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COVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का ब्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए|
ReplyDeleteDinesh Prasad Shanti Rani middle school Bara Ghaghra Ranchi.
Students are forced to do online classes , caused severe eyes problem, parent suffered economic problem.
ReplyDeletepradip kr. mandal
ReplyDeleteranishwer Dumka
महामारी के समय कुछ अभिभावको का बिजनेंस जरूर प्रवाभित रहा।मैने उन्हे आनलाइन बिजनेस का सलाह दी।होम डेलिविरी करने को कहा। कुछ को मैने मास्क सिने एंव बेचने का और विदेश निरयात करने को कहा।इस तरह आमदनी के अनेक उपाय बताये जिसके कारण विद्धारधी के माता पिता अब सुख चैन की जीवन बिता रहे है।
कोरोना महामारी के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए।हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कई अभिभावक के पास रोजी रोटी की समस्या उतपन्न हो गई है।अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल् डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है,जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार पा सकें।
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का ब्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए|
ReplyDeleteCovid -19के दौरान अनेक लोगों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है। जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढ़ते है।की अभिभावकों के लिए तो उसकी रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई। इसके लिए बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अपने माता-पिता की यथासंभव मदद भी करनी पड़ती है।Meera Devi PS Barwadih 1 Nawadih Bokaro
Delete
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए।हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कई अभिभावक के पास रोजी रोटी की समस्या उतपन्न हो गई है।अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल् डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है,जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार पा सकें।
Cvid-19 महामारी के दौर में अनेक लोग बेरोजगार हो गए। हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कई अभिभावकों के पास रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है अब सभी सेवाओं के पुनः बहाल होने से इस समस्याओं में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है, जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार प्राप्त कर सके।
Deleteकोविड 19 महामारी के दौरान हमारी सारी गतिविधि प्रभावित हुई।परन्तु सबसे ज्यादा बच्चों पर प्रभाव पड़ा।उनके विद्यालय बन्द हो गए।उनका खेलना ,बाहर निकलना बंद हो गया।उन्हें एक नए वातावरण को समझने की समझ का अभाव था।सबसे जरुरी है उनको इस महामारी से बचाना साथ ही उनके मानसिक विकास में मदद करना।सबसे बड़ी चुनौती है।इसे हम शिक्षकों को स्वीकार कर।इस ओर बढ़ना है।
Deleteइस महामारी के दौरान बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। किसी-किसी का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया जैसे टेंट हाउस, होटल, दुकानदार ऐसे छोटे-मोटे व्यवसाय हैं, वह पूरी तरह से टूट गए हैं। हमारे विद्यालय में भी कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता बाजार में छोटा-मोटा सामान बेच करके अपना रोजगार चलाते थे। इनका भी व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ । जिसमे ऐसे परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गये तो ऐसे बच्चों के माता-पिता से मिलकर हम उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाने का प्रयास करेंगे क्योंकि मन के हारे हार, मन के जीते जीत ।जब हम मन से मजबूत रहेंगे तभी हम फिर से उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
Deleteकोरोना महामारी के दौरान ज्यादातर छात्रों के अभिभावक बेरोजगार हो गये हैं जिसके कारण उनके सामने रोजी- रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है|अब कुछ सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है|अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार उपलब्ध कराने की आवश्यकता है ताकि वे इस कठिन परिस्थिति का सामना कर सकें|
Deleteइस महामारी के दौरान बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। किसी-किसी का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया जैसे टेंट हाउस, होटल, दुकानदार ऐसे छोटे-मोटे व्यवसाय हैं, वह पूरी तरह से टूट गए हैं। हमारे विद्यालय में भी कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता बाजार में छोटा-मोटा सामान बेच करके अपना रोजगार चलाते थे। इनका भी व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ । जिसमे ऐसे परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गये तो ऐसे बच्चों के माता-पिता से मिलकर हम उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाने का प्रयास करेंगे क्योंकि मन के हारे हार, मन के जीते जीत ।जब हम मन से मजबूत रहेंगे तभी हम फिर से उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
ReplyDeleteStudents are forced to do online classes but many students have not smart phone.In village many problem arise during online classes.
ReplyDeleteReally cvid 19 affected the society badly.Student from poor economical background are suffering a lot.They either have smart phone and able to access the benefit others not.
ReplyDeleteअपने विद्यार्थियों से उनकी आर्थिक, मानसिक और भावनात्मक स्थिति ज्ञात करने के लिए सदैव व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क में रहूंगा । मैं जानता हूं कि Covid 19 के दौरान अनेक लोगों का रोजगार छीन गया था। जैसे भी हो मैं अपने विद्यार्थियों को मदद करूंगा ताकि उनकी शिक्षा बाधित न हो और वे मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहें। सरकारी, समाजसेवी संस्थाओं और व्यक्तिगत सहायता मुहैया कराने की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करूंगा।
ReplyDeleteइस Covid-19 कोरोना महामारी के दौरान बहुत से ऐसे लोग हैं,जिनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। किसी-किसी का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया जैसे टेंट हाउस, होटल, दुकानदारी और आपसी लेन-देन जैसे अनेकों ऐसे छोटे-मोटे व्यवसाय हैं, वह पूरी तरह से टूट गए हैं। हमारे विद्यालय में भी कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता बाजार में छोटा-मोटा सामान बेच करके अपना रोजगार चलाते थे। इनका भी व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ । जिसमे ऐसे परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गये तो ऐसे बच्चों के माता-पिता से मिलकर हम उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाने का प्रयास करेंगे क्योंकि मन के हारे हार, मन के जीते जीत ।जब हम मन से मजबूत रहेंगे तभी हम फिर से उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
ReplyDeleteCOVID -19 महामारी के दौरान अनेक लोग वेरोजगार हो गए। हमारे विद्यालय के बच्चे के भी कई अभिभावकों के पास रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है, जिससे वे वर्तमान परिस्थिति में रोजगार पा सकें। एन. टुडु (पूर्वीसिहभूम)
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का ब्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए|
ReplyDeleteछात्रों के लिए भावात्मक संबल देना बेहद जरूरी है।साथ ही यह विश्वास दिलाना जरूरी है कि यह अल्पकालीन बाधा है और जल्द ही स्थिति में सुधार होगा और परिस्थितियां पूर्व की भांति सुखद होंगी।
ReplyDeleteछात्रों के लिए भावात्मक संबल देना बेहद जरूरी है।साथ ही यह विश्वास दिलाना जरूरी है कि यह अल्पकालीन बाधा है और जल्द ही इस महामारी से छुटकारा मिलेगा और परिस्थित पहले कि तरह सुखद होगा।
Delete■इस Covid-19 कोरोना महामारी के दौरान
ReplyDeleteबहुत से लोग हैं,जिनका व्यवसाय बुरी तरह
से प्रभावित हुआ है और इनमें से हमारे छात्रों
के माता-पिता का व्यवसाय को भी प्रभावित
किए हैं जो हम उन माता-पिताओं के छात्रों
को यह सलाह देंगे कि उस व्यवसाय को फिर
से चलाने देंगे कब जब पूरी तरह कोरोना से
लड़ने का हत्यार यानि मुँह में मस्क, हाथों में
सैनेटाईजर और अपने को संयम और सुरक्षा
रखकर व्यवसाय को चला सकते हैं।
■यादि वे बड़े व्यवसाय करते हैं तो उनको Online
के माध्यम से अपने व्यवसाय को शुरू करने के
लिए प्रेरित करेंगे जो वर्तमान परिस्थिति में रोजगार
पा सके ताकि अपने बच्चों को Continue पढ़ा
सके।
Manki Samad
N.P.S Chhota Sargidih
District- Saraikela Kharsawan (Jharkhand)
KGBV me garib students hi study karte hai unke parents bhi kheti,majduri karke hi kamate hai,hum sabhi students ko atmnirbhar banne ki salah dete hai,pattal,dona,paper ka bana thonga,silai,krishi karyo ki jankari dekar parents ko support karne ko kahte hai
ReplyDeleteSympathy is greater than gold l will help these types of students physically mentally and sympathy way
ReplyDeleteKovid suffering students must be helped.
ReplyDeleteकोरोना महामारी काल में बच्चों के अभिभावकों का व्यवसाय प्रभावित हुआ।शिक्षक होने के नाते अभिभावकों एवं बच्चों को भावनात्मक संबल प्रदान करना पुनीत कर्तव्य था।उन सभी लोगों को महामारी से बचने के लिए आवश्यक उपाय बताते हुए कारोबार करने हेतु प्रेरित किया गया।कम खर्च में जिन्दगी बसर करने की तरकीब बताई गई।फलस्वरूप जीवन को सहजता से जीने में उनके द्वारा सफलता प्राप्त की गई।
DeleteCOVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का ब्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए
ReplyDeleteAnil Kumar Roy
ReplyDeletePara teacher.m.s.palamu, nawadih, Bokaro.
कोविड-19 से सारा देश पर बुरा प्रभाव पड़ा। विद्यालय कॉलेज बाजार सब बंद कर दिए गए। सारे व्यवसायों पर बुरा प्रभाव पड़ा ।पूरे विश्व की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गई। सड़कों पर प्रशासन के द्वारा भी काफी शोषण का शिकार होना पड़ा ।अभी भी हमें मास्क एवं सेनीटाइजर का प्रयोग करना पड़ रहा है ।उम्मीद है जल्द हम इसे निपटारा पा सकेंगे ।
धन्यवाद।
COVID -19 महामारी के दौरान अनेक लोग वेरोजगार हो गए। हमारे विद्यालय के बच्चे के भी कई अभिभावकों के पास रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है, जिससे वे वर्तमान परिस्थिति में रोजगार पा सकें। एन. टुडु (पूर्वीसिहभूम)
ReplyDeleteStudents are forced to do online classes , caused severe eyes problem, parent suffered economic problem.
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का ब्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए
ReplyDeleteCOVID -19 महामारी के दौरान अनेक लोग वेरोजगार हो गए। हमारे विद्यालय के बच्चे के भी कई अभिभावकों के पास रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है, जिससे वे वर्तमान परिस्थिति में रोजगार पा सकें।
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान बहुत से लोग बेरोजगार हो गए विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई उन माता-पिता के साथ इस महामारी ने समाज को प्रभावित किया वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जीवन को पटरी पर लाने के लिए सबों को धैर्य और संयम के साथ जीवन को जीने की कला को अपनाना चाहिए एवं ग्रामीण इलाकों में इस तरह के जीवन को जीने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है
ReplyDeleteकोरोना महामारी में व्यवसाय नौकरी उद्योग धंधे काफी प्रभावित हुए- होटल, दुकानें, छोटे मोटे उद्योग, बाहर रहने वाले मजदूरों के काम छिन गए। आथिर्क व मानसिक रूप से मानव प्रभावित हुए। मैंने कईऔ को होय डिलीवरी, मास्क, सिनेटायजर, देश-विदेश की वस्तुओं का व्यापार करने की सलाह दी।
ReplyDeleteमहामारी मे बहुत से लोग बेरोजगार हो गए है। आर्थिक और मानसिक रूप से भी इंसान बहुत प्रवाभित हुए है। मेने कई लोगो को होम डिलीवरी, मास्क, सेनिटाइज़र, का ब्यापार करने की सलाह दी।
ReplyDeleteN. P. Manjhi UMS Baradih Bokaro महामारी से प्रभावित अभिभावक के बच्चों को यथासंभव अपने स्तर से पठन पाठन सामग्री मुहैया करने का प्रयास करूंगा साथ ही समय समय पर उनके घर जाकर शैक्षिक मार्गदर्शन करूँगा|उनके माता पिता तथा बच्चों को सलाह दूगां कि फिजूल खर्च पर इस विषम परिस्थिति में अंकुश लगाएं अनावश्यक बाहर न निकलें बाहर जाना आवश्यक हो तो मास्क अवश्य लगाएं|
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान बहुत से ऐसे लोग हैं,जिनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। किसी-किसी का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया जैसे टेंट हाउस, होटल, दुकानदारी और आपसी लेन-देन जैसे अनेकों ऐसे छोटे-मोटे व्यवसाय हैं, वह पूरी तरह से टूट गए हैं। हमारे विद्यालय में भी कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता बाजार में छोटा-मोटा सामान बेच करके अपना रोजगार चलाते थे। इनका भी व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ । जिसमे ऐसे परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गये तो ऐसे बच्चों के माता-पिता से मिलकर हम उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाने का प्रयास करेंगे क्योंकि मन के हारे हार, मन के जीते जीत ।जब हम मन से मजबूत रहेंगे तभी हम फिर से उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
ReplyDeleteमेरा विद्यालय सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में पड़ता है। हमारे विद्यालय के अध्ययनरत बच्चों के अधिकांश अभिभावक मजदूरी करके अपना जीवन-यापन करते हैं। कोविड-19/लाॅकडाउन के कारण उनकी माली हालत काफी कमजोर हो गया था,परन्तु उस समय हम शिक्षकों की प्रतिनियुक्त जनवितरण-प्रणाली दुकान पर बतौर पदाधिकारी के रूप में किया गया।यहाँ हमने अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी,जागरूककता पूर्वक करने का कार्य किया।साथ-ही-साथ वाट्सएप ग्रुप पर प्रति दिन डिजिटल-साथ कार्यक्रम को बच्चों के पास भेजते हुए,फीडबैक,खुद से बनाया पाठ्यक्रम से संबंधित वीडियो आदि द्वारा बच्चों सहित उनके अभिभावकों का अनुसमर्थन किया। उन्हें लगातार सकारात्मक प्रोत्साहन देने का कार्य किया।धन्यवाद!
ReplyDeleteकौशल किशोर राय,
सहायक शिक्षक,
उत्क्रमित उच्च विद्यालय पुनासी,
जसीडीह,देवघर,
झारखण्ड
कोविड-19 के दौरान महामारी से प्रभावित माता-पिता के बच्चों को आनलाइन पढाई में पूरी मदद करने की कोशिश की है|साथ ही उनके लिए कनटेन्ट की हार्ड काॅपी की व्यवस्था कर रहे हैं|
ReplyDeleteNakul kumar Ball
ReplyDeleteMs Pandra Kayesthapara Nirsa Dhanbad
Covid 19 के दौरान बहुत लोगों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है। ऐसे बहुत सारे लोग है जिनका व्यावसाय तो पूरी तरह से नष्ट हो गया। जिनमें से कुछ हमारे विद्यालय के बच्चों के माता पिता भी है। इस संकट की घड़ी में हमने उनकी हौसला अफजाई की है। वे किस तरह अपने व्यावसाय की शुरुआत करें इसकी सुझाव दिये।
महामारी मे बहुत से लोग बेरोजगार हो गए है। आर्थिक और मानसिक रूप से भी इंसान बहुत प्रवाभित हुए है। मेने कई लोगो को होम डिलीवरी, मास्क, सेनिटाइज़र, का ब्यापार करने की सलाह दी।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के कारण विद्यालय के छात्रो के अभिभावको का रोजगार प्रभावित हुआ। जिससे उनका जीवन यापन प्रभावित हुआ। जन वितरण प्रणाली दुकान से उनको मुफ्त मे गेहुं ,चावल, तेल ,नमक खादय सामग्री और गैस मिला पर अन्य जरूरतो को पुरा करने के लिए गांव के खेतो मे मजदूरी समाजिक दुरी का पालन करते हुए तथा साथ सब्जी उगाने का सलाह देगे।
ReplyDeleteये बिल्कुल सही बात है कि इस महामारी के काल में बहुत से लोगों का रोजगार छिन गया। मेरी सलाह होगी की सभी अपना धैर्य बनाए रहें। सरकार और बहुत से NGO तथा सामान्य व्यक्ति भी हर तरह से मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। सभी लोग अपने आसपास हीं रोजगार या स्वरोजगार की संभावनाओं की तलाश कर उसे अपनाए और जितना हो सके मितव्ययिता से रहें।
ReplyDeleteDuring covid 19 a lot no of problems create among the people and also students.
ReplyDelete.
covid-19 ke dauran kafi log berojgar Ho Gaye Jo is mahamari ke Karan lockdown hua uska sidha sidha asar logon ke roji rojgar per pada hamare school ke bacchon ke abhibhavak bhi berojgar ho gaye unhen bhi roji roti ke liye kafi pareshan hona pada ab iske liye main abhibhawako ko vaikalpik vyavastha karne ki Rai Diya aur iske liye jaruri hai ki abhibhavak rojgar ke vaikalpik vyavastha ke tahat rojgar ka kaushal vikas kare.
ReplyDeleteसमुदाय,माता-पिता की मदद और समर्थन के साथ छात्रों के पोषण और प्रतिरक्षा का प्रबंध करने के लिए प्रयास करना होगा ताकि वंचित बच्चों के मुद्दों को तवज्जो देकर चुनौतियों से पार पाया जा सके।
ReplyDeleteकोविड 19के कारण लाॅकडाउन में विद्यालय का बंद हो जाना,आवागमन की सुविधाओं से सारे देश अथवा पुरे संसार के लोगों के लिए एक बङी त्रासदी ले कर आया
ReplyDeleteरोज़ी रोटी के वाले पङ गए लोगों का एक दूसरे से मिलना जुलना बंद हो जाना एक ऐसा अनुभव है जो जीवन भर नहीं भूलेगा
कोरोना महामारी के कारण विद्यालय के छात्रो के अभिभावको का रोजगार प्रभावित हुआ। जिससे उनका जीवन यापन प्रभावित हुआ। जन वितरण प्रणाली दुकान से उनको मुफ्त मे गेहुं ,चावल, तेल ,नमक खादय सामग्री और गैस मिला पर अन्य जरूरतो को पुरा करने के लिए गांव के खेतो मे मजदूरी समाजिक दुरी का पालन करते हुए तथा साथ सब्जी उगाने का सलाह देगे और छोटे मोटे उद्योग को बढ़ावा देना चाइए ।।।
ReplyDeleteDuring covid19 many parents became hopeless.Their business and private job stopped.But online delivery of food vegetables fruits and milk started.In school rice and money of mid day meal distributed among parents.Government of JH also became active and distribution of grains started through pds.We did all works following social distance rule.Mask and senitiser distributed.
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान बहुत से लोग बेरोजगार हो गए विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई उन माता-पिता के साथ इस महामारी ने समाज को प्रभावित किया वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जीवन को पटरी पर लाने के लिए सबों को धैर्य और संयम के साथ जीवन को जीने की कला को अपनाना चाहिए एवं ग्रामीण इलाकों में इस तरह के जीवन को जीने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है
ReplyDeleteकोरोना महामारी अनेक लोगों को एक टीस दे गया है । कई पलायन के शिकार हुए , कई बेरोजगार हो गए।हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कई अभिभावक के पास रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न गई है । माता समिति के सदस्य भी इससे प्रभावित हैं । अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल् डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है,जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार पा सकें । हमें इस आपदा को अवसर में बदलने की तकनीक को अपनाना होगा ।
ReplyDeleteReply
महामारी से प्रभावित अभिभावक के बच्चों को यथासंभव अपने स्तर से पठन-पाठन सामग्री मुहैया करूंगी। साथ ही समय समय पर उनके घर जाकर शैक्षिक मार्गदर्शन करूंगी ।अभिभावक माता पिता एवं बच्चों को अनावश्यक खर्चों से इस विषम परिस्थिति में अंकुश लगाना चाहिए एवं हमेशा सामाजिक दूरी एवं मस्क लगाना एवं हाथों को साबुन से धोते रहना ,खानपान पर भी ध्यान देना चाहिए, टीका निकलने से पहले तक अपनी बचाव खुद करना चाहिए ।
ReplyDeleteजिनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित है। उन छात्रों का मार्गदर्शन मैं निम्नलिखित प्रकार से करूंगा।
ReplyDelete* होंसला/हिम्मत बढ़ाकर
* सलाह देकर
* समय एक जैसा नहीं रहता,
* समय कभी अच्छा तो कभी बुरा होता है
* अपनी मेहनत पर भरोसा करें
* धैर्य रखें, वर्तमान समयानुसार काम सौंचे
* नये व्यवसाय आरंभ करें
* समय बदलेगा, विश्वास रखें
* जान है तो जहान है, आदि।
महामारी के समय निरास अविभावकों से मिलकर धीरज से काम करने को कहा |
ReplyDeleteCvid-19 महामारी के दौर में अनेक लोग बेरोजगार हो गए। हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कई अभिभावकों के पास रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है अब सभी सेवाओं के पुनः बहाल होने से इस समस्याओं में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है, जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार प्राप्त कर सके।
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का ब्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए
ReplyDeleteकोविड-19 के कारण सभी प्रकार के लोगों को अपनी गति रोकनी पड्री । बहुत से वैकल्पिक उपाय करने पडे । पहली बार मनुष्य को अपने दायरे का अंदाजा हुआ ।
ReplyDeleteजिन बच्चों के माता पिता का व्यबसाइ महामारी के कारण बंद हो गया उन बच्चों को मितब्यायिता रखने और माता पिता की यथा संभब मदद करने का सलाह दूँगा।
ReplyDeletecovid19 ke karan jin bachho ke mata pita ka babsai band huya hai ya dhimi huya hai un ke bachho ko parai ke sath sath unke mata pita ka sahjog karne hetu protsahan karenge
ReplyDeleteप्राय अधिकतर छात्र छात्राओं ने वाटसएप से जुड़े हुए है। ओर कुछ छात्र छात्राएं जिसका मोबाइल फोन नहीं है वो दुसरे के साथ मिलकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान लोगों के कामकाज पर असर पड़ा।बहुत लोग बेरोजगार हो गए।बच्चों की पढ़ाई प्रभावित है।जीवन जीने में काफ़ी संयम बरतना पड़ रहा है।
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान बच्चे के अभिभावक का निजी व्यवसाय चौपट हो गया।इस दौरान बच्चे की भी पढ़ाई प्रभावित हुई। नये सिरे से रोजगार की ओर उन्मुख हो रहे है।
ReplyDeletestudent ke abhibhawak covid ke dauran berojgar ho gaye the jiske karan use aarthik pareshai suhani padi is dauran aapsi saying se logon ka kaam chal raha tha
ReplyDeleteकोविड 19 नामक इस संक्रमण भरी बीमारी ने देश के सभी आम व खास लोगों के जीवन को उथल पुथल कर दिया।इस महामारी ने व्यवसाय जगत को भी प्रभावित किया जिसमें हमारे विद्यार्थियों के माता-पिता भी शामिल हैं। इनके जीवन यापन के सारे कार्य बंद हो गये गरीब अभिभावकों को जो प्रतिदिन अपने व्यवसाय के कमाई पर निर्भर रहते हैं उन्हें काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।मैं ऐसे लोगों को धैर्य धारण की सलाह दी एवं वायरस से बचने के तरीके अपनाकर कार्य करने की सलाह दी साथ ही सरकार भी इन्हें राशन उपलब्ध कराई ।स्किल डेवलपमेंट के बारे भी जानकारी दी।
ReplyDeleteराज किशोर प्रसाद
रा.प्रा.वि.सेवई
जिला सिमडेगा, झारखंड
सरकार, सामाजिक सँस्था, धनी वर्ग,स्वयं सेवी सँस्थान योजना बनाकर ऐसे लोगों की सहायता करनी चाहिए।
ReplyDeleteऐसे छात्र जिनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित हुआ है उन्हें मैंने धैर्य और संयम से कार्य करने की सलाह दी ।उन्हें मास्क ,सेनिटाइजर आदि का व्यवसाय करने की सलाह दी ।
ReplyDeleteकोरोना महामारी थी और एक भीषण संकट मानव समाज में उपस्थित की परंतु हमें सीख देकर गई हमें सीमित क्षेत्र सीमित साधन सीमित समय में बहुत कुछ कर करने की क्षमता को निखारा है अवश्य करुणा अनेकों की व्यवसाय रोजगार में असर डाला है परंतु उसने हमें सीख भी दिया कि हम मैं कर सकता हूं साधन की अनुपलब्धता में भी हम जी सकते हैं यह सीख बहुत बड़ी चीज है और बच्चों में नैराश्य साथी शिक्षण कार्यक्रम उनका प्रभावित हुआ है व्हाट्सएप और अनेक मोबाइल के जरिए उनको शिक्षण गतिविधि में जारी रखा गया है परंतु यह समुचित शिक्षण पद्धति में कारगर साबित हुआ ऐसा नहीं पड़ता है ऐसा लगता है कि शिक्षा के क्षेत्र में यह जो है कोर्णाक काल कोविड-19 जबरदस्ती पहुंचाया है
ReplyDeleteकोवीड19 से पूरे विश्व में आर्थिक संकट उत्पन्न हो गए है भारत जैसे विकाशील देस भी इससे अछूता नही रह है इस संकट के घड़ी में न जाने कितने लोंगों को अपनी रोजी रोटी गवानी पड़ी । हमारे स्कूल में भी बहुत सारे अभिभावक है जो पहले राज्य के बाहर नोकरी या कारोबार करते थे लेकिन कोवीड के चलते उनकी रोजी रोटी का जरिया छीन गया । हम वैसे सभी अभिभावक से कहना चाहते हैं कि आप अब सरकार के कोवीड निमयों का पालन करते हुए अपने आस पास के सीमित संसाधनों के माध्यम से ही अपनी जीविका उपार्जन करने का प्रयाश करें । और परिवार का भरण पोषण करें ।
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का ब्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए|
ReplyDeleteहमारे विद्यालय के उन छात्रों के अभिभावकों को जिनका व्यवसाय महामारी के दौरान ठप्प हो गई थी उनसे मिलकर उन्हें ऑनलाइन बिजनेस करने की सलाह दी एवं यथासम्भव मदद की सान्त्वना दी।
ReplyDeleteMD.SHAMIM AKHTER,ASISTANT TEACHER,U.M.S.RAJOUN(URDU),MEHARMA,GODDA,JHARKHAND(RANCHI) हमारे विद्यालय के कुछ छात्रों के माता-पित/अभिभावकों को जिनका रोजगार और काम धन्धा बाधित हो चुका था उन्हें सब्र से काम लेने की सलाह दी और उनके बच्चों के लिए खाने पीने तथा पढने लिखने का सामान मुहैया कराया। धन्यवाद।
ReplyDeleteMd Iquwal Alam ,UPG govt MS nimgachhi, Rajmahal,sahibganj.मैं उन छात्रों जिनके माता पिता के ब्यबसाय प्रभावित हुए है को सांत्वना दूंगा और कहुगा की ऐसी परिस्थिति जीवन मे कई बार आ सकती है इससे डटकर सामना करना चाहिए ।बलवान वही होता है जो परस्थितियों को अपने लायक बना डाले।यथासंभव मदत करने की कोशिश करेंगेजिससे उनके परिशनियाँ कुछ कम हो सके।
ReplyDeleteबहुत सारे छात्र हैं, जिनके माता-पिता की आमदनी अच्छी थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण उनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय हो गई है। छात्रों में यह विश्वास जगायेंगे कि यह दिन जल्द ही समाप्त हो जाएगी एवं खुशियां फिर लौटकर आएगी। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना दीक्षा, ई-पाठशाला,डीजी-साथ,डीजी-स्कूल एवं दूरदर्शन के माध्यम से अपनी पढ़ाई को जारी रखें। साथ में छात्रों से यह भी कहना चाहूंगा कि आज की बचत कल की सुरक्षा है। भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए बचत करना चाहिए ताकि विशेष परिस्थिति में काम आ सके। छात्र घर में रहें, स्वस्थ रहें, स्वाध्याय करें। छात्र यह मत भूले कि कोरोना वायरस समाप्त हो गया है। सामाजिक दूरी एवं कोरोना वायरस से बचाव के सभी नियमों का पालन करें तथा साथ-साथ पढ़ाई भी जारी रखें।
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ReplyDeleteCOVID 19 के दौरान हमारे विद्यालय क्षेत्र के कई बच्चों के माता-पिता का व्यवसाय काफ़ी प्रभावित हुआ।ऐसी परिस्थिति में वे आर्थिक रूप से कमजोर हो गये।ऐसे बच्चों के माता-पिता से मिलकर उन्हें अपने व्यवसाय से संबंधित वस्तुओं को होम डिलीवरी करने का सुझाव दिया।
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान बच्चों के माता-पिता का रोज़गार प्रभावित हूआ। ऐसे माता-पिता को सरकार आर्थिक मदद करे।
ReplyDeleteMd Serajuddin Ansari
SSA NPS Suratilouna, Deoghar
कोविड-19 के दौरान बच्चों के अभिभावकों का रोजगार प्रभावित हुआ । उस दौरान मैने अभिभावक से संपर्क कर रोजगार को नए सिरे से चालु करने का कुछ टिप्स दिया ।इसके तहत मैंने मास्क बनाने से लेकर बेचने का तरीक़ा बताया ।वस्तुओं को door to door बेचने की सलाह दी । मेरे इस राय से अधिकांश अभिभावक रोजगार को आगे बढ़ाने में सफल हुए ।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए।हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कई अभिभावक के पास रोजी रोटी की समस्या उतपन्न हो गई है।अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल् डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है,जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार पा सकें।
ReplyDeleteBIRSINGH JONKO
UPG. M. S. JONUA
BANDGAON WEST SINGHBHUM
Students are forced to do online classes but many students have not smart phone.In village many problem arise during online classes.
ReplyDeleteदृढ़ता पूर्वक स्वाध्यायन में लगे रहें, मार्ग से भटकें नहीं.मितव्ययिता बरतते हुए यथासंभव माता-पिता की मदद करें.
ReplyDeleteइस महामारी के कारण बच्चों का स्कूल जाना छूट गया मोबाइल से पढ़ाई ठीक से नहीं हो पा रहा है।
ReplyDeleteजिन बच्चों के माता पिता का व्यबसाइ महामारी के कारण बंद हो गया उन बच्चों को मितब्यायिता रखने और माता पिता की यथा संभब मदद करने का सलाह दूँगा।
ReplyDeleteइसमें कोई संदेह नहीं कि कोरोना काल में सभी लोगों को किसी न किसी रूप में अत्यन्त दुष्प्रभाव अनुभव करना पड़ा है,खास कर बच्चों एवं बूढ़ों को। चूंकि यह अनुभव पूरी मानव सभ्यता के लिए नई और अनोखी थी इसलिए सभी अचम्भित और अल्पज्ञ थे इस महामारी की चुनौती का सामना करने के लिए। जाहिर सी बात है कि जब सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए परेशानी का सबब था तो बच्चों के लिए तो यह चुनौती स्वीकार करना न केवल कठिन था बल्कि नामुमकिन था। परन्तु लोगों की असीम धैर्यशीलता ने और जागरूकता ने बहुत हद तक इस भयानक महामारी को भी परास्त कर दिया है अब विद्यालय में बच्चों के आगमन से पहले ही हमें और भी ज्यादा सजग रहना होगा ताकि महामारी पर पूर्ण रूप से विजय प्राप्त किया जा सके। बच्चों की हर गतिविधि पर नजर रखने की जरूरत होगी और इसके लिए हमें नई नहीं दिनचर्या की आवश्यकता होगी जो कि बच्चों के लिए सुविधाजनक हो ।
ReplyDeleteइस Covid-19 कोरोना महामारी के दौरान बहुत से ऐसे लोग हैं,जिनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। किसी-किसी का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया जैसे टेंट हाउस, होटल, दुकानदारी और आपसी लेन-देन जैसे अनेकों ऐसे छोटे-मोटे व्यवसाय हैं, वह पूरी तरह से टूट गए हैं। हमारे विद्यालय में भी कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता बाजार में छोटा-मोटा सामान बेच करके अपना रोजगार चलाते थे। इनका भी व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ।जिसमे ऐसे परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गये तो ऐसे बच्चों के माता-पिता से मिलकर हम उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाने का प्रयास करेंगे क्योंकि मन के हारे हार, मन के जीते जीत ।जब हम मन से मजबूत रहेंगे तभी हम फिर से उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
ReplyDeleteजिन बच्चों के माता-पिता का ब्यवसाय महामारी के कारण बंद हो गया है उन बच्चों को मितब्ययिता रखने और हर संभव मदद करने की सलाह दी।
ReplyDeleteमेरे गाँव में कई ऐसे बच्चे हैं जिनके माता-पिता का रोजगार इस महामारी ने छिन लिया है, मैने उनसे मुलाकात करके घरेलू खर्च मे मिव्ययिता बरतने की सलाह दी, नये रोजगार तलाशने और माता पिता के कार्यों में भी बच्चों को सहयोग करने की सलाह दी।मैने मान सम्मान को ठेस न पहुंचाने वाले वे सभी कार्यों को सहर्ष स्वीकार करने को जो वे कर सकते हैं लेकिन उसे करने मे शर्मिंदगी महसूस करते थे ,जैसे पेन वर्क करनेवाले अभिभावकों को कृषक मजदूर काम भी मिले तो उसे सहर्ष स्वीकार करें,एक बस चालक को साईकिल पर डोर टू डोर किराना दुकान का समान ले जाकर बेचना, मास्क बनाकर उसे फूटपाथ पर बेचना आदि।कई लोगों ने सलाह माना और जी तोड़ मेहनत के बल पर अपने जीवन को पटरी पर ला खड़ा किया।
ReplyDeleteGarib bachoan adhik hani hua kianki mobile kenona online class nahi ker saka.
ReplyDeleteकोरोना महामारी में अनेकों लोगों की नौकरियों में संकट पड़ा है,क्योंकि कोरोना में lockdown के कारण क़ई छोटे दुकानदारों के व्यवसाय पर प्रभाव पड़ा है जिससे अनेकों परिवारों में रोजमर्रा की जरूरतों की कमी हो गई है,ऐसे समय मे उनकी मदद करने के लिए थोड़ी बहुत सरकार को भी आर्थिक मदद करनी चाहिए, तथा जनता को भी ध्यान देना की वे खरीदारी करने के समय लोकल दुकानदारों और स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए जिससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो!
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए हैं।हमारे विद्यालय के छात्रो के अभिभावकों का रोजगार प्रभावित हुआ।जिससे उसके समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है।अब सभी सेवाओं के बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। इस दौरान जन वितरण प्रणाली दुकान से उनको मुफ्त में चावल, गेहुं,तेल, नमक खाद्य सामग्री और गैस मिला।पर अन्य जरुरतो को पुरा करने के लिए अभिभावको सलाह देगें कि वे अपने खेतों मे सामाजिक दूरी का पालन करते हुए साग सब्जी उगाने का कार्य करे जिससे वह अपने बच्चों का पढा़ई जारी रख सके।साथ ही अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है, जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार पा सके।
ReplyDeleteGarib student ko lock down se bahut hani huwa kyunki unke pass smart phone nahin tha. Sabhi logon ko bhi isase problem hua
ReplyDeleteCovid_19 mahamari adhikans logon ke arthik jiwan ko prabhawit kiya unhen berojgar bana diya majdoor karmi jo Palauan Kat apne ghar chale aae unke samne jiwika ki musibat ho gai we ghar par hi chhote mote rojgar kar rahe ha in ghar par hi kheti bari ke lie prerit kar rahe hain
ReplyDeleteकोरोना महामारी में अनेकों लोगों की नौकरियों में संकट पड़ा है,क्योंकि कोरोना में lockdown के कारण क़ई छोटे दुकानदारों के व्यवसाय पर प्रभाव पड़ा है जिससे अनेकों परिवारों में रोजमर्रा की जरूरतों की कमी हो गई है,ऐसे समय मे उनकी मदद करने के लिए थोड़ी बहुत सरकार को भी आर्थिक मदद करनी चाहिए, तथा जनता को भी ध्यान देना की वे खरीदारी करने के समय लोकल दुकानदारों और स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए जिससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो!
ReplyDeleteReally lockdown adversely effected economically, particularly lower and middle class family.Some children are also present in our school of such above family background. I advice them and their guardians not to loose confidence and search ,act and plan something new which seems is better for them.Essential expenses only, better useful and economic farming if possible,part time jobs, online business and knowledge, search and took benefits of government facilities are some important tips which I suggest to do in this lockdown period.
ReplyDeleteकरो ना महामारी के दौरान लोगों के कामकाज पर असर पड़ा बहुत लोग बेरोजगार हो गए बच्चों की पढ़ाई लिखाई प्रभावित हुई जीवन जीने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा
ReplyDeleteIn covid 19 period mostly parents lost their business as a teacher we can support them mentally and give some home made training.
ReplyDeleteकोवीड19 से पूरे विश्व में आर्थिक संकट उत्पन्न हो गए है भारत जैसे विकाशील देस भी इससे अछूता नही रह है इस संकट के घड़ी में न जाने कितने लोंगों को अपनी रोजी रोटी गवानी पड़ी । हमारे स्कूल में भी बहुत सारे अभिभावक है जो पहले राज्य के बाहर नोकरी या कारोबार करते थे लेकिन कोवीड के चलते उनकी रोजी रोटी का जरिया छीन गया । हम वैसे सभी अभिभावक से कहना चाहते हैं कि आप अब सरकार के कोवीड निमयों का पालन करते हुए अपने आस पास के सीमित संसाधनों के माध्यम से ही अपनी जीविका उपार्जन करने का प्रयाश करें । और परिवार का भरण पोषण करें ।
ReplyDeleteइस महामारी से पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था बाधित हुई है। रोजगार व व्यवसाय के अवसर प्रभावित हुए हैं ,साथ ही बच्चों की विद्यालयी शिक्षा पूरी तरह से बंद है ।शिक्षा के वैकल्पिक माध्यम जो बच्चों की परिवारिक और आर्थिक स्थिति के कारण सभी को संभव नहीं हो पा रही है।
ReplyDeleteCovid 19 mahamari me sabse jyda students prabhavit huwe parahi ke sath unka future kharab huwa is parisithi me online class ka samna karna para
ReplyDeleteहम उन छात्रों का मार्गदर्शन तन,मन,धन से करेंगे जिनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित हैं।
ReplyDeleteजिनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित है। उन छात्रों का मार्गदर्शन मैं निम्नलिखित प्रकार से करूंगा।
ReplyDelete* होंसला/हिम्मत बढ़ाकर
* सलाह देकर
* समय एक जैसा नहीं रहता,
* समय कभी अच्छा तो कभी बुरा होता है
* अपनी मेहनत पर भरोसा करें
* धैर्य रखें, वर्तमान समयानुसार काम सौंचे
* नये व्यवसाय आरंभ करें
* समय बदलेगा, विश्वास रखें
* जान है तो जहान है, आदि।(upgps Arkosa Nawa Toli,lohardaga)
कोरोना महामारी के कारण विद्यालय के छात्रो के अभिभावको का रोजगार प्रभावित हुआ। जिससे उनका जीवन यापन प्रभावित हुआ। जन वितरण प्रणाली दुकान से उनको मुफ्त मे गेहुं ,चावल, तेल ,नमक खादय सामग्री और गैस मिला पर अन्य जरूरतो को पुरा करने के लिए गांव के खेतो मे मजदूरी समाजिक दुरी का पालन करते हुए तथा साथ सब्जी उगाने का सलाह देगे।(upgps Arkosa Nawa Toli,lohardaga)
ReplyDeleteकोविड-19 महामारी के कारण विद्यालय के बच्चों के अभिभावकों माता पिता का रोजगार अधिक प्रभावित हुआ है जिससे उनका जीवन यापन प्रभावित हुआ है जन वितरण प्रणाली दुकान से उनको मुफ्त में गेहूं चावल दाल तेल नमक खाद्य सामग्री और गैस मिला पर अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए गांव के खेतों में मजदूरी सामाजिक दूरी का पालन करते हुए तथा सब्जी उगाने का सलाह देंगे एवं जिनके माता पिता व्यवसाय से जुड़े हैं उनको व्यवसाय में सहयोग करने के लिए प्रेरित करेंगे एवं जिन बच्चों के माता-पिता किसान का काम करते हैं उन बच्चों को माता पिता के साथ खेतों में काम करने के लिए सहायता करने को कहूंगा एवं सहायता के पश्चात अपने पढ़ाई पर भी ध्यान देने के लिए बोलूंगा ताकि बच्चों का जो पढ़ाई बाधित हुआ है उनका भी कुछ क्षतिपूर्ति कर सकें एवं कठिनाई होने पर शिक्षकों से संपर्क कर हल पूछेंगे
ReplyDeleteVivid 19 ke karan anek logo ki rojgaro me.prabhavit hua hai un sab avivawako ke bachhoko padhai v badhit hua hai un sabse kahunga ki isprakar upda our v aasakti hai isse nipatne ke liye hamesa jagruk rahna hoga jo vivid 19 ka niyam mankar upna jibika uparjon karenge tatha bachho ko surakshit rakhenge
ReplyDeleteवास्तव में इस महामारी काल में बहुत से लोगों का व्यवसाय प्रभावित हो गया है। हमारे ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय में ऐसे ही बच्चे ज्यादातर पढ़ते हैं जिनके अभिभावकों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है।
ReplyDeleteमैं उन बच्चों का मार्गदर्शन इस प्रकार करूंगा:-
*बच्चों का मनोबल या हौसला बढ़ा कर, परिस्थिति अनुकूल सलाह देकर, समय अभी दुखद तो कभी सुखद, वर्तमान समय अनुसार काम करें, समय बदलेगा विश्वास रखें, समय आएग फिर से पूर्व अवस्था घरों में होगा आदि।
कोविड-19 के दौरान अनेकों लोगों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढ़ते हैं उन्हें मितव्ययिता की आवश्यकता है बच्चों को अपने माता-पिता के कामों में भी सहयोग करना चाहिए पढ़ाई के साथ-साथ घर के अन्य कामों में मदद करने की सलाह बच्चों को देते है।
ReplyDeleteदैनिक मजदूरी करने वाले या जिनकी नौकरी नही रही ऐसे परिवार आर्थिक रूप से पिछड़ रहे है परिणामस्वरूप इनके बच्चे शिक्षा से दूर होते जा रहे है। ऐसे हालात में विद्यालयों, शिक्षकों और अभिभावकों के परस्पर सहयोग से इन कठिन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।
ReplyDeleteमेरा विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में पड़ता है। हमारे विद्यालय के अध्ययनरत बच्चों के अधिकांश अभिभावक मजदूरी करके अपना जीवन-यापन करते हैं। कोविड-19/लाॅकडाउन के कारण उनकी माली हालत काफी कमजोर हो गया था,परन्तु उस समय हम शिक्षकों की प्रतिनियुक्त जनवितरण-प्रणाली के अंतर्गत एक दुकान में duty लगाई गई। यहाँ हमने अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी,जागरूकता पूर्वक करने का कार्य किया। साथ-ही-साथ वाट्सएप ग्रुप पर प्रति दिन डिजिटल-साथ कार्यक्रम को बच्चों के पास भेजते हुए,फीडबैक,खुद से बनाया पाठ्यक्रम से संबंधित वीडियो आदि द्वारा बच्चों सहित उनके अभिभावकों का अनुसमर्थन किया। उन्हें लगातार सकारात्मक प्रोत्साहन देने का कार्य किया।
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान अनेकों लोगों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है, जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है,तथा पढाई के साथ-साथ अपने माता-पिता की यथा संभव मदद करना चाहिए
ReplyDeleteBachchon ko bhavmatmak sahara dena aur yah vishwas dilana jaruri hai ki yah asthayi badha hai shigra hi isme sudhar hoga condition pahle ki tarah sukhad hogi
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए।हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कई अभिभावक के पास रोजी रोटी की समस्या उतपन्न हो गई है।अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल् डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है,जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार पा सकें।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए।हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कई अभिभावक के पास रोजी रोटी की समस्या उतपन्न हो गई है।अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल् डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है,जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार पा सकें।
ReplyDeleteकोविड 19 महामारी के दौरान हमारी सारी गतिविधि प्रभावित हुई। परन्तु सबसे ज्यादा बच्चों पर प्रभाव पड़ा।उनके विद्यालय बन्द हो गए। उनका खेलना ,बाहर निकलना बंद हो गया। उन्हें एक नए वातावरण को समझने की समझ का अभाव था। सबसे जरुरी है उनको इस महामारी से बचाना साथ ही उनके मानसिक विकास में मदद करना,सबसे बड़ी चुनौती है।इसे हम शिक्षकों को स्वीकार कर इस ओर बढ़ना है।
ReplyDeleteCOVID_19 महामारी ने हमारे विद्यालय के बच्चों अभिभावकों की आर्थिक अवस्था को दयनीय स्थिति मे ला दिया बच्चों को मितव्यई बनकर माता पिता के आर्थिक गतिविधि में सहभागी बनाना चाहिए । मन लगाकर स्वाध्याय करना चाहिए।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान बहुत से ऐसे लोग हैं,जिनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। किसी-किसी का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया जैसे टेंट हाउस, होटल, दुकानदारी और आपसी लेन-देन जैसे अनेकों ऐसे छोटे-मोटे व्यवसाय हैं, वह पूरी तरह से टूट गए हैं। हमारे विद्यालय में भी कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता बाजार में छोटा-मोटा सामान बेच करके अपना रोजगार चलाते थे। इनका भी व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ ।
ReplyDeletekumari1 January 2021 at 19:53
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का ब्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए|
COVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए|
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का ब्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए|
ReplyDeleteकोविड 19 महामारी के दौरान हमारे सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले अभिभाक्क पूरी तरह से प्रभावित हुए थे क्योंकि क्योंकि प्रायः अभिभावक दूसरो केघरों में, दुकान में ,ठेला लगाना ,रिक्शा चालक, टेम्पो चालक रेजा ,कुली का कार्य करते थे ,उनके पास मो० रिचार्ज करने तक का पैसा नहीं होता था ,ऐसी विषम परिस्थिति में मैंने उनसे मिलकर उन्हें ढ़ाढस बंधाकर सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देश का पालन कर ,साफ सफाई से रहकर इस महामारी का सामना कर अनुकूल परिस्थिति का इंतजार करें
ReplyDeleteकोरोना वायरस जनित महामारी ने हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में आर्थिक एवं सामाजिक परिदृश्य को पूरी तरह से बदल डाला है ।दैनिक वेतन भोगी ,छोटे किसान एवं बिहारी मजदूरों के सामने रोजी एवं रोटी की बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर दी ।देखते देखते लाखों लोग बेरोजगार हो गए। उनके सामने परिवार के पोषण की बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई। खासकर विद्यार्थी जिनके माता-पिता दैनिक मजदूर या छोटे किसान थे ,उनके सामने बच्चों की पढ़ाई को जारी रखना एक बड़ी समस्या बन गई ।भारत सरकार ने ऐसे लोगों के लिए विभिन्न तरह के योजनाओं का शुरुआत कर गरीब लोगों को मदद करने की पूरी कोशिश की। मुफ्त में 2 महीने का अनाज एवं कुछ नगद राशि देने का प्रावधान किया गया ।साथी कोरोना वायरस से प्रभावित परिवार को मुफ्त में इलाज एवं भोजन की व्यवस्था की गई। विद्यार्थियों की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन क्लासेस की व्यवस्था की गई। जीजी साथ एवं बीजी स्कूल एप के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था की गई। दूरदर्शन के माध्यम से विभिन्न कक्षाओं के लिए कक्षाओं का संचालन किया गया। साथ ही शिक्षक स्मार्टफोन के माध्यम से विभिन्न तरह के शिक्षण कंटेंट की का निर्माण कर छात्रों तक शिक्षण सामग्री को भेज कर बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने का प्रयास किया ।सरकार ने ग्रामीण एवं शायरी सॉरी बेरोजगारों के लिए विभिन्न तरह के योजनाओं का शुरुआत की ताकि उन्हें रोजगार के लिए अपने घर से ज्यादा दूर ना जाना पड़े साथी महामारी से बचाव के लिए विभिन्न तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।ताकि उनमें महामारी से लड़ने की जानकारी हो सके। उनके मन में बैठा भाई समाप्त हो सके। बैंकों को बैंकों द्वारा बेरोजगार लोगों को कम ब्याज पर रीन उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि वे छोटी-छोटी रोजगार प्रारंभ कर सकें।
ReplyDeleteकोविड-19 कोरोनावायरस महामारी ने हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में आर्थिक एवं सामाजिक परिदृश्य को पूरी तरह से बदल डाला दैनिक वेतन भोगी छोटे किसान एवं दिहारी मजदूर के सामने रोजी-रोटी की बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर दी देखते -देखते लाखों लोग बेरोजगार हो गए उनके सामने परिवार के भरण-पोषण की बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो गई। खासकर स्कूली छात्र जिनके माता- पिता दैनिक मजदूर या छोटे किसान थे।बच्चों की पढ़ाई को जारी रखने के लिए सरकार ने दूरदर्शन के माध्यम से व्हाट्सएप ग्रुप एवं दिग्गी स्कूल एपके माध्यम से विभिन्न तरह के शिक्षण कंटेंट के निर्माण कर छात्रों तक शिक्षण सामग्री को भेजकर पढ़ाई जारी रखने का प्रयास किया।
ReplyDeleteकोविड 19 से सारा देश पर बुरा प्रभाव पड़ा विधालय काॅलेज बाजार सब बंद कर दिए गए! सारे व्यवसायो पर बुरा प्रभाव पड़ा! पुरे विश्व की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गए! सडकों पर प्रशासन के द्वारा भी काफी शोषण का शिकार होना पड़ा इस महामारी से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को मासक का उपयोग करना चाहिए! जीवाधन महतो उतक्रमित प्राथमिक विद्यालय कुजूबेडा
ReplyDeleteकोविड19 और लाॅकडाउन के कारण बहुत सारे लोगों के समक्ष रोज़गार का संकट पैदा हो गया है। वैसे बच्चे जिनके अभिभावकों के साथ इस तरह का संकट है उन्हें भावनात्मक सहारा देने की आवश्यकता है।वैसे बच्चों को उनके अभिभावकों के साथ सहयोग करने की सलाह देंगे। बच्चे छोटे छोटे चीजों के लिए ज़िद न करें। घर के काम में मदद करें। माता पिता को भावनात्मक रूप से सहारा दें।हम लोगों का भी कर्तव्य है कि वैसे लोगों का यथासम्भव मदद करें।
ReplyDeleteमु० अफजल हुसैन, उर्दू प्राथमिक विद्यालय मंझलाडीह, शिकारीपाड़ा,दुमका।
अबतक तो मेरे साथ ऐसे स्तिथि नहीं आयी है जब आयेगी तो जितना हो सके उनके माता पिता को भरसक मदद करने का प्रयास करूंगा।
ReplyDeleteCOVID_19 महामारी ने हमारे विद्यालय के बच्चों अभिभावकों की आर्थिक अवस्था को दयनीय स्थिति मे ला दिया बच्चों को मितव्यई बनकर माता पिता के आर्थिक गतिविधि में सहभागी बनाना चाहिए । मन लगाकर स्वाध्याय करना चाहिए।
ReplyDeleteअपने विद्यार्थियों से उनकी आर्थिक, मानसिक और भावनात्मक स्थिति ज्ञात करने के लिए सदैव व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क में रहूंगा । मैं जानता हूं कि Covid 19 के दौरान अनेक लोगों का रोजगार छीन गया था। जैसे भी हो मैं अपने विद्यार्थियों को मदद करूंगा ताकि उनकी शिक्षा बाधित न हो और वे मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहें। सरकारी, समाजसेवी संस्थाओं और व्यक्तिगत सहायता मुहैया कराने की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करूंगा।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान लोगों को अनेक तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा है उनमें से अनेक अभिभावकों के बच्चे हमारे यहाँ पढ़ते हैं उनके साथ हमें मित्रवत व्यवहार करना चाहिए ।उनकी जरूरतों को जानना चाहिए उनकी शिक्षा बाधित न हो वे मानसिक शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें ऐसा प्रयास होना चाहिए
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान लोगों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढ़ते हैं उन्हें मानसिक सफल बनाने की आवश्यकता है तथा उन्हें फिर से नए सिरे से व्यवसाय शुरू करने करने तथा उनके बच्चों को उसमें पढ़ाई के साथ साथ साथ देने की आवश्यकता है तथा यथासंभव मैं उनकी मदद करूंगी
ReplyDeleteमेरे विद्यालय की ज्यादातर बच्चों के माता-पिता मजदूर तबके के हैं कोविड-19 के दौरान ज्यादातर अभिभावकों की रोजी रोटी छीन गई थी क्योंकि उनमें से कुछ मजदूर थे तो कुछ ठेला पर गुपचुप झालमुड़ी इत्यादि बेचा करते थे तो मैंने उन्हें सलाह दी कि उसी धंधे को थोड़ा सा परिवर्तन करके आप अपनी आजीविका चला सकते हैं उन्होंने सब्जियां घर-घर जाकर बेचना शुरू किया कोई मछली खरीद कर बेचना प्रारंभ किया इस प्रकार से वे लोग अपनी रोजी-रोटी चलाने लगे साथ ही मैंने भी बहुत से अभिभावकों से संपर्क कर यथासंभव उन्हें अपनी सलाह दी कि कैसे इस विषम परिस्थिति में अपने आप को तैयार करना है
ReplyDeleteकोविड-19 महामारी के कारण अभिनव अभिभावकों का रोजगार व्यवसाय बंद साहू या जिसके कारण अपने परिवार के पालन पोषण एवं बच्चों के पढ़ाई लिखाई एवं परवरिश करने में कठिनाई होने लगी बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिए ऑनलाइन पढ़ाई करना एक अच्छा विकल्प रहा और बच्चे पढ़ने लगे प्रांतों परिवार के पालन पोषण करने में परिवार के प्रत्येक लोगों को मितव्ययिता के साथ जीवन यापन करने का सीख मिली
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ReplyDeleteविश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए।हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कई अभिभावक के पास रोजी रोटी की समस्या उतपन्न हो गई है।अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल् डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है,जिससे वे रोजगार पा सकें।
उन बच्चों का उत्साहवर्धन कर उन्हें मित्ब्ययि बनकर माता पिता के कारोबार में सहयोग करना चाहिए।
ReplyDeleteहमारे विद्यालय के अधिकतर बच्चों के माता पिता कृषक हैं। कृषि कार्य करने के पाश्चात्य बचने वाले समय पर मजदूरी करते हैं । लोकडाउन के कारण उन्हें काम नहीं मिला जिससे काफी आर्थिक तंगी को झेलना पड़ा ।ऐसे बच्चों के माता पिता से मिलकर उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाने का प्रयास किया ।क्योंकि कहा जाता है कि मन के हारे हार,मन के जीते जीत। जब हम मन से मजबूत होगें तभी हम अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं।
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान बहुत सारे अभिभावक वैसे है जिसका व्यवसाय इस महामारी से बुरी तरह प्रभावित हुई है कारखाने , फैक्ट्री, किराना कपड़े व्यवसाय एवं अन्य सभी प्रकार के रोजगार धंधे बन्द होने से दैनिक मजदूरी करने वाले मजदूरों का भी आर्थिक परिस्थिति बहुत ही दयनीय हुई । उनके बच्चे भी इन विषम परिस्थिति से पीड़ित है परेशान है । वैसे परिस्थिति में मैंने तथा हितधारकों द्वारा परिवार को ढाढ़स बन्धाया । साथ ही कोरोना काल में व्यवसाय को थोड़ा बदलने की सलाह दी गई तथा फल,सब्जी एवं कृषि संबन्धित कामों में उत्पादन करने को कहा गया कि इससे भी आय को प्राप्त कर सकते है । संयम बरतें एक दिन सब ठीक हो जाएगी इस तरह से हम बच्चों को समझा सकते है ।
DeleteSympathetical behaviour of teacher will give support. Teacher can assure them that life will be normal after some time. This type of pandemic will not be for ever.
ReplyDeleteकोविड 19के दौरान अनेकों लोगों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विधालय में पढ़ते हैं उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढ़ाई के साथ-साथ अपने माता-पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए।
ReplyDeleteकोविड 19 की महामारी पुरे विश्व के लिए एक त्रासदी बन कर आया ।इस महामारी की रोकथाम के लिए देशों ने तालाबंदी किया गया।जिसका असर जन साधारण पर व्यापक प्रभाव पड़ा है।लोगों की जीविका के साधनों का छिन जाना,व्यवसायों का बंद हो जाना और एक दुसरे के साथ सम्पर्क न हो पाना इन समस्याओं ने मानव जीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है।बच्चे भी इस त्रासदी से अछूते नही रहे।बच्चों के कोमल मन इस परिस्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा था।अपनी आवश्यकताओं की कटौतियों को बड़े आसानी से कर लेते हैं पर बच्चे नही ।ऐसी परिस्थिति मे उन्हे भावनात्मक सहारे की आवश्यकता होती है।एक शिक्षिका होने के कारण मै भी बच्चों के सम्पर्क मे रह कर उनकी समस्याओं को समझ रही हूं।उन्हे विद्यालय मे इस बात का अहसास करने का प्रयास करूंगी की जीवन हमेशा एक जैसा नही चलता।कोविड 19 महामारी भी हमेशा नही रहेगा।और परिस्थितियां भी बदलेंगी ।तब तक हमे धर्य और संयम से काम लेना होगा।और सिमित संसाधनों मे ही अपना काम चलाना होगा। अपनी जरूरतों को पूरा करने में माता पिता के सक्षम न होने पर माता पिता को परेशान न करने की सलाह देंगे।उनका मानसिक रुप से संबल बनने का प्रयास करेंगे।
ReplyDeleteBachcho k o samjhayenge ki abhi bahut kharB samay chal raha hai himmat se kam lena hai aur apne mammi aur papa ka support karana hai
ReplyDeleteकरो ना मैं हमारी के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कई अभिभावक के पास रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है अभिभावक को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है जिससे में वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार पा सके
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए।हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कई अभिभावक के पास रोजी रोटी की समस्या उतपन्न हो गई है।अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल् डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है,जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार पा सकें।
ReplyDeleteGarib parents se sampark Kar madat Kate Hai
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए।हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कई अभिभावक के पास रोजी रोटी की समस्या उतपन्न हो गई है।अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल् डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है,जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार पा सकें
ReplyDelete* दयामय माजि (स.शिक्षक)
* उ.म.वि.चौका (कुकड़ू)
* सरायकेला-खरसावां ।
Korona mahamari ke dauran aneke berojgar hue.koi bachcho ke abhivabak hue.une jitna ho sake madat karna hai.
ReplyDeleteएक और कोविड19 ने कितने ही निम्न आय वाले लोगों से उनका रोजगार छीन लिया है तो कुछ नए रोजगार को जन्म भी दिया है जैसे मास्क बनाकर बेचने,सेनेटाईजेशन,बागवानी कुटीर उद्योग के तहत सामानों का विनिर्माण\हमें अपने मुताबिक़ के वैकल्पिक कार्यों में समय का सदुपयोग करना ही होगा|बच्चे बाहर नहीं निकलने के प्रतिबंधों को नए तकनीक से ज्ञान अर्जन में लगाकर एक अवसर के रूप में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं यह समझाकर उनको मानसिक बल्देने में हमारी भूमिका कोइ कम अवसर नहीं है |
ReplyDeleteदैनिक मजदूरी करने वाले या जिनकी नौकरी नही रही ऐसे परिवार आर्थिक रूप से पिछड़ रहे है परिणामस्वरूप इनके बच्चे शिक्षा से दूर होते जा रहे है। ऐसे हालात में विद्यालयों, शिक्षकों और अभिभावकों के परस्पर सहयोग से इन कठिन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का ब्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए
ReplyDeleteछात्रों के लिए भावात्मक संबल देना बेहद जरूरी है।साथ ही यह विश्वास दिलाना जरूरी है कि यह अल्पकालीन बाधा है और जल्द ही स्थिति में सुधार होगा और परिस्थितियां पूर्व की भांति सुखद होंगी।
ReplyDeleteइस महामारी के दौरान बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। किसी-किसी का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया जैसे टेंट हाउस, होटल, दुकानदार ऐसे छोटे-मोटे व्यवसाय हैं, वह पूरी तरह से टूट गए हैं। हमारे विद्यालय में भी कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता बाजार में छोटा-मोटा सामान बेच करके अपना रोजगार चलाते थे। इनका भी व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ । जिसमे ऐसे परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गये तो ऐसे बच्चों के माता-पिता से मिलकर हम उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाने का प्रयास करेंगे क्योंकि मन के हारे हार, मन के जीते जीत ।जब हम मन से मजबूत रहेंगे तभी हम फिर से उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
ReplyDeleteगरीब बच्चों को online class करने में ज्यादा समस्या हो रही हैं क्योंकि उनके पास smartphone नहीं है ।
ReplyDeleteCOVID19 महामारी के दौरान मेरे विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के व्यवसाय पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ा है हम उन्हें हौसला बढ़ाएंगे, अपनी मेहनत पर भरोसा करें, समय एक जैसा नहीं होता है, नया व्यवसाय शुरू करें, इत्यादि का भरोसा दिलाएंगे ।
ReplyDeletecovid-19 mahamai ke dauran Desh mein bahut hi Sahi samasyaen utpann Hui bacchon ka padhaai badhit hua Sarkar ka rajasv kamaya bahut se log berojgar hue
ReplyDeleteजिन लोगों का बिजनेस कोविड 19 के कारण ठप्प हो गया हमने उनलोगों को सलाह दिया कि वे ठेला बनाकर सब्जी और फल तथा लोगों के जरूरत के सामान डोर टू डोर बेचें,परन्तु सावधानी से ताकि आप किसी भी रोगी के सम्पर्क में नहीं आवें।फिर भी बहुत लोग बेरोजगार हो गए, धीरज रखकर हमें सम्हलना होगा।चूँकि जब कोई घटना के बाद कोई हॉस्पिटल में भर्ती हो जाता है तो कमा तो नहीं ही पाता है साथ में खर्च भी होता है।तो यही मानकर सन्तुष्ट होना चाहिए कि हम बीमार नहीं हुए और बाल बच्चों के साथ 10 महीना समय बिताने का मौका मिला। समय फिर से ठीक हो जायेगा तो फिर कमा लेंगे।हम और हमारा परिवार सुरक्षित है यही सरकार और भगवान को धन्यवाद देना चाहिए। Purushottam Kumar Teacher UMS SANKI,Patratu,Ramgarh.
ReplyDeleteछात्रों एवं अभिभावकों को भावानात्मक संबल देना बेहद जरूरी है।साथ ही यह विश्वास दिलाना जरूरी है कि यह अल्पकालीन बाधा है और जल्द ही स्थिति में सुधार होगा और परिस्थितियां पूर्व की भांति सुखद होंगी।
ReplyDeleteकोविड़ 19 लोकड़ाउन मुसीबतो का सामना करते हुए जीवन जीने का तरीका सिखाया
ReplyDeleteकोविड़ 19 लोकड़ाउन मुसीबतो का सामना करते हुए जीवन जीने का तरीका सिखाया
ReplyDeleteकोरोना काल में अभिभावकों एवं बच्चों ,सभी लोगों
ReplyDeleteको मुसीबतों का सामना करना पड़ा था। लाकडाउन में लोगों काकाम छूटने से घर में बंद रह कर सभी को काफी कठिनाईयों से गुजरना पड़ा। जिनके पास बहुत कम आमदनी था वो फल , सब्जी,दुध आदि बेचकर अपना गुजारा कर रहे थे। धीरे-धीरे अब लोग अपनी आसपास रोजगार ढुंढ लिए है।लोक डाउन ने लोगो को कम पैसों में जीवन जीने का कला सिखा दिया।
COVID -19 महामारी के दौरान अनेक लोग वेरोजगार हो गए। हमारे विद्यालय के बच्चे के भी कई अभिभावकों के पास रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है, जिससे वे वर्तमान परिस्थिति में रोजगार पा सकें। एन. टुडु (पूर्वीसिहभूम
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का ब्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए
ReplyDeleteCovid-19 ke samoy me hamne student ko samjaya ki tum aapne mata-pita ka sath dena
ReplyDeleteCovid 19 musibaton ka samna karnne ke liye hjmat badaya, lokdowwn me sayamit jivan jeena dikhaya.
ReplyDeleteMhamari ke douran bachchon ke abhibhavak ka vyvsay kafi prabhavit hua humne margdarshan ke tour par chhatro se kha ki ve apne Mata pita ke gharelu vyvsay me shyog kren
ReplyDeleteHum apane star se pathan-pathan ki samagri muhaiya karugi.unko kahugi ki dhairya rakhe dhire-dhire sab dik ho jayega .phir se vyavsaya shuru karane ki salah dugi.jisame jyada punji ki jarurat na ho .bachcho ko padai ke sath-sath apne mata -pita ko sahayog ka rane ki salah dugi.ANJU KUMARI R B V PARASBANIA BALIAPUR DHANBAD JHARKHAND.
ReplyDeleteइस Covid-19 कोरोना महामारी के दौरान बहुत से ऐसे लोग हैं,जिनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। किसी-किसी का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया जैसे टेंट हाउस, होटल, दुकानदारी और आपसी लेन-देन जैसे अनेकों ऐसे छोटे-मोटे व्यवसाय हैं, वह पूरी तरह से टूट गए हैं। हमारे विद्यालय में भी कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता बाजार में छोटा-मोटा सामान बेच करके अपना रोजगार चलाते थे। इनका भी व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ । जिसमे ऐसे परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गये तो ऐसे बच्चों के माता-पिता से मिलकर हम उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाने का प्रयास करेंगे क्योंकि मन के हारे हार, मन के जीते जीत ।जब हम मन से मजबूत रहेंगे तभी हम फिर से उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
ReplyDeleteMost of the students have lost their career building time.
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए।हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कई अभिभावक के पास रोजी रोटी की समस्या उतपन्न हो गई है।अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल् डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है,जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार पा सकें।
ReplyDeleteCovid-19 कोरोना महामारी के दौरान बहुत से ऐसे लोग हैं,जिनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। किसी-किसी का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया जैसे टेंट हाउस, होटल, दुकानदारी और आपसी लेन-देन जैसे अनेकों ऐसे छोटे-मोटे व्यवसाय हैं, वह पूरी तरह से टूट गए हैं। हमारे विद्यालय में भी कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता बाजार में छोटा-मोटा सामान बेच करके अपना रोजगार चलाते थे। इनका भी व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ । जिसमे ऐसे परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गये तो ऐसे बच्चों के माता-पिता से मिलकर हम उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाने का प्रयास करेंगे क्योंकि मन के हारे हार, मन के जीते जीत ।जब हम मन से मजबूत रहेंगे तभी हम फिर से उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
COVID _19 mahamari ke prabhav se prateyek Parivar ke log berozgar ki samasya ke Sikar ho gaye hain ,itna hi nhn bacchon ka vavishya bhi andhakar dikh Raha hai kaiese hamare bacchon Ko job milenge ye COVID 19 na jaane kitne logon ki jindagi kharab karke rakh diya .Atha annt mein main ye kehana chaoongi ki jo maar hame mahamari se Mila hain ishse tou humlog bahut hi jyada prabhavit hue hain ab dekhna ye hai ki sarkar(government) hamare or hamare bacchon ke liye kya Karti hai ....
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए।हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कई अभिभावक के पास रोजी रोटी की समस्या उतपन्न हो गई है।अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल् डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है,जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार पा सकें।
ReplyDeleteकोविड-19 के दौरान बहुत से लोग बेरोजगार हो गए विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई उन माता-पिता के साथ इस महामारी ने समाज को प्रभावित किया वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जीवन को पटरी पर लाने के लिए सबों को धैर्य और संयम के साथ जीवन को जीने की कला को अपनाना चाहिए एवं ग्रामीण इलाकों में इस तरह के जीवन को जीने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है
ReplyDeleteCOVID-19 कोरोना महामारी के दौरान बहुत से ऐसे लोग है जिसके व्यावसायिक या रोजी रोजगार बुरी तरह प्रभावित हुआ अपने विद्याथियों से उनकी आर्थिक मानसिक और भावनत्मक परिस्थितियों को ज्ञात करने के पश्चात सरकारी सुविधा, समजसेवी संगठन से संपर्क करके उनकी मदद की कौशिश की.
ReplyDeleteMaine aise bachho ke parents ko financial help kiya, unhe mask bananey ki salah di aur ghar-ghar vegetables bechaney ko kaha
ReplyDeleteCobid 19 suffering students must be encouraged
ReplyDeleteऐसे छात्र जिनके माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित हुआ है उन्हें मैंने धैर्य और संयम से कार्य करने की सलाह दी।
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का ब्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए|
ReplyDeleteCOVID -19 महामारी के दौरान अनेक लोग वेरोजगार हो गए। हमारे विद्यालय के बच्चे के भी कई अभिभावकों के पास रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है, जिससे वे वर्तमान परिस्थिति में रोजगार पा सकें। एन. टुडु (पूर्वीसिहभूम)
ReplyDeleteCovid-19 के दौरान विद्यालय में पढ़ने वाले बहुत से बच्चों के माता-पिता का व्यवसाय प्रभावित हो गया था। क्षेत्र भ्रमण के दौरान हमने इसे महसूस किया। मैं यथासंभव उनको धैर्य के साथ इस समस्या से उबरने का प्रयास करने के लिए प्रेरित किया ।जैसे- यदि वे व्यवसाय हेतु कहीं बाहर जाते हैं तो अपने व्यवसाय को स्थानीय स्तर पर भी शुरू करने का प्रयास कर सकते हैं ।लोगों से संपर्क के लिए मोबाइल का प्रयोग भी करना उनके लिए फायदेमंद हो सकता है ।खाली समय अपने बच्चों की मदद भी ले सकते हैं ।कोविड-19 के गाइडलाइन के पालन का भी सुझाव दिया क्योंकि आज स्वास्थ्य एवं साफ-सफाई पर लोगों का विशेष ध्यान है। अतः इसे व्यवसाय में भी अपनाने से फायदा हो सकता है । अपना खर्च यथासंभव कम करना तथा असहाय लोगों की मदद करने से भी व्यवसाय अच्छा चलेगा। कुछ लोग अपना व्यवसाय भी बदल सकते हैं।
ReplyDeleteकोविड19 महामारी में बहुत बच्चों के माता-पिता या अभिभावकों का व्यवसाय एवं जीविका बंद हो गया।ऐसे में उनके परिवार में संकट की घड़ी आ गई है।हम ऐसे परिवार के बच्चों को अपने तरफ से कुछ सलाह दे सकते हैं, उनके अभिभावकों से संपर्क कर या मिलकर उन्हें प्रोत्साहित कर सकते हैं कि अभी आप कहीं ऐसे जगह काम कर सकते हैं जहां आप को काम मिले।जिससे आप अपना परिवार चला सकें।ऐसे बच्चों की कुछ मदद भी हम अपने तरफ से कर सकते हैं।
ReplyDeleteऐसे छात्रों जिनके माता पिता का व्यावसाय कोविड१९ से प्रभावित हुआ है उन्हेधीरज के साथ काम करने की आवश्यकता है।
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ReplyDeleteइस महामारी के दौरान बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। किसी-किसी का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया जैसे टेंट हाउस, होटल, दुकानदार ऐसे छोटे-मोटे व्यवसाय हैं, वह पूरी तरह से टूट गए हैं। हमारे विद्यालय में भी कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता बाजार में छोटा-मोटा सामान बेच करके अपना रोजगार चलाते थे। इनका भी व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ । जिसमे ऐसे परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गये तो ऐसे बच्चों के माता-पिता से मिलकर हम उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाने का प्रयास करेंगे क्योंकि मन के हारे हार, मन के जीते जीत ।जब हम मन से मजबूत रहेंगे तभी हम फिर से उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
कोविड-19 के दौरान लोगों का व्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढ़ते हैं उन्हें मानसिक सफल बनाने की आवश्यकता है तथा उन्हें फिर से नए सिरे से व्यवसाय शुरू करने करने तथा उनके बच्चों को उसमें पढ़ाई के साथ साथ साथ देने की आवश्यकता है तथा यथासंभव मैं उनकी मदद करूंगी
ReplyDeleteHamare school ke student k Mata-pita v lockdown k samay berojgar ho gaye.Unhe kaie trah ki sarkari madad di gaee.Rashan pradan ki gaee.Hamne guardian ko mask, senatiser tatha do hath ki during ka palan karte huae apna business suru karne ko kaha.Yatha sambhaw online business karne ko kaha.
ReplyDelete...M.s.kusunda,Matkuria,Dhanbad-1
कोरोना महामारी के दौरान ज्यादातर छात्रों के अभिभावक बेरोजगार हो गये हैं जिसके कारण उनके सामने रोजी- रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है|अपने विद्यार्थियों से उनकी आर्थिक, मानसिक और भावनात्मक स्थिति ज्ञात करने के लिए सदैव व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क में रहूंगी| छात्रों के माता-पिता मास्क लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग पालन करने का सलाह देंगे ताकि वे आगे सुरक्षित और स्वस्थ रहे ।।
ReplyDeleteUPS HARIPALDIH
GANDEY GIRIDIH JHARKHAND
कोविड 19 के दौरान ज्यादातर छात्रों के अभिभावक बेरोजगार हो गये जिसके कारण उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। किसी का व्यवसाय पुरी तरह से ठप रहा । जैसे -
ReplyDeleteटेंट, होटल, दुकानदार आदि । ऐसे स्थानों पर काम करने वाले छात्रों के माता-पिता भी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।
कोविद-19 lokdaun मुसिवतो का सामना करते हुए जीवन जीने का तरीका सिखाया।
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का ब्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए|
ReplyDeleteजिन माता-पिता का व्यवसाय महामारी से प्रभावित है उन छात्रों को कम खर्च करने की सलाह दूंगी और अभिभावकों को खुद के छोटे-मोटे रोजगार करने के लिए प्रेरित करूँगी।
ReplyDeleteI suggested them to do home delivery and to wait patiently for the right time.
ReplyDeleteजिन माता पिता का व्यवसाय कोविड महामारी के कारण प्रभावित हुआ है उनका हौसला अफजाई करते हुए पुनः प्रयास करने की सलाह दूंगी तथा ऐसे समय में बच्चों को भी अपने माता-पिता का यथासंभव मदद करने को कहूंगी।
ReplyDeleteइस महामारी के दौरान बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। किसी-किसी का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया जैसे टेंट हाउस, होटल, दुकानदार ऐसे छोटे-मोटे व्यवसाय हैं, वह पूरी तरह से टूट गए हैं। हमारे विद्यालय में भी कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता छोटे-मोटे सामान बेच कर अपना रोजगार चलाते थे। इनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ । जिसके कारण ऐसे परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गये हैं तो ऐसे बच्चों के माता-पिता से मिलकर हमें उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाने का प्रयास करना है। जब हम मन से मजबूत रहेंगे तभी हम फिर से उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए हैं|हमारे विधालय के भी कई अभिभावक के पास खाने के लाले पड़ रहे हैं|अब सभी सेवाओं में फिर से बहाल होने से इन समस्याओं में कमी आ रही है|अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल डवलपमेंट करने की आवश्यकता है, जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार प्राप्त कर सकें|
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए। हमारे विद्यालय के बच्चों के भी कि अभिभावक के पास रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई। अब सभी सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है। अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट करने की आवश्यकता है। जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार पा सके।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान बहुत सारे कारोबारी का व्यवसाय ठप पड़ गया था जैसे कि फुटपाथ से जुड़े दुकानदार रेहड़ी वाले इत्यादि। बहुत सारे बच्चों के अभिभावक इस लॉक डाउन में प्रभावित हुए उनका व्यवसाय या कारोबार समाप्त हो गया। ऐसे अनेक बच्चे का अभिभावक प्रभावित हुए। उनके बच्चों को प्यार से समझाना होगा तथा दूसरे विकल्पों के बारे में बातचीत करके उनके अभिभावकों के साथ चर्चा करना होगा ताकि स्थिति के अनुसार आगे बढ़ सके।
ReplyDeleteकोरोना महामारी के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हो गए हैं|हमारे विधालय के भी कई अभिभावक के पास खाने के लाले पड़ रहे हैं|अब सभी सेवाओं में फिर से बहाल होने से इन समस्याओं में कमी आ रही है|अभिभावकों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत रोजगार के लिए स्किल डवलपमेंट करने की आवश्यकता है, जिससे वे वर्तमान परिस्थितियों में रोजगार प्राप्त कर सकें|
ReplyDeleteAbcde
ReplyDeleteCOVID-19 के दौरान अनेकों लोगों का ब्यवसाय प्रभावित हुआ है जिनके बच्चे हमारे विद्यालय में पढते है|उन्हें मितव्ययिता रखने की आवश्यकता है तथा पढाई के साथ साथ अपने माता पिता की यथासंभव मदद करना चाहिए|
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इस महामारी के दौरान बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। किसी-किसी का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया जैसे टेंट हाउस, होटल, दुकानदार ऐसे छोटे-मोटे व्यवसाय हैं, वह पूरी तरह से टूट गए हैं। हमारे विद्यालय में भी कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता बाजार में छोटा-मोटा सामान बेच करके अपना रोजगार चलाते थे। इनका भी व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ । जिसमे ऐसे परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गये तो ऐसे बच्चों के माता-पिता से मिलकर हम उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाने का प्रयास करेंगे क्योंकि मन के हारे हार, मन के जीते जीत ।जब हम मन से मजबूत रहेंगे तभी हम फिर से उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
ReplyDeletePradip Kumar munda
कोरोना महामारी के दौरान ज्यादातर छात्रों के अभिभावक बेरोजगार हो गये हैं जिसके कारण उनके सामने रोजी- रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है|अब कुछ सेवाओं को बहाल करने से इस समस्या में कमी आ रही है|
ReplyDeleteCorona se berojgaari,bhhukmari kaisi samsya uttpana ho gayi thi.
ReplyDeleteCOVID 19 Se bahut logo ke rojgaar khatam ho gye,bhhukmari,berojgari bad gayi jindagi tham si gayi.
ReplyDeleteYah sahi hai ki corona kal bahut se logon ka vyavsay prabhavit hua hai log berojgar bhi ho gaye thai. Kintu hamre PM Narendra Modi ji ne aise garib logon ke liye prati vyakti 5 Kilo anaj aur 500 rupye 5 mah tak lagatar muft main diya gaya Jis se uoonke roji roti kr sankat ko door kiya ja sake.
ReplyDeleteकोरोना महामारी के कारण जिन छात्रों के माता-पिता का व्यवसाय प्रभावित हुआ उन्हें सान्त्वना देते हुए उनमें आत्मविश्वास जागृत करने का हर सम्भव प्रयास करते हुए उन्हें परिस्थितियों के अनुकूल नए दिशाओं पर विमर्श करते हुए उनपर एक प्रयास का सुझाव दिया जा सकता है ।
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ReplyDeleteइस महामारी के दौरान बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। किसी-किसी का व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया जैसे टेंट हाउस, होटल, दुकानदार ऐसे छोटे-मोटे व्यवसाय हैं, वह पूरी तरह से टूट गए हैं। हमारे विद्यालय में भी कई बच्चे ऐसे हैं जिनके माता-पिता छोटे-मोटे सामान बेच कर अपना रोजगार चलाते थे। इनका व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ । जिसके कारण ऐसे परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हो गये हैं तो ऐसे बच्चों के माता-पिता से मिलकर हमें उन्हें मानसिक रूप से सबल बनाने का प्रयास करना है। जब हम मन से मजबूत रहेंगे तभी हम फिर से उन्हें व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
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