आपके अनुसार विद्यार्थी अधिगम के सन्दर्भ में आपके माध्यमिक विद्यालय में मौजूदा चुनौतियां क्या हैं ? अपने विचार साझा करें I
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Student ke padhai pe dayan diya jana chahiye
ReplyDeleteStudent ke padhai pe dhyan diya jana chahiye
DeleteLockdown के कारण उनके पढ़ाई एवं कार्य संपादन की क्षमता में कमी आयी है, उनके बिना मेहनत के अगले वर्ग में प्रोन्नति से उनमे ज्ञान पाने की इच्छा भी घट गई है इस लिए उन्हें व्यावसायिक शिक्षा के तरफ उन्मुख करना एक अच्छी योजना है।
ReplyDeleteLockdown Ke Karan chhatron ko Agali kaksha Mein Praniti kar di gai hai jis Karan unke padhaai AVN Karya kshamta Mein Kami Hui hai unhen padhaai ke Mukhya Dhara se jodne ka Prayas karna hoga unhen uchit margdarshan AVN netritva Pradhan kar Vidyalay ke Mukhya Dhara se jodna hoga
DeleteStudent ke fundamental par dyan देना जरूर है khash kar primary school में
DeleteSalomi Toppo U.C.G.H/S,Ranchi.25 October2021 at. 5:25 Korona महामारी के कारण ,विद्यार्थियों की शिक्षा के स्तर में गिरावट आई है,गुणवत्ता शिक्षा देने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सभी बच्चों की अलग अलग पारिवारिक वातावरण और स्थितियों के होते हुए भी हमें शिक्षण कार्य को जिम्मेदारी के साथ करना होगा।
DeleteLack of teachers
ReplyDeleteछात्रों के सीखने का स्तर अलग अलग होना एक चुनौती है जिसे हमें ध्यान में रखते हुए शिक्षण करना चाहिए।
ReplyDeleteमौजूदा समय में कोरोना महामारी के कारण हम सभी एक साथ मिलकर शिक्षण अधिगम काम नहीं कर पा रहे हैं। बच्चे को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रहा है जिससे उनका भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
ReplyDeleteपर्याप्त कमरा और पर्याप्त शिक्षक की कमी है। चहारदिवारी के अभाव में physical activity, Game & sports बाधित है।
ReplyDeleteवैश्विक महामारी करोना काल में विद्यालय बंद रहने की स्थिति में विद्यार्थी का स्तर अपने अधिगम स्तर से निम्न हो गया विद्यालय तो खुल गया है किंतु छात्रों की सत प्रतिशत उपस्थिति को अनिवार्य नहीं किया गया है जिस कारण अभिभावक सहमति प्राप्त बच्चे विद्यालय पहुंच पा रहे है उनके अधिगम अस्तर को प्राप्त करने के लिए अभिभावक को एवं विद्यालय के पास संसाधनों की कमी है जिस कारण ऑनलाइन पढ़ाई कर उसके अधिगम स्तर को प्राप्त करने के लिए कठिनाई हो रही है नई शिक्षा नीति में व्यवसायिक शिक्षा की ओर ध्यान देना एक सराहनीय कदम है
ReplyDeleteconditioning in learning environment after a long period of lockdown
ReplyDeleteविद्यालय सुदूर अंचल में होने के कारण एवं बच्चों काआधारभूत ज्ञान की कमी होने के कारण पाठ्यक्रम पूरा करवाने में बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
ReplyDeleteTeacher should be allowed to work on thier own module for everything that they teach without any external interference. Monitoring should be done by experts in teaching not by any other.
ReplyDeleteLockdown ka bad effects pad rha hai ,rural area me problem to much
ReplyDeleteगत वर्ष से कोरोना महामारी के कारण विद्यालय में न आने से उनके अन्दर शिक्षण स्तर में जो गिरावट आई उसकी पूर्ति आॕनलाईन कक्षा में पूरा करना थोड़ा कठिन तो था परन्तु एक बेहतर प्रयास द्वारा उसको सुधारा जा सकता है |
ReplyDeleteIt is stil finding it very difficult to make up for the decline in the level of education among children due to the lockdown in the classroom. Till now all the children have not beenable to attend the school 100%.Due to which it is becoming very difficult to carry all the children along.
ReplyDeleteStudents ke padhai per dhyan diya jana chahiye.
ReplyDeleteStudents didn't attend the class last year during COVID.online class was not possible for every students .
ReplyDeleteछात्रों के संख्या के अनुपात में शिक्षकों की कमी।
ReplyDeleteStudents ki upastithi me barotari k upay krna chahiye.
ReplyDeleteछात्रों के सीखने का स्तर अलग अलग होना एक चुनौती है जिसे हमें ध्यान में रखते हुए शिक्षण करना चाहिए ।
ReplyDeleteStudent me anupat aur subject wise teacher ki kami
ReplyDeleteवर्तमान में वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण विद्यालय बंद रहने की स्थिति में विद्यार्थियों का अधिगम स्तर निम्न हो गया है कोविड-19 के कारण ऑनलाइन पढ़ाई के माध्यम से अधिगम स्तर को प्राप्त करने में विद्यार्थियों को काफी कठिनाई हो रही है जिस कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDelete1.विद्यार्थियों को ऐसे परिवेश से आना जहाँ शिक्षा-दीक्षा का अनुकूल वातावरण नहीं होना।
ReplyDelete2. विद्यार्थियों की शैक्षणिक पृष्ठभूमि अच्छी नहीं होना।
3. विद्यार्थियों में पठन-पाठन के प्रति अपेक्षित अभिरुचि का अभाव होना।
School me teacher Ki kami
ReplyDeleteSchool me bachcho ki dilchaspime kami
ReplyDeleteStudent ke padhayi par dhan dena cahiye.
ReplyDeleteStudent ke padhayi par dhayan dena cahiye.
ReplyDeleteमहामारी करोना काल में विद्यालय बंद रहने की स्थिति में विद्यार्थी का स्तर अपने अधिगम स्तर से निम्न हो गया विद्यालय तो खुल गया है किंतु छात्रों की सत प्रतिशत उपस्थिति को अनिवार्य नहीं किया गया है जिस कारण अभिभावक सहमति प्राप्त बच्चे विद्यालय पहुंच पा रहे है उनके अधिगम अस्तर को प्राप्त करने के लिए अभिभावक को एवं विद्यालय के पास संसाधनों की कमी है जिस कारण ऑनलाइन पढ़ाई कर उसके अधिगम स्तर को प्राप्त करने के लिए कठिनाई हो रही है नई शिक्षा नीति में व्यवसायिक शिक्षा की ओर ध्यान देना एक सराहनीय कदम है।भानु प्रताप मांझी, उत्क्रमित उच्च विद्यालय चिपड़ी। ईचागढ़, सरायकेला-खरसवा। झारखंड
ReplyDeleteLockdown ka jyada effect dekhney ko mil raha hai rural areas me problem to much.
ReplyDeleteTeachers ke liye achchi सामग्री है
ReplyDeleteलॉकडाउन के कारण बच्चों में विपरीत स्थितियों बन चुकी है उन परिस्थितियों को धूमिल होने में कुछ समय लग सकता है
ReplyDeleteकोरोना के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई की कमियां इससे पूर्ण हो सकती है
ReplyDeleteCovid-19 के कारण शत प्रतिशत बच्चों को एक समान स्तर पर शिक्षा देना मुश्किल हो रहा है क्योंकि अभी तक विद्यालय बंद रहने एवं सभी बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल नहीं होने के कारण कंटेंट एवं ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं जिससे पढ़ाई बाधित हो रहे है। जिससे सभी बच्चों को एक समान स्तर पर ले जाने में कठिनाई हो रही है।
ReplyDeleteDue academic activity gap, students like our area, have become so indifference towards study and school. So students have forgotten basic things like, difference between country and state, country and continent and so on. We have to find out new methods to help the students. Though facing alot of difficulty.
ReplyDeleteDue to lockdown children's learning level has decreased
ReplyDeleteCorona k wajah se baccho ki padhai m bht badha aai hai.. online classes se iski aapurti thodi hui h ..
ReplyDeleteछात्रों का अधिगम स्तर अलग अलग होना तथा बच्चों का अधिगम ह्रास को पुनः प्राप्त करना प्रमुख चुनौती है।
ReplyDeleteHame baccho k ache future k liye unke padhai par jada dhyan dena chahiye
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteमहामारी करोना काल में विद्यालय बंद रहने की स्थिति में विद्यार्थी का स्तर अपने अधिगम स्तर से निम्न हो गया विद्यालय तो खुल गया है किंतु छात्रों की सत प्रतिशत उपस्थिति को अनिवार्य नहीं किया गया है जिस कारण अभिभावक सहमति प्राप्त बच्चे विद्यालय पहुंच पा रहे है उनके अधिगम अस्तर को प्राप्त करने के लिए अभिभावक को एवं विद्यालय के पास संसाधनों की कमी है जिस कारण ऑनलाइन पढ़ाई कर उसके अधिगम स्तर को प्राप्त करने के लिए कठिनाई हो रही है नई शिक्षा नीति में व्यवसायिक शिक्षा की ओर ध्यान देना एक सराहनीय कदम है
ReplyDeleteHame bachho k achhe future k liye un k padhayi par jyada dhyan Dena chahie.
ReplyDeleteChhatron k sankhya k anupat me shikshak Ki kami
ReplyDeleteLack of basic knowledge among some students in classes.
ReplyDeleteआज के समय में विद्यालय में अधिगम का कार्य एक चुनौतीपूर्ण है । कारण कि विद्यालय लम्बे समय से बंद है ।जिसके कारण बच्चे और शिक्षकों में दूरी बनी हुई है । अनलाइन पठन-पाठन अवश्य होती है परन्तु सभी बच्चों के पास संसाधनों का अभाव है । हम शिक्षकों को काफी हद तक बच्चों को पढ़ाने की मशक्कत करनी पड़ती है । सुखलाल मुर्मू धनबाद ।
ReplyDeleteयह माध्यमिक वर्ग के लिए है। कक्षा में बिना अधिगम स्तर प्राप्त किए प्रोन्नत करने से आगे की पढ़ाई में दिक्कत होती है । ज्यादातर बच्चे पारिवारिक एवं अन्य कारणों से वियालम से क्षिजित हो जाते हैं ।
ReplyDeleteमौजूदा समय में कोरोना महामारी के कारण हम सभी एक साथ मिलकर शिक्षण अधिगम काम नहीं कर पा रहे हैं। बच्चे को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रहा है जिससे उनका भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
ReplyDeleteमाध्यमिक विद्यालय प्रमुख को नवाचारी होना चाहिए जिससे कि विद्यालय में बेहतर शैक्षणिक माहौल बन सके।
ReplyDeleteनवाचार जरुरी है
ReplyDeleteLockdown me vidyalay band rahne ki vajah se padhai vadhit hue hai
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