विभिन्न दस्तावेजों और नीतियों ने बहुभाषिकता के महत्व पर प्रकाश डाला है। एक शिक्षक के रूप में बहुभाषिकता के संबंध में आपके विचार क्या हैं। क्या हम इसे एक संसाधन और एक रणनीति के रूप में उपयोग कर सकते हैं?
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Bahubhasa ka prayog kar bachho ko aur achay dhang say visay vastu aatmsat karaya ja Santa hai.
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। इससे बच्चे को सीखने में आसानी होती है। क्यूँकि हर बच्चे स्कूल की भाषा जानता हो जरूरी नही है। उसे धीरे धीरे स्कूल की भाषा सीखाने की कोशिश करनी चाहिए।
ReplyDeletebahubhasya ka prayog se bache aasani se sikh skte hai
ReplyDeleteबहुभाषावाद छात्रों को दूसरी भाषा सीखने में मदद कर सकता है। प्राथमिक चरण में हमें मातृभाषा का उपयोग करना चाहिए ताकि छात्र विभिन्न गतिविधियों में भाग ले सकें और आसानी से स्कूल की भाषा सीख सकें।
ReplyDeleteबहुभाषावाद छात्रों को दूसरी भाषा सीखने में मदद कर सकता है। प्राथमिक चरण में हमें मातृभाषा का उपयोग करना चाहिए ताकि छात्र विभिन्न गतिविधियों में भाग ले सकें और आसानी से स्कूल की भाषा सीख सकें।
ReplyDeleteबहुभाषावाद से छात्रों को उनके भविष्य के लिए तैयार किया सकता हैं
ReplyDeleteBahubhashi shikshan se bacchon ke sampoorn Vikas me kafi help milta hai.Hamare desh ke sandarbh me yeh bahut upyogi hoga.
ReplyDeleteBahubhasha students ke liye madadgaar hoga.
ReplyDeleteहमारा देश विविधताओं से भरा है। जिसमे कई प्रकार कि भाषाऐ बोली जाती है। सबकी अपनी अपनी भाषा है। जो विद्यालय की भाषा से अलग होती है। इसलिए विद्यालय मे बहुभाषिकता को एक संसाधन और रणनीति के रूप मे उपयोग कर सकते हैं। बहुभाषिकता से छात्रो को अपनी भाषा मे अपनी बात बोलने का अवसर मिलता है जिससे वह विद्यालय मे सहज होकर सीखने सिखाने के गतिविधियो को प्रसन्नता से करता है। धीरे धीरे वह विद्यालय की भाषा सीख जाता है।
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। बच्चे की मातृभाषा और विद्यालय में पढाये जनि वाली भाषा में समन्वय स्थापित कर बच्चे को दूसरी भाषा सिखाने का वातावरण तैयार करना चाहिए ताकि बच्चे को दूसरी भाषा सिखने में आसानी हो तथा वे उसे आसानी से सिख सके.
ReplyDeleteविद्यालय में बहुभाषिक वातावरण बच्चों के सुनकर सीखने की क्षमता को संवर्धित करता है. विभिन्न प्रकार के शब्दों को सुनना, उनकी समानताएं एवं असमानताएं समझना बौद्धिक संपदा को उर्वर बनाता है.
ReplyDeleteविद्यालय में बहुभाषा हमे स्वीकार करने से बच्चों से जुड़ाव होता है।खास कर ग्रामीण क्षेत्रों में कमसे कम दो तीन भाषा देखने को मिलता है।प्राथमिक कक्षा में बच्चों की भाषा मे शिक्षण से बच्चों को विद्यालय से भी जुड़ाव होता है।सीखने और सिखाने में बहुभाषा का बहुत महत्व है।
Deleteबहुभाषिता का प्रयोग कर हम कक्षा में ससमय बच्चों के मस्तिष्क की अनेक खिड़कियों को खोलने का कार्य अनजाने में कर रहे होते हैं । इसका लाभ भविष्य में उसे अवश्य ही मिलेगा १००% एकदम समझ लिजिए ।
ReplyDeleteBhubhasa chhatro ko dusribhasha sikhne me mmd krtah. sbse phle hme matri bhasha ka pryog krna chahiy taki chhat vibhinn Gatibidhi me bhag le ske our aasani se school ki bhasa sikh ske .
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा मे करना चाहिए। इससे बच्चों को सिखने मे आसानी होती है। विद्यालय मे बहुभाषिक वातावरण बच्चों को सुनकर सिखने की क्षमता को सवंधित करता है।
ReplyDeleteविद्यालय में भिन्न भिन्न भाषा के बोलने वाले बच्चे हो सकते/आते हैं।उनको उन्हीं की भाषा में बोलने देने की खुली छूट देने से बच्चों को विद्यालय का वातवरण घर के जैसा लगता है।वे बिना किसी संकोच के अपनी बातों को रखते हैं।धीरे धीरे उन्हें विद्यालय की भाषा की सीखाने का प्रयास करना चाहिए।
ReplyDeleteबहुभाषावाद छात्रों को दूसरी भाषा सीखने में मदद कर सकता है। प्राथमिक चरण में हमें मातृभाषा का उपयोग करना चाहिए ताकि छात्र विभिन्न गतिविधियों में भाग ले सकें और आसानी से स्कूल की भाषा सीख सकें
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। बच्चे की मातृभाषा और विद्यालय में पढाये जनि वाली भाषा में समन्वय स्थापित कर बच्चे को दूसरी भाषा सिखाने का वातावरण तैयार करना चाहिए ताकि बच्चे को दूसरी भाषा सिखने में आसानी हो तथा वे उसे आसानी से सिख सके.
ReplyDeleteReply
भारत एक बहुभाषिकता देश है यहां विभिन्न प्रकार की भाषाएं बोली जाती है बच्चे जब स्कूल आते हैं वह अपने साथ एक भाषाई पूंजी लेकर आते हैं बहुभाषिकता कक्षा का एक महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह बच्चों को अपनी भाषा में बात कहने की स्वतंत्रता होती है जिस कारण से बच्चा दूसरे भाषाओं को सुनकर सीखने की क्षमता का संवर्धित करते हैं और उन्हें कक्षा एवं विद्यालय में असहजता महसूस नहीं हो पाती है
ReplyDeleteहम बहुभाषिता को एक संसाधन और एक रणनीति के रूप में अवश्य उपयोग कर सकते हैं। भारत एक विविधता में एकता के सिद्धांत को मैंने वाला देश है। यहाँ अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग भाषायी बोली जाती है। बहुत सरे ऐसे भी स्थान हैं जहाँ एक साथ कई सारे भाषाओँ का प्रचलन है और लोग सहजता से कई भाषाएँ बोलते हैं। अलग अलग परिवेशों से बच्चे जब स्कूल आते हैं वह अपने साथ एक भाषाई पूंजी लेकर आते हैं बहुभाषिकता कक्षा का एक महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह बच्चों को अपनी भाषा में बात कहने की स्वतंत्रता होती है जिस कारण से बच्चा दूसरे भाषाओं को सुनकर सीखने की क्षमता का संवर्धित करते हैं और उन्हें कक्षा एवं विद्यालय में असहजता महसूस नहीं हो पाती है। इन बातों को शिक्षाविदों ने भी खोज एवं अध्ययन में सही पाया है जिस कारन आज बहुभाषिता को प्रारंभिक स्तर से ही एक संसाधन , एक रणनीति के तौर पर उपयोग किया जाने लगा है इसके महत्व को दे नहीं आँका जा सकता है।
ReplyDeleteभारत में विभिन्न प्रकार के भाषा बोली जाती है। अतः जब बच्चे स्कूल आते हैं तो वह भाषाई पूंजी लेकर आते है जिसके कारण बच्चे कक्षा में सुनकर दूसरे भाषा को सीखने की क्षमता संवर्धित करते हैं।
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ReplyDeleteहमारा देश विविधताओं से भरा है। जिसमे कई प्रकार कि भाषाऐ बोली जाती है। सबकी अपनी अपनी भाषा है। जो विद्यालय की भाषा से अलग होती है। इसलिए विद्यालय मे बहुभाषिकता को एक संसाधन और रणनीति के रूप मे उपयोग कर सकते हैं। बहुभाषिकता से छात्रो को अपनी भाषा मे अपनी बात बोलने का अवसर मिलता है जिससे वह विद्यालय मे सहज होकर सीखने सिखाने के गतिविधियो को प्रसन्नता से करता है। धीरे धीरे वह विद्यालय की भाषा सीख जाता है।
bahubhasikta ka use hume vidhalay aur varg me karna chahiye isse bachcho ko sikhne sur teachers ko sikhane me anand ayega.
ReplyDeleteभारत में विभिन्न प्रकार के भाषा बोली जाती है। अतः जब बच्चे स्कूल आते हैं तो वह भाषाई पूंजी लेकर आते हैं। जिसके कारण बच्चे कक्षा में सुनकर दूसरी भाषा को सीखने की क्षमता संवर्धित करते हैं।
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। इससे बच्चे को सीखने में आसानी होती है। क्यूँकि हर बच्चे स्कूल की भाषा जानता हो जरूरी नही है। उसे धीरे धीरे स्कूल की भाषा सीखाने की कोशिश करनी चाहिए। Nand Gopal Tiwari chatra
ReplyDeleteबहुभाषिकता शिक्षण कार्य में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है । बहुभाषिकता से छात्र अपने मातृभाषा का संबंध/ तुलना दूसरी भाषा अर्थात् विद्यालय की भाषा से करता है और वह चीजों को समझता है और दूसरी भाषा भी सीखता है ।
ReplyDeleteप्रशान्त कुमार दत्त
शिक्षक, रा0म0वि0 , गढ़गाँव (ईटकी) राँची झारखण्ड
Our country is a multi religious and multi languaged country which helps us as well as the new generation to know about different languages and as well as many foreign languages such as English, so the topic BAHUBHASI SIKCHAN is very important and helpful too....
ReplyDeleteGOUTAM SAHA HAZARIBAG
हमारे देश में अनेक प्रकार की भाषाएं बोली जाती है हर एक प्रांत की अलग-अलग भाषाएं होती है जिसमें हर एक क्षेत्र की मातृभाषा अपनी होती है बहुभाषिकता का प्रयोग विद्यालय में बच्चों को सीखने की सुविधा के लिए करनी चाहिए
ReplyDeleteबहुभाषाबाद छात्रों को दूसरी भाषा सीखने में मदद कर सकता है। प्राथमिक चरण में हमें मातृभाषा का उपयोग करना चाहिए। ताकि छात्र विभिन्न गतिविधियों में भाग ले सके और आसानी से स्कूल की भाषा सीख सकें।
ReplyDeleteजब बच्चे विद्यालय आते है तो वह अपने साथ भाषाई पूँजी लेकर आते हैं। बहुभाषिकता कक्षा का एक महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह बच्चों को अपनी भाषा में बात कहने की सवतंत्रता होती है जिस कारण से बच्चे दूसरे भाषाओं को सुनकर सीखने की क्षमता का संवधित करते हैं और उन्हें कक्षा एवं विद्यालय में असहजता महसूस नहीं हो पाती है।
ReplyDeleteBahubhashwad chhatraon ko dusari bhasha sikhane main madad karta hai. Prathimik charan main hamain matribhasha ka uoopyog karna chahiye. Taki chhatraon vibhinna gatividhiyon main bhag le sake aur aasani se school ki bhasha sikh sake.
ReplyDeleteहमारा देश भारत एक बहुभाषिकता वाला देश है यहां विभिन्न प्रकार की भाषाएं बोली जाती है बच्चे जब स्कूल आते हैं तो वह अपने साथ कई भाषाओं की पूंजी लेकर आते हैं|बहुभाषिकता कक्षा का एक महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह बच्चों को अपनी भाषा में बात करने का स्वतंत्रता होती है जिस कारण से बच्चा दूसरे भाषाओं को सुनकर सीखते हैं और उन्हें कक्षा तथा विद्यालय में असहजता महसूस नहीं होती है बच्चे सहज होकर सीखने सिखाने की गतिविधियों को बिना घबराए प्रसंता पूर्वक विद्यालय में बोली जाने वाली सभी भाषाओं को सीखते हैं|
ReplyDeleteपूरा देश और संसार सिमट रही है इसलिए कई भाषाओं से सामना होता रहता है इसलिए बहुभाषिकता आज की आवश्यकता है। शिक्षक को बहुभाषिकता को एक संसाधन के रूप में प्रयोग करना ही चाहिए। कि हमारी कक्षाओं में भी बहुभाषिक बच्चे शामिल होते हैं इसलिए सभी बच्चों को सम्मान भी मिलेगा और शिक्षक रणनीति के तहत इसे प्रयोग करते हुए प्रत्येक बच्चे की अधिगम स्तर को बढ़ाने के लिए प्रयास कर सकते हैं।
ReplyDeleteBache jaise dekhte hain, jaise sunte hai n, jahan rahate hain jis mauhal me rahate hain usko asani se ausatan kar lete hain,bhasha me dhani vahi hota hai jo jyada bhasha janta hai atah kaksha me bahubhashikta ka prayog bachon ke liye bahut hitkari hota hai
ReplyDeleteहां,बहुभाषिकता द्वारा अपने विचारों का आदान-प्रदान आसानी पूर्वक किया जा सकता है अतः इसे एक संसाधन और एक रणनीति के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
ReplyDeleteबहुभाषिकता शिक्षक का एक महत्वपूर्ण संसाधन है| शिक्षक इसका इस्तेमाल अपने कक्षा संचालन को बेहतर बनाने के लिए कर सकता है भारत एक बहुभाषी राष्ट्र है| प्राथमिक कक्षाओं में अक्सर बच्चों की शिक्षा मात्री भाषा में दी जाती है अतः एक शिक्षक को बहुभाषी होने का बहुत फायदा अपने वर्ग संचालन में मिल सकता है
ReplyDeleteविद्यालय में बहुभाषिक वातावरण बच्चों के सुनकर सीखने की क्षमता को संवर्धित करता है. विभिन्न प्रकार के शब्दों को सुनना, उनकी समानताएं एवं असमानताएं समझना बौद्धिक संपदा को उर्वर बनाता है.
ReplyDeleteविद्यालय मे बहुभाषिकता को एक संसाधन और रणनीति के रूप मे उपयोग कर सकते हैं। बहुभाषिकता से छात्रो को अपनी भाषा मे अपनी बात बोलने एवं विचारों को रखने का अवसर मिलता है जिससे वह विद्यालय मे सहज होकर सीखने सिखाने के गतिविधियो को प्रसन्नता से करता है।
ReplyDeleteबहू भाषा का उपयोग कक्षा में करना चाहिए | इससे बच्चों को सीखने में आसानी होती है|उनको उन्हीं की भाषा में बोलने की छूट देने से बच्चों को विद्यालय का वातावरण घर के जैसा लगता है |धीरे-धीरे वह विद्यालय की भाषा को भी सीख लेते हैं|
ReplyDeleteसीखना तो सारी उम्र चलती ही रहती है, और भाषाओं को जानना या सीखना हो तो फिर क्या कहने , जितनी तरह की जानें उतना ही आनंद। बच्चों को तो सदा से ही बहुभषिय होने को प्रोत्साहित करने चाहिए।
ReplyDeleteकक्षा में बच्चों को सिखाने के लिए विभिन्न भाषाओं का उपयोग करना चाहिए।बच्चों में अनेक तरह के भाषाओं का ज्ञान होता है जिसमें मात्रिभाषा सबसे महत्वपूर्ण है। बच्चों में मातृभाषा के अनुसार उसमें उपयोग एवं अनुप्रयोग भाषाओं का इस्तेमाल करने के लिए सिखाना चाहिए
ReplyDeleteकक्षा में बच्चों को सिखाने के लिए विभिन्न भाषाओं का उपयोग करना चाहिए।बच्चों में अनेक तरह के भाषाओं का ज्ञान होता है जिसमें मात्रिभाषा सबसे महत्वपूर्ण है। बच्चों में मातृभाषा के अनुसार उसमें उपयोग एवं अनुप्रयोग भाषाओं का इस्तेमाल करने के लिए सिखाना चाहिए !
ReplyDeleteकक्षा में बच्चों को सिखाने के लिए विभिन्न भाषाओं का उपयोग करना चाहिए।बच्चों में अनेक तरह के भाषाओं का ज्ञान होता है जिसमें मात्रिभाषा सबसे महत्वपूर्ण है। बच्चों में मातृभाषा के अनुसार उसमें उपयोग एवं अनुप्रयोग भाषाओं का इस्तेमाल करने के लिए सिखाना चाहिए
ReplyDeleteभारत में विभिन्न प्रकार के भाषा बोली जाती है। अतः जब बच्चे स्कूल आते हैं तो वह भाषाई पूंजी लेकर आते हैं। जिसके कारण बच्चे कक्षा में सुनकर दूसरी भाषा को सीखने की क्षमता संवर्धित करते हैं।
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। बच्चे की मातृभाषा और विद्यालय में पढाये जनि वाली भाषा में समन्वय स्थापित कर बच्चे को दूसरी भाषा सिखाने का वातावरण तैयार करना चाहिए ताकि बच्चे को दूसरी भाषा सिखने में आसानी हो तथा वे उसे आसानी से सिख
ReplyDeleteहम बहुभाषिता को एक संसाधन और एक रणनीति के रूप में अवश्य उपयोग कर सकते हैं। भारत एक विविधता में एकता के सिद्धांत को मानने वाला देश है। यहां अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं। बहुत सारे ऐसे भी स्थान है जहां एक साथ कई सारी भाषाओं का प्रचलन है और लोग सहजता से कई भाषाएं बोलते हैं।अलग-अलग प्रदेशों से बच्चे जब स्कूल आते हैं वह अपने साथ एक भाषाई पूंजी लेकर आते हैं।बहुभाषिकता कक्षा का एक महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यहां बच्चों को अपनी भाषा में बात कहने की स्वतंत्रता होती है। जिस कारण बच्चे दूसरे भाषाओं को सुनकर सीखने की क्षमता का संवर्धन करते हैं।इन बातों को शिक्षाविदों ने भी खोज एवं अध्ययन में सही पाया है जिस कारण आज बहुभाषिकता को प्रारंभिक स्तर से ही एक संसाधन एक रणनीति के तौर पर उपयोग किया जाने लगा है इसके महत्व को कम नहीं आंका जा सकता।
ReplyDeleteबहुभाषिकता समस्या का समाधान है,इससे छोटे बच्चे कक्षा में अपनी भाषा में अपने विचारोंं का आदान प्रदान कर सकते है।अतःकक्षा में एक संसाधन के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
ReplyDeleteभारत विविधताओं का देश है। हमारे देश में बहुत सारी भाषाएँ है। बच्चे अपनी पहली भाषा के साथ स्कूल आते हैं। फिर वे दूसरी,तीसरी भाषाएँ सीखते हैं।एक शिक्षक को बहुभाषिकता के लिए समग्र परिप्रेक्ष्य विकसित करने की जरूरत है। बहुभाषी कक्षाओं को एक संसाधन और रणनीति के रूप में भी उपयोग कर सकते हैं।
ReplyDeleteSumitra Mahato:As a primary Tr.hame bibhinna bhasa bhasi bidyarthi se ruubaru hone pàdte hain aise me kai bhasawan ki jankari hume humare vidyarthiyoun se jodne hetu sahayak hote hàin.is tarah jhijhak dur hoti hai,bachhe bhi apnapan mahsus karte hain.
ReplyDeleteकक्षा में बच्चों को सिखाने के लिए अपनी मातृभाषा के अलावे अन्य विभिन्न भाषाओं का उपयोग करना चाहिए । बच्चों में अपनी मातृभाषा सबसे महत्वपूर्ण भाषा है । उन्ही का प्रयोग करते हुए अन्य भाषा को भी सीखना चाहिए तथा उसी के अनुसार भाषा सीखने में उपयोग एवं अनुप्रयोग का इस्तेमाल करना चाहिए ।
Deleteबहुभाषावाद से छात्रों को उनके भविष्य के लिए तैयार किया सकता हैं
ReplyDeleteबच्चे जब विद्यालय आते हैं साधारणतः वे अपनी मातृभाषा से परिचित होते हैं, ऐसे में उन्हें विद्यालय में पढ़ाई जाने वाली भाषा के साथ समन्वय स्थापित करना होता है।अतः हमें विद्यालय में ऐसे वातावरण तैयार करना होगा जिससे बच्चे अपनी मातृभाषा और विद्यालय की भाषा को आसानी से समझ सकें।इस तरह से हम बहुभाषिकता को एक संसाधन के रुप मे उपयोग कर सकते हैं।
ReplyDeleteसीमा महतो,उ.उ.विद्यालय पठानमारा,सरायकेला ।
बहुभाषिकता का उपयोग प्राथमिक कक्षाओं में उपयोगी है ।बच्चों को अपनी मातृभाषा के साथ साथ स्कूली भाषा को सीखने का मौका मिलता है। जिसका उपयोग बच्चे अपने अधिगम भाषा शिक्षण मे सुलभ रूप से करते हैं।
ReplyDeleteSchool me bachcho ko apni bhasha me bat karne ki chhut milni chahiye
ReplyDeleteschool me bachcho ko apni bhasha mebat karne ki chhut milni chahiye
ReplyDeleteबहूभाषिता के प्रयोग से हम शिक्षक बच्चों को और भी अच्छे से शिक्षा प्रदान करते हुए उन्हें अग्रसर कर सकते हैं ।बच्चे जब स्कूल आना शुरू करते हैं तो वे घर की भाषा ही लेकर आते हैं ।इसलिए बहूभाषिता का प्रयोग से उन्हें हम स्कूल की भाषा में भी समझा सकते हैं ।
ReplyDeleteबच्चा जब विद्यालय में प्रवेश करताहै तो उसका परिचय एक नये वातावरण से होता है जहाँ वह अपनी मातृभाषा के साथ ही दूसरी स्थानीय भाषाओं, विद्यालय की मानक भाषा, तथा वैश्विक भाषा से भी परिचित होता है,!, साथियों से बात करते हुए, शिक्षको से बात करते हुए, उनकी बात सुनते हहहुए, पुस्तकों के पाठों का उच्चारण करते एवं सुनते हुए वह कुछ भाषाओं से परिचित होता है, जो धीरे धीरे उसके ज्ञान को बढाता है और उसके आत्मविश्वास और व्यक्ति त्व को निखारता है! हम अवश्य ही इसे एक संसाधन के रूप में उपयोग कर सकते हैं!
ReplyDeleteYes we can use it as a resource because through it children can express their views more effectively
ReplyDeleteSchool me Vibhin types ke bachhe Aate hai .so teacher ko Sbhi types bachho Ko padana Hoga.
ReplyDeleteBahubhashikta vidyalayon mein Bhasha Shikshan ka ka ek shatak Madhyam hai vidyalayon mein Main bacchon ko Apne Ghar Se Sikh kar Aaye matrubhasha ke Aadhar per Shiksha Di Jaani chahie isase bacche Sahaj mahsus Karenge Sath hi Dheere Dheere vah nai shabdawali AVN shabdon se parichit Honge is Prakar ka adhigam bacchon ke liye Ye Shahar aur Saral hoga baccha Kisi bhi Tarah ka nakaratmak Prabhav se a Dur Rahte hue apna Gyan Vardhan kar sakta hai ismein shikshakon ki Bhumika sakaratmak Roop se a bacchon ko Sahyog karne ke liye bahut jaruri hai Shikshak bahubhashikta ko ek Sansadhan ke roop mein mein prayog karte hue bacchon ke Bhasha Vigyan ko Badha sakte hain
ReplyDeleteAmita Choudhry
ReplyDeleteUGMS TANTRI
TOPCHANCHI
DHANBAD
BAHUBHASHIKTA KE PRAYOG SE STUDENT KI MATRI BHASHA AND SCHOOL ME PADHAI JANE WALI BHASHA KE BICH SAMANVAYA BANEGA JISASE STUDENT EASY WAY ME KUCHH SIKHA PAENGE
Using multiple languages in classroom can be very useful in teaching the students
ReplyDeleteबहुभाषा को सदैव कक्षा में प्रयोग में लाना चाहिए। बच्चों को सदैव अलग-अलग भाषाओं को सीखने को प्रोत्साहित करना चाहिए।
ReplyDeleteहमें विद्यालय में बहुभाषिकता को एक संसाधन के रूप में उपयोग करना चाहिए। यदि हम सिर्फ विद्यालयी भाषा का प्रयोग करेंगे तो बच्चों को परेशानी हो गी।बहुभाषिकता से दूसरे बच्चों को सीखने में मदद मिलेगी।
ReplyDeleteविद्यालय में बहुभाषी का प्रयोग होना चाहिए क्योंकि बच्चे अलग-अलग भाषा बोलने वाले आते हैं विद्यालय की भाषा के साथ साथ बच्चे को अपने घर की भाषा बोलने की भी आजादी होनी चाहिए
ReplyDeleteविद्यालय में बहुभाषिकता को एक संसाधन के रूप में व्यवहार में लाना चाहिए इससे बच्चों के शैक्षणिक विकास में बहुत सहायता प्राप्त होगी
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। बच्चे की मातृभाषा और विद्यालय में पढाये जनि वाली भाषा में समन्वय स्थापित कर बच्चे को दूसरी भाषा सिखाने का वातावरण तैयार करना चाहिए ताकि बच्चे को दूसरी भाषा सिखने में आसानी हो तथा वे उसे आसानी से सिख सके.
ReplyDeleteबहुभाषिक भाषा का उपयोग प्राथमिक स्तर के कक्षाओं में करना चाहिए। इससे बच्चों को सीखने सिखाने में आसानी होती है। क्योंकि हर बच्चे अपनी मातृभाषा सीखकर विधालय आता है। धीरे-धीरे विधालय की भाषा सीखने की कोशिश करना चाहिए।
ReplyDeleteBahubhasya ka prayog se bacche aasani se Sikh skte hai.Hamare desh ke sadarbh me yeh bahut upyogi hoga.
ReplyDeleteविद्यालय में बहुभाषिकता को एक संसाधन के रूप में व्यवहार में लाना चाहिए क्योंकि हर बच्चे अपनी मातृभाषा सीखकर विद्यालय आता है
ReplyDeleteMultilingual culture enrich society and education both .It should be used wisely in the interest of students and education.
ReplyDeletevidyalya me bahu bhashi bachche aate hai ho sakta hai shikshak jo padha rahe hai kisi ko samajh me aa raha hai aur kisi ko nahi to iss sthiti me kshetriya bhasha se padhane me bachcho ko batane se bachche sikh jate hai.isliye bahubhashikata ko ek sansadhan ke rup me upyog kar shiksha ke prati bachcho ko rujhan paifa kar paath ko samjha sakate hai.
ReplyDeleteशिक्षक को बहुभाषिकता को संसाधन के रूप में प्रयोग करना चाहिए
ReplyDeleteBahubhasya ka prayog se bacche aasani se Sikh skte hai.aur s yah uneka m ekta ko darsaata h .
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। इससे बच्चे को सीखने में आसानी होती है। क्यूँकि हर बच्चे स्कूल की भाषा जानता हो जरूरी नही है। उसे धीरे धीरे स्कूल की भाषा सीखाने की कोशिश करनी चाहिए।
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। बच्चे की मातृभाषा और विद्यालय में पढाये जनि वाली भाषा में समन्वय स्थापित कर बच्चे को दूसरी भाषा सिखाने का वातावरण तैयार करना चाहिए ताकि बच्चे को दूसरी भाषा सिखने में आसानी हो तथा वे उसे आसानी से सिख सके.
ReplyDeleteBahubhasha Students ke liye Jaruri Hai.
ReplyDeleteविद्यालय में भिन्न भिन्न भाषा के बोलने वाले बच्चे हो सकते/आते हैं।उनको उन्हीं की भाषा में बोलने देने की खुली छूट देने से बच्चों को विद्यालय का वातवरण घर के जैसा लगता है।वे बिना किसी संकोच के अपनी बातों को रखते हैं।धीरे धीरे उन्हें विद्यालय की भाषा की सीखाने का प्रयास करना चाहिए।
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। बच्चे की मातृभाषा और विद्यालय में पढाये जनि वाली भाषा में समन्वय स्थापित कर बच्चे को दूसरी भाषा सिखाने का वातावरण तैयार करना चाहिए ताकि बच्चे को दूसरी भाषा सिखने में आसानी हो तथा वे उसे आसानी से सिख सके.
ReplyDeleteबहुभाषा का प्रयोग वर्ग में होनी चाहिए। शुरूआत में मातृभाषा में अध्यापन की जानी चाहिए। इसके बाद दूसरी एवं तीसरी भाषा सीखायी जानी चाहिए। राम चन्द्र मिश्र धनबाद ।
ReplyDeleteबहुभाषिता का प्रयोग वर्ग में की जानी चाहिए। प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए। इसके बाद दूसरी एवं तीसरी भाषा सीखायी जानी चाहिए। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा भाषा का ज्ञान आवश्यक है। राम चन्द्र मिश्र, धनबाद।
ReplyDeleteबहुभाषिकता का प्रयोग बच्चों के लिए लाभप्रद होता है।
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग हमें वर्ग में करना चाहिए क्योंकि हमारे वर्ग में हर भाषा के बच्चे पढ़ते हैं।हर भाषा का ज्ञान मिलने से बच्चो का सर्वांगीण विकास होगा और किसी भी क्षेत्र या समाज में भाषा समझने में उसे कोई परेशानी नहीं होगी।
ReplyDeleteBahubhasha bacchon ko dusri bhasha sikhne main bahut madat karta hai.
ReplyDeleteTeacher having knowledge of different languages connects with every child by heart.It helps in improving all-overall development of each child.
ReplyDeleteउपरोक्त मॉडल के अंतर्गत बहुभाषिकता का शिक्षा प्रदान किया गया है। बहुभाषिकता से से हमारा तात्पर्य अनेक भाषाओं का समावेश रहना।। प्राथमिक स्तर में अक्सर देखा जाता है कि बच्चे को प्रथम भाषा या मात्री भाषा के रूप में शिक्षा प्रदान करने से वह बच्चे विषय वस्तु को अति सरलता के साथ समझने में सक्षम हो उठते हैं। एवं व अपनी बातों को हम शिक्षकों के सामने प्रस्तुत करने में भी झिझक महसूस नहीं करते हैं।। इस कारण से हम शिक्षकों को भी अपने विद्यालय के अड़ोस पड़ोस में या क्षेत्रीय भाषा से संबंधित जानकारी रखना अति आवश्यक हो जाता है। जिससे हम बच्चों की भावनाओं को समझने में समर्थ हो सकेंगे और अपनी पाठ्य चर्चा को सुगमता पूर्वक बच्चों के मन मस्तिष्क में प्रभावी ढंग से ट्रांसलेट कर सकेंगे।।
ReplyDeleteबहुभाषिता महत्वपूर्ण एवं उपयोगी संसाधन है इससे बच्चों को अन्य भाषा की जानकारी होती हैं जिससे वे दूसरे भाषा बोलने वाले के बातों को अच्छी तरह से समझ सकते है जो उनके प्रगति में सहायक होता है।साथ ही विद्यालय में भिन्न भिन्न भाषा के बच्चे आते हैं वे निसंकोच भाव से अपनी बात कह सकते है तथा दूसरे की बातों को समझ सकते हैं।
ReplyDeleteBahu bhasikta ko ek sansadhan ke rup main Lena chahia kyun ki isse bachhe alag alag bhasa sikhte hue Pathan Pathan ki gati ko age basha sakte hain.Dusron ki prati sambedansil hote hain.
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग हमें वर्ग में करना चाहिए क्योंकि हमारे वर्ग में हर भाषा के बच्चे पढ़ते हैं।हर भाषा का ज्ञान मिलने से बच्चो का सर्वांगीण विकास होगा और किसी भी क्षेत्र या समाज में भाषा समझने में उसे कोई परेशानी नहीं होगी।
ReplyDeleteVidyalaya me Bahubhashita ko Ek sansadhan ke Rup me upyog Karna chahie taki Bachche ki Matri Bhasa aur vidyalaya me Padae Jane wale manak Bhasa me samanway sthapit kar sake jisse bachche dusri Bhasa Aasani se sikh sakenge.
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। बच्चे की मातृभाषा और विद्यालय में पढाये जनि वाली भाषा में समन्वय स्थापित कर बच्चे को दूसरी भाषा सिखाने का वातावरण तैयार करना चाहिए ताकि बच्चे को दूसरी भाषा सिखने में आसानी हो तथा वे उसे आसानी से सिख सके.
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ReplyDeleteVidyalay m bahubhasha ka upyog hona chahiae.Kyonki class m different language k bolne wale bachhe aate hain.Atah bahubhasha ka gyan unhe sambad asthapit karne m madad karega tatha wae bibhin gatibidhiyo m bhag le sakegen
.....MS kusunda,Matkuria, Dhanbad-1
Ek teacher ko teaching ko sahi Toriko se karne ke liye bahubhasi hona jaruri hai teacher ko teaching language ke alawa student ka matri bhasha ka gyan hona bahut jaruri hai students hamesha apni matribhasha me bat karna chahta hai teacher agar kisi kahani or kisi topic ko student ki matribhasha me bolenge to bachche easily ise samaj sakta hai to language teaching me teacher ko tin char bhasha ka gyan hona jaruri hai.
ReplyDeleteभारत एक बहुभाषी देश है|बहुभाषिक भारत की पहचान है और न केवल भारत की पहचान है बल्कि हर भारतीय बच्चे की पहचान है, इस लिए एक शिक्षक को बहुभाषिक का उपयोग कक्षा में करना चाहिए जिससे बच्चों को सीखने में आसानी होती है|
ReplyDeleteभारत एक बहुभाषी देश है बहुभाषिकता भारत की पहचान है यह विद्यालय में अनेक भाषिक पृष्ठभूमि के साथ छात्र अपने साथ-साथ अपनी मातृभाषा की पूंजी लेकर आते हैं बहुभाषिकता को एक संसाधन के रूप में लिया जा सकता है इससे कक्षा में छात्रों को एक से अधिक भाषा सीखने का मौका मिलता है जब हम शुरुआती चरण में छात्रों को अपनी मातृभाषा में बात करने का मौका देते हैं तो उन्हें अपनी भाषा पर गर्व होता है उसे अपनी बात रखने में सहज अपनी बात रखने में सहज रहते हैं विद्यालय में अपनापन महसूस होता है अपनी बात को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत कर सकता है बहुभाषिकता छात्रों को दूसरी भाषा सीखने में मदद करती है
ReplyDeleteHmare liye bhubhashikta ka bada mhtv hai bachcho ke sath bhubhashikta ka upyog hona chahiye.hum bhubhashika ko ek sansadhan ke rup me upyog kar sakte hai
ReplyDeleteबुहुभाषावाद से बचचों के बीच भारत की एकता मे अनेकता, बहुसांस्कृतिक परँपरा को समझने आसानी हो जाएगी. विधालय मे इसे बढावा देना ही चाहिए. साथ ही भविष्य में उन्हें Global World as a Village की अवधारणा को आतमसात करने में मानसिक रूप से जयादा सहूलियत भी होगी.
ReplyDeleteबहुभाषा शिक्षण से छात्रों के संपूर्ण विकास में मदद मिलेगी। भारतीय परिवेश में यह अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
ReplyDeleteमु० अफजल हुसैन, उर्दू प्राथमिक विद्यालय मंझलाडीह,शिकारीपाडा,दुमका।
हमारा देश विविधताओं से भरा है। जिसमे कई प्रकार कि भाषाऐ बोली जाती है। सबकी अपनी अपनी भाषा है। जो विद्यालय की भाषा से अलग होती है। इसलिए विद्यालय मे बहुभाषिकता को एक संसाधन और रणनीति के रूप मे उपयोग कर सकते हैं। बहुभाषिकता से छात्रो को अपनी भाषा मे अपनी बात बोलने का अवसर मिलता है जिससे वह विद्यालय मे सहज होकर सीखने सिखाने के गतिविधियो को प्रसन्नता से करता है। धीरे धीरे वह विद्यालय की भाषा सीख जाता है।
ReplyDeleteहमारा देश विविधताओं से भरा है।जहां कई प्रकार की भाषाऐं बोली जाती है। सभी की अपनी-अपनी भाषा है, जो विद्यालय की भाषा से अलग है। इसलिए बहुभाषित का उपयोग कक्षा में एक संसाधन और रणनीति के रूप में करना चाहिए।बच्चो की मातृभाषा और विद्यालय में पढा़ऐ जानेवाली औपचारिक भाषा में समन्वय स्थापित कर सिखने का वातावरण तैयार किया जाय ताकि बच्चों को अन्य दूसरी भाषा सिखने में आसानी हो तथा बच्चें सहज रुप से सीख सके।
ReplyDeleteहमारा देश विविधताओं से भरा है।जहां कई प्रकार की भाषाऐं बोली जाती है। सभी की अपनी-अपनी भाषा है, जो विद्यालय की भाषा से अलग है। इसलिए बहुभाषित का उपयोग कक्षा में एक संसाधन और रणनीति के रूप में करना चाहिए।बच्चो की मातृभाषा और विद्यालय में पढा़ऐ जानेवाली औपचारिक भाषा में समन्वय स्थापित कर सिखने का वातावरण तैयार किया जाय ताकि बच्चों को अन्य दूसरी भाषा सिखने में आसानी हो तथा बच्चें सहज रुप से सीख सके।
ReplyDeleteहां, निश्चित रूप से बहुभाषिकता को,मैं एक शिक्षक के रूप में,एक संसाधन व एक रणनीति के स्वरूप में अच्छे ढंग से उपयोग कर सकता हूं ।
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ReplyDeleteबहुभाषिकता द्वारा अपने विचारों का आदान-प्रदान आसानी पूर्वक किया जा सकता है अतः इसे एक संसाधन और एक रणनीति के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
ReplyDeleteClass me bachcho ko uski mother language me shiksha dena labhdayak hota hai.
ReplyDeleteSchool me bahuvasa ka use karna chahiye har students school ka bhasa janta ho ye jaruri nahi hai. Dhire dhire students ko school ka bhasa sikhane shikhane me madad milti hai
ReplyDeleteविद्यालय में अनेक भाषाओं के उपयोग करने वाले शिक्षार्थी आते हैं । वे अपनी घर की भाषा से परिचित होते हैं । गतिविधि के द्वारा उसे विद्यालय की भाषा से अवगत कराना होगा । इसलिए बहुभाषिकता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए जिससे वह विद्यालय की भाषा को आसानी से ग्रहण कर सके और आगे वह पढ़ाई जारी रख सके ।
ReplyDeleteराजेंद्र प्रसाद
उ. म. वि. ईचातु
kisi vishay ko sikhane ke liye sarvekshan ek sashakt madhyam hai jise notebook per likhkar tathyon ka jaanch parakh karne ke bad Nirnay le sakte hain bacchon ko samjha sakte hain.Tatha bachcho ko samjha sakte hai.
ReplyDeleteविद्यालय में अनेक भाषाओं के उपयोग करने वाले शिक्षार्थी आते हैं । वे अपनी घर की भाषा से परिचित होते हैं । गतिविधि के द्वारा उसे विद्यालय की भाषा से अवगत कराना होगा । इसलिए बहुभाषिकता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए जिससे वह विद्यालय की भाषा को आसानी से ग्रहण कर सके और आगे वह पढ़ाई जारी रख सके ।
ReplyDeleteविद्यालय में भिन्न भिन्न भाषा के बोलने वाले बच्चे हो सकते/आते हैं।उनको उन्हीं की भाषा में बोलने देने की खुली छूट देने से बच्चों को विद्यालय का वातवरण घर के जैसा लगता है।वे बिना किसी संकोच के अपनी बातों को रखते हैं।धीरे धीरे उन्हें विद्यालय की भाषा की सीखाने का प्रयास करना चाहिए
ReplyDeleteविद्यालय में अनेक भाषाओं के उपयोग करने वाले शिक्षार्थी आते हैं । वे अपनी घर की भाषा से परिचित होते हैं । गतिविधि के द्वारा उसे विद्यालय की भाषा से अवगत कराना होगा । इसलिए बहुभाषिकता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए जिससे वह विद्यालय की भाषा को आसानी से ग्रहण कर सके और आगे वह पढ़ाई जारी रख सके ।
ReplyDeleteबहुभाषा का प्रयोग होना चाहिए
ReplyDeleteबहुभाषा का प्रयोग होना चाहिए
ReplyDeleteबहुभाषा का प्रयोग होना चाहिए
ReplyDeleteबहुभाषा का प्रयोग होना चाहिए
ReplyDeleteBahubhashikta dusron k samajik sanskriti ko darshati hai sath hi ek dusre bhasha k prati aur samaj k prati bhi jagruk banane ka awash deta hai,,, isse hum sab ke sanskriti aur samaj se jud pane me saksham ho pate hain
ReplyDeleteविद्यालय में बहुभाषिक का प्रयोग होना चाहिए। इससे बच्चे को मातृभाषा के अलावा भिन्न भाषा सिखने में मदद मिलती है।
ReplyDeleteहां, निश्चित रूप से हम बहुभाषिकता को एक संसाधन और एक रणनीति के रूप में उपयोग कर सकते हैं ।
ReplyDeleteBharat me anek bhashayen boli jati hain.school me bahubhasha ka prayog karke bachhon ki shaikshanik istithi ko behtar banaye jane ka praytan karna chahiye.
ReplyDeleteBAHUBHASHA KA PRAYOG BIDYALAI MAIN HONA CHAHIYE. IS KE DWARA BACHO KO BIVINNYA BHASA K BARE MAIN JANKARI PRAPT HOSAKTA HAI.
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। इससे बच्चे को सीखने में आसानी होती है। क्यूँकि हर बच्चे स्कूल की भाषा जानता हो जरूरी नही है। उसे धीरे धीरे स्कूल की भाषा सीखाने की कोशिश करनी चाहिए।
ReplyDeleteSchool me jab student exam mefail karte hai to kafi chintan me ho jate hai.
ReplyDeleteविद्यालय में भिन्न भिन्न भाषा के बोलने वाले बच्चे हो सकते/आते हैं।उनको उन्हीं की भाषा में बोलने देने की खुली छूट देने से बच्चों को विद्यालय का वातवरण घर के जैसा लगता है।वे बिना किसी संकोच के अपनी बातों को रखते हैं।धीरे धीरे उन्हें विद्यालय की भाषा की सीखाने का प्रयास करना चाहिए।
ReplyDeleteVidyalay ke bahubhashikta vatavaran se bacchon ko sunkar sikhane ki Pravin priority hoti hai
ReplyDeleteVidyalay ke bahubhashik vatavaran se bacchon ko sunkar sikhane ki pravritti hoti hai
Karuna Tiwari, Project High School Ataula, Garhwa बहुभाषिता का उपयोग कक्षा में होना चाहिए, बच्चों को सीखने में आसानी होगी । इससे बच्चे विभिन्न तरह के भाषाओं के बारे में जान पाएंगे। कक्षा में उनकी रुचि बढ़ेगी।
ReplyDeleteAll students are equal and teaching method will be same
ReplyDeleteसामान्यतः विद्यालय में पठन-पाठन की भाषा और छात्रों की मातृ -भाषा अलग -अलग होती है।साथ ही एक ही कक्षा में अध्ययनरत छात्रों की भाषा में अंतर होता है।अतः पाठ की सफलता के लिए यह जरूरी है कि शिक्षण बहुभाषी हो।प्रत्येक भाषा अपने साथ विशिष्ट ज्ञान समेटे हुए रहती है।अतः बहुभाषा हमें उन विशिष्ट ज्ञान का अवसर प्रदान करती है।साथ ही बहुभाषिकता हमें विभिन्न संस्कृतियों के प्रति संम्मान एवं हमारे विचार में लोचकता तथा सामंजस्य की क्षमता प्रदान करती है।यह वैज्ञानिक तथ्य है कि बहुभाषा की जानकारी मष्तिष्क की तीक्ष्ण बनाती है।
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। इससे बच्चे को सीखने में आसानी होती है। क्यूँकि हर बच्चे स्कूल की भाषा जानता हो जरूरी नही है। उसे धीरे धीरे स्कूल की भाषा सीखाने की कोशिश करनी चाहिए
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ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। इससे बच्चे को सीखने में आसानी होती है। क्यूँकि हर बच्चे स्कूल की भाषा जानता हो जरूरी नही है।
बहुभाषिकता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए जिससे बच्चों को सीखने में आसानी होती है तथा बच्चों को विद्यालय भाषा की जानकारी होती है
ReplyDeleteकक्षा में बहुभाषिक शब्दों का उपयोग होना चाहिए।
ReplyDeleteBahubhashita teacher ke liye vastav me ek sansadhan ha, jise ek ranniti ke rup me shikshan adhigam me kr sakte ha.Bache ruchi lekr shikh payenge.
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग हमें वर्ग में करना चाहिए क्योंकि हमारे वर्ग में हर भाषा के बच्चे पढ़ते हैं।हर भाषा का ज्ञान मिलने से बच्चो का सर्वांगीण विकास होगा और किसी भी क्षेत्र या समाज में भाषा समझने में उसे कोई परेशानी नहीं होगी
ReplyDeleteप्राथमिक स्तर पर विद्यालय मे बच्चों की घर की भाषा का उपयोग करने से बच्चों में अन्य भाषा को सीखने में मदद मिलती है।
ReplyDeleteबहुभाषिता का प्रयोग हमें वर्गों में करना चाहिए क्योंकि वहां हर भाषा के बच्चे पढ़ते हैं। हर भाषा का ज्ञान मिलने से बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा। किसी भी क्षेत्र या समाज में उसे भाषा समझने में कोई परेशानी नहीं होगी।
ReplyDeleteBahubhasita kaksha me upoug hona chahiye.isse bachcho ko sikhne me asani hota hai.
ReplyDeleteहमारे देश में अनेकों प्रकार की भाषाएँ बोली जाने के कारण प्राथमिक स्तर पर बहुभाषिता का प्रयोग करना आवश्यक है| अलग परिवेश एवं भाषा होने के कारण बच्चों को एक दूसरे से सीखने का मौका मिलता है|
ReplyDeleteBahubhashikta students ke sarwangeen vikas me sahayata karega
ReplyDeleteबहुभाषावाद छात्रों को सीखने में काफी मददगार होता है।यह आवश्यक नहीं है कि छात्र स्कूली भाषा जानता हो।
ReplyDeleteबहुभाषिकता को हम कक्षा में एक संसाधन और एक रणनीति के रूप में प्रयोग कर सकते हें क्योंकि बच्चे जब विद्यालय में आते हैं तो विभिन्न भाषाओं के साथ आते हैं। अपनी -अपनी भाषा में एक दुसरे से बातचीत करते हैं तो उनके डर ,झिझक जैसी अवसाद मन से बाहर आकर बचचों में आत्मविश्वास भर जाएगा।
ReplyDeleteबजरंग महतो, उत्क्रमित मध्य विद्यालय देवघरा धनबाद| बहुभाषिकता का उपयोग बच्चों में सीखने की क्षमता का विकास करने में काफी सहायक सिद्ध हो सकता है |
ReplyDeleteविद्यालय में बहुभाषा एक आवश्यकता है।क्योंकि भारत एक बहुभाषी देश है। नई भाषा सीखाने के लिए बच्चे की मातृभाषा का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ReplyDeleteहमारा देश विविधताओं से भरा है। भारत में विभिन्न प्रकार के भाषा बोली जाती है।जिसमे कई प्रकार कि भाषाऐ बोली जाती है। सबकी अपनी अपनी भाषा है। जो विद्यालय की भाषा से अलग होती है। इसलिए विद्यालय मे बहुभाषिकता को एक संसाधन और रणनीति के रूप मे उपयोग कर सकते हैं। बहुभाषिकता से छात्रो को अपनी भाषा मे अपनी बात बोलने का अवसर मिलता है जिससे वह विद्यालय मे सहज होकर सीखने सिखाने के गतिविधियो को प्रसन्नता से करता है। धीरे धीरे वह विद्यालय की भाषा सीख जाता है।
ReplyDeleteबहुभाषिकता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए।बहुभाषिकता से छात्रों को अपनी भाषा अपनी बात बोलने का अवसर मिलता है जिससे जिससे वह विद्यालय में सहज होकर सीखने सिखाने के गतिविधियों को प्रसंता से करता है। धीरे-धीरे हुआ विद्यालय की भाषा सीख जाता है। नई भाषा सीखने के लिए बच्चे की मातृ भाषा का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ReplyDeleteविकास कुमार
प्राथमिक विद्यालय सीताकाटा करमांटांड़ जामताड़ा
Rubina Bano
ReplyDeleteसबकी अपनी अपनी भाषा है। जो विद्यालय की भाषा से अलग होती है। इसलिए विद्यालय मे बहुभाषिकता को एक संसाधन और रणनीति के रूप मे उपयोग कर सकते हैं। बहुभाषिकता से छात्रो को अपनी भाषा मे अपनी बात बोलने का अवसर मिलता है जिससे वह विद्यालय मे सहज होकर सीखने सिखाने के गतिविधियो को प्रसन्नता से करता है। धीरे धीरे वह विद्यालय की भाषा सीख जाता है।
हमारा देश विविधताओं से भरा है।बहुभाषी शिक्षण से बच्चों को विद्यालय में कई भाषाओं को सीखने का अवसर मिलता है।जो उनके सामाजिक और बौद्धिक विकास में सहायक होता है।
ReplyDeleteUsing multi language in the classroom can be useful for teaching.
ReplyDeleteAgar hum student's ke sath school ki bhasa aur unke matribhasa ko bhi samil karenge to bachho ko sikhne me aasani hogi
ReplyDeleteबहुभाषावाद कक्षा में शिक्षक द्वारा प्रयोग करना चाहिए जिससे छात्रों की दूसरी भाषा सीखने में मदद कर सकता है प्राथमिक चरण में हमें मातृभाषा का उपयोग करना चाहिए ताकि छात्र विभिन्न गतिविधियों में भाग ले सके और आसानी से स्कूल की भाषा आसानी से सीख सके। बिनोद कुमार घासी,उत्कमित मध्यम विद्यालय मासीलौंग
ReplyDeleteबहुभाषावाद बच्चों को उनके भविष्य तैयार करने के लिए बहुत ही । हो सकता है
ReplyDeleteहमारे देश में विभिन्न प्रकार की भाषाएँ बोली जाती है |इसलिए बहुभाषी शिक्षण से बच्चों को विद्यालय में कई भाषाओं को सीखने का अवसर मिलता है |जो उनके सामाजिक और बौद्धिक विकास में सहायक होता है|
ReplyDeleteबहुभाषी क्षिक्षण लाभदायक है।
ReplyDeleteबहुभाषावाद छात्रों को दूसरी भाषा सीखने में मदद कर सकता है। प्राथमिक चरण में हमें मातृभाषा का उपयोग करना चाहिए ताकि छात्र विभिन्न गतिविधियों में भाग ले सकें और आसानी से स्कूल की भाषा सीख सकें।
ReplyDeleteएक शिक्षक के लिए बहुभाषिका एक महत्वपूर्ण संसाधन है। शिक्षक इसका इस्तेमाल अपने कक्षा संचालन को बेहतर बनाने में कर सकता है।इसे बच्चे को अपनापन महसूस होता है तथा अपनी बात शिक्षक के सामने बिना डर के रखता या बोलता है। बच्चे भी बहुभाषी हो जाते हैं।
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा मे करना चाहिए। इससे बच्चों को सिखने मे आसानी होती है। विद्यालय मे बहुभाषिक वातावरण बच्चों को सुनकर सिखने की क्षमता को सवंधित करता है।
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। इससे बच्चों को सिखने में आसानी होती है। विद्यालय में बहुभाषिक वातावरण बच्चों को सुनकर लिखने कि क्षमता को बढ़ाता है।
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। इससे बच्चे को सीखने में आसानी होती है। क्यूँकि हर बच्चे स्कूल की भाषा जानता हो जरूरी नही है। उसे धीरे धीरे स्कूल की भाषा सीखाने की कोशिश करनी चाहिए
ReplyDeleteविद्यालय में भिन्न भिन्न भाषा के बोलने वाले बच्चे हो सकते/आते हैं।उनको उन्हीं की भाषा में बोलने देने की खुली छूट देने से बच्चों को विद्यालय का वातवरण घर के जैसा लगता है।वे बिना किसी संकोच के अपनी बातों को रखते हैं।धीरे धीरे उन्हें विद्यालय की
ReplyDeleteWhen children came to school they are feeling comfort to speaking their own languages if we as a teacher giving chance to express their feeling his own language slowely they learn school language from their environment
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग करने से कक्षा में बच्चो को सीखने मे मदद मिलती हैं।कक्षा की शुरूआत मे मातृभाषा से करनी चाहिए।इससे बच्चो को असानी होती है।
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। इससे बच्चे को सीखने में आसानी होती है। बहुभाषी शिक्षण से बच्चों को विद्यालय में कई भाषाओं को सीखने का अवसर मिलता है||हमें मातृभाषा का उपयोग करना चाहिए ताकि छात्र विभिन्न गतिविधियों में भाग ले सके और आसानी से स्कूल की भाषा आसानी से सीख सके
ReplyDeleteबहुभाषिकता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए क्योंकि इससे बच्चे को समझने में आसानी होती है हमें मातृ भाषा का उपयोग करना चाहिए ताकि छात्र विभिन्न गतिविधियों में भाग ले सकें
ReplyDeleteबच्चे जब स्कूल में कदम रखते हैं तो वे अपने क्षेत्र की भाषा को बोलते और समझते है वे स्कूल की भाषा से थोड़ी बहुत परिचित होते हैं ऐसी परिस्थति में बच्चों का स्कूली वातावरण में खुल कर विकास हो ,इसके लिए शिक्षक को बहुमाषाविद् होना चाहिए ।
ReplyDeleteबहुभाषावाद से छात्रों को उनके भविष्य के लिए तैयार किया सकता है ।
ReplyDeleteकिसी विषय को सीखने या सिखाने के लिए नोटबुक आधारित सर्वेक्षण जैसे गतिविधियों का उपयोग किया जा सकता है।इसके लिए बच्चों को अपने नोटबुक में कुछ कॉलम खींचने बोलेंगे। इसके बाद बच्चो को किसी नजदीकी बाजार में ले जाकर छोटे बड़े व्यवसाय करने वाले लोगों से मिल कर उनसे व्यवसाय संबंधित कुछ जानकारी प्राप्त कर नोटबुक में दर्ज करने बोलेंगे। इसके लिए मैं व्यापार कर रहे लोगों से बच्चों से जानकारी साझा करने का निवेदन करूँगा। इस प्रकार के गतिविधियों को आयोजित करने के लिये बच्चों को बच्चों को क्षेत्र भ्रमण या आस पड़ोस के भी सर्वेक्षण कराया जा सकता है। इससे बच्चों में लोगों के आजीविका के बारे में समझ विकसित होगा साथ ही बच्चों में किसी विषय वस्तु पर तर्कसंगत चर्चा जैसी अवधारणा का विकास होगा।
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ReplyDeleteबहुभासा वाद से छात्रों का भविष्य उज्जवल कर सकते हैं
ReplyDeleteBahubhashikta Ka prayog Kar bacchon ko aasani se Sikhaya Ja sakta hai isase bacchon ko Anek bhashaon ka sikhane ka avsar Milta Hai bacchon ke liye kaksha ki shuruaat Matri Bhasha se honi chahiye.
ReplyDeleteबहुभासा वाद से छात्रों का भविष्य उज्जवल कर सकते
ReplyDeleteWhen children came to school they are feeling comfort to speaking their own languages if we as a teacher giving chance to express their feeling his own language slowely they learn school language from their environment
ReplyDeleteबहुभाषिकता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए क्योंकि इससे बच्चे को समझने में आसानी होती है हमें मातृ भाषा का उपयोग करना चाहिए ताकि छात्र विभिन्न गतिविधियों में भाग ले सकें
ReplyDeleteबहुभाषिकता से बच्चे आसानी पूर्वक सीख पाता है।
ReplyDeleteBharat ek bahu bhashi desh hai.Alag alag kshetro mein hum pate hein ki ek hi bhogolic kshetra mein kai bhasha bhashi ke chhatra aur unke maata pit vidh via rahte hein.Aise bahu bhashi chhatra jab vidyalaya aate hein v vidyalaya aate hein to ek sikshak ke roop mein mein bahubhsikta ko ek sansadhan aur ranniti ke roop mein upyog ker bachchon ke shivam ko adhik prabhavi Avom sikhane ke pratifal ko adhik sucharu bana sakte hein.Bahubhasha se bachchon ka chatur mukhi vikash avom unke pratibha ko behter dang se nikhar sakte hein.-Sanjay Kr.Baranwal.M.S., Kathghari.
ReplyDeleteबहुभाषिकता का उपयोग कर शिक्षक बच्चों को मुख्य भाषा से जोड़ सकता है। मुख्य भाषा से जोड़ते हुए शिक्षक अन्य विषयों का शैक्षणिक कार्य सुचारू रूप से चला सकता है ।भाषा का समझ विकसित होने पर बच्चे विषयों को अच्छी तरह समझ सकते हैं ।इस तरह एक बहुभाषी शिक्षक शैक्षणिक कार्य के लिए बहुविकल्पी संसाधन हो सकता है।
ReplyDeleteबच्चे मातृभाषा घर से ही सीखकर आते हैं। विधालय में बहुभाषी छात्र होते हैं। जिसके कारण विधालय में बच्चों को असहजता महसूस होता हैं। यदि विधालय में बहुभाषिक वातावरण तैयार किया जाना चाहिए।ताकि बच्चें सुनकर सीखने की क्षमता को विकसित कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में विधालय में बच्चों को असहजता महसूस नहीं हो पाएगी।
ReplyDeleteबच्चे मातृभाषा घर से ही सीखकर आते हैं। विधालय में बहुभाषी छात्र होते हैं। जिसके कारण विधालय में बच्चों को असहजता महसूस होता है। यदि विधालय में बहुभाषिक वातावरण तैयार किया जाना चाहिए। ताकि सभी बच्चें सुनकर सीखने की क्षमता को विकसित हो सकता हैं। ऐसी स्थिति में बच्चें विधालय में असहजता महसूस नहीं हो पाएगी।
ReplyDeleteBahubhashikta ka upyog kaksha mein karni chahie isase bacchon ko bhasha sikhane mein aasani hoti sarvpratham bacche Matribhasha mein bolate Hain Tatpaschat Vidyalay ki Bhasha sikhane ki koshish karte hain jisse Vidyalay se Lagaw hota hai.
ReplyDeleteपंकज कुमार ओझा
ReplyDeleteसहायक शिक्षक
मध्य विद्यालय झखरा, ठाकुरगंगटी, गोड्डा
बहुभाषिकता सुनने में एक अर्थ पूर्ण प्रक्रिया लेकर आता है।यह स्पष्ट करता है कि भारत में बहुत सारी भाषाएं बोलने वाले लोग रहते हैं और हमारे विद्यालय में आने वाले बच्चे भी उन्हीं में से हैं। ये अपने घर की बोलचाल की भाषा लेकर विद्यालय आते हैं। अतः इन्हीं भाषा को लेकर हमें बच्चों को सीखने-समझने की रणनीति के साथ बढ़ने की आवश्यकता होती है।
भाषा बहुत बड़े संसाधन के रूप में इस्तेमाल होने वाली एक कड़ी है, जिसका उपयोग कर हमें सार्थक प्रयास करने और सफल मुकाम हासिल करने में अपनी बढ़त करनी चाहिए। बच्चों में इसका प्रयोग उचित मुकाम हासिल करने के लिए आवश्यक है। अतः यह बच्चों में एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में लेनी चाहिए।
Bahubhasha chhatron ko bhasha sikhne men madadgar sabit Hoga.
ReplyDeleteमारा देश विविधताओं से भरा है। जिसमे कई प्रकार कि भाषाऐ बोली जाती है। सबकी अपनी अपनी भाषा है। जो विद्यालय की भाषा से अलग होती है। इसलिए विद्यालय मे बहुभाषिकता को एक संसाधन और रणनीति के रूप मे उपयोग कर सकते हैं। बहुभाषिकता से छात्रो को अपनी भाषा मे अपनी बात बोलने का अवसर मिलता है जिससे वह विद्यालय मे सहज होकर सीखने सिखाने के गतिविधियो को प्रसन्नता से करता है। धीरे धीरे वह विद्यालय की भाषा सीख जाता है।
ReplyDeleteहमारा देश विविधताओं से भरा है। जिसमे कई प्रकार कि भाषाऐ बोली जाती है। सबकी अपनी अपनी भाषा है। जो विद्यालय की भाषा से अलग होती है। इसलिए विद्यालय मे बहुभाषिकता को एक संसाधन और रणनीति के रूप मे उपयोग कर सकते हैंबहुभाषिकता Aसे छात्रो को अपनी भाषा मे अपनी बात बोलने का अवसर मिलता है जिससे वह विद्यालय मे सहज होकर सीखने सिखाने के गतिविधियो को प्रसन्नता से करता है। धीरे धीरे वह विद्यालय की भाषा सीख जाता है।प्राथमिक कक्षा के लिए बहुभाषाविकता बहुत ही उपयोगी है।ANJANI KUMAR JHA, Asst.Teacher, U.H.S.BHAGAIYA, THAKURGANGATI, GODDA.
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ReplyDeleteबच्चे मातृभाषा घर से ही सीखकर आते हैं। विधालय में बहुभाषी छात्र होते हैं। जिसके कारण विधालय में बच्चों को असहजता महसूस होता हैं। यदि विधालय में बहुभाषिक वातावरण तैयार किया जाना चाहिए।ताकि बच्चें सुनकर सीखने की क्षमता को विकसित कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में विधालय में बच्चों को असहजता महसूस नहीं हो पाए
संत कुमार लाल
प्रा वि गरहाटांड़
जब बच्चे विद्यालय आते है तो वह अपने साथ भाषाई पूँजी लेकर आते हैं। बहुभाषिकता कक्षा का एक महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह बच्चों को अपनी भाषा में बात कहने की सवतंत्रता होती है जिस कारण से बच्चे दूसरे भाषाओं को सुनकर सीखने की क्षमता का संवधित करते हैं और उन्हें कक्षा एवं विद्यालय में असहजता महसूस
ReplyDeleteहम यह अच्छी तरह जानते हैं कि अधिकांश बच्चे की अपनी मातृभाषा हिन्दी नहीं हैं। प्राथमिक कक्षाओं में उनकी मातृभाषा में बातें करना, बोलने के अवसर प्रदान करना,उनके गीत ,कहानियां एवं उनके अनुभव सुनना आदि को शिक्षण में एक संसाधन और सीखने सिखाने की एक रणनीति के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
ReplyDeleteजहाँ विद्यार्थियों की मातृभाषा और विद्यालय की भाषा समान नहीं होती है, ऐसी परिस्थितियों को अक्सर चुनौतीपूर्ण माना जाता है। इस इकाई का उद्देश्य बहुभाषावाद के प्रति जागरूकता और सकारात्मक समझ को उजागर करना है, जिसके अंतर्गत यह बात बताई गई है कि बहुभाषावाद के माध्यम से भाषा कक्षा में सभी विद्यार्थियों को एक साथ पढ़ायी जा सकती है।
ReplyDeleteDiversity is a main feature of our country. Education by any particular language is not possible.'Threelanguage formula 'is a practical and realistic idea
ReplyDeleteबहुभाषावाद छात्रों को दूसरी भाषा सीखने में मदद कर सकता है। प्राथमिक चरण में हमें मातृभाषा का उपयोग करना चाहिए ताकि छात्र विभिन्न गतिविधियों में भाग ले सकें और आसानी से स्कूल की भाषा सीख सकें।
ReplyDeleteShailesh Kumar Mahto,H.S.Karaikela, WestSinghbhum Jharkhand
हमारा देश विविधताओं से भरा है। जिसमे कई प्रकार कि भाषाऐ बोली जाती है। सबकी अपनी अपनी भाषा है। जो विद्यालय की भाषा से अलग होती है। इसलिए विद्यालय मे बहुभाषिकता को एक संसाधन और रणनीति के रूप मे उपयोग कर सकते हैं। बहुभाषिकता से छात्रो को अपनी भाषा मे अपनी बात बोलने का अवसर मिलता है जिससे वह विद्यालय मे सहज होकर सीखने सिखाने के गतिविधियो को प्रसन्नता से करता है। धीरे धीरे वह विद्यालय की भाषा सीख जाता है।जहाँ विद्यार्थियों की मातृभाषा और विद्यालय की भाषा समान नहीं होती है, ऐसी परिस्थितियों को अक्सर चुनौतीपूर्ण माना जाता है। इस इकाई का उद्देश्य बहुभाषावाद के प्रति जागरूकता और सकारात्मक समझ को उजागर करना है, जिसके अंतर्गत यह बात बताई गई है कि बहुभाषावाद के माध्यम से भाषा कक्षा में सभी विद्यार्थियों को एक साथ पढ़ायी जा सकती है।
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। इससे बच्चे को सीखने में आसानी होती है। क्यूँकि हर बच्चे स्कूल की भाषा जानता हो जरूरी नही है। उसे धीरे धीरे स्कूल की भाषा सीखाने की कोशिश करनी चाहिए।
ReplyDeleteहमारा देश विविधताओं से भरा है। जिसमे कई प्रकार कि भाषाऐ बोली जाती है। सबकी अपनी अपनी भाषा है। जो विद्यालय की भाषा से अलग होती है। इसलिए विद्यालय मे बहुभाषिकता को एक संसाधन और रणनीति के रूप मे उपयोग कर सकते हैं। बहुभाषिकता से छात्रो को अपनी भाषा मे अपनी बात बोलने का अवसर मिलता है जिससे वह विद्यालय मे सहज होकर सीखने सिखाने के गतिविधियो को प्रसन्नता से करता है। धीरे धीरे वह विद्यालय की भाषा सीख जाता है।
ReplyDeleteकक्षा में बहुभाषिता का उपयोग करने से छात्र जल्दी सीखते हैं प्राथमिक चरण में कक्षा मे मातृभाषा का उपयोग करना चाहिए क्योंकि छात्रों को अपनी भाषा में बोलने का अवसर मिलेगा और वे धीरे-धीरे विद्यालय की भाषा आसानी से सीखते हैं ।
ReplyDeleteबहू भाषा का उपयोग कक्षा में करना चाहिए | इससे बच्चों को सीखने में आसानी होती है|उनको उन्हीं की भाषा में बोलने की छूट देने से बच्चों को विद्यालय का वातावरण घर के जैसा लगता है |धीरे-धीरे वह विद्यालय की भाषा को भी सीख लेते हैं|
ReplyDeleteहमनें बुज़ुर्गों से एक कहावत सुनी है-"चार कोस में पानी, बदले आठ कोस में वाणी।"
ReplyDeleteउपरोक्त पंक्तियों से हम हमारी सामाजिक विविधता का बोध कर सकते हैं तथा बच्चों के संदर्भ में बहुभाषिकता की प्रासंगिकता एवं अनिवार्यता को भी जान सकते हैं।
विविधता से भरा भारत देश की विशेषता-बहुभाषी होने का पहचान जो कि प्रत्येक भारतीय बच्चा का पहचान है।
ReplyDeleteकहा जाता है कि 'हर दस क्रोश के अंतराल में भाषा, भूषा और भोजन बदलता है।'ऐसी बहुलता पूर्ण परिवेश में पल रहे बच्चे एक ओर अनौपचारिक ढंग से जहां गम्भीर प्रयास के बिना ही अपनी मातृभाषा को मातृदुग्ध समान आत्मसात करते हैं वहीं दूसरी ओर विद्यालय परिसर में सहभागिता और सहकारिता के वातावरण में अन्य अपरिचित भाषाओं का लेन-देन अति सहजता से कर पाते हैं। वे अपनी मातृभाषा को स्वतंत्र रूप से इस्तेमाल करते हुए अन्य भाषाओं को सुनकर सीखने और अपनाने को आग्रही एवं उत्साहित होते हैं। अतः बहुभाषिता को एक संसाधन और एक रणनीति के रूप में अवश्य ही उपयोग में लाया जा सकता है।
मातृभाषा, मानक भाषा तथा अन्य भाषाओं का समन्वय बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को सहज , सुंदर, ग्रहणयोग्य व समृद्ध बनाएगा। इससे बच्चों में आत्मविश्वास सबल और प्रखर होगा।
भारत जैसे देशों में कई भाषाएं प्रचलित हैं और एक विशिष्ट भारतीय कक्षा में बहुभाषी लोग मिल सकते हैं ।बच्चे अपनी मातृभाषा सीख कर विद्यालय आते हैं और एक साथ या बाद में राज्य विद्यालय की भाषा सीखते हैं ।भाषा संबंधी कौशलों की विस्तृत श्रृंखला है जो उन्हें नियंत्रित करती है ।इसी के जरिए हुए विभिन्न सामाजिक स्थितियों पर अधिक कुशलता से बातचीत करने के लिए तैयार भी होते हैं या दर्शाने के लिए भी पर्याप्त शिक्षा हैं कि द्विभाषी बच्चे विभिन्न प्रकार के विचारों में उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं। बहुभाषावाद ,संज्ञानात्मक विकास और शैक्षिक उपलब्धि के बीच सकारात्मक शब्द के बारे में जानते हैं ,तो विद्यालयों में बहु भाषा शिक्षा को बढ़ावा देने की भी आवश्यकता है।
ReplyDeleteबच्चों को भाषा सीखाने मे बहुभाषा सहायक होती है। इसलिए यह संसाधन के रुप में उपयोग किया जा सकता है।बहुभाषा ही वह साधन है जिसके माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों मे निवास करने वाले व्यक्तियों के भावनाओं एवं क्षेत्रीय रितिक रिवाज को हम समझ सकते है।फलत: प्रारंभिक स्तर पर बच्चों को औपचारिक भाषा विकसित करने में उनकी क्षेत्रीय भाषा सहायक होती है।
ReplyDeleteविद्यालय में विभिन्न समुदाय एवं विभिन्न प्रकार के भाषा बोलने वाले बच्चे आते हैं जिनके साथ अंतः क्रिया करने में शिक्षकों को परेशानी होती है क्योंकि बच्चों की भाषा अलग होती है इसलिए शिक्षकों को प्रयास करना चाहिए कि वह बच्चों की भाषा में है उनके साथ बातचीत करें ताकि वे अपने आप को सहज महसूस कर सकें और शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में अपना पूर्ण योगदान दे सकें
ReplyDeleteबच्चे अपने घर में मातृभाषा का प्रयोग करते हैं। जब वे स्कूल आते हैं तो उन्हें स्कूल की भाषा का ज्ञान नहीं होता है। हमलोग उसकी भाषा का प्रयोग कर बच्चों की समझ को बढ़ा पाते हैं।
ReplyDeleteबहुभाषिता का उपयोग कक्षा में करना चाहिए। इससे बच्चे को सीखने में आसानी होती है। क्यूँकि हर बच्चे स्कूल की भाषा जानता हो जरूरी नही है। उसे धीरे धीरे स्कूल की भाषा सीखाने की कोशिश करनी चाहिए।
ReplyDeleteदयामय माजि(स.शिक्षक)
उ.म.वि.चौका(कुकड़ू)
सरायकेला-खरसावां।
हमारा देश विविधताओं से भरा है। जिसमे कई प्रकार कि भाषाऐ बोली जाती है। सबकी अपनी अपनी भाषा है। जो विद्यालय की भाषा से अलग होती है। इसलिए विद्यालय मे बहुभाषिकता को एक संसाधन और रणनीति के रूप मे उपयोग कर सकते हैं। बहुभाषिकता से छात्रो को अपनी भाषा मे अपनी बात बोलने का अवसर मिलता है जिससे वह विद्यालय मे सहज होकर सीखने सिखाने के गतिविधियो को प्रसन्नता से करता है। धीरे धीरे वह विद्यालय की भाषा सीख जाता है।
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