नौ वर्ष की आयु से लेकर अब तक आपमें हुए परिवर्तनों की सूची बनाएँI आपके द्वारा अनुभव किये गए शारीरिक भावनात्मक और सामाजिक परिवर्तनों का वर्णन करें I ऐसे कौन से परिवर्तन हैं जिनसे आपको तन तक आश्चर्य या तनाव महसूस हुआ, जब तक आपने यह महसूस नहीं किया की ये परिवर्तन सामान्य और स्वाभाविक थे ? अपने अनुभव या सुझाव ब्लॉग पोस्ट पर साझा करें I
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Very useful to us
ReplyDelete१लंबाई में वृद्धि २एसटोजन और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्राव ३जनन अंगों का विकास ४ स्वर यंत्र का विकास बचपन खत्म होने के साथ हम किशोरावस्था की ओर कदम रखते हैं और इस समय स्वयं को सर्वोपरि समझने लगते हैं क्योंकि उस समय हार्मोनल परिवर्तन होने लगता है और हमारे सोच में भी परिवर्तन होने लगता है उस समय भावना तमक रूप से उगृ रहते हैं कोध चिढ़ चिढापन बहुत बना रहता है पर ये सब किशोरावस्था के दौरान होने वाले मानसिक शारीरिक परिवर्तन के कारण होता है ।
ReplyDeleteBody me growth ke sath Harmon me bhi parivartan hota hai.sath he childhood ko chor adolescence stage me inter kartey hai.
ReplyDeleteनौ साल से अभी तक के उम्र में बहुत सारे शारीरिक बदलाव आए। लंबाई चौड़ाई कद काठी रंग रूप सब में।
ReplyDeleteभावनात्मक बदलाव जैसे एडोलेसेंस के उम्र में गुस्सा उग्रता स्वंत्र रहने की ईच्छा आदि।
बचपन से लेकर बुढ़ापे तक जीवन में कई पड़ाव आते हैं, जिनमें से सबसे अहम पड़ाव किशोरावस्था है। यह वो समय होता है, जब बच्चे बचपने से निकल कर जीवन की दूसरी सीढ़ी पर पैर रखने के लिए तैयार होते हैं। उनमें मानसिक व शारीरिक विकास के साथ-साथ बौद्धिक विकास भी होने लगता है। यही वो दौर होता है, जहां से उनके भविष्य की राह तय होती है। इस समय में जरा-सी लापरवाही बच्चे के जीवन की राह बदल देती है। अगर यह कहा जाए कि मनुष्य के जीवन का यह सबसे नाजुक दौर होता है, तो गलत नहीं होगा। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी कई गुणा बढ़ जाती है
ReplyDeleteका स्राव ३जनन अंगों का विकास ४ स्वर यंत्र का विकास बचपन खत्म होने के साथ हम किशोरावस्था की ओर कदम रखते हैं और इस समय स्वयं को सर्वोपरि समझने लगते हैं क्योंकि उस समय हार्मोनल परिवर्तन होने लगता है और हमारे सोच में भी परिवर्तन होने लगता है उस समय भावना तमक रूप से उगृ रहते हैं कोध चिढ़ चिढापन बहुत बना रहता है पर ये सब किशोरावस्था के दौरान होने वाले मानसिक शारीरिक परिवर्तन के कारण होता है ।
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