहित्यिक शिलालेख, पुरानी पुस्तकों,एवं उस जमाने के सिक्कों, मूर्तियों तथा ऐतिहासिक अस्थलों का भ्रमण करके।
ReplyDeleteकई शहरों के म्यूज़ियम में पुराने जमाने की वस्तुओं को सहेज कर रखा गया है उसका भ्रमण करके बच्चों में इतिहास की समझ को विकसित कर सकते हैं।
Us vishaye ke bare me jada se jada or alag alag sources se jankaari prapt karne ki koshish karungi.
ReplyDeleteइतिहास मे किसी विशेष अबधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए विभिन्न लेखकों की पुष्तकें, उस समय के समाचार पत्रों, शिलालेख, ऐतिहासिक अस्थल का भ्रमण करके।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए उस अवधि की पुस्तकें,चित्रों,साहित्यिक स्रोत,पुरातात्विक अवशेषों,सिक्के,शिलालेख तथा ऐतिहासिक इमारत से सम्बन्धित जानकारी,मानचित्र इकट्ठा करना चाहेंगे।
ReplyDeleteइतिहास विषय की समझ विकसित करने के लिए इतिहासकारों द्वारा लिखे पुस्तकों, साहित्य, आदि की सहायता से लिया जा सकता है
ReplyDeleteMahendra saw UMS Ukharsal jamua Giridih
ReplyDeleteकिसी विशेष समय के लिए इतिहास सम्रग समझ विकसित करने के लिए विभिन्न लेखकों के पुस्तक, शिलालेख ,समाचार पत्रों एवं ऐतिहासिक तथा दार्शनिक स्थलों का भ्रमण कर के किया जाता है।
इतिहास के किसी बिशेष अवधि के समझ विकसित करने के लिए शिलालेख, पुरातात्विक, साहित्यिक और इमारतें आदि का सहारा लेंगे एवं समझ विकसित करने के लिए अध्ययन करेंगे|
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए उस अवधि की पुस्तकें,चित्रों,मानचित्र,साहित्यिक स्रोत,पुरातात्विकअवशेषों,सिक्के, शिलालेख तथा ऐतिहासिक इमारत से संबंधित जानकारी इकट्ठा करना चाहेंगें ।
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम किसी अच्छे अच्छे लेखक की किताब से जानकारी लेंगे।
ReplyDeleteHistory ki achi jaankari ke liye alag-alag history ki book ki madad lenge
ReplyDeleteHistory gives us about the knowledge of forerunners.
ReplyDeleteइतिहास- यानी जो समय अंत या अतीत हो गया! लेकिन इतिहास की कहानियां अनन्त अविरत। इतिहास कपोल कल्पित नहीं बल्कि अपने समय में वास्तविक, अर्थपूर्ण व तथ्यपूर्ण होते हैं। इसके गर्भ में भौगौलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, आर्थिक आदि तमाम व्यवस्था समाहित और प्रतिविम्बित होती हैं।
ReplyDeleteइतिहास को आनन्दमय बनाने के लिए उन अपार तथ्यों को बच्चों के समक्ष रूचिकर ढंग से प्रस्तुत करना होगा जो उस समय और काल का सजीव चित्र प्रस्तुत कर सके।
टिचिंग लर्निंग मटेरियल के अन्तर्गत प्राथमिक और द्वितीयक स्तर पर तथ्यों के चुनाव करने होंगे।
जब भी कोई तथ्य या घटनाक्रम/स्थिति के विषय चर्चा करनी होगी तब हमारी यह कोशिश होनी चाहिए कि यह किस समय से जुड़ा है,क्या इसका प्रतिफल समाज की सही ग़लत बातें बता देता है,क्या हमें इसके बारे में और अधिक ठोस जानकारी प्राप्त करने हेतु और पढ़ने/छानबीन करने की आवश्यकता है?
इतिहास बीते दिनों का आईना है, आधार है प्रतिफल है।धरोहर है हमारे पूर्वजों के क्रियाकलापों का।
कहा जाता है 'इतिहास ख़ुद को दोहराता है।'अर्थात यह सिद्धांत है, गतिशील है और परिणाम भी। इसलिए बच्चों को रुचिपूर्ण ढंग से तथा तथ्य सामग्रियों के माध्यम से प्रेरित करते हुए इतिहास को आत्मसात करने के लिए निम्नलिखित तथ्यों से अवगत कराना लाभदाई होगा-
1.स्टैम्पस(विषय/ व्यक्ति/घटनाओं पर आधारित)
2.समकालीन अखबार (प्रन्तीय, क्षेत्रीय),कर्टुन, पत्रिकाएं
3.देश-विदेश के सिक्के
4.ईमारतें, शिलालेख,स्तम्भलेख, गुफ़ाएं,स्मारक, चित्रकारी
5.साहित्य(विभिन्न भाषाओं के),कवि, लेखक , दार्शनिक
6.मानचित्र-(भौगोलिक बनावट में परिवर्तन, घटनाक्रम से प्रभावित ऐतिहासिक परिवर्तन- आधूनिक व पूर्व नाम, क्षेत्र, सीमारेखा)
7.संगीत,नाटक,मंच, रेडियो आदि
8.सूचिपट्ट , पांडुलिपि, वाचनालय, संग्रहालय
9.शैक्षणिक भ्रमण
10.परिवार के सदस्यों से मौखिक इतिहास का श्रवण
इतिहास में किसी विशेष अवधि के समग्र समझ विकसित करने के लिए निम्न तरह के स्रोत इकट्ठा किया जा सकता है-
Delete1. साहित्यिक स्रोत-पांडुलिपियां, पुस्तक, धार्मिक ग्रथ, चिकित्सा ग्रंथ, कहानी, कविताएं, चित्रकला
प्रशासनिक दस्तावेज, यात्रा वृत्तांत आदि।
2. मुद्रशास्ट्रा-सिक्के, स्मारक आदि।t
3. शिलालेख-चट्टानों, स्तंभों, पत्थt
की पट्टियां, दीवारें, मंदिरो के उत्कीर्ण आदि।
4. आजीविका-कृषि, उद्योग, व्यापार आदि
कमल चंपिया
गोइलकेरा।
USS particular event Kay Barey mein 3-4 writer Kay book ko dekh kar maximum jankari prapt karunga
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उस अवधि का पुरातात्विक स्रोत और साहित्यिक स्रोतों को इकट्ठा करना चाहेंगे। पुरातात्विक स्रोत में उस समय के सिक्के खंडहर अवशेष धार्मिक स्थल और साहित्यिक स्रोत में उस समय के पुस्तक ,राजनीतिक दस्तावेज, धार्मिक ग्रंथ, प्रशासनिक व्यवस्था पर लिखी गई प्रशासनिक दस्तावेज अखबार विदेशी यात्रियों द्वारा लिखा गया विवरण राजा के बारे में कवि द्वारा लिखा गया कविता और उस समय के राजा के बारे में लिखा गया वर्णन और बातें
ReplyDeleteइतिहास से सम्बन्ध रखने वाले पुस्तकों को खोजना
ReplyDeleteStamp purane sikke purane samachar Patra shilalekh ki tasviren ityadi etra kar kisi Vishesh avadhi ki samajh viksit kar sakte hain
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए अनेक स्रोतों को इकट्ठा करूगा। जैसे देशी-विदेशी लेखकों की किताबें,सिक्के,पेपर कटिंग इत्यादि।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक शहरों का दौरा करवा सकते हैं ,बच्चों को उस समय के समाचार पत्र ,पुस्तक ,चित्र इत्यादि से जानकारी इकट्ठा करके गूगल से सर्च करके बता सकते हैं।
ReplyDeleteऐतिहासिक काल अवधि के संदर्भ में समझ विकसित करने के लिए ऐसे तो कई स्रोत विद्यमान हैं जिन्हें हम इकट्ठा करके स्वयं एवं अपने विद्यार्थियों को ऐतिहासिक जानकारी प्रदान कर सकते हैं जिनमें से कुछ उदाहरण इस प्रकार से हैं-
ReplyDeleteऐतिहासिक धरोहरों जैसे ऐतिहासिक इमारतों ,किलों, खंडहरों आदि प्रत्यक्ष दिखा कर। बच्चों को संग्रहालय में ले जा कर उस विशेष अवधियों में प्रचलित औजार, उपकरण, हथियार , मूर्तियों ,विभिन्न प्रकार के नक्काशी किये चित्रों , उस समय विद्यमान पशु पक्षियों के चित्रों को दिखा कर जो वर्तमान समय मे लुप्तप्राय हो गए हैं, बच्चों में पौराणिक चीज़ों को जानने के लिए उत्साहित कर सकते हैं। उस समय प्रयुक्त किये गए अखबारों, पत्रिकाओं आदि को नेट या अन्य माध्यमो से इक्कट्ठा कर दिखाया जा सकता है। उस अवधि विशेष के लेखकों, कवियों के के पुस्तकों को उपलब्ध कर जानकारी प्रदान कर सकते हैं।इसके अतिरिक्त पौराणिक बातों को जानने के लिए अपने दादा-दादी , नाना-नानी या घर- परिवार के अन्य बुजुर्गों से बात करने के लिए बच्चों को उत्साहित कर सकते हैं।
इतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित की जा सकती है:-
ReplyDelete1. लेखकों की पुस्तक पढकर,
2. सिक्के एकत्रित कर,
3. मेगजीन एवं अखबार से, और
4. ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण द्वारा, आदि|
To develop understanding of a particular period of history we will collect Coins, Literature, Travelling account, Special stamps related to the period concerned. These will be studied minutely and applied to develop understanding to our students. Related photos and paper cuttings may also impact to this objective. ****Acharya Rajendra Prasad I/C HM UMS Uparloto, Latehar.
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हम उस समय के प्रकाशित पुराने समाचार पत्र,लेख, पुरातात्विक महत्व के चीजें, समकालीन लेखकों की रचनाएं, पुराने सिक्के,स्टाप आदि स्त्रोतो का उपयोग करना चाहेंगे।
ReplyDeleteItihas janne ke liye kisi purane akhwar post card sikke kisi jagah ke purane kila adi sroto ka upyog karenge
ReplyDeleteइतिहास में किसी "विशेष-अवधि" की समझ विकसित करने के लिए मैं निम्नलिखित स्रोतों को इकट्ठा करना चाहुंगा ।
ReplyDelete1-उस अवधि के सिक्के ।
2-उसी अवधि के स्टाम्प ।
3-साहित्यिक यथा समाचार पत्र, पत्रीका ।
4-पुरातात्विक वह शिलालेख ।
साथ ही सम्बन्धित अवधि में बसे बसाए शहरों का भ्रमण कर इमारतों व धरोहरो की जानकारी भी प्राप्त करूंगा।
इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए मैं उस समयकाल की पुरातात्विक स्थलों, शिलालेखों, साहित्यिक पत्रिकाओं, उस समय की मुद्रा आदि स्त्रोतों की सहायता से जानकारी इकट्ठा करुंगी।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए अच्छे-अच्छे लेखकों की पुस्तकों एवं उस समय के समाचार पत्रों, पुरातत्व, साहित्यिक, शिलालेख इत्यादि का सहयोग लेकर समझ को विकसित करने के लिए अध्ययन करेंगे।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए उस अवधि की पुस्तकें,चित्रों,मानचित्र,साहित्यिक स्त्रोत,सिक्के,शिलालेख तथा ऐतिहासिक इमारत से संबंधित जानकारी इकट्ठा करना चाहेंगे।
ReplyDeleteTo learn about historical period we can get help from ancient coins, newspaper, collecting cutings of cartoons ,and famous writers books also help us.
ReplyDeleteTo develop understanding of a particular period of history we will collect Coins, Literature, Travelling account, Special stamps related to the period concerned.
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम अच्छे लेखकों की किताबों से जानकारी एकत्रित करेंगे।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि समग्र समझ विकसित करने के लिए हम अच्छे लेखकों की किताबों से जानकारी एकत्रित करेंगे।
ReplyDeleteशीला कुमारी यूपीएस हेचाबलिया सराढु टंडवा चतरा
मुझे बच्चों के लिए इतिहास मे समझ विकसित करने के लिए सबसे पहले विषय को रोचक बनाना होगा टीचिंग
ReplyDeleteलर्निंग मैटेरियल के द्वारा ताकि बच्चे प्रभावित होकर उत्सुकता से पढ़ेंगे । जैसे विशिष्ट क्रांतिकारियों के बारे में कार्टून दिखा कर बच्चों से पढ़ने को बोलूंगी।
इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हमें विभिन्न श्रोतों यथा- स्टाम्प टिकट, सिक्के, स्वतंत्रता संग्राम से जुडे़ अखबार, The Statesman,Times of India, कार्टून,इमारतें, शिलालेख, कहानियों, नाटकों, विद्यालयों में उपलब्ध सेनानियों के जीवनी सूची,साहित्यिक एवं पुरातत्व लेखकों के पुस्तकों से जानकारियां इकट्ठे कर इतिहास में समझ को विकसित कर सकते है ।
DeleteItihas me kisi vises avdhi ki samagra samajh viksit karnne ke liye nimna sroton kp ikattha karenge jaise-akhbar,patrika,mahapurushon ke manchitra,painting,mahapurushon ke chitra,mamchitra,sahitya,kartoon,imarat,shilalekh,bartan,sangrahlaya,saikshnik bhraman,natak,sangit,pariwar ke kisi bujurg se jankari lena.
ReplyDeleteइतिहास- यानी जो समय अंत या अतीत हो गया! लेकिन इतिहास की कहानियां अनन्त अविरत। इतिहास कपोल कल्पित नहीं बल्कि अपने समय में वास्तविक, अर्थपूर्ण व तथ्यपूर्ण होते हैं। इसके गर्भ में भौगौलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, आर्थिक आदि तमाम व्यवस्था समाहित और प्रतिविम्बित होती हैं। इतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित की जा सकती है:-
ReplyDelete1. लेखकों की पुस्तक पढकर,
2. सिक्के एकत्रित कर,
3. मेगजीन एवं अखबार से, और
4. ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण द्वारा,
इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हमें विभिन्न श्रोतों यथा- स्टाम्प टिकट, सिक्के, स्वतंत्रता संग्राम से जुडे़ अखबार, कार्टून,इमारतें, शिलालेख, कहानियों, नाटकों, विद्यालयों में उपलब्ध सेनानियों के जीवनी सूची,साहित्यिक एवं पुरातत्व लेखकों के पुस्तकों से जानकारियां इकट्ठे कर इतिहास में समझ को विकसित कर सकते है ।
ReplyDeleteइतिहास अन्य विषयों से अलग है।इसे जानने के लिए इतिहास तथा किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उस समय के समाचार पत्रों (यदि उपलब्ध हो तो)के अंशों को एकत्र करके दिखाएंगे ।साथ ही इतिहास की किताबों का सहारा लेकर बच्चों के बीच प्रेषित करेंगे।
ReplyDelete* दयामय माजि (स.शिक्षक)
उ.म.वि.चौका (कुकड़ू)
सरायकेला-खरसावां।
इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए उस अवधि की पुस्तकें,चित्रों,साहित्यिक स्रोत,पुरातात्विक अवशेषों,सिक्के,शिलालेख तथा ऐतिहासिक इमारत से सम्बन्धित जानकारी,मानचित्र इकट्ठा करना चाहेंगे।
ReplyDeleteItihaas ke kisi Vishesh avadhi ki Samagra samajh viksit karne ke liye smarak aitihasik Sthal Kshetra bhraman se jankari lenge.
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम प्राथमिक स्रोत के रूप में उस समय विशेष के प्रमाणिक प्रमाण जैसे सिक्के स्तंभ लेख द्वितीयक स्रोत के रूप में उपलब्ध साहित्यिक सामग्री जो उस समय के सामाजिक राजनीतिक एवं आर्थिक क्रियाकलापों का चित्रण करता हो और तृतीय स्रोत के रूप में वहां के मौजूद ऐतिहासिक इमारतों इत्यादि का प्रमाणिक जानकारी इकट्ठा करूंगा
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए उस समय अवधि की पुस्तकें, साहित्यिक स्रोत, पुरातात्विक अवशेषों, सिक्के, शिलालेख, मानचित्र, ऐतिहासिक इमारतों से जानकारी इकट्ठा करना चाहेंगे।
ReplyDeleteस्टांप, सिक्के, मानचित्र इत्यादि इकट्ठा कर।
ReplyDeleteसिक्के,शिलालेख, प्राचीन ईमारत एवं साहित्य की सहाता लेंगे।
ReplyDeleteझाँसी की रानी अभीनय के माध्यम से।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए उस समय अवधि की पुस्तकें साहितियक स्रोत सिक्के शिलालेख मानचित्र ऐतिहासिक इमारतों से जानकारी इकट्ठा करना चाहेंगे
ReplyDeleteपुराने धर्म ग्रंथों को संग्रहित करने से ।
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम किसी अच्छे अच्छे लेखक की किताब से जानकारी लेंगे।
Deleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम किसी अच्छे अच्छे लेखक की किताब से जानकारी लेंगे।
ReplyDeleteBacho ki shikshan vidhi me History important hai.
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए अच्छे-अच्छे लेखकों की पुस्तकों एवं उस समय के समाचार पत्रों, पुरातत्व,साहित्यिक,शिलालेख,स्टाम्प,
ReplyDeleteसिक्के, स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े अखबार, द स्टेटस मेन, टाइम्स ऑफ इंडिया,साहित्य, कार्टून, ऐतेहासिक इमारत, सीक्रेट रेडियो, इन तथ्यों को एकत्रित कर विश्लेषण करने से उस अवधि की समग्र समझ विकसित कर सकते हैं l
इतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए अच्छे-अच्छे लेखकों की पुस्तकों एवं उस समय के समाचार पत्रों, पुरातत्व,साहित्यिक,शिलालेख,स्टाम्प,
ReplyDeleteसिक्के, स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े अखबार, द स्टेटस मेन, टाइम्स ऑफ इंडिया,साहित्य, कार्टून, ऐतेहासिक इमारत, सीक्रेट रेडियो, इन तथ्यों को एकत्रित कर विश्लेषण करने से उस अवधि की समग्र समझ विकसित कर सकते हैं l
इतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिये हम बच्चों को पुरातात्विक स्थलों का भ्रमण कराएंगे।इसके तहत बच्चे विविन्न प्रकार के इमारतों, किलों, खंडहरों, आदि का निरीक्षण कर अपना ऐतिहासिक दृष्टि से अपना समझ विकसित कर सकते हैं।
ReplyDeleteइसके अतिरिक्त बच्चों को संग्रहालय ले जा कर ऐतिहासिक धरोहरों को दिखा कर ऐतिहासिक समझ विकसित कर सकते हैं। ऐतिहासिक अवधि के संदर्भ में बच्चों में समझ विकसित करने के लिये ओर भी कई साधनो को हम इकट्ठा कर सकते हैं जैसे पुराना अखबार, पत्रिकायें, उस समय के लेखकों, कवियों द्वारा लिखे गए क़िताबों आदि।
इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए उस समय के समाचार पत्र साहित्य, शिलालेख, सिक्के का सहारा ले सकते हैं.
ReplyDeleteItihas me kisu vishesh awahi ki samajh viksit karne ke liye ham us samay ke sikke,samachar patra,satams,sahitya etc ki madad le sakte hain.
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए उस अवधि के सिक्के, समाचार पत्र, शिलालेख,कार्टुन, इतिहासकारों की किताबें, स्टाम्प आदि को एकित्र किया जा सकता है।
ReplyDeleteItihas me kisi vishes awadhi ki samagra samajh viksit karne ke liye hum oos samay me bane vishes bhawano kaa pata lagakar chhatro ko oonke pass le jayenge aur oonhe oon bhawano ki vishestaao ko samajhkar project banwayenge jisse chhatra vishes roop se labhanwit honge. Oos samay ki sahitya aur kitaben v labhkari sabit honge.
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि के समझ विकसित करने में तत्कालिक साहित्य, सिक्के तथा शिलालेख महत्वपूर्ण स्रोत होते हैं।
ReplyDeleteSubject-science,Lesson बीजों का अंकुरण - मटर के बीज लगाना, कितनों दिनों में बीज से पौधे निकलना बड़ा होना जैसे पत्तियाँ निकलना फुल फल कितने दिनों में पूरा होना।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हमें उस अवधि के सिक्के सामाचार - पत्र, शिलालेख , इतिहासकारों की किताबें आदि को एकत्र कर जा सकता है,।
ReplyDeleteSubject science lesson बीजों का अंकुरण - कितने दिनों में अंकुरित हुआ , कितने दिनों में पौधा हुआ , कितने दिनों में बड़ा हुआ फुल फल हुआ।
ReplyDeleteइतिहास विषय मे किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए उस समय के समाचार पत्र,सिक्के,शिलालेख,स्तम्भलेख तथा प्रमुख इतिहासकारों की पुस्तकों का अध्ययन करना श्रेयस्कर होगा।
ReplyDeleteइतिहास विषय में समझ विकसित करने के लिए उस अवधि के ऐतिहासिक घटनाक्रम का अध्यययन करेंगें। ऐतिहासिक घटना स्थलों का अवलोकन करने का प्रयास करेंगें।
ReplyDelete।
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ReplyDeleteप्राचीन ईमारत स्टंप सिक्के शिलालेख आदि इकट्ठा करके
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उस समय की अच्छे-अच्छे लेखकों की पुस्तकें, समाचारपत्रों, साहित्य विधाओं, कला, पुरातात्विक साहित्य, शिलालेखों, सिक्के, प्राचीन इमारतों आदि का समग्र अध्ययन करेंगे एवं प्रमुख श्रोताओं को इकट्ठा करेंगे|
ReplyDeleteMD MERAZ AHMAD
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए पुरातत्व, साहित्यिक शिलालेख इत्यादि का सहारा लेंगे|
इतिहास पढ़ाने के कई स्रोत हैं किसी विशेष अवधि समग्र समझ विकसित करने के लिए पुस्तको, साहित्यिक शिलालेख, पुरातत्व, पुराने सिक्के एव समाचार पत्र, ऐतिहासिक इमारते, स्टाम्प, कार्टून इत्यादि को इकट्ठा कर सकते है।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने में पुरातात्त्विक स्रोत शिलालेख तथा साहित्यिक स्रोत का सहारा लेते हैं
ReplyDeleteइतिहास का विषय को समझ विकसित करने के लिए, इतिहासकारों के द्वारा लिखें पुस्तकों, साहित्य, आदि का सहायता लिया जा सकता हैं।
ReplyDeleteइतिहास तथ्यों पर आधारित है ।इसके समझ विकसित करने के लिए हमें पुरातात्विक स्रोत जैसे प्राचीन काल में उपयोग होने वाले सिक्के,कुछ एतिहासिक इमारत,अखबार,स्टाम्प इत्यादि का सहारा लिया जा सकता है ।
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम किसी अच्छे लेखक की किताब,पुरातात्त्विक स्रोत शिलालेख तथा साहित्यिक स्रोत का सहारा ले सकते हैं।
ReplyDeleteI will visit various places with students like old monuments, architectures, heritages, old paintings, scluptures, scripts, carvings, and other old art forms depicted or used to happen in history
ReplyDeleteI will visit various places with students like old monuments, architectures, heritages, old paintings, scluptures, scripts, carvings, and other old art forms depicted or used to happen in history.
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हम किसी अच्छे लेखक की किताब प्राकृतिक स्त्रोत शिलालेख तथा साहित्य के स्त्रोत का सहारा ले सकता है।
ReplyDeleteविकास कुमार
प्राथमिक विद्यालय सीताकाटा,करमाटांड़
जामताडा़
इतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए मैं उस अवधि में उपयोग हुए सिक्कों,बने हुए इमारतों,लिखे गए लेख या उस अवधि में प्रसिद्ध हुए लोगों के बारे में जानकारी इकट्ठा करूंगी और बच्चों को यह जानकारियां देकर उन्हें उस अवधि से परिचित कराने की कोशिश करूंगी ।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उस अवधि का पुरातात्विक स्रोत और साहित्यिक स्रोतों को इकट्ठा करना चाहेंगे। पुरातात्विक स्रोत में उस समय के सिक्के खंडहर अवशेष धार्मिक स्थल और साहित्यिक स्रोत में उस समय के पुस्तक ,राजनीतिक दस्तावेज, धार्मिक ग्रंथ, प्रशासनिक व्यवस्था पर लिखी गई प्रशासनिक दस्तावेज अखबार विदेशी यात्रियों द्वारा लिखा गया विवरण राजा के बारे में कवि द्वारा लिखा गया कविता और उस समय के राजा के बारे में लिखा गया वर्णन और बातें
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उस अवधि का पुरातात्विक स्रोत और साहित्यिक स्रोतों को इकट्ठा करना चाहेंगे। पुरातात्विक स्रोत में उस समय के सिक्के खंडहर अवशेष धार्मिक स्थल और साहित्यिक स्रोत में उस समय के पुस्तक ,राजनीतिक दस्तावेज, धार्मिक ग्रंथ, प्रशासनिक व्यवस्था पर लिखी गई प्रशासनिक दस्तावेज अखबार विदेशी यात्रियों द्वारा लिखा गया विवरण राजा के बारे में कवि द्वारा लिखा गया कविता और उस समय के राजा के बारे में लिखा गया वर्णन और बातें
ReplyDeleteइतिहास तथ्यों पर आधारित है। इसलिए कुछ निश्चित अवधि को समझने के लिए या इसके समझ विकसित करने के लिए हमें प्राथमिक लिखित स्रोतों के कुछ उदाहरण समकालीन पत्र, प्रत्यक्षदर्शी खाते,आधिकारिक दस्तावेज, राजनीतिक घोषणाएं और फरमान,प्रशासनिक ग्रंथ,एपिग्राफी (पत्थर, धातु, लकड़ी, मिट्टी की गोलियाँ, या मोम और इतिहास जैसी विभिन्न सतहों पर उत्कीर्ण शिलालेखों का अध्ययन)अध्ययन करना होगा।
ReplyDeleteExprenec is the best teacher for everyone if the childrens learn from their family socity getting some knowledge and note dawn they feel after that express in the classroom best way to learning
ReplyDeleteItihaas ke kisi khaas awdhi ki smgr smj viksit krne ke liye hmen os smy ke sahitya , sikke , patr, murtiyan, maanchitra, aabhusan, sangeet, natak bhasa, lipi , imarten , vwsay, aadi ka adyayan krne hetu Google me ar news paper, redio , musium aadi se jankari le sakte hai.
ReplyDeletePRAKASH MUNDU
Ms ROWAULI Bandgaon
West singhbhum
Itihas men kisi vishesh awdhi ke samgra adhyyan ke lite stamp kartoon ticket akhbar radio pustak abhilekh etc ke madhyam she jankari prapt kar sakte hain
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए अच्छे-अच्छे लेखकों की पुस्तकों एवं उस समय के समाचार पत्रों, पुरातत्व, साहित्यिक, शिलालेख इत्यादि का सहयोग लेकर समझ को विकसित करने के लिए अध्ययन करेंगे ।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समाज विकसित करने के लिए हम पुरातात्विक रोड शिलालेख तथा साहित्य स्रोत का सहारा लेंगे एवं उस समय के सिक्के और इमारतों का सहयोग लेंगे।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने में पुरातात्विक स्रोत शिलालेख तथा साहित्यिक स्रोत का सहारा लेते है
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ के लिए हम ऐतिहासिक इमारतों उस समय प्रयोग होने वाले सिक्के,मंदिर एवं सार्वजनिक स्थल के शिलालेख एवं उस कालावधी के साहित्य तथा अन्य पुरातात्विक अवशेषों का सहारा लेंगे।
ReplyDeleteHistory ki ki kisi vishesh awadhi ki samagra samajh ke li ham us samay ke shilalekh,purane sikke avam us samay main likhe gaye sahitya ki madad lenge.
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने में पुरातात्विक स्रोत शिलालेख तथा साहित्यिक स्रोत का सहारा लेते हैं।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने में पुरातात्विक स्रोत शिलालेख तथा साहित्यिक स्रोत का सहारा लेते हैं।
ReplyDeleteइतिहास की समझ विकसित करने के लिए सिक्के,शीला लेख,पुरानी इमारतें, साहित्यिक स्रोत-जैसे स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी,नाटक, फिल्में एवं पुरातत्विक स्त्रोत इकट्ठा करके बच्चों में इतिहास की समझ विकसित किया जा सकता है।
ReplyDeleteइतिहास किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए पुरातात्विक शिलालेख ऐतिहासिक इमारत का सहारा लेंगें।
ReplyDeleteItihas ki kisi visesh avdhi ki jankariyan lene hetu hum kisi acche itihaskar ki book ka Sahara lenge .
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उससे संबंधित पेपर कटिंग कार्टून पुरातत्व विभाग शिलालेख सिक्के स्टांप के मदद लेंगे शैक्षणिक भ्रमण के दौरान उससे संबंधित ऐतिहासिक धरोहरों को देखेंगे इससे संबंधित साहित्य तत्कालीन गीत फिल्म के जरिए भी सीखने का मौका मिलेगा इंटरनेट से संबंधित प्रिंट निकाल कर छात्रों को दिखाएंगे कंप्यूटर की मदद लेंगे।
ReplyDeletePrabir Kumar Shaw
High School Karaikela
West Singhbhum
विद्यालय में प्रति एक वर्ष बच्चों में समझ विकसित,तथ्यों की जानकारी के लिए एथिहासिक जगहों को दिखाकर रुचिकर बना सकते हैं ।
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की व्यापक जानकारी के लिये उस क्षेत्र की बनस्पति, वहां के पहाड़-जनगल,शिलालेख, नदियों की अवस्था, विशेष जगहों की खुदाई तथा उस क्षेत्र में मिले सिक्के-वरतनो आदि का बयापक अध्ययन करने का भरपूर प्रयास करेंगे।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम प्राचीन सिक्के,अखबार,कुछ घरों में उपलब्ध प्राचीन माप-तौल सामग्री, कुछ प्रसिद्ध हस्तियों,राजा महाराजाओं की जीवनी आदि एकत्र कर उनका कक्षा में प्रदर्शन कर सकते हैं ।
ReplyDeleteबैद्यनाथ हांसदा,स०शि०,
प्रा०वि०बाराटाँड़,दुमका ।
इतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए पुरातत्व, साहित्यिक, शिला लेख इत्यादि का सहारा लेगें एवं अध्ययन करेंगे|
ReplyDeleteइतिहास में विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हमें प्राचीन सिक्के, साहित्य, शिलालेख, पुरानी चीजें इत्यादि के माध्यम से हम बीती हुई समय की समझ विकसित कर सकते है।
ReplyDeleteइतिहास में विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हमें प्राचीन सिक्के, साहित्य, शिलालेख, पुरानी चीजें इत्यादि के माध्यम से हम बीती हुई समय की समझ विकसित कर सकते है।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने में पुरातात्विक स्रोत शिलालेख तथा साहित्यिक स्रोत का सहारा लेते हैं।
ReplyDeleteकिसी विशेष कालखण्ड के इतिहास को जानने के लिए उस समय से सम्बंधित साहित्य,समाचार पत्र, कविता,कहानी,नाटक,गीत,सिक्के,ईमारत,स्मारक,शिलालेख,पाण्डुलिपि,भोजपत्र तथा रेडियो प्रसारण फाइल एवम तत्सम्बन्धी विदेशी यात्रियों का यात्रा वृतांत बहुत ही कारगर होंगे। Purushottam Kumar Teacher UMS SANKI,Patratu,Ramgarh.
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए पुरातत्व साहित्य,शिलालेखों का सहारा लेगे।
ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम किसी अच्छे अच्छे लेखक की किताब से जानकारी लेंगे।
ReplyDeleteइतिहास की बिसेष अवधि की समझ विकसीत करने के लिए साहित्य शिलालेख,सिक्के,नाटक,समाचार पत्र का सहारा लेंगे।
ReplyDeleteItihas kee kisi vishesh avadhi kee jankari ke liye shilalekh aitihasik grantho, sikkon ityadi kee sahara lenge.
ReplyDeleteItihas kee kisi vishesh avadhi kee jankari ke liye shilalekh, aitihasik grantho, sikkon ityadi kee sahara lenge.
ReplyDeleteऐतिहासिक काल अवधि के संदर्भ में समझ विकसित करने के लिए ऐसे तो कई स्रोत विद्यमान हैं जिन्हें हम इकट्ठा करके स्वयं एवं अपने विद्यार्थियों को ऐतिहासिक जानकारी प्रदान कर सकते है।इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हम ऐतिहासिक शहरों का दौरा करवा सकते हैं ,बच्चों को उस समय के समाचार पत्र ,पुस्तक ,चित्र इत्यादि से जानकारी इकट्ठा करके गूगल से सर्च करके बता सकते हैं।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए पुरातत्व, साहित्यिक शिलालेख इत्यादि का सहारा लेंगे एवं समझ विकसित करने के लिए अध्ययन करेंगे।
ReplyDeletekisi vishesh avdhi ke itihas ki jankari hame achche lekhko ki pustak se mil sakti hai. us samay ke sahitya, akhwar , shilalekh ki madad se bhi jankari ikakthi ki ja sakti hai.
ReplyDeleteइतिहास अतीत की व्याख्या करने का एक अति महत्वपूर्ण विषय है। यह अपने समय में वास्तविक,अर्थपूर्ण एवं तथ्यपूर्ण होता है।इसमें भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, आर्थिक आदि प्रकार की व्यवस्था समाहित और प्रतिबिंबित होते हैं।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए स्रोतों के रूप में स्टांप-टिकट,सिक्के,तत्कालीन अखबार,मैगज़ीन,नाटक,कार्टून,जीवनी,पर्यटककथा,साहित्य,
शिलालेख,आदि प्रकार को इकट्ठा करना चाहेंगे।
उदाहरण के तौर पर मैं बच्चों के लिए इतिहास के आखिरी सीमा पर की एक रोचक स्रोत इकट्ठा करना चाहूँगा जो निम्नांकित हैं:-
20वीं सदी के अर्ध तक हमारे देश में प्रचलित मुद्राओं को इकट्ठा कर उनके बारे में समझ विकसित करने का प्रयास करेंगे तथा बच्चों के समक्ष प्रदर्शित कर विभिन्न संदर्भों पर व्याख्या करेंगे एवं उन्हें रुचि के साथ वास्तविक स्थिति से तुलना कर अधिगम कराने में मदद करेंगे।1950 के पहले तक हमारे देश में प्रचलित चाँदी तथा तांबा के सिक्कों को संग्रह कर दिखाएंगे तथा उन्हें अवगत करएंगे कि--
तब 1₹=16 आने माना जाता था(तब का मानक)।
1आना=4 पैसे होते थे।
इसलिए,1₹=64 पैसे होते थे।
जबकि वर्तमान में 1₹=100 पैसे माना जाता है(अब का मानक)।
20 वीं सदी के सात के दशक तक यहाँ प्रचलित मुद्रायें जैसे 1पैसे,2पैसे,3पैसे,5पैसे,10पैसे,20पैसे,25पैसे,50पैसे तथा 1₹ के सिक्कों को संग्रह कर दिखाएंगे।उन्हें इस बात से भी अवगत कराएंगे कि आधा रुपया को वर्तमान में जब तक 50 पैसे का सिक्का चलता था, लोगों में यह प्रचलित था अठन्नी/अठ आने शब्द। ठीक उसी तरह 25 पैसे को चवन्नी भी कहा जाता था। इस तरह से बच्चों को तब का और अब का आर्थिक अवस्था के वास्तविक स्थिति से चिंतन मनन कराएंगे(मुद्रा स्थिति,स्फिति)।
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ReplyDeleteइतिहास की किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए सिक्के, साहित्य, इमारतें एवं शिलालेख के अध्धयन का सहारा लेंगे।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए पुस्तकों, पुरातत्व साहित्यिक शिलालेख, पुराने सिक्के, ऐतिहासिक इमारतें, समाचार पत्र, कार्टून आदि स्रोतों से इकट्ठा करना चाहेंगे।
ReplyDeleteJeetendra Ramani, Ums Bara Pachgarh Borio ,Sahibganj, Jharkhand
इतिहास में किसी विशेष अवधि की समझ विकसित करने के लिए हमें प्राचीन सिक्कों, साहित्य, ऐतिहासिक इमारत, शिलालेख एवं समाचार पत्र इत्यादि का सहारा लेंगे ।
ReplyDeleteकिसी विशेष अवधि के समग्र समझ विकसित करने के लिए हम उस समय के सिक्के, अखबारों, शिलालेखों, ऐतिहासिक इमारतों के चित्रों, साहित्य, मैगजीन आदि स्रोतों को इकट्ठा करेंगे तथा उसका विश्लेषण करेंगे।
ReplyDeleteइतिहास में अगर किसी विशेष अवधि की समझ को विकसित करना हो तो हमें प्राचीन सिक्कों,साहित्यों,शिलालेखों,पुरानी चीजें इत्यादि के साथ साथ वर्तमान में Digital Archive में लगभग सभी प्रकार के सामग्री और साक्ष्य उपलब्ध और संरक्षित हैं जिसकी सहायता से अपनी जिज्ञासा को शांत कर सकते हैं और दूसरों तक भी ये सारी जानकारियों को पहुँचा सकते हैं ।
ReplyDeleteइतिहास मे किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम पुरानी पुस्तके, अखबारो, साहित्यो, शिलालेखो इत्यादि का सहारा ले सकते है।इसके अलावा शैक्षिक भ्रमण और इण्टरनेट भी अच्छा विकल्प है ।
ReplyDeleteइतिहास में किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिये हम लेखक के द्वारा लिखी पुस्तको,अखबारों सहित्यों,सिलालेखों इत्यादि का सहारा ले सकते है।इसके अलावा शैक्षीक भ्रमण और इंटरनेट भी अच्छा विकल्प है।
ReplyDeleteकिसी विशेष समय के इतिहास को समझने के लिए सिक्कों पुराने पुस्तकों शिलालेखों औजार साहित्य कार्टून अखबार उस समय के निवास स्थान रहन-सहन खान-पान राजा महाराजाओं महापुरुषों आदि की जीवन-शैली साहित्य के माध्यम से जायेगें तथा आज के समय में शैक्षणिक भ्रमण और इण्टरनेट के माध्यम से भी जाना जा सकता है ।
ReplyDeleteइतिहास मेंं किसी विशेष अवधि की समग्र जानकारी का विकसित करना है तो हमें समाचार पत्रों, पुरानी इमारतों, साहित्यों, शिलालेखों तथा शैक्षिक भ्रमण कर इतिहास के समग्र समझ को विकसित किया जा सकता हैं।
ReplyDeleteइतिहास के किसी विशेष अवधि की समग्र समझ विकसित करने के लिए हम इतिहास काल के सिक्के,इमारतों,शिलालेखों के अध्ययन का सहारा लेंगे|
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