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कोर्स 12 : गतिविधि 5 : खिलौना क्षेत्र का सृजन – अपने विचार साझा करें
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मैं इस शीर्षक के आधार पर यहीं विचार साझा करना चाहूँगा कि हम सभी शिक्षार्थियों को सहभागिता समूह आकलन पर स्व - सीखने एवं सीखाने हेतु बुद्धिमता पूर्वक सुचारू रूप से जोर देना चाहिए ताकि जब विद्यार्थी अपने आकलन को समूह में शामिल होकर करेंगे तो अवश्य वे कुछ लाभ उठा सकेंगे एवं शिक्षण सामग्री अर्जित करने के अधिगम पर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे धन्यवाद !
ReplyDeleteSahbhagita samuh aklan se adhigam aasan ho jata hai
ReplyDeleteSabhi Student ko sahbhaghita samjhate aklan pr self education andsikhane hetu budhidhimata purbak sucharu rupya se jor dena chahiye Taki jab bidharthi apne aklan ko samjhate me samil hokar karenge to Alaska we kuch benefit utha sakenge and Sikeston samagrhi arjit karne k adhigam pr educat prapt kr sakenge
ReplyDeleteसहभगिता समूह के द्वारा बच्चे एक दूसरे से सीखते है तथा अपनी अपनी खामियां का भी पता चलता है जिससे वह नया नया चीज सीखता है।इससे अधिगम काफी आसान हो जाता है।
ReplyDeleteइस कोर्स से शिक्षक को बहुत मदद मिलती है बच्चों को कुछ सिखाने में।
Deleteसहभगिता समूह के द्वारा बच्चे एक दूसरे से सीखते है तथा अपनी अपनी खामियां का भी पता चलता है जिससे वह नया नया चीज सीखता है।इससे अधिगम काफी आसान हो
ReplyDeleteसामूहिक गति विधि के दौरान जब हम छात्रों को समूह में बांटते हैं तब उनके सामने कोई भी प्रश्न को कागज में लिखकर हल करने को कहते हैं तो उनका उत्तर अलग-अलग आता है पर सब कोई उतर नहीं दे पाते हैं ऐसे में वे एक दूसरे से सीखते हैं इस प्रकार प्रत्येक विद्यार्थी से उतर की उम्मीद नहीं कर सकते हैं इस प्रकार की चुनौतिय आती हैं।पर वे समूह में जल्दी सीखते भी हैं।
ReplyDeleteसहभागिता समूह के द्वारा बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं तथा अपनी खामियों का भी पता चलता है|
ReplyDeleteसहभगिता समूह के द्वारा बच्चे एक दूसरे से सीखते है तथा अपनी अपनी खामियां का भी पता चलता है जिससे वह नया नया चीज सीखता है।इससे अधिगम काफी आसान हो जाता है
ReplyDeleteसहभागिता समूह के द्वारा बच्चे एवं शिक्षक एक दूसरे से सीखते हैं एवं बच्चों की समस्याओं को हल करने में शिक्षक को मदद मिलती है। इसमें बच्चों को उनके अधिगम स्तर मी लाने में शिक्षकों को भी सहायता मिलती है। यह सीखने सिखाने का एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण एवं उपयोगी उपाय है।
ReplyDeleteसहभागिता समूह के द्वारा बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं तथा अपनी खामियों का भी पता चलता है|
ReplyDeleteइसीलिए इसका उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए
Sahbhagita samuh k dwara chatro me adhigam chamta viksit hoti hai ewam Anaya gatividhiyo k dwara sikshako aur chatro k sikshan adhigam aaklan me shayak hai.
ReplyDeleteसहभगिता समूह के द्वारा बच्चे एक दूसरे से सीखते है तथा अपनी अपनी खामियां का भी पता चलता है जिससे वह नया नया चीज सीखता है।इससे अधिगम काफी आसान हो
ReplyDeleteमैं इस शीर्षक के आधार पर यहीं विचार साझा करना चाहूँगा कि हम सभी शिक्षार्थियों को सहभागिता समूह आकलन पर स्व - सीखने एवं सीखाने हेतु बुद्धिमता पूर्वक सुचारू रूप से जोर देना चाहिए ताकि जब विद्यार्थी अपने आकलन को समूह में शामिल होकर करेंगे तो अवश्य वे कुछ लाभ उठा सकेंगे एवं शिक्षण सामग्री अर्जित करने के अधिगम पर शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे धन्यवाद !
और सभा गीता समूह के द्वारा बच्चे एक दूसरे से सीखते हैं तथा अपनी अपनी खामियां कभी पता चलता है जिससे वह नया नया चीज सीखता है
ReplyDeleteSahbhagita Samuh k Dwarka bachhe ek dusre se sikhte Hain tatha unhe apni-apni khamiyon ka bhi pata chalta hai his se ve nayi-nayi chijo ko sikhte Hain or adhigam bahut Assan ho Jata hai.
ReplyDeleteNirmala kumari-(teacher)
Ms karkoma,Meral
DIST-GARHWA
JHARKHAND
सहभागिता समूह संबंधी आकलन के द्वारा बच्चों का सही आकलन संभव है क्योंकि इसके माध्यम से उनके बीच आपसी प्रतिपुष्टि के द्वारा आकलन के फलाफल को प्राप्त किया जा सकता है
ReplyDeleteसहभागिता से बच्चो में समुहु में रहने का koshal ka बिकास होता है।
ReplyDeleteऐसे बच्चो में आपसी होती प्रतिपुष्टि होती है।
सहभागिता से बच्चे समूह में रहने का कौशल का विकाश होता है । साथ ही स्व आकलन द्वारा अपनी कमियों की पहचान कर
ReplyDeleteउसे दूर करने का प्रयास किया जाता है।