Tuesday, 8 December 2020

मॉड्यूल 13 : गतिविधि 3 : विद्यालय नेतृत्व एवं छात्र अधिगम

 विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार प्रकार), इस अवधारणा को आप अपने विद्यालय के संदर्भ में कैसे क्रियान्वित करेंगे?

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468 comments:

  1. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार प्रकार) विद्यालय प्रधान या शिक्षक रूप में विद्यालय का नेतृत्व करना होता है। इसके लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों को अपनाना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी।

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    1. नेतृत्व के अवसर मिलेंगे, अवसर प्राप्त होंगे, जागरूक उत्पन्न होंगी, आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।

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  2. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी ।

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  3. Anil Kumar Verma
    UMS HUDMUD Simaria Chatra
    विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव। इस अवधारणा को हमें अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए सबसे पहले हमें अपने विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं को समयनिष्ठ, कर्तव्य निश्ठ एवम् अनुशासित बनाना होगा। बच्चो से भावनात्मक स्नेह बढ़ाना होगा। इसके साथ ही बच्चों को अपने विचारो को व्यक्त करने की आजादी देनी होगी, तभी वे बेझिझक हमसे अपने विचारों को साझा करेंगे। इसके बाद नई तकनीक के जरिए बच्चो में नई नई चीजों को सीखने की जिज्ञासा उत्पन्न होगी और उनकी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होगा। इसके साथ ही बच्चों में आत्मविश्वास, कर्तव्य परायण ता, सामूहिक प्रतिभागिता भी जागृत होगी। इस प्रकार हम अपने विद्यालय में छात्र अधिगम को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाने में पूर्ण रूप से सफल हो पायेंगे, क्योंकि बच्चो के लिए हम शिक्षक शिक्षिका मार्गदर्शन का काम करेंगे

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    1. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार तरह) विद्यालय प्रधान या शिक्षक रूप में, विद्यालय का नेतृत्व करना होता है। कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय प्रबंधन।विद्यालय नेतृत्व का कुशल प्रबंधन सड़ छात्र अधिगम पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है।शिक्षको द्वारा अपनायी जाने वाली शिक्षण पद्धति में भी सकारात्मक सुधार होता है।छात्रों के विद्यालय के बाहरी अधिगम पर भी विद्यालय नेतृत्व नजर रखकर प्रभावकारी भूमिका निभाता है।

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    2. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर सकारात्मक असर पड़ता है।छात्र साहसी, आत्मविश्वासी, नेतृत्वकर्ता, सहयोगात्मक,कुशल प्रशासक, इत्यादि गुण विकसित होते है।

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  4. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी ।

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  5. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी ।

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    1. यह प्रतिफल अलग-अलग हित धारकों को सक्षम करने के लिए तथा शिक्षकों और शिक्षार्थियों के बीच के संबंध को मजबूत करने के लिए बनाए गए हैं ताकि शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को एक निश्चित और वांछित दिशा प्रदान किया जा सके एवं शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को रुचिकर एवं चित स्थाई बनाया जा सके

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  6. विद्यालय नेतृत्व के चार प्रभाव-प्रत्यक्ष, मद्यवर्ती, पारस्परिक, प्रतिकूल प्रभावों को हम अपने विद्यालय में एक साझा विज़न तैयार करेंगे, विद्यार्थियों के लिए लक्ष्य निर्धारित करेंगे, शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को सुधारेंगे।

    अधिगम प्रतिफल प्राप्त करने एवं विद्यार्थी अधिगम को सुनिश्चित करने में दलों के साथ निरंतर प्रयास करेंगे।

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  7. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पर शिक्षकों को हमेशा ध्यान देना चाहिए। विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक कुशल प्रबंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता कार्य विभाजन वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना आवश्यक है।

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  8. विद्यालय नेतृत्व का छात्र आधीगम पर प्रभाव को अपने विद्यालय में सभी छात्रों पर नेतृत्व का क्षमता डालना होगा तथा नेतृत्व क्षमता का पहचान कर अवसर प्रदान करना होगा।

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  9. द्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी ।

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  10. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पर शिक्षकों को हमेशा ध्यान देना चाहिए। विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक कुशल प्रबंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता कार्य विभाजन वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना आवश्यक

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  11. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पर शिक्षकों को हमेसा ध्यान देना चाहिए। विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक कुशल प्रभंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता कार्य विभाजन वित्तीय लेखा - जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों मे होना आवश्यक है।

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  12. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव। इस अवधारणा को हमें अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए सबसे पहले हमें अपने विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं को समयनिष्ठ, कर्तव्य निश्ठ एवम् अनुशासित बनाना होगा। बच्चो से भावनात्मक स्नेह बढ़ाना होगा। इसके साथ ही बच्चों को अपने विचारो को व्यक्त करने की आजादी देनी होगी, तभी वे बेझिझक हमसे अपने विचारों को साझा करेंगे। इसके बाद नई तकनीक के जरिए बच्चो में नई नई चीजों को सीखने की जिज्ञासा उत्पन्न होगी और उनकी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होगा। इसके साथ ही बच्चों में आत्मविश्वास, कर्तव्य परायण ता, सामूहिक प्रतिभागिता भी जागृत होगी। इस प्रकार हम अपने विद्यालय में छात्र अधिगम को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाने में पूर्ण रूप से सफल हो पायेंगे, क्योंकि बच्चो के लिए हम शिक्षक शिक्षिका मार्गदर्शन का काम करेंगे|

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  13. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पर शिक्षकों को हमेशा ध्यान देना चाहिए। विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक कुशल प्रबंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता कार्य विभाजन वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना आवश्यक है।

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  14. School leadership gives skill to us as well as the students too. Which develops overall welfare state in the School during disasters.

    Goutam Saha Annada High School Hazaribag

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    1. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पड़ता है। इस अवधारणा को अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए हमें अपने विद्यालय के अध्यापकों को कर्तव्यनिष्ठ, सत्यनिष्ठ एवं अनुशासित बनना होगा। कुशाल प्रबंधक, कुशाल प्रशासक,साहसी,निर्णय लेने की क्षमता,वित्तीय लेखा-जोखा अपने कार्यों का पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का होना विद्यालय प्रधान या शिक्षकों के लिए आवश्यक है। नेतृत्व के लिए ज्ञान, कौशल आदि गुण भी होनी चाहिए।

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  15. School leadership gives skill to as us the students too. Which devlops overall welfare state in the school during disasters

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  16. School leader ship gives good skill to us and student too. We develop welfare state in the school during disaster.

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  17. ।विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पड़ता है। इस अवधारणा को अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए हमें अपने विद्यालय के अध्यापकों को कर्तव्यनिष्ठ, सत्यनिष्ठ एवं अनुशासित बनना होगा। कुशाल प्रबंधक, कुशाल प्रशासक,साहसी,निर्णय लेने की क्षमता,वित्तीय लेखा-जोखा अपने कार्यों का पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का होना विद्यालय प्रधान या शिक्षकों के लिए आवश्यक है। नेतृत्व के लिए ज्ञान, कौशल आदि गुण भी होनी चाहिए।

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  18. vidyalay netrutv ka chhat adhigam par prabhav padna lajmi h . netrutv se kisi k vi jiwan m resposiblity aati h jisse student ke jiwan par prabhav rhta h wah kisi m situation m khud se nirnay le skta h .

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  19. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी ।

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  20. विधालय नेतृत्व का छात्र अधिगम में पङने वाले प्रभाव कुशल प्रबंधक, साहसी निर्णय, लेनदेन कुशल प्रबंधक, लक्ष्य निर्धारण, अपने कार्यो का पुनरावलोकन जेसे गुणों से युक्त होते हैं।

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  21. विधालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव शिक्षकों को ही ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि विद्यालय का नेतृत्व पर अधिगम पर प्रभाव एवं कुशल प्रशासक जो कि साहसी एवं निर्णय लेने के लिए सक्षम एवं कार्यों को बांटने में निपुण और अपने कार्यों का पुनः अवलोकन करने का गुण विद्यालय प्रधान एवं शिक्षकों का होना अनिवार्य है

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  22. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए शिक्षकों को तत्पर रहना चाहिए।इसके लिए शिक्षकों में कुशल प्रशासक,कुशल प्रबंधक,साहसी,निर्णय लेने की क्षमता,कार्य विभाजन,वित्तिय लेखा-जोखाऔर स्व-मूल्यांकन जैसे गुणों का होना अनिवार्य है।

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  23. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए शिक्षकों में कुशल प्रशासक, नेतृत्व, प्रबंधक, निर्णय लेने की क्षमता मूल्यांकन कर्ता जैसे गुण होने चाहिए|

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  24. विद्मालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए शिक्षकों को ध्यान देना चाहिए। इसके लिए शिक्षकों मेंं कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, सहासी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा जोखा और अपने कायों का पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का होना आवश्यक है।

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  25. अध्यापक के सीधा प्रभाव बच्चों के अधिगम पर पड़ता है क्योंकि अध्यापक द्वारा बच्चों को केंद्र में रखते हुए शैक्षणिक सृजन एवं पूर्ण सृजन करते विद्यालय स्तर पर वातावरण का स्वच्छ निर्माण विद्यालय एवं विद्यालय के बच्चों के शैक्षणिक सृजनात्मक निर्माण होता है अध्यापक एवं छात्रों के लिए लक्ष्य निर्माण सीखने सिखाने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के साथ-साथ छात्र अधिगम को भी सुनिश्चित करता हैइसके साथ ही बच्चों को अपने विचारो को व्यक्त करने की आजादी देनी होगी, तभी वे बेझिझक हमसे अपने विचारों को साझा करेंगे।

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  26. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव- साहसी, कुशल प्रबंधक, निर्णय लेने की क्षमता, कुशल प्रशासक, कार्य विभाजन,स्वभाव में शालीनता, इसके अतिरिक्त बच्चों को अपनी बात कहने में झिझक महसूस न हो, अपने कर्यों का पुनरावलोकन आदि गुणों का होना आवश्यक है।
    Md Serajuddin Ansari, SSA NPS Suratilouna, Deoghar

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  27. अध्यापकों का सीधा प्रभाव छात्रों पर पड़ता है इस लिए कुछ भी बच्चों के केंद्र पर रखते हुए निर्णय लेना चाहिए

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    1. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव को देखते हुए इस अवधारणा को हम अपने विद्यालय के सन्दर्भ में क्रियान्वित करने के लिए सबसे पहले शिक्षकों को शिक्षण कार्य के प्रति दायित्व, समयानुसार शैक्षिक परिवेश को देखते हुए बच्चों पर अनुशासनात्मक स्नेह, बेझिझक विचारों को साझा करने , नई तकनीकि के साथ सीखने- सिखाने का जिज्ञासा उत्पन्न करेंगे ।

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    2. अध्यापक का सीधा प्रभाव बच्चों के शिक्षण अधिगम पर पड़ता है क्योंकि बच्चों को केंद्र में रखते हुए शिक्षण अधिगम का कार्य किया जाता है इसलिए विद्यालय नेतृत्वकर्ता का छात्र अधिगम पर प्रभाव साहसी, कुशल प्रबंधक, निर्णय लेने की क्षमता, कुशल प्रशासक, कार्य विभाजन, सभा में शालीनता जैसे गुण होना चाहिए बच्चे अपनी बातों को समस्याओं को अध्यापक के साथ बेझिझक साझा करें ऐसा वातावरण नेतृत्वकर्ता को बनाकर विद्यालय का संचालन करना आवश्यक है तभी जाकर बच्चे बेहतर तरीके से सीखेंगे|

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    3. विधालय नेतृत्व का छात्र अधिगम में पङने वाले प्रभाव कुशल प्रबंधक, साहसी निर्णय, लेनदेन कुशल प्रबंधक, लक्ष्य निर्धारण, अपने कार्यो का पुनरावलोकन जेसे गुणों से युक्त होते हैं।

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    4. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम में पड़ने वाले प्रभाव कुशल प्रबंधन,साहसी निर्माण लेन-देन कुशल प्रबंधक लक्ष्य निर्धारित, अपने कार्यों का पुनः अवलोकन जैसे गुणों से युक्त होते हैं।

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  28. अध्यापक का सीधा प्रभाव बच्चों के शिक्षण अधिगम पर पड़ता है क्योंकि बच्चों को केंद्र में रखते हुए शिक्षण अध्यापन का कार्य किया जाता है| इसलिए विद्यालय नेतृत्व करता का छात्र का अधिगम पर प्रभाव साहसी कुशल प्रबंधक निर्णय लेने की क्षमता कुशल प्रशासक कार्य विभाजन स्वभाव में शालीनता होना चाहिए| बच्चे अपनी बातों को समस्याओं को अध्यापकों के साथ बेझिझक साझा कर सकें ऐसा वातावरण विद्यालय नेतृत्वकर्ता को बनाकर विद्यालय का संचालन करना आवश्यक है तभी जाकर सभी बच्चों को बेहतर तरीके से शिक्षण अध्यापन का कार्य हो सकेगा|

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  29. जी हाँ विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पड़ता है। इस अवधारणा को अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए हमें अपने विद्यालय के अध्यापकों को कर्तव्यनिष्ठ, सत्यनिष्ठ एवं अनुशासित बनना होगा। कुशाल प्रबंधक, कुशाल प्रशासक,साहसी,निर्णय लेने की क्षमता,वित्तीय लेखा-जोखा अपने कार्यों का पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का होना विद्यालय प्रधान या शिक्षकों के लिए आवश्यक है। नेतृत्व के लिए ज्ञान, कौशल आदि गुण भी होनी चाहिए।

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  30. विधालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पड़ता है इस अवधारणा को अपने विधालय के संदर्भ में क्रियाशील करने के लिए हमें अपने विधालय के अध्यापकों को कर्त्तव्यनिष्ठ सत्य एवं अनुशासित बनना होगा। कुशल प्रबंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता वित्तीय लेखा जोखा अपने कार्यो का पुनरावलोकन जैसे अनेक गुण का होना विधालय प्रधान या शिक्षकों के लिए आवश्यक है। साथ ही साथ ज्ञान कौशल जैसे गुणों का होना भी चाहिए।

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  31. शिक्षक का सीधा शिक्षण का प्रभाव बच्चो पर पड़ता है।इसलिए शिक्षक को के विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए शिक्षकों में कुशल प्रशासक, नेतृत्व, प्रबंधक,जैसे गुणों का होना जरूरी है

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  32. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए शिक्षकों में कुशल प्रशासक, नेतृत्व, प्रबंधक, निर्णय लेने की क्षमता मूल्यांकन कर्ता जैसे गुण होने चाहिए|

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  33. विद्यालय नेतृत्व का छात्र के ऊपर होने वाला प्रभाव सीधे रूप से बच्चों के ऊपर पड़ता है कुशल प्रबंधन एवं कुशल क्षमता के द्वारा इस पर आसानी से काबू पाया जा सकता है

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  34. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव। इस अवधारणा को हमें अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए सबसे पहले हमें अपने विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं को समयनिष्ठ, कर्तव्य निश्ठ एवम् अनुशासित बनाना होगा। बच्चो से भावनात्मक स्नेह बढ़ाना होगा। इसके साथ ही बच्चों को अपने विचारो को व्यक्त करने की आजादी देनी होगी, तभी वे बेझिझक हमसे अपने विचारों को साझा करेंगे। इसके बाद नई तकनीक के जरिए बच्चो में नई नई चीजों को सीखने की जिज्ञासा उत्पन्न होगी और उनकी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होगा। इसके साथ ही बच्चों में आत्मविश्वास, कर्तव्य परायण ता, सामूहिक प्रतिभागिता भी जागृत होगी। इस प्रकार हम अपने विद्यालय में छात्र अधिगम को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाने में पूर्ण रूप से सफल हो पायेंगे, क्योंकि बच्चो के लिए हम शिक्षक शिक्षिका मार्गदर्शन का काम करेंगे ।

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  35. विद्यालय मे हमारे नेतृत्व क्षमता का विशेष प्रभाव बच्चों पर पड़ता है| बच्चे हमसे सभी बातों को सीखकर आत्मसात करते हैं|इस लिए विद्यालय में नेतृत्व क्षमता बढाने के लिए अधिक से अधिक बच्चों को इसमें शामिल करना होगा|

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  36. विधालय नेतृत्व का छात्र अधिगम में पङने वाले प्रभाव कुशल प्रबंधक, साहसी निर्णय, लेनदेन कुशल प्रबंधक, लक्ष्य निर्धारण, अपने कार्यो का पुनरावलोकन जेसे गुणों से युक्त होते हैं।

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  37. Teacher ko bachcho me sakaratmak, kary kusalta nirnay lene ki chamta or atmviswas, milansar aadi guno vikas karne ke liye hamesa dhyan dena chahiye

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  38. विधालय नेतृत्व का क्षात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक,कुशल प्रबंधक,साहसी, निर्णय लेने की क्षमता,र्काय विभाजन,वित्तीय लेखा जोखा अौर अपने र्कायो का पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणौ का होना आवश्यक है।

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  39. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पर शिक्षकों को हमेशा ध्यान देना चाहिए। विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक कुशल प्रबंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता कार्य विभाजन वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना आवश्यक है।

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  40. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए शिक्षकों को तत्पर रहना चाहिए।इसके लिए शिक्षकों में कुशल प्रशासक,कुशल प्रबंधक,साहसी,निर्णय लेने की क्षमता,कार्य विभाजन,वित्तिय लेखा-जोखाऔर स्व-मूल्यांकन जैसे गुणों का होना अनिवार्य है।

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  41. BRAJ GOPAL DAS,विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी ।

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  42. कुशल एवं प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता होने के लिए विद्यालय प्रमुख को अपने कार्य के प्रति सजग सावधान एवं जागरूक होना चाहिए साथ ही परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उचित निर्णय लेने का गुण होना चाहिए तथा हमेशा अपना स्व मूल्यांकन करना चाहिए। Jai Prakash Tiwari H M MS Barepur Hussainabad Palamu

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  43. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम प‌भाव के लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसिक, निर्णय लेने की क्षमता वाला, कार्य विभाजन के गुण वाला होना चाहिए।

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  44. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव। इस अवधारणा को हमें अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए सबसे पहले हमें अपने विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं को समयनिष्ठ, कर्तव्य निश्ठ एवम् अनुशासित बनाना होगा। बच्चो से भावनात्मक स्नेह बढ़ाना होगा। इसके साथ ही बच्चों को अपने विचारो को व्यक्त करने की आजादी देनी होगी, तभी वे बेझिझक हमसे अपने विचारों को साझा करेंगे। इसके बाद नई तकनीक के जरिए बच्चो में नई नई चीजों को सीखने की जिज्ञासा उत्पन्न होगी और उनकी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होगा। इसके साथ ही बच्चों में आत्मविश्वास, कर्तव्य परायण ता, सामूहिक प्रतिभागिता भी जागृत होगी। इस प्रकार हम अपने विद्यालय में छात्र अधिगम को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाने में पूर्ण रूप से सफल हो पायेंगे, क्योंकि बच्चो के लिए हम शिक्षक शिक्षिका मार्गदर्शन का काम करेंगे ।

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  45. विधालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव हर छात्रों को अलग-अलग
    प्रभाव पड़ेगा क्योंकि नेतृत्व एक विकास कौशल का एक विषय है जो कि
    छात्रों में व्यवहार करने की क्षमता, मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता का विकास
    होगा । साथ ही बच्चों में आत्मविश्वास, सकारात्मक सोच, समझने का कौशल
    आदि ।
    और शिक्षक तथा छात्रों में भावनात्मक स्नेहपूर्वक बढ़ाकर साथ ही बच्चों को
    अपने विचार को व्यक्त करने की आजादी देनी होगी ताकि छात्र बिना डरे
    बेझिझक अपने विचारों को साझा कर पाएँगे।

    Manki Samad
    N.P.S Chhota Sargidih
    District- Saraikela Kharsawan

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  47. Vidyalay Nertittua chamta wale Chitra ka adhigam per bahut acche Prabhav Padega Kyunki Nitin Vikas Kaushal ka ek Vishay hai jo ki chhatron mein vyavhar karne ki chamta mansik baudhik kshamta ka Vikas hoga Sathiya bacchon Mein sakaratmak Soch samajhne ka Kaushal atmavishwas Aadi Vidyalay nertittua ka Karan hai.

    Somnath Mahato
    U.M.S Sargidih
    District- Saraikela kharsawan

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  48. विद्यालय नेतृत्व हेतु क्षमताओं का विकास करने के लिए विद्यालय स्तर पर विभिन्न प्रकार के कौशल प्रशिक्षण का आयोजन किया जाना चाहिए । साथ साथ यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि बच्चों के अधिगम पर प्रतकुल प्रभाव नहीं पड़े ।

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  49. Adhyapakon ka sidha prabhav chhatron per padta hai isliye kuchh bhi karne se pahle bacchon ko Kendra per rakhte hue nirnay Lena chahie.

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  50. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव इस अवधारणा को विद्यालय के संदर्भ मे क्रियान्वित करने के लिए विद्यालय के वातावरण को भयमुक्त, सहयोगात्मक, स्वच्छ, सकारात्मक विचार, बोलने के मौके, आत्मविश्वासी, भावनात्मक,निर्णय लेने कि क्षमता का विकास,नवाचार गतिविधि का प्रयोग करना होगा। इससे छात्रो के अधिगम मे विकास होगा।

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  51. Vidyaalaya Netritva ka Chhatra Adhigam par prabhav: kushal, nidar aur Leadership quality ke saath hone chahiye.

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  52. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम में पङने वाले प्रभाव कुशल प्रबंधक, साहसी निर्णय, लेनदेन कुशल प्रबंधक, लक्ष्य निर्धारण, अपने कार्यो का पुनरावलोकन जेसे गुणों से युक्त होते हैं।

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  53. :15
    विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पड़ता है। इस अवधारणा को अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए हमें अपने विद्यालय के अध्यापकों को कर्तव्यनिष्ठ, सत्यनिष्ठ एवं अनुशासित बनना होगा। कुशाल प्रबंधक, कुशाल प्रशासक,साहसी,निर्णय लेने की क्षमता,वित्तीय लेखा-जोखा अपने कार्यों का पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का होना विद्यालय प्रधान या शिक्षकों के लिए आवश्यक है। नेतृत्व के लिए ज्ञान, कौशल आदि गुण भी होनी चाहिए

    *दयामय माजि (स.शिक्षक)
    * उ.म.वि.चौका (कुकड़ू)
    * सरायकेला-खरसावां ।

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  54. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार तरह) विद्यालय प्रधान या शिक्षक रूप में, विद्यालय का नेतृत्व करना होता है। कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय प्रबंधन।विद्यालय नेतृत्व का कुशल प्रबंधन सड़ छात्र अधिगम पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है।शिक्षको द्वारा अपनायी जाने वाली शिक्षण पद्धति में भी सकारात्मक सुधार होता है।छात्रों के विद्यालय के बाहरी अधिगम पर भी विद्यालय नेतृत्व नजर रखकर प्रभावकारी भूमिका निभाता है।

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  55. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार प्रकार)इस अवधारणा को विद्यालय में क्रियान्वित करने के लिए विद्यालय नेतृत्वकर्ता को प्रभावी तरीके से शिक्षण-अधिगम प्रक्रियाओं को संचालित करने के लिए वातावरण का निर्माण करना होगा साथ ही सहगामी विज़न विकसित करना,अध्यापकों और छात्रों के लिए लक्ष्य निर्माण करना, सीखने-सिखाने की प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के साथ-साथ छात्र अधिगम भी सुनिश्चित करना होगा ।

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  56. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पर शिक्षक को हमेशा ध्यान देना चाहिए।

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  57. विद्यालय नेतृत्व का प्रभाव छात्र अधिगम पर पड़ता है। इस अवधारणा को अपने विद्यालय में क्रियान्वित करने के लिए नेतृत्वकर्ता के प्रमुख गुण यथा पहल करना, सकारात्मक दृष्टिकोण रखना, स्वप्रेरित होना एवम् परिवर्तन के लिए सतत् प्रयत्नशील रहना एवम् स्वस्थ वातावरण का निर्माण करेंगे।
    Dr.SunilKumar Middle School Sindri Sadar Chaibasa

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  58. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए शिक्षकों में कुशल प्रशाशक, नेतृत्व, प्रबंधक, निर्णय लेने की क्षमता, मूल्यांकन कर्ता जैसे गुण होने चाहिए ।
    राजेंद्र प्रसाद
    उ. म. वि ईचातु

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  59. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम प‌भाव के लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसिक, निर्णय लेने की क्षमता वाला, कार्य विभाजन के गुण वाला, सकारात्मक दृष्टिकोण वाला होना चाहिए।

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  60. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव को देखते हुए इस अवधारणा को हम अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए सबसे पहले शिक्षकों को शिक्षण कार्य के प्रति बेझिझक विचारों को साझा करने और नई तकनीकी के साथ सीखने सिखाने का जिज्ञासा उत्पन्न करेंगे|

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  61. विद्यालय नेतृत्व के चार प्रभाव-प्रत्यक्ष, मद्यवर्ती, पारस्परिक, प्रतिकूल प्रभावों को हम अपने विद्यालय में एक साझा विज़न तैयार करेंगे, विद्यार्थियों के लिए लक्ष्य निर्धारित करेंगे, शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को सुधारेंगे।

    अधिगम प्रतिफल प्राप्त करने एवं विद्यार्थी अधिगम को सुनिश्चित करने में दलों के साथ निरंतर प्रयास करेंगे।

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  62. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार तरह) विद्यालय प्रधान या शिक्षक रूप में, विद्यालय का नेतृत्व करना होता है। कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय प्रबंधन।विद्यालय नेतृत्व का कुशल प्रबंधन सड़ छात्र अधिगम पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है।शिक्षको द्वारा अपनायी जाने वाली शिक्षण पद्धति में भी सकारात्मक सुधार होता है।छात्रों के विद्यालय के बाहरी अधिगम पर भी विद्यालय नेतृत्व नजर रखकर प्रभावकारी भूमिका निभाता

    Shailesh Kumar Mahto,H.S.Karaikela,West Singhbhum, Jharkhand.

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  63. विद्यालय नेतृत्व का छात्र आधीगम पर प्रभाव को अपने विद्यालय में सभी छात्रों पर नेतृत्व का क्षमता डालना होगा तथा नेतृत्व क्षमता का पहचान कर अवसर प्रदान करना होगा।

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  64. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पर शिक्षकों को हमेसा ध्यान देना चाहिए। विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक कुशल प्रभंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता कार्य विभाजन वित्तीय लेखा - जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों मे होना आवश्यक है।

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  65. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक कुशल प्रभंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता कार्य विभाजन वित्तीय लेखा - जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों मे होना आवश्यक है।

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  66. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पर शिक्षकों को हमेशा ध्यान देना चाहिए। विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक ,कुशल प्रबंधक, साहसी,निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना आवश्यक है ।

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  67. Vidhyalaya Netritva ka chhatra aadhigam par bahut prabhav parta hai Is aavdharna ko apne vidhyalaya ke sandarbh me kriyanwit Karne ke liye hamen apne vidhyalaya ke teachers ko Kartavyanishta,satyanishta avam anushasit nanna hoga.kushal prabandhak , Kushal prashasak,sahasi nirnay Lene ki skhamta vitiye lekha jokha ,apne karyon ka punraolokan Jaise anek gunong ka hona vidhyalaya Pradhan ya shikshakong ke liye aavshyak hai Netritva ke liye gyan, Kaushal aadi gun bhi hona Chahiye.
    MAHESHWAR HASDA UHS BANDIJARI TONTO WEST SINGHBHUM JHARKHAND

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    1. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए शिक्षकों में कुशल प्रशासक, नेतृत्व, प्रबंधक, निर्णय लेने की क्षमता मूल्यांकन कर्ता जैसे गुण होने चाहिए|

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  68. School leadership gives skill to us as well as the students too. Which develops overall welfare state in the School during disasters.

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  69. विधालय नेतृत्व का छात्र अधिगम के प्रभाव से कुशल साहसी प्रयासरत लक्ष्य निर्धारण अपने कार्य को अवलोकन करने जैसे गुणों से युक्त होते हैं।

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  70. विद्यालय में हमारे नेतृत्व क्षमता का विशेष प्रभाव बच्चों पर पडता है, बच्चे हमसे सभी बातों को सीख कर आत्मसात करते हैं, इस लिए विद्यालय में नेतृत्व क्षमता बढाने के लिए अधिक से अधिक बच्चों में शामिल करना होगा

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  71. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार तरह) विद्यालय प्रधान या शिक्षक रूप में, विद्यालय का नेतृत्व करना होता है। कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय प्रबंधन।विद्यालय नेतृत्व का कुशल प्रबंधन सड़ छात्र अधिगम पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है।शिक्षको द्वारा अपनायी जाने वाली शिक्षण पद्धति में भी सकारात्मक सुधार होता है।छात्रों के विद्यालय के बाहरी अधिगम पर भी विद्यालय नेतृत्व नजर रखकर प्रभावकारी भूमिका निभाते हैं।

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  72. विद्यालय नेतृत्व के चार प्रभाव-प्रत्यक्ष प्रभाव, मध्यवर्ती प्रबल प्रभाव पारस्परिक प्रभाव, प्रतिकूल प्रभाव।मैं अपने विद्यालय में विद्यालय नेतृत्व के संदर्भ में पारस्परिक प्रभाव के रूप में विद्यालय नेतृत्व को अपनाते हुए एक साझा विजन तैयार करूंगा। इस कार्यनीति को लागू करते हुए विद्यालय अधिगम प्रतिफल को प्राप्त करना सुनिश्चित करूंगा।

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  73. विद्यालय नेतृत्व के चार मुख्य प्रभाव:-प्रत्यक्ष/सीधा प्रभाव,मध्यवर्ती/अप्रत्यक्ष प्रभाव,पारस्परिक प्रभाव,एवं प्रतिलोम प्रभाव को हम अपने विद्यालय में एक समूह कार्य योजना की रणनीति के निर्माण के साथ शिक्षकों ,बच्चों की सक्रिय भागीदारी, अभिभावकों का अनुसमर्थन, नवाचारों के प्रयोग, आईसीटी का बेहतर प्रयोग के कौशल,के साथ-साथ चुनौतीपूर्ण परिस्थिति से सामना करने की योजना बनाना होगा।

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  74. विद्यालय नेतृत्व में प्रभावी शिक्षण, कुशल विद्यालय प्रबंधन, वितये लेखा-जोखा एवं सरकारी नियम-विनियम में खरा उतरते हुए गुणवक्ता में अव्वल आना अपेक्षित है।इसमें विद्यालय प्रमुख ,शिक्षक गण को चुनोतिपूर्ण परिस्थितियों से सामना करते हुए योजना में सफल होना अपेक्षित है।-राम मूर्ति साहु, उच्च प्राथमिक शिक्षक, झारखंड

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  75. विद्यालय नेतृत्व में प्रभावी शिक्षण, कुशल विद्यालय प्रबंधन,वित्तीय लेन-देन एवं सरकारी नियम- विनिमय में खरा उतरने, गुणवत्ता में अव्वल आना अपेक्षित है। इसमें विद्यालय प्रमुख,शिक्षक- गण को चुनौती पूर्ण परिस्थितियों से सामना करते हुए योजना को सफल बनाया जा सकता है।

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  76. Vidyalay netritv yadi achha hoga to vidyalay me sabhi kuchh achha se chalega aur padai bhi sahi tarah se chalegi

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  77. Netrtva Kshamta Svi Bachho me Dalnal hai Taki Prajatantrik Mulya Ko Palan Kr Sake.

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  78. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव- साहसी, कुशल प्रबंधक, निर्णय लेने की क्षमता, कुशल प्रशासक, कार्य विभाजन,स्वभाव में शालीनता, इसके अतिरिक्त बच्चों को अपनी बात कहने में झिझक महसूस न हो, अपने कर्यों का पुनरावलोकन आदि गुणों का होना आवश्यक है।

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  79. शिक्षक के नेतृत्व का असर बच्चों पर प्रत्यक्ष रूप से होता है ।अतः एक कुशल शिक्षक को नेतृत्व कुशलता कुशल प्रशासक निर्णय लेने की क्षमता कार्यों की समीक्षा सभी बच्चों पर ध्यान आकर्षित करने की क्षमता जैसी गुण होने चाहिए।
    धन्यवाद। अनिल कुमार राय ।

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  80. Netritv ka vikash karna aur Bachchon ko netritv ke anusar pardan karna chahiye

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  81. Sikshak ke netritve Ka asst bachchon me pratiyaksh rip se parts h sikshakon me bachchon ko Shyam akarshit Karne ki chhamta Kaisa gun him chiye

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  82. शिक्षक में एक कुशल प्रबंधक, चिंतनशील, बच्चो से मित्रवत व्यवहार जैसे गुण होने चाहिए।

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  83. Netritv ka vikash karna aur Bachchon ko netritv ke anusar pardan karna chahiye

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  84. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार प्रकार) विद्यालय प्रधान या शिक्षक रूप में विद्यालय का नेतृत्व करना होता है। इसके लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों को अपनाना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी।

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  85. अध्यापको का सीधा प्रभाव छात्रों पर पड़ता है इसलिए कुछ भी बच्चों के केंद्र पर रखते हुए निर्णय लेना चाहिए।

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  86. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव को क्रियान्वित करने हेतु सबसे पहले विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों को अनुशासित, स्मायनिष्ठ,एवं कर्तव्यनिष्ठ बनाना अत्यन्त ही आवश्यक है। शिक्षकों को विद्यार्थियों वके प्रति भावनात्मक स्नेह बढ़ाना होगा। विद्यार्थियों को अभिव्यक्ति की आजादी देनी होगी।वे अपने विचारों को स्वतंत्रता पूर्वक शिक्षकों के समक्ष रख सकें। विध्यर्थियो को नई चीजों को सीखने कि जिज्ञासा उत्पन्न करनी होगी एवं उनकी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता को विकास होगा एवं उनमें आत्मविश्वास की वृद्धि होगी।

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  87. विद्यालय में हमारे नेतृत्व क्षमता का विशेष प्रभाव बच्चों पर पडता है, बच्चे हमसे सभी बातों को सीख कर आत्मसात करते हैं, इस लिए विद्यालय में नेतृत्व क्षमता बढाने के लिए अधिक से अधिक बच्चों में शामिल करना हो

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  88. विद्यालय नेतृत्व का छात्रों के अधिगम पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
    अतः हम साथी शिक्षकों, छात्रों,विद्यालय प्रबंधन समिति,
    अभिभावकों एवं अन्य हितधारकों के साथ मिलकर योजना का निर्माण करेंगे। छात्रों में नेतृत्व कौशल का विकास करेंगे।
    Md Afzal Hussain, Urdu P.S.Manjhladih,Shikaripara,Dumka.

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  89. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव को क्रियान्वित करने हेतु सबसे पहले विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों को अनुशासित, स्मायनिष्ठ,एवं कर्तव्यनिष्ठ बनाना अत्यन्त ही आवश्यक है। शिक्षकों को विद्यार्थियों वके प्रति भावनात्मक स्नेह बढ़ाना होगा। विद्यार्थियों को अभिव्यक्ति की आजादी देनी होगी।वे अपने विचारों को स्वतंत्रता पूर्वक शिक्षकों के समक्ष रख सकें। विध्यर्थियो को नई चीजों को सीखने कि जिज्ञासा उत्पन्न करनी होगी एवं उनकी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता को विकास होगा एवं उनमें आत्मविश्वास की वृद्धि होगी।

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  90. SchoolNetritwa ka Student Adhigam PerPrabhaw PerTeacher KoHamesha Dhayan Dena Chahiye

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  91. जी हाँ विद्यालय यदि नेतृत्व कर रहा है तो शिक्षकों का सीधा प्रभाव छात्र-छात्राओं के अधिगम स्तर पर साफ परिलक्षित होता है। बच्चों पर चार प्रकार के अधिगम प्रभाव जिसमे सीधा प्रभाव, मध्यस्थ प्रभाव, पारस्परिक प्रभाव प्रतिलोम प्रभाव से विद्यालय नेतृत्व शिक्षक विकास एवं विद्यार्थी अधिगम स्तर छात्र-छात्राओ में शिक्षकों विद्यालय प्रमुख विद्यालय नेतृत्व में साफ झलकने लगता है।

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  92. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पर शिक्षकों को हमेशा ध्यान देना चाहिए। विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक कुशल प्रबंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता कार्य विभाजन वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना आवश्यक है।

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  93. गुणवत्तापरक अधिगम के बाद विद्यालय नेतृत्व एक महत्वपूर्ण कारक है जो छात्र अधिगम पर प्रभाव डालता है। नेतृत्व क्षमता का विशेष प्रभाव (चार प्रभाव) अध्यापक- छात्र और नेतृत्वकर्ता पर भी पड़ता है। कुशल विद्यालीय नेतृत्व, छात्रों-अध्यापकों में भी कुशल प्रशासक, प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, लक्ष्य निर्धारण करने की प्रवृत्ति, कार्य विभाजन, लेखा-जोखा रखनेऔर करने, स्वकार्यों का पुनरावलोकन करने आदि गुणों को विकसित करता है।अतः विद्यालीय नेतृत्व को बच्चों और सहयोगीयों के मध्य भावनात्मक स्नेह बढ़ाकर,सतत प्रयत्नशील रहकर, स्वप्रेरणा से उनके मानसिक और बौद्धिक क्षमताओं के विकास में क्रियाशील रहना होगा। भिन्न भिन्न गतिविधियों,कार्यक्रमों और नई तकनीकों के सहयोग से उनमें नई- नई चीजों को सीखने,समझने और जानने का मौका देना होगा।

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  94. अध्यापक के सीधा प्रभाव बच्चों के अधिगम पर पड़ता है क्योंकि अध्यापक द्वारा बच्चों को केंद्र में रखते हुए शैक्षणिक सृजन एवं पूर्ण सृजन करते विद्यालय स्तर पर वातावरण का स्वच्छ निर्माण विद्यालय एवं विद्यालय के बच्चों के शैक्षणिक सृजनात्मक निर्माण होता है अध्यापक एवं छात्रों के लिए लक्ष्य निर्माण सीखने सिखाने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के साथ-साथ छात्र अधिगम को भी सुनिश्चित करता हैइसके साथ ही बच्चों को अपने विचारो को व्यक्त करने की आजादी देनी होगी, तभी वे बेझिझक हमसे अपने विचारों को साझा करेंगे।

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  95. शिक्षकों का छात्रों पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ता है विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिये कुशल प्रशासक कुशल प्रबधक,बोल्ड निर्णय लेने वाला ,लक्ष्य निर्धारित कर उस पर कार्य करने वाला जैसे गुणों का होना आवश्यक है
    विनय रंजन तिवारी
    कतरास, धनबाद

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  96. विद्यालय में हमारे नेतृत्व क्षमता का विशेष प्रभाव बच्चों पर पडता है, बच्चे हमसे सभी बातों को सीख कर आत्मसात करते हैं, इस लिए विद्यालय में नेतृत्व क्षमता बढाने के लिए अधिक से अधिक बच्चों में शामिल करना हो

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  97. पूनम कुमारी, प्राथमिक विद्यालय मूर्तिटांड़ चास-3,बोकारो

    शिक्षक के नेतृत्व का असर बच्चों पर प्रत्यक्ष रूप से होता है। विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव को क्रियान्वित करने हेतु सबसे पहले विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों को अनुशासित, उभयनिष्ठ एवं कर्तव्यनिष्ठ बनाना अत्यंत आवश्यक है। एक कुशल शिक्षक में नेतृत्व कुशलता,कुशल प्रशासक,निर्णय लेने की क्षमता, कार्यों की समीक्षा एवं सभी बच्चों पर ध्यान आकर्षित करने की क्षमता जैसे गुण होने चाहिए।

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  98. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए शिक्षकों मे कुशल प्रशासक, नेतृत्व कर्ता, प्रबन्धक एवं मूल्यांकन कर्ता जैसे गुण होना चाहिए।

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  99. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव को देखते हुए इस अवधारणा को हम अपने विद्यालय के सन्दर्भ में क्रियान्वित करने के लिए सबसे पहले शिक्षकों को शिक्षण कार्य के प्रति दायित्व, समयानुसार शैक्षिक परिवेश को देखते हुए बच्चों पर अनुशासनात्मक स्नेह, बेझिझक विचारों को साझा करने , नई तकनीकि के साथ सीखने- सिखाने का जिज्ञासा उत्पन्न करेंगे ।

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  100. In our schools leader by action will be basic ideology. Head of school will also be deployed as superior teacher in the classroom to teach students. There will be direct influence of school leadership to student learning. Teachers are middle man between leadership and student learning. Teachers will be provided required resources and technical support to enhance student learning. By adopting devotion to student learning they will be wwell trussted to leadership and mutual influence will be impacting. Sometimes authorised will be subjected to flexibility to the extent to enhanced learning. In this way concepts of influence of leadership will be adopted in the school. ****Acharya Rajendra Prasad I/C HM UMS Uparloto, Latehar..

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  101. विद्यालय नेतृत्व का क्रियान्वयन करने के लिए हमें कर्तव्यनिष्ठ, समयनीष्ठ, कुशल प्रबंधन आदि का समावेश बहुत ही सहज और सरल भाव से करना होगा। विद्यालय के छात्रों, अभिभावकों शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों के साथ सामंजस्य स्थापित करना होगा। अनुशासन, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विचारों का समन्वय, भय मुक्त वातावरण का निर्माण आदि का समावेश बहुत ही सहज और सरल भाव से करना होगा।

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  102. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव विद्यालय प्रधान या शिक्षा ग्रुप में विद्यालय का नेतृत्व करना होता है कुशल प्रशासक कुशल प्रबंधक सासी निर्णय लेने की क्षमता कार्य विभाजन वित्तीय प्रबंधन विद्यालय नेतृत्व का कुशल प्रबंधन छात्र अधिगम पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है शिक्षकों द्वारा अपनाई जाने वाली शिक्षण पद्धति भी सकारात्मक सुधार करने वाला होता है छात्रों के विद्यालय के बाहरी अधिगम पर भी विद्यालय नेतृत्व नजर रखकर प्रभाव कारी भूमिका निभा सकता है

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  103. एक कुशल शिक्षक में नेतृत्व कुशलता,कुशल प्रशासक,निर्णय लेने की क्षमता, कार्यों की समीक्षा एवं सभी बच्चों पर ध्यान आकर्षित करने की क्षमता जैसे गुण होने चाहिए। कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय प्रबंधन।

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  104. नेतृत्व का क्रियान्वयन करने के लिए हमें कर्तव्यनिष्ठ समय निष्ट कुशल प्रबंधन आदि का समावेश बहुत ही सहज और सरल भाव से करना होगा विद्यालय के छात्रों अभिभावकों शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मियों के साथ सामंजस्य स्थापित करना होगा अनुशासन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता विचारों का समन्वय भाई मुक्त वातावरण का निर्माण आदि का समावेश बहुत ही सहज और सरल भाव से करना होगा।

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  105. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए शिक्षकों में कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, दृढ़ इच्छाशक्ति, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों,का पुनरावलोकन जैसे गुणों का होना जरूरी है।

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  106. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पर शिक्षकों को हमेशा ध्यान देना चाहिए। विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक कुशल प्रबंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता कार्य विभाजन वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना आवश्यक

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  107. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पर शिक्षकों को हमेशा ध्यान देना चाहिए। विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक कुशल प्रबंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता कार्य विभाजन वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना आवश्यक

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  108. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पर शिक्षकों को हमेशा ध्यान देना चाहिए। विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक साहसी निर्णय लेने की क्षमता जैसे गुणों का होना जरूरी है।

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  109. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर काफी प्रभाव पड़ता है इसलिए कुशल प्रशासक निर्णय लेने की क्षमता जैसे गुणों का होना जरूरी है|

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  110. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर शिक्षकों को हमेशा ध्यान देना चाहिए| इसलिए शिक्षक को विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर शिक्षकों में कुशल, प्रबंधक प्रशासक आदि गुण होना जरूरी है |

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  111. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पर शिक्षकों को हमेशा ध्यान देना चाहिए। विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक कुशल प्रबंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता कार्य विभाजन वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना आवश्यक है।

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  112. Vidyalay netritva ka adhigam per prabhav per shikshakon ko hamesha Dhyan Dena chahie Vidyalay netrutva ka Chhatra adhigam per prabhav ke liye Kushal prashasan Kushal prabandhak shasan nirnay Lene ki chamta ka vibhajan vittiya lekhankan jhokha aur apne Karz on ke purana local Jaise anek gunon ka ka Vidyalay per Bandhan Ashish Kaun ka hona avashyak hai hai yah Vidyalay Pradhan ashkon ka yah Vid Vidyalay prabandhan ka uttardayitva banta hai

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  113. विद्यालय नेतृत्व करने से नई नई चीजों को सीखने की जिज्ञासा उत्पन्न होगी तथा बच्चो का मानसिक और बौद्धिक विकास भी होगा । नेतृत्व के माध्यम से आत्मविश्वास की बढ़ोतरी होगी तथा सभी को साथ लेकर चलने की भावना और समझ विकसित होगी एकता की भावना को प्रबल करना सबसे महत्वपूर्ण चुनौती है ।

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  114. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव को अपने विद्यालय में सभी छात्रों पर नेतृत्व की क्षमता को डालना होगा एवं नेतृत्व क्षमता की पहचान करने का अवसर प्रदान करेंगे।

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  115. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार प्रकार) विद्यालय प्रधान या शिक्षक रूप में विद्यालय का नेतृत्व करना होता है। इसके लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों को अपनाना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी।रणजीत प्रसाद, मध्य विद्यालय मांडू, रामगढ़।

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  116. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी ।

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  117. अध्यापक का सीधा प्रभाव बच्चों के शिक्षण अधिगम पर पड़ता है क्योंकि बच्चों को केंद्र में रखते हुए शिक्षण अधिगम का कार्य किया जाता है इसलिए विद्यालय नेतृत्वकर्ता का छात्र अधिगम पर प्रभाव साहसी, कुशल प्रबंधक, निर्णय लेने की क्षमता, कुशल प्रशासक, कार्य विभाजन, सभा में शालीनता जैसे गुण होना चाहिए बच्चे अपनी बातों को समस्याओं को अध्यापक के साथ बेझिझक साझा करें ऐसा वातावरण नेतृत्वकर्ता को बनाकर विद्यालय का संचालन करना आवश्यक है तभी जाकर बच्चे बेहतर तरीके से सीखेंगे|

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  118. School leadership gives skill to us as well as the students too. Which devlops over all welfare state in the school during disasters.

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  119. School leadership gives skill to us as well as the students too. Which devlops over all welfare state in the school during disasters.

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  120. School leadership gives skill to us as well as the students too. Which devlops over all welfare state in the school during disasters.

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  121. School leadership gives skill to us as well as the students too. Which devlops over all welfare state in the school during disasters.

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  122. विद्यालय प्रबंधन जब छात्रों के सामने कार्यों को शिक्षकों के बीच बांटा जाता है या वितिए चर्चा की जाती है या फिर अन्य कार्यों को करते हुए देखते है तो इसका असर छात्रों के मस्तिष्क पर सीधा असर पड़ता है और छात्र अपने कार्यों को करते हुए सीखी हुई बातों को लागू करता है।

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  123. Vidyalaya kushal netritva Ka vidyarthi ke Saath anya sahbhagi per prabhav padta hai.

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  124. Vidyalaya mei kushal netritva Ka vidyarthi ke Saath anya sahbhagi per prabhav padta hai.

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  125. Vidyalaya mei kushal netritva Ka vidyarthi ke Saath anya sahbhagi per prabhav padta hai.

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  126. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव को अपने विद्यालय के संदभ में क्रियान्वित करने के लिए सबसे पहले शिक्षको को शिक्षण कार्यके प्रति विचारो को सामा करने और नई तकनीकि के साथ सीखने - सिखाने का जिज्ञासा उत्पन्न करेंगे।

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  127. The own thinking should be positive

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  128. विद्यालय नेतृत्वकर्ता का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक ,कुशल प्रबंधक ,साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य का विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होनी चाहिए। नेतृत्व के ज्ञान कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं इन को अपनाने के लिए शिक्षकों को पूर्व की धारणाएं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाए ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी।

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  129. विद्यालय नेतृत्व करता का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक कुशल प्रबंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता कार्य का विभाजन वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों का पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रावधान या शिक्षकों में होना चाहिए नेतृत्व के ज्ञान कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं इन को अपनाने के लिए शिक्षकों को पूर्व की अवधारणा एवं कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वयन करना चाहिए ताकि बच्चों में अधिगम में सहायता मिल सके नेतृत्वकर्ता को सांसी कठोर निर्णय लेने वाला भावात्मक स्नेह और सा मंजन बनाने वाला होना चाहिए उसे समय का पालन करने वाला और कर्तव्यनिष्ठ होना चाहिए।

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  130. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार तरह) विद्यालय प्रधान या शिक्षक रूप में, विद्यालय का नेतृत्व करना होता है। कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय प्रबंधन।विद्यालय नेतृत्व का कुशल प्रबंधन सड़ छात्र अधिगम पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है।शिक्षको द्वारा अपनायी जाने वाली शिक्षण पद्धति में भी सकारात्मक सुधार होता है।छात्रों के विद्यालय के बाहरी अधिगम पर भी विद्यालय नेतृत्व नजर रखकर प्रभावकारी भूमिका निभाता है।

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  131. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी ।

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  132. विधालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक,कुशल प्रबंधक,साहसी,निर्णय लेने की क्षमता,कार्य विभाजन,वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यो के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों को अपनाना होता है।

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  133. I,as a school head, will be in 'leader by action 'mode.I,with my staffs, will be ready for any circumstances. Professional advancement training, BRP, CRP's cooperation will be helpful for students learning process. We will be ready for any extra-ordinary student or language diversity.

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  134. अधिगम पर प्रभाव चार प्रकार, इस अवधारणा को हम अपने विधालय में निम्न प्रकार से क्रियांवित करेंगे_कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी एव्ं निर्णय लेने की क्षमता इत्यादि|

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  135. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पड़ता है। इस अवधारणा को अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए हमें अपने विद्यालय के अध्यापकों को कर्तव्यनिष्ठ, सत्यनिष्ठ एवं अनुशासित बनना होगा। कुशाल प्रबंधक, कुशाल प्रशासक,साहसी,निर्णय लेने की क्षमता,वित्तीय लेखा-जोखा अपने कार्यों का पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का होना विद्यालय प्रधान या शिक्षकों के लिए आवश्यक है। नेतृत्व के लिए ज्ञान, कौशल आदि गुण भी होनी चाहिए।

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  136. School leadership gives skill to us as well as the students too.which develops overall welfare state in the School during disaster.

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  137. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर काफी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। विद्यालय नेतृत्व छात्र अधिगम को सीधा प्रभाव, मध्यस्त प्रभाव, पारस्परिक प्रभाव एवं प्रतिलोम प्रभाव डालता है। विद्यालय नेतृत्वकर्ता को अपने शिक्षकों को अनुशासित, कर्तव्यनिष्ठ एवं सकारात्मक सोच बनाना होगा। शिक्षकों को इसके लिए, एक शिक्षक के रूप में अपने छात्रों को कई दलों में बाटेंगे, आपसी सहयोग से अधिक सीखेंगे।

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  138. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर काफी महत्वपूर्ण प्रभाव प ड़ता है ।विद्यालय नेतृत्व छात्र अधिगम को सीधा प्रभाव मध्यस्थ प्रभाव, पारस्परिक प्रभाव एवं प्रतिलोम प्रभाव डालता है। विद्यालय नेतृत्वकर्ता को अपने शिक्षकों को अनुशासित कर्तव्यनिष्ठ एवं सकारात्मक सोच बनाना होगा शिक्षकों को इसके क्रियान्वयन के लिए एक शिक्षक के रूप में अपने छात्रों को कई दलों में बाटेंगे। आपसी सहयोग से अधिक सीखेंगे।विलक्षण प्रतिभा के बच्चों की जिज्ञासा शांत करने के लिए अपने ज्ञान, कौशल और अभिवृत्तियों में बृद्धि करेंगे।

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  139. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए शिक्षकों में कुशल प्रशासक, नेतृत्व, प्रबंधक, निर्णय लेने की क्षमता मूल्यांकन कर्ता जैसे गुण होने चाहिए

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  140. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर काफी प्रभाव पड़ता है इसलिए कुशल प्रशासक निर्णय लेने की क्षमता जैसे गुणों का होना जरूरी है|

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  141. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर काफी महत्वपूर्ण प्रभाव पडता हैं।विद्यालय नेतृत्व छात्र अधिगम को सीधा प्रभाव मध्यस्थ प्रभाव, पारस्परिक प्रभाव एवं प्रतिलोम प्रभाव डालता हैं।विद्यालय नेतृत्व को अपने शिक्षकों को अनुशासित, कर्तव्यनिष्ठ एवं सकारात्मक सोच बनाना होगा।
    शिक्षकों को इसके क्रियान्वयन के लिए एक शिक्षक के रूप में अपने छात्रों को कई दलों मेंं बांटेंगे।आपसी सहयोग से बच्चें अधिक सीखेंगे।बच्चों मेंं जिज्ञासा की भावना के साथ-साथ ज्ञान-कौशल मे वृद्धि होगा।

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  142. विध्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम में पडने वाले प्रभाव कुशल प्रबंधक,साहसी नित्य,लेन देन कुशल प्रबंधक,लक्ष्य निधा॔रण, अपने कायों का पुनरावलोकन जैसे गुणों से युक्त होते हैं

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  143. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर काफी प्रभाव पडता है इसलिए कुशल प्रशासक निर्णय लेने की क्षमता जैसे गुणों का होना जरूरी है

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  144. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव काफी अच्छा होगा। उसमे छात्रों के लिए नई- नई तकनीक और नवाचार जैसे कोई अच्छी गतिविधियां या अन्य चीजों का अन्य चीजों को सीखने का अवसर मिलेगा और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।

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  145. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर काफी प्रभाव पडता है। अधिगम पर प्रभाव चार प्रकार इसप्रकार है ।कुशल प्रबंधक, कार्य विभाजन ,निर्णय लेने की क्षमता, आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।

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  146. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार तरह) विद्यालय प्रधान या शिक्षक रूप में, विद्यालय का नेतृत्व करना होता है
    1-छात्र अनुकूल अधिगम वातावरण का संचालन
    2-अध्यापकों को अकादमी सहयोग प्रदान करना
    3-अध्यापकों को कोचिंग एवं सलाह
    4-वार्षिक अकादमिक शैक्षणिक कलेण्डर बनाना
    PHUL CHAND MAHATO
    UMS GHANGHRAGORA
    BOKARO

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  147. पंकज कुमार ओझा
    सहायक शिक्षक
    मध्य विद्यालय झखरा,ठाकुरगंगटी, गोड्डा
    विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार प्रकार), इस अवधारणा को हम अपने विद्यालय के संदर्भ में काफी प्रभाव पड़ता है।कुशल प्रबंधन, कुशल प्रशासक, साहसिक निर्णय लेने लेने की क्षमता, कार्य विभाजन एवं वित्तीय लेखा जोखा रखना, अपने कार्य का पुनरावलोकन आदि गुणों का होना नेतृत्व कर्ता के अंदर होना चाहिए। नेतृत्व के लिए ज्ञान कौशल, सामंजस्य स्थापित करना तथा प्रेरणा दायक बनें रहना आवश्यक होता है। अतः इन अवधारणाओं के आधार पर हम छात्र अधिगम प्रक्रिया को सरल बना सकते हैं। धन्यवाद।

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  148. Vidyalay netrutva ka Chhatra adhigam per Prabhav 4 Tarah Ke hote hain Vidyalay Pradhan yah Shiksha ke roop Mein Vidyalay Kannada Dhruva karna Hota Hai Ek Chhatra Anukul adhigam vatavaran ka sanchalan do adhyapakon ko takat mix Sahyog pradan karna 3 adhyapakon ko coaching AVN sala 4 varshik academic Sajna calendar banana

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  149. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव हर छात्रों पर पड़ेगा विद्यालय में हर एक बच्चों को नेतृत्व करने का कौशल विकास करना होगा ताकि छात्रों में व्यवहार करने की क्षमता मानसिक एवं बुद्धि क्षमता आत्मविश्वास एवं सकारात्मक सोच का विकास हो और अपने विचार को व्यक्त करने की आजादी देनी होगी ताकि छात्र बिना डरे अपनी बातों को साझा कर पाएंगे

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  150. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव इस अवधारणा को अपने विद्यालय में क्रियान्वित करने के लिए कुशल प्रबंधक,साहसी, निर्णय लेने की क्षमता आदि गुण होना चाहिए।

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  151. Vidyalayon netritva ka chhatrapati adhigam prabhaav ke liye kushal prabandhan sahshik nirnay lene kechhamta adi gun hona chahiye.

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  152. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव। इस अवधारणा को हमें अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए सबसे पहले हमें अपने विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं को समयनिष्ठ, कर्तव्य निश्ठ एवम् अनुशासित बनाना होगा। बच्चो से भावनात्मक स्नेह बढ़ाना होगा। इसके साथ ही बच्चों को अपने विचारो को व्यक्त करने की आजादी देनी होगी, तभी वे बेझिझक हमसे अपने विचारों को साझा करेंगे। इसके बाद नई तकनीक के जरिए बच्चो में नई नई चीजों को सीखने की जिज्ञासा उत्पन्न होगी और उनकी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होगा। इसके साथ ही बच्चों में आत्मविश्वास, कर्तव्य परायण ता, सामूहिक प्रतिभागिता भी जागृत होगी। इस प्रकार हम अपने विद्यालय में छात्र अधिगम को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाने में पूर्ण रूप से सफल हो पायेंगे, क्योंकि बच्चो के लिए हम शिक्षक शिक्षिका मार्गदर्शन का काम करेंगे ।छात्र अधिगम के लिए विद्यालय नेतृत्व की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है।ANJANI KUMAR JHA, Asst.Teacher, U.H.S.BHAGAIYA, THAKUR GANGATI, GODDA.

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  153. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार प्रकार) विद्यालय प्रधान या शिक्षक रूप में विद्यालय का नेतृत्व करना होता है। इसके लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों को अपनाना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी।

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  154. द्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी

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  155. इस अवधारणा को अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए हमें अपने विद्यालय के अध्यापकों को कर्तव्यनिष्ठ, सत्यनिष्ठ एवं अनुशासित बनना होगा। कुशाल प्रबंधक, कुशाल प्रशासक,साहसी,निर्णय लेने की क्षमता,वित्तीय लेखा-जोखा अपने कार्यों का पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का होना विद्यालय प्रधान या शिक्षकों के लिए आवश्यक है। नेतृत्व के लिए ज्ञान, कौशल आदि गुण भी होनी चाहिए।

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  156. विद्यालय नेतृत्व करता का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक कुशल प्रबंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता कार्य का विभाजन वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों का पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रावधान या शिक्षकों में होना चाहिए नेतृत्व के ज्ञान कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं इन को अपनाने के लिए शिक्षकों को पूर्व की अवधारणा एवं कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वयन करना चाहिए ताकि बच्चों में अधिगम में सहायता मिल सके नेतृत्वकर्ता को सांसी कठोर निर्णय लेने वाला भावात्मक स्नेह और सा मंजन बनाने वाला होना चाहिए उसे समय का पालन करने वाला और कर्तव्यनिष्ठ होना चाहिए।

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  157. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पर शिक्षकों को हमेशा ध्यान देना चाहिए। विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक कुशल प्रबंधक साहसी निर्णय लेने की क्षमता कार्य विभाजन वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना आवश्यक है।

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  158. Vidyalay netritav ka chhatra adhigam par prabhav har chhatron par padega l Vidyalay me har ek bachon ko netritav karne ka kaushal vikas karna hoga taki chhatron me vyavhar karne ki kshamta mansik aevam budhi kshamta atamvishwas aevam sakaratmak soch ka vikas ho aur apne vichar ko vyakt karne ki ajadi deni hogi taki chhatra bina dare apni baton ko sajha kar payenge l

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  159. एक शिक्षक विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव का अवधारणा देने के लिए कुशल प्रशासक ,कुशल प्रबंधक ,साहसी, निर्णय लेने की क्षमता ,कार्य विभाजन ,वित्तीय लेखा-जोखा एवं सहनशील होना चाहिए । छात्रों को भयमुक्त सहयोगात्मक ,स्वच्छ वातावरण ,सकारात्मक विचार ,बोलने की आजादी, आत्म विश्वासी ,भावनात्मक निर्माण लेने की क्षमता एवं नवाचार गतिविधि का अवधारणा देना होगा।

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  160. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर सीधा और गहरा प्रभाव पड़ता है यह सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकता है। इस अवधारणा को विद्यालय में निम्न प्रकार से क्रियान्वित करेंगे-
    1. प्रबंधन सुनिश्चित करना 2.स्टाप, अभिभावकों, बच्चों के समन्वय से योजना बनाकर कार्य निष्पादन करना 3. आत्मविश्वास वह संयमी होना 4. अनुशासन, न्याय, ईमानदारी से कार्य व्यवहार से कुशल संचालन।

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  161. Adhyapak ka pura prabhaw baccho pr pdta y iskiis kuch v kuch nirnay baccho ke kendra ko dhyn m rkhte hue krna chahiye

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  162. Students will get positive attitude, confidence,self decision making person ,knowledge, skill.

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  163. विधालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प़भार इस अवधारणा का चार प़कार निम्न हैं कुशल प्रशासक कुशल पंबधक निर्णय लेने की क्षमता नेतृत्व का अनुभव होना चाहिए ताकि बच्चों केअधिगम मे सहायता मिल सके ।





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  164. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव इस अवधारणा को अपने विद्यालय में क्रियान्वित करने के लिए कुशल प्रबंधक,साहसी, निर्णय लेने की क्षमता आदि गुण होना चाहिए।

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  165. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार तरह) विद्यालय प्रधान या शिक्षक रूप में, विद्यालय का नेतृत्व करना होता है। कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय प्रबंधन।विद्यालय नेतृत्व का कुशल प्रबंधन सड़ छात्र अधिगम पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है।शिक्षको द्वारा अपनायी जाने वाली शिक्षण पद्धति में भी सकारात्मक सुधार होता है।छात्रों के विद्यालय के बाहरी अधिगम पर भी विद्यालय नेतृत्व नजर रखकर प्रभावकारी भूमिका निभाता है।

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  166. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इन तथ्यो को ध्यान मे रखते हुए शिक्षको की पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी । विद्यालय में अधिगम संगत वातावरण का निर्माण करने का प्रयास रहेगा ताकि छात्रों का संपूर्ण संभव हो सके।

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  167. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव। इस अवधारणा को हमें अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए सबसे पहले हमें अपने विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं को समयनिष्ठ, कर्तव्य निश्ठ एवम् अनुशासित बनाना होगा। बच्चो से भावनात्मक स्नेह बढ़ाना होगा। इसके साथ ही बच्चों को अपने विचारो को व्यक्त करने की आजादी देनी होगी, तभी वे बेझिझक हमसे अपने विचारों को साझा करेंगे। इसके बाद नई तकनीक के जरिए बच्चो में नई नई चीजों को सीखने की जिज्ञासा उत्पन्न होगी और उनकी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होगा। इसके साथ ही बच्चों में आत्मविश्वास, कर्तव्य परायण ता, सामूहिक प्रतिभागिता भी जागृत होगी। इस प्रकार हम अपने विद्यालय में छात्र अधिगम को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाने में पूर्ण रूप से सफल हो पायेंगे, क्योंकि बच्चो के लिए हम शिक्षक शिक्षिका मार्गदर्शन का काम करेंगे|
    RAJMOHAN SINGH UMS Gamharia

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  168. Vidyalay netritwa achchha hone se sabhi karya sucharu rup se chalega

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  169. विद्यालय में छात्रों के नेतृत्व क्षमता का किर्यनवायान बाल संसद को एक्टिव कर के कर सकते हैं।बाल संसद के सदसयों को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना होगा।

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  170. Bal sansad ko activ kar ke vidyalya netritwa kshamta ka kiryanwayan kiya jaa sakta hain.

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  171. विद्यालय नेतृत्व छात्रों की कुशलता को दर्शाता है इसलिए सभी विद्यालयो में बाल संसद का गठन किया गया है ताकि बच्चे अपनी जिम्मदारियों को समझे और उसका निर्वाहन कर सके। इससे बच्चों में काफी उत्सुकता होती है ।

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  172. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव। इस अवधारणा को हमें अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए सबसे पहले हमें अपने विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं को समयनिष्ठ, कर्तव्य निश्ठ एवम् अनुशासित बनाना होगा। बच्चो से भावनात्मक स्नेह बढ़ाना होगा। इसके साथ ही बच्चों को अपने विचारो को व्यक्त करने की आजादी देनी होगी, तभी वे बेझिझक हमसे अपने विचारों को साझा करेंगे। इसके बाद नई तकनीक के जरिए बच्चो में नई नई चीजों को सीखने की जिज्ञासा उत्पन्न होगी और उनकी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होगा। इसके साथ ही बच्चों में आत्मविश्वास, कर्तव्य परायण ता, सामूहिक प्रतिभागिता भी जागृत होगी। इस प्रकार हम अपने विद्यालय में छात्र अधिगम को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाने में पूर्ण रूप से सफल हो पायेंगे, क्योंकि बच्चो के लिए हम शिक्षक शिक्षिका मार्गदर्शन का काम करेंगे

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  173. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव। इस अवधारणा को हमें अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए सबसे पहले हमें अपने विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं को समयनिष्ठ, कर्तव्य निश्ठ एवम् अनुशासित बनाना होगा। बच्चो से भावनात्मक स्नेह बढ़ाना होगा। इसके साथ ही बच्चों को अपने विचारो को व्यक्त करने की आजादी देनी होगी, तभी वे बेझिझक हमसे अपने विचारों को साझा करेंगे। इसके बाद नई तकनीक के जरिए बच्चो में नई नई चीजों को सीखने की जिज्ञासा उत्पन्न होगी और उनकी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होगा। इसके साथ ही बच्चों में आत्मविश्वास, कर्तव्य परायण ता, सामूहिक प्रतिभागिता भी जागृत होगी। इस प्रकार हम अपने विद्यालय में छात्र अधिगम को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाने में पूर्ण रूप से सफल हो पायेंगे, क्योंकि बच्चो के लिए हम शिक्षक शिक्षिका मार्गदर्शन का काम करेंगे

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  174. प्रधानाध्यापक द्वारा कक्षा लेना, सहयोगी से चर्चा,नवाचार करना, भौतिक संसाधन का प्रबंधन छात्र अधिगम प्रक्रिया पर प्रभाव डाल सकता है ।

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  175. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव। इस अवधारणा को हमें अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए सबसे पहले हमें अपने विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं को समयनिष्ठ, कर्तव्य निश्ठ एवम् अनुशासित बनाना होगा।तकनीक के जरिए बच्चो में नई नई चीजों को सीखने की जिज्ञासा उत्पन्न होगी और उनकी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होगा

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  176. एक शिक्षक विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव का अवधारणा देने के लिए कुशल प्रशासक ,कुशल प्रबंधक ,साहसी, निर्णय लेने की क्षमता ,कार्य विभाजन ,एव सहनशीलता होनी चाहिए । छात्रों को भयमुक्त सहयोगात्मक ,स्वच्छ वातावरण ,सकारात्मक विचार ,बोलने की आजादी,देना होगा।

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  177. विद्यालय नेतृत्व में छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों का विद्यालय प्रधान या शिक्षकों में होना चाहिए । कुशल नेतृत्व में ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण मुख्य गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी |

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  178. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव (चार प्रकार) विद्यालय प्रधान या शिक्षक रूप में विद्यालय का नेतृत्व करना होता है। इसके लिए कुशल प्रशासक, कुशल प्रबंधक, साहसी, निर्णय लेने की क्षमता, कार्य विभाजन, वित्तीय लेखा-जोखा और अपने कार्यों के पुनरावलोकन जैसे अनेक गुणों को अपनाना होता है। नेतृत्व के ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण गुण होते हैं। इनको अपनाने के लिए शिक्षक को पूर्व की धारणाओं और कमजोरियों में बदलाव कर क्रियान्वित किया जाएगा ताकि बच्चों के अधिगम में सहायता मिलेगी।

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  179. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव :- इस अवधारणा को हमें अपने विद्यालय के संदर्भ में क्रियान्वित करने के लिए सबसे पहले हमें अपने विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं को समयनिष्ठ, कर्तव्य निश्ठ एवम् अनुशासित बनाना होगा। बच्चो से भावनात्मक स्नेह बढ़ाना होगा। इसके साथ ही बच्चों को अपने विचारो को व्यक्त करने की आजादी देनी होगी, तभी वे बे झिझक हमसे अपने विचारों को साझा करेंगे। इसके बाद नई तकनीक के जरिए बच्चो में नई - नई चीजों को सीखने की जिज्ञासा उत्पन्न होगी और उनकी मानसिक एवं बौद्धिक क्षमता का विकास होगा। इसके साथ ही बच्चों में आत्मविश्वास, कर्तव्य परायण ता, सामूहिक प्रतिभागिता भी जागृत होगी। इस प्रकार हम अपने विद्यालय में छात्र अधिगम को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाने में पूर्ण रूप से सफल हो पायेंगे, क्योंकि बच्चो के लिए हम शिक्षक शिक्षिका मार्गदर्शन का काम करेंगे, जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास होगा |

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  180. विद्यालय नेतृत्व करता का छात्र अधिगम पर व्यापक असर पड़ता है .ओर गतिविधियों के माध्यम से गुणवत शिक्षा के लिए छात्रों का सर्वांगीण विकाश कर सकते है

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  181. Vidyalayon netritwa achchha hone se sabhi karya sucharu rup se chalega

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  182. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव पड़ता है इसके लिए सभी शिक्षकों को कर्तव्यनिष्ठ और अपने कार्य के प्रति ईमानदार होना चाहिए तभी बच्चों में विभिन्न कौशलों का विकास हो सकता है

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  183. Teacher become role model for children so teacher should be inspirative in all respect

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  184. Netritva ke avsar mileage,avsar prapt honge,jagrukta utpann hogi,atmaviswas main vridhi hogi.

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  185. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर (चार प्रकार), इस अवधारणा को अपने विद्यालय के संदर्भ में निम्नवत क्रियान्वित करेंगे:
    १) गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान हेतु प्रभावकारी तरीके से शिक्षण अधिगम प्रक्रियाओं को संचालित करने के लिए पर्याप्त मात्रा में आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएंगे|
    २) स्वयं शिक्षण कार्य में संलग्न होकर छात्र अधिगम सुनिश्चित करेंगे|
    ३) निरंतर ज्ञान, कौशल एवं अभिवृत्ति के विस्तार में नियोजित करेंगे तथा विद्यालय के साक्ष और डेटा के आधार पर छात्र अधिगम प्रक्रियाओं को अपनाएंगे|
    ४) प्रयोगधर्मिता एवं नवाचारों की पहल के साथ नए तकनीकी ज्ञान की जांच पड़ताल कर प्रोत्साहित करने हेतु उपयुक्त गतिविधियों में संलग्न करेंगे|
    ५) हितधारकों के भावनात्मक उन्नयन के द्वारा छात्रों की शैक्षिक जरूरतों तथा उनकी रुचियों को पूरा कर छात्र अधिगम के बिभिन्न पहलुओं की समझ को बढ़ाएंगे तथा अध्यापकों को प्रतिपुष्टि प्रदान करेंगे|
    ६) विद्यालय विलक्षण बच्चों की पहचान कर उनके विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करेंगे तथा शिक्षण अधिगम प्रक्रियाओं में संलग्न कराएंगे|
    ७) मौजूदा और आनेवाली चुनौतियों से सामना करने की पहल की तैयारी करेंगे|

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  186. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। जो निम्न है -
    1).छात्र ससमय अपने अधिगम लक्ष्य हासिल करने में,
    2).छात्रों में साकारात्मक ऊर्जा का संचार करने में,
    3).छात्रों को सही मार्गदर्शन में,
    4).भिन्नत्मक शिक्षण में,
    4).उपचारात्मक शिक्षण में,
    5).समय प्रबंधन में
    6).लक्ष्य प्राप्ति में।
    7).छात्रों में नेतृत्व क्षमता विकसित करने में। इत्यादि।

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  187. छात्र अधिगम के लिए सबसे महत्वपूर्ण नेतृत्व का सीधा प्रभाव पड़ता है, फलतः प्रभारी को सभी वर्गों में क्लास लेकर ही अधिगम हेतु आवश्यक कदम उठाने चाहिए।इसके लिए सभी टीचर्स,बाल संसद,इको क्लब,सभी प्रभाग प्रभारियों के साथ विचारोपरान्त ठोस कार्य योजना बनाकर काम करना चाहिए।साप्ताहिक एवम डेली टीचर्स उन्मुखीकरण,अभिभावक मीटिंग मंथली करके उसे धरातल पर उतरना चाहिए,जो इंडोर,आउटडोर,मैन टू मैन एवम दूर टू डोर करना चाहिए।और तब स्कूल तो खिल उठेगा।Purushottam Kumar Teacher UMS SANKI,Patratu,Ramgarh.

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  188. अध्यापक का सीधा प्रभाव बच्चों के शिक्षण अधिगम पर पड़ता है क्योंकि बच्चों को केंद्र में रखते हुए शिक्षण अधिगम का कार्य किया जाता है इसलिए विद्यालय नेतृत्वकर्ता का छात्र अधिगम पर प्रभाव साहसी, कुशल प्रबंधक, निर्णय लेने की क्षमता, कुशल प्रशासक, कार्य विभाजन, सभा में शालीनता जैसे गुण होना चाहिए बच्चे अपनी बातों को समस्याओं को अध्यापक के साथ बेझिझक साझा करें ऐसा वातावरण नेतृत्वकर्ता को बनाकर विद्यालय का संचालन करना आवश्यक है तभी जाकर बच्चे बेहतर तरीके से सीखेंगे|

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  189. विद्यालय नेतृत्व का छात्र अधिगम पर प्रभाव के लिए शिक्षकों में कुशल प्रशासक, नेतृत्व, प्रबंधक, निर्णय लेने की क्षमता मूल्यांकन कर्ता जैसे गुण होने चाहिए|

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