पाठ्यपुस्तक की सहायता से स्पष्ट करें कि आप अपनी कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर, पर्यावरण और विशेष आवश्यकताओं (दिव्यांग्जन) आदि का समावेश कैसे करेंगे ?
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आप अपनी कक्षा/ स्कूल में खिलौना क्षेत्र कैसे सृजित करेंगे – इस बारे में सोचें। डी-आई-वाई खिलौनों का सृजन करने में बच्चों की सहायता के लिए ...
Ham teaches ko book Kay anusar samvedansil matter ko soch samajh kar handle karnay ki jarurat hai. Aapas mein koi feeling aanay nahi dena hai.
ReplyDeleteकक्षा में किसी गतिविधियों में छात्र और छात्राओं में बना विभेद उनके भागीदारी पर ध्यान देंगे।जिससे उनके अंदर जेंडर सम्बन्धी पुरानी मान्यताओं से बाहर निकल सके।उन्हें पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता हेतु बातचीत करेंगे।
Deleteहम अपनी कक्षा में विभिन्न मुद्दे जैसे लिंग, पर्यावरण और भी आवश्यकता का समावेश सोच समझ कर करेंगें। हम जब भी कक्षा में कोई भी कार्यक्रम करेंगें तो लड़का लड़की की भागीदारी बराबर का हो ऐसा ध्यान रखना होगा जिससे कोई भेदभाव की समस्या ना उत्पन्न हो।
ReplyDeleteIn our class room we discuss the different topics like gender, Environmental science with the students. We always try to encourage the girls and boys according to their interest or talents. We as a teacher provide both the girls and boys all the facilities equally. We motivate both the gender as required.
ReplyDeletewe have to teach student about all different field so that they can enhance their knowlege in all direction
ReplyDeleteyes
Deleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे।
ReplyDeleteIn our class room we discuss the different topics like gender, Environmental science with the students. We always try to encourage the girls and boys according to their interest or talents. We as a teacher provide both the girls and boys all the facilities equally. We motivate both the gender as required
ReplyDeleteसंवेदनशील मुद्दों पर अध्यापन करते समय बच्चों की समझ, सामाजिक समरसता, आवश्यकता आदि को ध्यान में रखना चाहिए.
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न मुद्दे जैसे लिंग, पर्यावरण और भी आवश्यकता का समावेश सोच समझ कर करेंगे। हम जब भी कभी कक्षा मे कार्यक्रम करेंगे तो लड़का लड़की की भागीदारी बराबर का हो ऐसा ध्यान रखना होगा जिससे की कोई भेदभाव की समस्या ना उत्त्पन्न हो।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे।
ReplyDeleteकक्षा संचालन के समय विभिन्न संवेदनशील मुद्दे पर जैसे जेंडर पर्यावरण की आवश्यकता का समावेश करेंगे। जिससे कोई भेदभाव की समस्या उत्पन्न न हो।
ReplyDeleteकक्षा का संचालन करते समय पाठ पुस्तक मैं प्रयुक्त संवेदनशील विषयों को जैसे जैंडर पर्यावरण विशेष आवश्यकता वाले एवं आदि विषयों का समावेश करते हुए सहजता के साथ कक्षा में बच्चों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे जिससे नो किसी की भावना आहत हो और बच्चे उस विषय को संस्था से समझ सके जिससे कि एक दूसरे के प्रति उनके सम्मान की भावना उनमें जागृत हो और एक दूसरे से जुड़ाव महसूस कर सकें
ReplyDeleteClass sanchalan ke samay vibhinna samvedanshil mudde par jaise gender paryavaran ki awasyakta ka samavsh karenge
ReplyDeleteSamvedanshil mudde par kaksha ka sanchalan karte samay bachchon ki samajh aur samajik samrasta ka dhyan rakhna hoga
ReplyDeleteहम अपने विद्यालय में कक्षा संचालन करते समय विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे- जेंडर, पर्यावरण, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का समावेश अत्यंत ही सरल एवं सहज भाव से करेंगे ताकि वे किसी प्रकार का एक-दूसरे के साथ भेदभाव न करें एवं किसी की भावना आहत न हो सभी छात्रों को एक-दूसरे को सहयोग करने तथा आपस में जुड़ाव हेतु प्रोत्साहन देंगे किसी भी कार्य के लिए छात्रों के योगदान को स्वीकार करने एवं सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेंगे जिससे कि वह विद्यालय में बतलाई जाने वाली सभी तथ्यों को पूरा-पूरा सीख सकें|
ReplyDeleteसंवेदनशील मुद्दे पर अध्यापन करते समय बच्चों की समझ, सामाजिक समरसता, आवश्यकता आदि को ध्यान में रखना चाहिए।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश से छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
ReplyDeleteविद्यालय में कक्षा में कक्षा संचालन संचालन में संवेदनशील मुद्दा जैसे जेंडर पर्यावरण विशेष आवश्यकता वाले बच्चे अत्यंत एवं सहज भाव को समझ पाएंगे और अपने क्षमता अनुसार कार्य कर पाएंगे।
ReplyDeleteSamvedanshil muddon par adhyapan karte vakt shiksharthiyon ki samajh,grahan kshamta,sahajta, lingbhed bina,samajik samrasta avashyakta adi ko dhyan men rakhte jive kaksha samaveshan kiya jana chahiye
ReplyDeleteकक्षा संचालित करते समय किसी भी संवेदनशील विषय चाहे जेंडर पर्यावरण हो या कोई और लिंग भेद संबंधित विषय हो उसकी चर्चा करते वक्त सदैव समरसता और सौहार्द बना रहे इसपर विषेश ध्यान देनी चाहिए।
ReplyDeleteAmita choudhary
ReplyDeleteUGMS TANTRI
TOPCHANCHI
DHANBAD
Samvedanshilta muddon par padhate waqt students ke samajh,grahan kshamatavan,sahajta,lingbhed,samajik samarsata,avashyakta etc ko dhyan me rakhata hue class samaveshan karana chahie.
कक्षा संचालन के समय विभिन्न संवेदनशील मुद्दे पर जैसे जेंडर, पर्यावरण और विशेष आवश्यकताओं वाले का समावेश सरल तरीक़े से करेंगे जिसमें पर्यावरण के महत्व को समझाते हुए छात्रों में एक दूसरे का सहयोग एवं सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देते हुए हर गतिविधि में छात्रों को उनकी क्षमतानुसार कार्य देंगे।
ReplyDeleteसंवेदनशील मुद्दों पर अध्यापन करते समय बच्चों की समझ, सामाजिक समरसता, आवश्यकता आदि को ध्यान में रखना चाहिए.
ReplyDeleteकक्षा संचालन के समय विभिन्न संवेदनशील मुद्दों पर जैसे जेन्डर पर्यावरण और विशेष आवश्यकताओं का सरल तरीके से समावेश करते हुए छात्रों को हर गतिविधि में उनकी योग्यता के अनुसार उन्हें कार्य देंगे ।उन्हें किसी तरह की कठिनाई नहीं हो।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा में विभिन्न मुद्दे जैसे लिंग, पर्यावरण और भी आवश्यकता का समावेश सोच समझ कर करेंगें। हम जब भी कक्षा में कोई भी कार्यक्रम करेंगें तो लड़का लड़की की भागीदारी बराबर का हो ऐसा ध्यान रखना होगा जिससे कोई भेदभाव की समस्या ना उत्पन्न हो।
ReplyDeleteपाठ्य पुस्तक में प्रस्तुत संवेदनशील विषयों के आधार पर विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर, पर्यावरण और विषय आवश्यकता वाले मुद्दों को समावेशित कर बहुत ही सरलता पूर्वक कक्षा में प्रस्तुत करूँगी और उनके भावनाओं का ख्याल रखूंगी| उनके अंदर एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना को जागृत करूँगी।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा में विभिन्न मुद्दे जैसे लिंग, पर्यावरण और भी आवश्यकता का समावेश सोच समझकर करेंगे| विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का समावेश अत्यंत ही सरल एवं सहज भाव से करेंगे ताकि वे किसी प्रकार का भेदभाव एक दूसरे के साथ ना करें इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए|
ReplyDeleteपाठ्य पुस्तक में प्रस्तुत सम्बेदन शील विषयों के आधार पर सभी विषयों का समवेश किया जयेगा
ReplyDeleteकक्षा संचालित करते समय किसी भी संवेदनशील विषय चाहे जेंडर पर्यावरण हो या कोई और लिंग भेद संबंधित विषय हो उसकी चर्चा करते वक्त सदैव समरसता और सौहार्द बना रहे इसपर विषेश ध्यान देनी चाहिए। उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ने अपनी गति से सीखने की अवसर प्रदान करूंगा साथ ही उनके अलग-अलग शैक्षणिक सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि था ध्यान रखना होगा
ReplyDeleteविद्यालय में कक्षा में कक्षा संचालन संचालन में संवेदनशील मुद्दा जैसे जेंडर पर्यावरण विशेष आवश्यकता वाले बच्चे अत्यंत एवं सहज भाव को समझ पाएंगे और अपने क्षमता अनुसार कार्य कर पाएंगे।
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ReplyDeleteसंवेदनशील मुद्दों पर अध्यापन करते समय बच्चों की समझ, सामाजिक समरसता, आवश्यकता आदि को ध्यान में रखना चाहिए.
ReplyDeleteThere will be no any discrimination of boys and girls in school curriculum activities.
ReplyDeletehum apni kksha me vibhinn sambedanshil mudde jaise prayawan aur vishesh aawashyakta walo ka shamavesh sahaj tarike se karenge aur kksha me har garividhi me sabhi ka bhagidari sunishichit karenge aur ek dusre ke saath sahayog ki bhawna viksit karenge taki sabhi judav ka mahsus kar sake.
ReplyDeleteWe should be very sensitive about gender issue in our classroom.we should also
ReplyDeletebe sensitive about Chidren of special needs.
Md Afzal Hussain
Deleteमॉडल 11 के अंतर्गत उपरोक्त कथन एवं चिंतन के परिपेक्ष में मैं अपने विद्यालयों के कक्षा अंतर्गत किसी भी प्रकार का लिंग, दिव्यांगता का विवेद न करते हुए सभी के लिए एक समान बताबरण का तैयार कर समावेशी कक्षा का संचालन करेंगे।। जिससे कि सभी बच्चे एक समान अवसर प्राप्त करने में सक्षम हो उठेंगे और इस समावेशी वातावरण में मैं अपने अध्ययन क्रिया को सुचारू रूप से संचालन में सफलीभूत होंगे।।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा में विभिन्न मुद्दे जैसे लिंग, पर्यावरण और भी आवश्यकता का समावेश सोच समझ कर करेंगें। हम जब भी कक्षा में कोई भी कार्यक्रम करेंगें तो लड़का लड़की की भागीदारी बराबर का हो ऐसा ध्यान रखना होगा जिससे कोई भेदभाव की समस्या ना उत्पन्न हो।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा में विभिन्न मुद्दे जैसे लिंग, पर्यावरण और भी आवश्यकता का समावेश सोच समझ कर करेंगें। हम जब भी कक्षा में कोई भी कार्यक्रम करेंगें तो लड़का लड़की की भागीदारी बराबर का हो ऐसा ध्यान रखना होगा जिससे कोई भेदभाव की समस्या ना उत्पन्न हो।
ReplyDeleteSamvedanshil muddon par dhyan dene ki jarurat hai
ReplyDeleteHum class main jab bhi gatividhi karenge boys aur girls ko saman bhagidari dene,isse boys aur girls ek dusre ko samman Dena sikhenge.
ReplyDeleteकक्षा संचालित करते समय किसी भी संवेदनशील विषय चाहे जेंडर पर्यावरण हो या कोई और लिंग भेद संबंधित विषय हो उसकी चर्चा करते वक्त सदैव समरसता और सौहार्द बना रहे इसपर विषेश ध्यान देनी चाहिए। उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ने अपनी गति से सीखने की अवसर प्रदान करूंगा साथ ही उनके अलग-अलग शैक्षणिक सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि था ध्यान रखना होगा
ReplyDeleteSamvedansheel mudoo par dhyan dene ke jaroort hai
ReplyDeleteभाषा का उपयोग सभी विषयों के शिक्षण में महत्वपूर्ण योगदान है। भाषा शिक्षण की समझ सभी विषयों के शिक्षण गतिविधियों और कार्यकलाप को आकर्षक सरल, सहज व प्रभावशाली बनाता है।Dr.Sunil kumarM.S.Sindri Sadar Chaibasa
ReplyDeleteI would try my best effort to participate both boys and girls including third gender in any activities which will be held in our school.Again there will be no discrimination at all in any field in our campus.I will teach them always about equality, fraternity, importance of freedom,love, affection and also their duties in this early age to become a good citizen of our country.
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा में विभिन्न मुद्दे जैसे लिंग, पर्यावरण और भी आवश्यकता का समावेश सोच समझ कर करेंगें। हम जब भी कक्षा में कोई भी कार्यक्रम करेंगें तो लड़का लड़की की भागीदारी बराबर का हो ऐसा ध्यान रखना होगा जिससे कोई भेदभाव की समस्या ना उत्पन्न हो।
ReplyDeleteहम अपने कक्षा में अलग-अलग मुद्दों जैसे लिंग, पर्यावरण आदि आवश्यकता का समावेश सोच-समझ कर करेंगे।हर क्षेत्र में लड़का लड़की की भागीदारी बराबर हो ऐसा ध्यान में रखकर करेंगे।
ReplyDeleteकक्षा में संवेदनशील मुद्दों जैसे जेण्डर, पर्यावरण, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का समावेश सहज तरीकों से करेंगे। प्रत्येक बच्चों को सभी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेंगे तथा उनमें भावनात्मक जुडाव पैदा करेगें।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे।
ReplyDeleteBook Ek Sangsadhan hai jo all student ke liye jaruri hai .all Jender Ko Uske Yogita ke occurring padana hai.and Activiti ke liye Aware Dana hai.
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का समावेश सहज और सरल तरीके से करेंगे। कक्षा में हर गतिविधि सभी तरह के छात्रों को उनकी क्षमतानुसार कार्य देंगे। छात्रों में एक दूसरे का सहयोग एवं सम्मान करने की भावात्मक जुडाव को प्रोत्साहन देंगे।
ReplyDelete
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे।
हम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे।
ReplyDeleteसंवेदनशील मुद्दों पर अध्यापन करते समय बच्चों की समझ, सामाजिक समरसता, आवश्यकता आदि को ध्यान में रखना चाहिए.
ReplyDeleteकक्षा में संवेदनशील मुद्दों जैसे जेण्डर, पर्यावरण, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का समावेश सहज तरीकों से करेंगे। प्रत्येक बच्चों को सभी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेंगे तथा उनमें भावनात्मक जुडाव पैदा करेगें।
ReplyDeleteIn our classroom we discuss the different topics.We always try to encourage the girls and boys according to their interest.
ReplyDeleteहम अपने विद्यालय में कक्षा संचालन करते समय विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे- जेंडर, पर्यावरण, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का समावेश अत्यंत ही सरल एवं सहज भाव से करेंगे ताकि वे किसी प्रकार का एक-दूसरे के साथ भेदभाव न करें एवं किसी की भावना आहत न हो सभी छात्रों को एक-दूसरे को सहयोग करने तथा आपस में जुड़ाव हेतु प्रोत्साहन देंगे किसी भी कार्य के लिए छात्रों के योगदान को स्वीकार करने एवं सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेंगे जिससे कि वह विद्यालय में बतलाई जाने वाली सभी तथ्यों को पूरा-पूरा सीख सकें|
ReplyDeleteClass sanchalan ke samay vibhinna samvedanshil mudde par jaise gender,paryavaran adhayan avong bisesh abasakta bale bachhe par dhayan dena jaruri hai.
ReplyDeleteहम अपने विद्यालय में कक्षा संचालन करते समय विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे- जेंडर, पर्यावरण, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का समावेश अत्यंत ही सरल एवं सहज भाव से करेंगे ताकि वे किसी प्रकार का एक-दूसरे के साथ भेदभाव न करें एवं किसी की भावना आहत न हो ताकि सभी बच्चे बिना भेदभाव के आनन्द पूर्वकlearning outcomesको प्राप्त कर सकें।
ReplyDeleteसंवेदनशील मुद्दे पर अध्यापन करते समय बच्चों की समझ, सामाजिक समरसता, आवश्यकता आदि को ध्यान में रखना चाहिए ।
ReplyDeleteकक्षा में संवेदनशील मुद्दों जैसे जेंडर,पर्यावरण, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का समावेश सहज तरीकों से करेंगे। प्रत्येक बच्चों को सभी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेंगे तथा भावनात्मक विकास करेगें।
ReplyDeleteअपनी कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर, पर्यावरण और विशेष आवश्यकताओं (दिव्यांग्जन) आदि का समावेश हम इस प्रकार करेंगे जिससे उनके मनोभाव को ठेस न पहुंचे। सभी के आत्मसम्मान को ध्यान में रखते हुए मुद्दों का समावेश करेंगे।
ReplyDeleteअपनी कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दों पर ध्यान देते हुए कक्षा का संचालन करेंगे ताकि बच्चों में आपसी भेदभाव ना हो एवं जेंडर और निशक्त बच्चों को ऐसा संबोधन नहीं करेंगे जिससे उनमें हीनता का भावना उत्पन्न हो हमेशा में कोशिश यही करूंगा कि बच्चों को समान अवसर मिले और एक दूसरों के साथ मिलकर कार्यक्रम में एवं कक्षा संचालन में सहभागिता मिले
ReplyDeletePathy pustak me prastut samvedanshil vishayon ke aadhar per sabhi vishayon ka samavesh kiya jayega.
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश बिना भेदभाव के सहज एवं सरल तरीको से करेंगे। कक्षा की हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रों को उनकी कार्य क्षमतानुसार भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एवं सम्मान करने को प्रोत्साहित करेंगे। छात्रों के साथ किसी भी प्रकार से भेदभाव नहीं हो, इस बात का ध्यान रखेंगे।
ReplyDeleteकक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर, पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालों का समावेश विना भेदभाव के सहज एवं सरल तरीके से करेंगे। कक्षा की हर गतिविधि में सभी तरह के छात्रों। को उनकी कार्य क्षमतानुसार भागीदारी सुनिश्चित करेंगे
ReplyDeleteवर्ग संचालन के समय संवेंदनशील मुद्दों पर अध्यापन करते समय बच्चों की समझ, सामाजिक समरसता, आवश्यकता आदि को ध्यान में रखना चाहिए । jender, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों में भेद-भाव नहीं रखना चाहिए ।
ReplyDeleteराजेंद्र प्रसाद
उ. म. वि. ईचातु
Hum apne warg me pathya pustak ke vishay vastu ko padhate samay gender, paryawaran, vishesh jarurat wale bachon ka khyal rakhenge. unke purv gyan aur kshamta ke anusar vyaktigat ya phir samuhik gatividhi denge.
ReplyDeleteHum teacher hone ke naate in teeno muddon ko class me discuss karenge aur iske anusar sabhi vishayon par charcha karengr
ReplyDeleteकक्षा संचालित करते समय किसी भी संवेदनशील विषय चाहे जेंडर पर्यावरण हो या कोई और लिंग भेद संबंधित विषय हो उसकी चर्चा करते वक्त सदैव समरसता और सौहार्द बना रहे इसपर विषेश ध्यान देनी चाहिए। उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ने अपनी गति से सीखने की अवसर प्रदान करूंगा साथ ही उनके अलग-अलग शैक्षणिक सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि था ध्यान रखना होगा
ReplyDeleteमैं अपनी कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दों,जैसे-जेंडर, पर्यावरण और विशेष आवश्यकताओं (दिवयांगजन) आदि का समावेश पूर्णतः सावधानीपूर्वक करूंगा।
ReplyDeleteयह सुनिश्चित करूंगा कि,कक्षा संचालन के समय भाषा में जेंडर की समानता बनी रहे। तथा किसी प्रकार का भेद भाव न हो।
जब कक्षा में किसी तरह का कार्यक्रम होगा तो, इसमें जेंडर और दिवयागजन की भागीदारी आवश्यकतानुसार समावेश करूंगा।
हम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे
ReplyDeleteSchool mein kisi bhi tarah ka gender realated devide nahi honi sensitive metter ka solution sochh samajh kar karna chahiye.Boys and girls ko equal opportunity dena chahiye
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे। Nand Gopal Tiwari chatra
ReplyDeleteहम आपनी कक्षा में कुछ गतिविधि करवाऊंगी और सभी बच्चो की भागीदारी सुनिश्चित करूंगी।सभी को एक दूसरे का सहयोग और सम्मान करने बोलूंगी साथ ही पर्यावरण को कैसे साफ रखना है ये भी बताऊंगी।
ReplyDeleteClass men parhate samay samwedanshil muddo par sabhi bachcho ko vibhinna gatibidhi ke madhyam se shamil karenge
ReplyDeleteसंवेदनशील मुद्दों जैसे लिंग,विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का समावेश, पर्यावरण इत्यादि के पाठन के समय शिक्षकों को आवश्यकता,सामाजिक समरसता आदि का ध्यान रखना चाहिए,ताकि किसी की भावना आहत ना हो ।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश से छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे।
ReplyDeleteकक्षा में चाहे लड़का हो या लड़की सभी के भावनाओं का सम्मान करते हुए संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर, पर्यावरण और दिव्यांगजन आदि का समावेश करेंगे सभी छात्रों को एक दूसरे का सम्मान करते हुए एक दूसरे का सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। सभी की भागीदारी को समान रूप से सुनिश्चित करेंगे।
ReplyDeleteSamvedanshil mudde jaise sender,paryavarn our vishesh avshykta wale bachcho Ka samavesh shjta se karenge avm sbhi bachcho ko dhyan me rakhte huye gatividhiyo me shamil krenge
ReplyDeleteसंवेदनशील मुद्दे पर लड़का-लड़की एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चो में बिना भेद-भाव किए एक-दुसरे का सहयोग करते हुए कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
ReplyDeleteI should give same attention to both boys and girls in different activities. I should give more attention to the cwsn.They should sit at the first bench so that they can move easily and listen easily.
ReplyDeleteसंवेदनशील मुद्दे पर लड़का-लड़की एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चों में बिना भेदभाव किए एक दूसरे का सहयोग करते हुए कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
ReplyDeleteबिना कोई भेदभाव के जेन्डर,विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के विकास के लिये समग्र रूप से पत्साहित करना चाहिए।
Deleteहम अपनी कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विषेश आवश्यकता वालों का समावेश से बच्चों में एक दूसरे का सहयोग एवं सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
Deleteपंकज कुमार ओझा
ReplyDeleteसहायक शिक्षक
मध्य विद्यालय झखरा,ठाकुरगंगटी,गोड्डा
हम बच्चों के बीच जेंडर, पर्यावरण एवं विशेष आवश्यकता वाले जैसे संवेदनशील मुद्दे को लाने के लिए बच्चों का एक समूह बनाकर उसे एक एक करके रोल अदा करने का मौका देकर नाटक या धारावाहिक की तरह करने को कह सकते हैं और अन्य बच्चे उसे देखेंगे जिससे अन्य बच्चों में भी इन मुद्दों के प्रति संवेदना जागृत हो।
इसके अलावा वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित करके भी इसे अन्य बच्चों के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं।
बच्चे एक दूसरे से ही सीखते हैं। इस प्रकार सभी तरह के बच्चों के एक साथ शामिल कर भी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से इन मुद्दों को बच्चों के समक्ष पेश किया जा सकता है।
नाटक और वाद-विवाद के माध्यम से।
ReplyDeleteकक्षा का संचालन करते समय पाठ पुस्तक मैं प्रयुक्त संवेदनशील विषयों को जैसे जैंडर पर्यावरण विशेष आवश्यकता वाले एवं आदि विषयों का समावेश करते हुए सहजता के साथ कक्षा में बच्चों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे जिससे नो किसी की भावना आहत हो और बच्चे उस विषय को संस्था से समझ सके जिससे कि एक दूसरे के प्रति उनके सम्मान की भावना उनमें जागृत हो और एक दूसरे से जुड़ाव महसूस कर सकें।
ReplyDeleteसोमेन्द्र नारायण साहा
विद्यालय में कक्षा में कक्षा संचालन संचालन में संवेदनशील मुद्दा जैसे जेंडर पर्यावरण विशेष आवश्यकता वाले बच्चे अत्यंत एवं सहज भाव को समझ पाएंगे और अपने क्षमता अनुसार कार्य कर पाएंगे।
ReplyDeleteWhen I will arange any activity to our class we must give priority to participate every child in class they working togather helping and supporting each other.as a teacher we must wellcome to ideas of every children
ReplyDeleteMai apne class m bibhin sambedansil muddo wale students ka adhigam sahaj tatha Sarah tariko se karunga.Gendar bed ityadi purani manyatao ko tyag kar unme perasper sahiyog tatha samman ki bharna ka bikash karunga.
ReplyDelete....M.s.kusunda,Matkuria,Dhanbad-1
विभिन्न प्रकार के विशेष और आवश्यकता वाले बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार अपनाई जाने वाली कार्य नीति को उपयोग में लाना होगा जैसे अल्प दृष्टि वाले बच्चे के लिए रंगीन चौक या रंगीन पेन आदि का उपयोग किया जा सकता है, बड़े लेखन वाले ब्लैक बोर्ड पर काम करने में मदद मिलेगी ।दूसरा श्रवण बाधित बच्चे के लिए अध्यापक के पास बैठने और जोर से ,स्पष्ट रूप से और ठहराव के साथ बोलकर ,जरूरत पड़ने पर फिर से दोहराना जैसे किया जा सकता है। तीसरा संज्ञानात्मक विकार और बौद्धिक क्षमता वाले बच्चे के लिए अपनी रचनात्मक और धैर्य के माध्यम से विभिन्न प्रकार के कार्य नीति तैयार कर जैसे पढ़ने (शब्दों को छोड़ना )आंखों के समन्वय (अस्पष्ट लिखावट )और ऑल अलंकारिक भाषा को समझने में मदद किया जा सकता है। चौथा उच्च उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां प्रदान की जाती है जैसे लेटस् लिसन एंड टॉक (आओ सुने और बात करें )और से अलाउड सेक्शन (ऊंची आवाज में पढ़ें )मैं बहुत ही कल्पनिक रूप से प्रतिक्रिया दे सकते हैं ।इसके अतिरिक्त उन्हें नई शब्दावली के साथ थोड़े चुनौतीपूर्ण संज्ञानात्मक स्तर वाली विभिन्न प्रकार की पाठ्य सामग्री प्रदान की जा सकती है।
ReplyDeleteहम अपने विद्यालय में कक्षा संचालन करते समय विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे- जेंडर, पर्यावरण, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का समावेश अत्यंत ही सरल एवं सहज भाव से करेंगे ताकि वे किसी प्रकार का एक-दूसरे के साथ भेदभाव न करें एवं किसी की भावना आहत न हो सभी छात्रों को एक-दूसरे को सहयोग करने तथा आपस में जुड़ाव हेतु प्रोत्साहन देंगे किसी भी कार्य के लिए छात्रों के योगदान को स्वीकार करने एवं सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेंगे जिससे कि वह विद्यालय में बतलाई जाने वाली सभी तथ्यों को पूरा-पूरा सीख सकें|विद्यालय में ऐसा वातावरण का निर्माण कर हम एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं। ANJANI KUMAR JHA, Asst.Teacher, U.H.S.BHAGAIYA, THAKURGANGATI, GODDA.
ReplyDeleteहम कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दों जेंडर, पर्यावरण और विशेष आवश्यकताओं से संबंधित गतिविधि कराएंगे जिससे बच्चे उपरोक्त मुद्दों के महत्त्व के समझ बना पाएंगे और एक दूसरे की मदद भी करेंगे
ReplyDeleteहम जब भी कक्षा में कोई भी कार्यक्रम करेंगें तो लड़का लड़की की भागीदारी बराबर का हो ऐसा ध्यान रखना होगा जिससे कोई भेदभाव की समस्या ना उत्पन्न हो।
ReplyDeleteबिना भेद भाव के सभी बच्चों को साथ लेकर पर्यावरण आधारित गतिविधि करना है।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा में विभिन्न मुद्दे जैसे लिंग, पर्यावरण, और भी आवश्यकता का समावेश सोच समझकर करेंगे ।हम जब भी कार्यक्रम करेंगे तो लड़का-लड़की की भागीदारी बराबर का हो ऐसा ध्यान रखना होगा जिससे कोई भेदभाव की समस्या उत्पन्न ना हो ।
ReplyDeleteBina bhedbhav ke sabhi baccho ko sath lekar paryavaran aadharit gatividhi karana chahiya
ReplyDeleteकक्षा में किसी गतिविधियों में छात्र और छात्राओं में बना विभेद उनके भागीदारी पर ध्यान देंगे।जिससे उनके अंदर जेंडर सम्बन्धी पुरानी मान्यताओं से बाहर निकल सके।उन्हें पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता हेतु बातचीत करेंगे।
ReplyDelete*दयामय माजि (स.शिक्षक)
*उ.म.वि.चौका (कुकड़ू)
*सरायकेला-खरसावां।
कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा में यह ध्यान देंगे कि लिंग,पर्यावरण एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को समान अवसर मिले। किसी के साथ कोई भेदभाव न हो। किसी भी गतिविधि में सबों के क्षमताओं के अनुरूप विषयवस्तु का चयन किया जाए जिससे किसी भावना को ठेस न पहुंचे।
ReplyDeleteअपनी कक्षा में जेंडर, पर्यावरण, तथा दिव्यांगजनों का समावेश करने के लिए छात्र छात्राओं में बिना विभेद किए सहज एवं सरल तरीके से कार्य करेंगे ।छात्र छात्राओं की रूचि को ध्यान में रखते हुए किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे, इसका ध्यान रखेंगे । सभी मिल जुलकर सहयोग की भावना से कार्य करें, इसका ख्याल रखेंगे ।
ReplyDeleteप्रशान्त कुमार दत्त
शिक्षक, रा0म0वि0,गढ़गाँव (ईटकी) राँची झारखण्ड
All Children All Activity me Saman Avsar Dengen.
ReplyDeleteHum apni kaksha me ye dhyan denge ki bachhon me kisi prakar ka bhed bhaw na ho.sabhi ko saman rup se sikhne ka awsar mile.
ReplyDeleteApni kaksho me paryawarn aur jendar smbadhi samsyao ko dhayan me rakhte huye padhai karunga.dibyang bachcho,sarwan badhit bachcho ko aage bench par baithayege.
ReplyDeleteChhatron ko dd dhiyan me rakhte huyekisi ke Bhavna ko thes na pahunche
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा का संचालन करते समय जेंडर,पर्यावरण और दिव्यागजनों का समावेश करते हुए पाठयपुस्तक के मदद से बिना भेदभाव किए क्षमता अनुसार सभी छात्रों की सहभागिता सुनिश्चित करेंगें।
ReplyDeleteSaurav Kumar
ReplyDeletePara Teacher
P. S. Manikpur
Block-Thakurgangti
Dist-Godda
कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे।
हम बच्चों के बीच जेंडर, पर्यावरण एवं विशेष आवश्यकता वाले जैसे संवेदनशील मुद्दे को लाने के लिए बच्चों का एक समूह बनाकर उसे एक एक करके रोल अदा करने का मौका देकर नाटक या धारावाहिक की तरह करने को कह सकते हैं और अन्य बच्चे उसे देखेंगे जिससे अन्य बच्चों में भी इन मुद्दों के प्रति संवेदना जागृत हो।
ReplyDeleteइसके अलावा वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित करके भी इसे अन्य बच्चों के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं।
बच्चे एक दूसरे से ही सीखते हैं। इस प्रकार सभी तरह के बच्चों के एक साथ शामिल कर भी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से इन मुद्दों को बच्चों के समक्ष पेश किया जा सकता है।
अपनी कक्षा मे विभिन्न मुद्दे जैसे लिंग, पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालों का समावेश सोच समझ कर करेंगे। हम जब भी कभी कक्षा मे कार्यक्रम करेंगे तो लड़का लड़की की भागीदारी बराबर का हो ऐसा ध्यान रखना होगा जिससे की कोई भेदभाव की समस्या ना उत्त्पन्न हो।
ReplyDeleteकक्षा संचालित करते समय किसी भी संवेदनशील विषय चाहे जेंडर पर्यावरण हो या कोई और लिंग भेद संबंधित विषय हो उसकी चर्चा करते वक्त सदैव समरसता और सौहार्द बना रहे इसपर विषेश ध्यान देनी चाहिए। उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ने अपनी गति से सीखने की अवसर प्रदान करूंगा साथ ही उनके अलग-अलग शैक्षणिक सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि था ध्यान रखना होगा
ReplyDeleteकिसी भी कार्य को करने के लिए छात्रों के योगदान को स्वीकार कर सम्मान देगें।हर तरह के छात्र को उचित अवसर देंगे।
ReplyDeleteविद्यालय स्तर पर प्रत्येक छात्रों में एकरूपता की भावना लेकर पाठ को उनके सम्मुख रखना है जिससे वे सब अपने आप को समायोजित कर सीख पाए।
ReplyDeleteSalita Kumariकिसी भी कार्य को करने के लिए छात्रों के योगदान को स्वीकार कर सम्मान देगें।हर तरह के छात्र को उचित अवसर देंगे।
ReplyDeleteSalita Kumariकिसी भी कार्य को करने के लिए छात्रों के योगदान को स्वीकार कर सम्मान देगें।हर तरह के छात्र को उचित अवसर देंगे।
ReplyDeleteMain apni kaksha mein vibhinn mudde Jaise Gender Ling BahuVashishtha Paryavaran ki avashyakta ka samavesh soch samajhkar karenge. Kaksha mein Chhatra chhatraon ki bhagidari mein barabar ka Dhyan rakhenge jisse gender vishamta utpann Na Ho
ReplyDeleteHam apni classroom me bina bhed bhav ke gatividhi pe dhyan denge chahe wo girl ho boy ya divyang ho sabo ko ek najar se disha nerdesit karenge
ReplyDeleteDuring discussion of the topic we provide equal opportunity to the boys and girls and child for special needs and relating the topic with the environmental factors like sun, air and water
ReplyDeleteसंवेदनशील मुद्दे पर अध्यापन करते समय बच्चों की समझ , सामाजिक सरसता, आवश्यकता आदि को ध्यान में रखना चाहिए।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालों का समावेश सहज एवं सरल तरीके से करेंगे जिससे कक्षा में हर तरह के छात्रों को उनकी क्षमता अनुसार कार्य देंगे
ReplyDeleteपाठ्यक्रम् में प्रस्तुत संवेदनशील विषयो के आधार पर सभी विषयो का समावेश किया जाना चाहिए।
ReplyDeleteपूनम कुमारी, प्राथमिक विद्यालय मूर्तिटांड़ चास-3
ReplyDeleteकक्षा संचालन के समय हम विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर, पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का समावेश सहज एवं सरल तरीके से करंगे। कक्षा की हर गतिविधि में सभी तरह के छात्रों को उनकी क्षमता के अनुसार कार्य देंगे। छात्रों में एक दूसरे का सहयोग एवं सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहित करेंगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रों के योगदान को स्वीकार करने एवं सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करंगे। जिससे कि वह विद्यालय में बताई जाने वाली सभी तथ्यों को पूरा पूरा सीख सकें।
Swarup kumar chatterjee(A.T.)
ReplyDeleteM. s. Bhagaiya Godda.
Hum apni kaksha ke savi bacchon ko bina kisi vedvaw ke saman absar pradan karne ka prayas karenge.
बच्चों को दूसरे genderके प्रति संवेदनशील बनाना माता-पिता और शिक्षकों दोनों का कर्तव्य है।
ReplyDeleteकक्षा में शिक्षक को लड़के और लड़कियों दोनों को चलती-फिरती गतिविधियों और कक्षा को साफ सुथरा रखने जैसी गतिविधियाँ करनी चाहिए।
लड़के और लड़कियों दोनों को वर्ग के नेता (group leader) बनने के लिए प्रोत्साहित करें।
समूह गतिविधि में लड़के और लड़कियों दोनों को शामिल करें।
कक्षा में विकलांग बच्चे पर विशेष ध्यान दें, उन्हें प्रेरित करें और हमेशा उनके काम की सराहना करें।
हम कक्षा में कोई ऐसी गतिविधि नहीं करेंगे कि जिससे संवेदनशील मुद्दा जेंडर विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की भावना को ठेस पहुंचे ।एक दूसरे को सहयोग करने तथा समान भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करेंगे बिना किसी भेदभाव सभी बच्चों को क्षमता अनुसार कार्य करने के लिए कहेंगे सभी बच्चे विशिष्ट होते हैं सभी बच्चों की भावना का ख्याल रखेंगे सभी बच्चे अपनी गति से सीखने सभी बच्चों को अपनी गति से सीखने का अवसर दूंगा चाहे वह किसी भी पृष्ठभूमि से आगे निशक्त या दिव्यांग बच्चों को ऐसा संबोधन नहीं करूंगा कि जिससे उसमें इन भावना जागृत हो
ReplyDeleteहम बच्चों के बीच जेंडर, पर्यावरण एवं विशेष आवश्यकता वाले जैसे संवेदनशील मुद्दे को लाने के लिए बच्चों का एक समूह बनाकर उसे एक एक करके रोल अदा करने का मौका देकर नाटक या धारावाहिक की तरह करने को कह सकते हैं और अन्य बच्चे उसे देखेंगे जिससे अन्य बच्चों में भी इन मुद्दों के प्रति संवेदना जागृत हो।
ReplyDeleteइसके अलावा वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजित करके भी इसे अन्य बच्चों के समक्ष प्रस्तुत कर सकते हैं।
बच्चे एक दूसरे से ही सीखते हैं। इस प्रकार सभी तरह के बच्चों के एक साथ शामिल कर भी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से इन मुद्दों को बच्चों के समक्ष पेश किया जा सकता है।
कक्षा संचालन करते समय संवेदनशील मुद्दों का समावेश झ्स प्रकार करें जिससे किसी की भी भावना को ठेस न लगे सभी आपसी स्नेह ,प्रेम,सद्भभावना और उदारता के साथ कार्य कर सकें ।
ReplyDeleteBRAJ GOPAL DAS पाठ्यपुस्तक के सहायता से हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना को विकास करेगे।
ReplyDeleteकक्षा का संचालन करते समय पाठ पुस्तक मैं प्रयुक्त संवेदनशील विषयों को जैसे जैंडर पर्यावरण विशेष आवश्यकता वाले एवं आदि विषयों का समावेश करते हुए सहजता के साथ कक्षा में बच्चों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे जिससे नो किसी की भावना आहत हो और बच्चे उस विषय को संस्था से समझ सके जिससे कि एक दूसरे के प्रति उनके सम्मान की भावना उनमें जागृत हो और एक दूसरे से जुड़ाव महसूस कर सकें
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा में विभिन्न मुद्दे जैसे लिंग, पर्यावरण और भी आवश्यकता का समावेश सोच समझ कर करेंगें। हम जब भी कक्षा में कोई भी कार्यक्रम करेंगें तो लड़का लड़की की भागीदारी बराबर का हो ऐसा ध्यान रखना होगा जिससे कोई भेदभाव की समस्या ना उत्पन्न हो।
ReplyDeleteHm baccho ko ye sikhayenge ki iska upyog soch samajhkar kare or unki bhagidari barabar ki ho
ReplyDeleteI shall provide students equal opportunity to discuss over environment and other issues without discrimination of cast creed and colour.
ReplyDeleteRupak kumar कक्षा संचालित करते समय किसी भी संवेदनशील विषय चाहे जेंडर पर्यावरण हो या कोई और लिंग भेद संबंधित विषय हो उसकी चर्चा करते वक्त सदैव समरसता और सौहार्द बना रहे इसपर विषेश ध्यान देनी चाहिए ।
ReplyDeleteRupak kumar कक्षा संचालित करते समय किसी भी संवेदनशील विषय चाहे जेंडर पर्यावरण हो या कोई और लिंग भेद संबंधित विषय हो उसकी चर्चा करते वक्त सदैव समरसता और सौहार्द बना रहे इसपर विषेश ध्यान देनी चाहिए ।
ReplyDeleteRupak kumar कक्षा संचालित करते समय किसी भी संवेदनशील विषय चाहे जेंडर पर्यावरण हो या कोई और लिंग भेद संबंधित विषय हो उसकी चर्चा करते वक्त सदैव समरसता और सौहार्द बना रहे इसपर विषेश ध्यान देनी चाहिए ।
ReplyDeleteGender sambandhit bhedbhav nahi karenge or boys or girls ko saman avasar pradan karenge visesh aavasayakta Vale bacho ke liye hamesa taiyar rahenge or any bacho me unke liye sahyog ki bhavana jagrit karenge.
ReplyDeleteछात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे।हम जब भी कक्षा में कोई भी कार्यक्रम करेंगें तो लड़का लड़की की भागीदारी बराबर का हो ऐसा ध्यान रखना होगा जिससे कोई भेदभाव की समस्या ना उत्पन्न हो।
ReplyDeleteकक्षा में सम्बेदन शील विषय पर,जेंडर पर्यावरण एवं विशेष आवश्कता वाले बच्चों का बिना भेदभाव,समान दृष्टिकोण राखत्ते हुए समान भाव से अपने को प्रस्तुत करूँगा।
ReplyDeleteकक्षा संचालन के दौरान संवेदनशील मुद्दे जैसे कि जेंडर , विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की आवश्यकताओं पर चर्चा न करते हुए उन बच्चों की सहभागिता को पूरे कक्षा संचालन के दौरान बनाए रखना ही समान दृष्टिकोण का विकास करता है ज्यादातर सरकारी विद्यालय में लड़कों की कक्षा अलग और लड़कियों की कक्षा अलग होती है जबकि मेरे विचार से लड़के और लड़कियों को समान कक्षा में अगर पढ़ने का मौका दिया जाए तो इससे बच्चे एक दूसरे के प्रति संवेदनशील बनेंगे साथ ही अगर जेंडर इक्वलिटी के साथ विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को भी उनके साथ रखा जाए और पाठ्यक्रम को पढ़ाते समय सभी बच्चों को एक साथ एक समान मौका दिया जाए तो बच्चों में समान भाव का विकास होगा।
ReplyDeleteमैं कक्षा में संवेदनशील मुद्दों जैसे जेंडर, पर्यावरण विशेष आवश्यकता वाले (दिव्यांग) बच्चे सभी की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे और इस बात का ध्यान देंगे की किसी की भावनाओं का अनुदार ना हो लड़का, लड़की मैं भेदभाव ना हो सभी को समान रुप से गतिविधि करने का अवसर मिले। ना किसी को कमजोर और ना किसी को सामर्थ्य दिखाने की कोशिश करेंगे। मेरे लिए हर बच्चा चाहे लड़का हो लड़की हो चाहे किसी भी जॉब समुदाय धर्म परिवेश से क्यों ना आया हो चाहे वह सामान्य हो या दिव्यांगों सब बराबर है और उनका मानसिक सामाजिक नैतिक विकास करना मेरा कर्तव्य है।
ReplyDeleteकक्षा संचालन में सभी वर्गों के छात्रों को ध्यान में रखते हुए कार्य का संचालन हो। जिसमें किसी भी छात्रों में हीनता की भावना अनुभव न हो सकें। जैसे जेंडर, पर्यावरण, और विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों पर खास ध्यान देने की आवश्यकता होती है। ताकि बच्चों में आपसी सहमति बनी रहें।
ReplyDeleteकक्षा में सम्वेदनशील विषय पर जेन्डर, पर्यावरण एवं विशेष आवशकता वाले बच्चों का समान भाव,बिना लिंग,जति और निःशकता का भेद भाव किये बिना अपने को प्रश्टुट करूँगा।
ReplyDeleteClass me samvedanshil subject pr jender, pryavarn, ar vishesh awsykta wale bachon ko v samaan rup se samil krna hoga ek pryavarn ar jender ar oske mhtw ko samahit krte hue samaan rup se bhaag lene hetu prerit krunga hr ek ko apne ksmta ke aadhar PR Kary dunga.
ReplyDeletePRAKASH MUNDU
Middle School rowauli
West singhbhum
हम अपनी कक्षा में जेंडर, पर्यावरण, तथा दिव्यांगजनो का समावेश करने के लिए छात्र छात्राओं में बिना विभेद किये सहज एवं सरल तरीके से कार्य करेंगे । छात्र छात्राओं की रुचि को ध्यान में रखते हुए किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचे, इसका ध्यान रखेंगे । सभी मिल जुलकर सहयोग की भावना से कार्य करें, इसका ख्याल रखेंगे ।
ReplyDeleteस्कूल में लड़के और लड़कियों में भेद करने वाली भाषा का प्रयोग नहीं करेंगे ।सभी क्रियाकलापों में दोनों को समान अवसर प्रदान करते हुए शिक्षण प्रक्रिया करेंगे ।विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के साथ किसी बच्चे के द्वारा कोई दुर्व्यवहार न करे ऐसा वातावरण का निर्माण करेंगे ।
ReplyDeleteकक्षा में किसी गतिविधियों में छात्र और छात्राओं में बना विभेद उनके भागीदारी पर ध्यान देंगे।जिससे उनके अंदर जेंडर सम्बन्धी पुरानी मान्यताओं से बाहर निकल सके।उन्हें पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता हेतु बातचीत करेंगे।
ReplyDeleteकक्षा में बिना किसी भेदभाव के लड़के और लड़कियों को समान दृष्टि से देखना और दोनों को समान अवसर देना।दिव्यांग बच्चों को भी समान अवसर देना। पर्यावरण के बारे में समान रूप से जागरूक करना।और प्रत्येक कार्य मिलजुलकर करने देना।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करने में सहयोग करेगे।
ReplyDeleteMain Apni kaksha sanchalan me vibhin sanvedan mudde jaise :-gender, paryavaran aur visesh Aavashktawon vale chhatron ko Bina kisi se bhed -bhav kie ek dusre ka samman karte hue ek dusre ka sahyog Karne ke lie protsahit karungi.
ReplyDeleteकक्षा अध्यापन के समय हमें संवेदनशील मुद्दे जैसे-लिंग, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की सहाभागिता का ध्यान रखना चाहिए। पर्यावरण का भी समावेश होना चाहिए तभी जाकर समरसता का समावेश होगा।
ReplyDeleteIn my class I shall provide equal opportunity for special children, girls and boys to discuss various subject like environment.
ReplyDeleteकक्षा संचालित करते समय किसी भी संवेदनशील विषय चाहे जेंडर पर्यावरण हो या कोई और लिंग भेद संबंधित विषय हो उसकी चर्चा करते वक्त सदैव समरसता और सौहार्द बना रहे इसपर विषेश ध्यान देनी चाहिए। उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ने अपनी गति से सीखने की अवसर प्रदान करूंगा साथ ही उनके अलग-अलग शैक्षणिक सामाजिक एवं आर्थिक पृष्ठभूमि था ध्यान रखना होगापाठ्य पुस्तक में प्रस्तुत सम्बेदन शील विषयों के आधार पर सभी विषयों का समवेश किया जयेगा
ReplyDeleteकक्षा sanchalan में किसी भी विषय है उसको पढ़ते समय्सदैव् सभी बच्चोंं के साथ समानता और करके सिखाने ने vishwash रखनी चाहिए।इसमें हमारे समज में हो रही घटनाओं की बारे मेजनने के लिए जगरुक् करना
ReplyDeleteकक्षा में किसी भी गतिविधि को कराते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि सभी बच्चों की समान भागीदारी हो|सभी बच्चे एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए गतिविधि में भाग लें आवश्यकता होने पर वे दूसरों की मदद भी करें|
ReplyDeleteहमें अपनी विद्यालय के कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेडर,पर्यावरण तथा विशेष आवश्यकता आदि का समावेश अत्यंत ही सरल एवं सहज भाव से करेंगे।किसी की भावना का आहत न हो।सभी बच्चे बिना भेदभाव आनन्दपूर्वक सीख सके,यही ध्यान रखेंगे।
ReplyDeleteमैं अपनी कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे_ जेंडर, पर्यावरण, विशेष आवश्यकताओं (दिव्यांगजन) आदि बच्चों का समावेश इस प्रकार करुंगी कि किसी में कोई भेद भाव न हो सभी एक दूसरे का सम्मान व सहयोग करेगें तथा सभी बच्चों को सम्मान अवसर दूंगी|
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा में विभिन्न मुद्दे जैसे लिंग, पर्यावरण, और भी आवश्यकता का समावेश सोच समझकर करेंगे ।हम जब भी कार्यक्रम करेंगे तो लड़का-लड़की की भागीदारी बराबर का हो ऐसा ध्यान रखना होगा जिससे कोई भेदभाव की समस्या उत्पन्न ना हो ।
ReplyDeleteSuresh Marandi
ReplyDeleteUMS Mahuara
Bina bhed bhaw ke sabhi bachchon ko PARHAWARAN ka gatividhi karana chahiye
hum apni kksha me vibhinn sambedanshil mudde jaise prayawan aur vishesh aawashyakta walo ka shamavesh sahaj tarike se karenge aur kksha me har garividhi me sabhi ka bhagidari sunishichit karenge
ReplyDeleteMain Apni kaksha sanchalan me vibhin sanvedan mudde jaise :-gender, paryavaran aur visesh Aavashktawon vale chhatron ko Bina kisi se bhed -bhav kie ek dusre ka samman karte hue ek dusre ka sahyog Karne ke lie protsahit karungi
ReplyDeleteकक्षा संचालन के कालावधि में जेंडर और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर ध्यान देते हुए ,बिना विभेद के छात्रों को सहयोग एवं प्रोत्साहित करेंगे । बच्चों को अपनी मातृभाषा में भी बातचीत और चर्चा करने का अवसर देंगे
ReplyDeleteManuel Baske
UHS Madhura
Meharma Godda
Jharkhand
05/12/2020
Samvedanshil mudde jaise sender,paryavarn our vishesh avshykta wale bachcho Ka samavesh shjta se karenge avm sbhi bachcho ko dhyan me rakhte huye gatividhiyo me shamil krenge
ReplyDeleteकक्षा संचालन के समय विभिन्न प्रकार के मुद्दे जैसे विशेष आवश्यकता वाले बच्चे पर्यावरण तथा जेंडर का समावेशन करते समय हमें ध्यान रखना होगा की कक्षा में ऐसी गतिविधि का आयोजन किया जाए जिससे सभी बच्चे समान रूप से भाग ले सकें कोई ऐसी गतिविधि ना आयोजित किया जाए जिससे बच्चों में जिंदा संबंधी विशेष आवश्यकता संबंधी पर्यावरण से संबंधित कोई भी भावना उत्पन्न ना हो सभी सभी बच्चों तक आसानी से पहुंच सके सभी बच्चे खुलकर अपने विचार को रख सके कच्चा का वातावरण ऐसा हो जो भय मुक्त हो
ReplyDeleteNarayan prasad Manjhi Ums baradih Bokaro sanbad ke madhyam se sambedansil muddon ko hal karunga
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे।
ReplyDeleteHum aapni kaksha me bivinna sambedanshil mudde jaise jender paryabaran abong bishesh aboshakta bale ka samabesh soch samajkar karenge.jisme bachcho ka saman bhagidari ho.
ReplyDeleteकक्षा संचालन के समय विभिन्न संवेदनशील मुद्दे पर जैसे जेंडर, पर्यावरण और विशेष आवश्यकताओं वाले का समावेश सरल तरीक़े से करेंगे जिसमें पर्यावरण के महत्व को समझाते हुए छात्रों में एक दूसरे का सहयोग एवं सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देते हुए हर गतिविधि में छात्रों को उनकी क्षमतानुसार कार्य देंगे।
ReplyDelete
ReplyDeletewe have to teach student about all different field so that they can enhance their knowlege in all direction
OM PRAKASH MUKUL,(A.T.) UMS BHAGAIYA HEERA KHUTHARI, THAKUR GANGTI, GODDA, JHARKHAND. हम शिक्षकों को अपनी कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैस-जेण्डर, प्रर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालों का समावेश से छात्रों में एक दूसरे का सहयोग एवं सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।
ReplyDeleteकक्षा में छात्र छात्राओं के बीच बिना किसी भेद भाव के उनके गतिविधियों पर ध्यान देंगे। जिससे उनको साथ में मिलकर गतिविधि को पूरा करने पर उनके आपस में सहयोग और सम्मान की भावना को प्रोत्साहन मिलेगा।
ReplyDeleteGanesh prasad हमें अपनी विद्यालय के कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेडर,पर्यावरण तथा विशेष आवश्यकता आदि का समावेश अत्यंत ही सरल एवं सहज भाव से करेंगे। कक्षा में किसी गतिविधियों में छात्र और छात्राओं में बना विभेद उनके भागीदारी पर ध्यान देंगे
ReplyDeleteGanesh prasad हमें अपनी विद्यालय के कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेडर,पर्यावरण तथा विशेष आवश्यकता आदि का समावेश अत्यंत ही सरल एवं सहज भाव से करेंगे। कक्षा में किसी गतिविधियों में छात्र और छात्राओं में बना विभेद उनके भागीदारी पर ध्यान देंगे
ReplyDeleteउपरोक्त सभी संवेदनशील मुद्दे जैसे- जेंडर, पर्यावरण, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का समावेश बिना किसी भेदभाव के करेंगे ताकि किसी की भी भावना आहत न हो और सभी छात्रों को एक-दूसरे को सहयोग करने पर प्रोत्साहन भी देंगे, किसी भी कार्य के लिए छात्रों के योगदान को सिर्फ स्वीकार ही नहीं किया जाएगा अपितु उसे सम्मान भी दिया जएगा, जिससे कि वह विद्यालय में बतलाई जाने वाली सभी तथ्यों को ना ही सिर्फ सीखेंगे बल्कि उसे अपने जीवन मे समाहित भी करेंगे ।
ReplyDeleteकक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर,
ReplyDeleteविधालय कक्षा में कक्षा संचालन करते समय संवेदनशील मुद्दा जैसे जेंडर पर्यावरण विशेष आवश्यकता वाले बच्चे अत्यंत सहज भाव से समझ पाएं और अपने क्षमता के अनुसार कार्य कर पाएंगे ।
ReplyDeleteकक्षा संचालन के समय विभिन्न संवेदनशील मुद्दे पर जैसे जेंडर, पर्यावरण एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के समाहित करने की आवश्यकता है। इससे कोई भेदभाव की समस्या उत्पन्न नही होगी
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश से छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे।
ReplyDeleteकक्षा संचालन के समय विभिन्न संवेदनशील मुद्दो पर जैसे जेंडर, और विशेष आवश्यकता वालों का समावेश सहज एवं सरल तरीके से करेंगे, ताकि किसी तरह की कठिनाई न हो
ReplyDeleteSanvedanshil mudde per uh adhyapan karte samay main bacchon ki ki samajh Aaj samaj some rasta avashyakta aadi ko Ho Mann main main rakhna chahie
ReplyDeleteकक्षा में किसी गतिविधियों में छात्र और छात्राओं में बना विभेद उनके भागीदारी पर ध्यान देंगे।जिससे उनके अंदर जेंडर सम्बन्धी पुरानी मान्यताओं से बाहर निकल सके।उन्हें पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता हेतु बातचीत करेंगे।
ReplyDeleteShailesh Kumar Mahto,H.S.Karaikela,West Singhbh
um,Jharkhand.
हम अपनी कक्षा मे विभिन्न मुद्दे जैसे लिंग, पर्यावरण और भी आवश्यकता का समावेश सोच समझ कर करेंगे। हम जब भी कभी कक्षा मे कार्यक्रम करेंगे तो लड़का लड़की की भागीदारी बराबर का हो ऐसा ध्यान रखना होगा जिससे की कोई भेदभाव की समस्या ना उत्त्पन्न हो।
ReplyDeleteहम कक्षा में विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता आदि का समावेश इस बात को ध्यान में रखते हुए करेंगे कि कक्षा में उपस्थित हर तरह के बच्चे इसमें भागीदारी ले सके और किसी भी बच्चे को किसी भी मुद्दे के वजह से बुरा ना लगे ।
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा मे विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे जेंडर पर्यावरण और विशेष आवश्यकता वालो का समावेश सहज एव सरल तरीको से करेगे। कक्षा कि हर गतिविधि मे सभी तरह के छात्रो को उनकी क्षमतानुसार कार्य देगे। छात्रो मे एक दूसरे का सहयोग एव सम्मान करने की भावनात्मक जुड़ाव को प्रोत्साहन देगे। किसी भी कार्य के लिए छात्रो के योगदान को स्वीकार करने एव सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेगे। Thank you
ReplyDeleteWe have to teach student all different part of field to developed knowledge.
ReplyDeleteकक्षा में बिना भेद भाव के बच्चों के साथ अध्ययन अध्यापन का कार्य करना चाहिए विशेष आवश्यकता वाले बच्चों पर समान्ता के साथ अध्यापन का कार्य करना चाहिए
ReplyDeleteहम अपनी कक्षा में विभिन्न मुद्दे जैसे लिंग, पर्यावरण और भी आवश्यकता का समावेश सोच समझ कर करेंगें। हम जब भी कक्षा में कोई भी कार्यक्रम करेंगें तो लड़का लड़की की भागीदारी बराबर का हो ऐसा ध्यान रखना होगा जिससे कोई भेदभाव की समस्या ना उत्पन्न हो।
ReplyDeleteकक्षा संचालन के समय विभिन्न संवेदनशील मुद्दे पर जैसे- जेंडर, पर्यावरण की आवश्यकता का समावेश करेंगे|जिससे कोई भी भेदभाव की समस्या उत्पन्न न हो|
Deleteकक्षा संचालन के समय विभिन्न संवेदनशील मुद्दे पर जैसे- जेंडर, पर्यावरण की आवश्यकता का समावेश करेंगे|जिससे कोई भी भेदभाव की समस्या उत्पन्न न हो|
DeleteA teacher should teach in the class without feeling any cast ,creed, discrimination or religion.Teachers should also focus on disability students. SYED AFROZ AHMAD ASSISTANT TEACHER M.S.HAIDARNAGARBAZAR SCHOOL PALAMAU JHARKHAND
ReplyDeleteहम अपने विद्यालय में कक्षा संचालन करते समय विभिन्न संवेदनशील मुद्दे जैसे- जेंडर, पर्यावरण, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का समावेश अत्यंत ही सरल एवं सहज भाव से करेंगे ताकि वे किसी प्रकार का एक-दूसरे के साथ भेदभाव न करें एवं किसी की भावना आहत न हो सभी छात्रों को एक-दूसरे को सहयोग करने तथा आपस में जुड़ाव हेतु प्रोत्साहन देंगे किसी भी कार्य के लिए छात्रों के योगदान को स्वीकार करने एवं सम्मान देने की भावना का भावनात्मक विकास करेंगे जिससे कि वह विद्यालय में बतलाई जाने वाली सभी तथ्यों को पूरा-पूरा सीख सकें|विद्यालय में ऐसा वातावरण का निर्माण कर हम एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं।
ReplyDeletePrabir Kumar Shaw
H.S.Karaikela
West Singhbhum.
Sambedenshil muddon par adhyapan karte samay samajh vichar Adi ko Dekh Lena chahiye
ReplyDeleteहम ऐसे गतिविधि करायेंगे जिसमें सभी को बराबर मौके मिले और लिंग के आधार पर भेदभाव न हो।पर्यावरण से सम्बंधित गतिविधि करायेंगे,जैसे वृक्षारोपण ,पत्तों के प्रकार आदि।
ReplyDeleteछात्रों में एक दूसरे का सहयोग एवं सम्मान करने की भावात्मक जुडाव को प्रोत्साहन देंगे।
ReplyDeleteTeacher should educate their students according to demand of the Society they should educate about social avail which is damaging our society